श्रद्धेय दत्तोपंत जी ध्रुव तारा ही हैं । वे सदैव परम पूजनीय डॉ हेडगेवार जी और परम पूजनीय गुरु जी को महान विचारक मानते थे । तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय को एकात्म मानववाद के प्रणेता के रूप में उनके अभूतपूर्व सिद्धांत का स्मरण करते थे । परंतु साथ ही साथ ठेंगड़ी जी स्वयं जन्मजात प्रतिभावान थे । हिन्दी भाषा में चमत्कृत करने वाले शब्द जोड़े । मुझे उनकी जन्म तिथि तथा मोक्ष प्राप्ति का दिन कभी नहीं भूल सकता । श्रद्धेय दत्तोपंत जी ठेंगड़ी के निधन के बाद हमारे नगर हाँसी में शरद पूर्णिमा के अवसर पर रात्रि में श्रद्धांजलि अर्पण की गयी थी । 1978 में तृतीय वर्ष का शिक्षण प्राप्त करने के बाद मैं 1986 तक शिक्षक के रूप में संघ शिक्षा वर्गों में जाता रहा । इसलिये उनका सान्निध्य प्राप्त हुआ । श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मेरी स्मृति में उनकी कई घटनाएँ और बौद्धिकों के अंश थे । बोलते बोलते अंततः भावुक हो गया और आँसू बहने लगे । यह बौद्धिक पहली बार सुना है ।😊।
राष्ट्र ॠषि श्रद्धेय श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी का बौद्धिक सुनना मेरे जीवन के सबसे सुखद पलों में से एक है, जब जब भी श्रद्धेय ठेंगड़ी जी की आवाज सुनता हूं हर बार एक नई उर्जा का संचार होता है। आपने बहुत ही अच्छी क्वालिटि में सुनने को उपलब्ध करवाया, समस्त हिन्दु वे परिवार का हार्दिक आभार।
आज श्रद्धेय दत्तोपन्त जी ठेंगड़ी की जन्म जयंति का अवसर हैं। कृतज्ञ राष्ट्र अपने महापुरुष के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करता है। कोटि-कोटि श्रद्धासुमनों में एक अंजुली हमारी भी।
आपने स्वयं परिश्रम उठाकर यह ऑडियो कैसेट हमको कुरियर किया और उसके कारण श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के महत्वपूर्ण विचार सभी देशभक्तों के लिए उपलब्ध हुए आपका बहुत-बहुत आभार।
आपके पास बहुत अच्छा मटेरियल हैं | मेरा अपसे निवेदन है की, घंटे भर के बौध्दीक केवल स्वयंसेवक ही सूनेंगे, आप कूच शॉर्ट्स , reels बना कर यह अमूल्य चिंतन प्रदर्शित करे. इसे ज्यादा बाते सामने आयेगी.
श्रद्धेय दत्तोपंत जी ध्रुव तारा ही हैं । वे सदैव परम पूजनीय डॉ हेडगेवार जी और परम पूजनीय गुरु जी को महान विचारक मानते थे । तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय को एकात्म मानववाद के प्रणेता के रूप में उनके अभूतपूर्व सिद्धांत का स्मरण करते थे । परंतु साथ ही साथ ठेंगड़ी जी स्वयं जन्मजात प्रतिभावान थे । हिन्दी भाषा में चमत्कृत करने वाले शब्द जोड़े । मुझे उनकी जन्म तिथि तथा मोक्ष प्राप्ति का दिन कभी नहीं भूल सकता । श्रद्धेय दत्तोपंत जी ठेंगड़ी के निधन के बाद हमारे नगर हाँसी में शरद पूर्णिमा के अवसर पर रात्रि में श्रद्धांजलि अर्पण की गयी थी । 1978 में तृतीय वर्ष का शिक्षण प्राप्त करने के बाद मैं 1986 तक शिक्षक के रूप में संघ शिक्षा वर्गों में जाता रहा । इसलिये उनका सान्निध्य प्राप्त हुआ । श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मेरी स्मृति में उनकी कई घटनाएँ और बौद्धिकों के अंश थे ।
बोलते बोलते अंततः भावुक हो गया और आँसू बहने लगे ।
यह बौद्धिक पहली बार सुना है ।😊।
श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के बारे में आपके अत्यंत महत्वपूर्ण कमेंट पढ़ते-पढ़ते आपसे श्रद्धेय दत्तोपंत जी के संस्मरण लिखने का विनम्र अनुरोध करता हूं
राष्ट्र ॠषि श्रद्धेय श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी का बौद्धिक सुनना मेरे जीवन के सबसे सुखद पलों में से एक है, जब जब भी श्रद्धेय ठेंगड़ी जी की आवाज सुनता हूं हर बार एक नई उर्जा का संचार होता है। आपने बहुत ही अच्छी क्वालिटि में सुनने को उपलब्ध करवाया, समस्त हिन्दु वे परिवार का हार्दिक आभार।
आज श्रद्धेय दत्तोपन्त जी ठेंगड़ी की जन्म जयंति का अवसर हैं। कृतज्ञ राष्ट्र अपने महापुरुष के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित करता है। कोटि-कोटि श्रद्धासुमनों में एक अंजुली हमारी भी।
ये बौद्धिक मेरे गांव मे बार बार सुना जाता था. हमारे स्वयंसेवकोंको बहुत भाता है.
आपने स्वयं परिश्रम उठाकर यह ऑडियो कैसेट हमको कुरियर किया और उसके कारण श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के महत्वपूर्ण विचार सभी देशभक्तों के लिए उपलब्ध हुए आपका बहुत-बहुत आभार।
अद्भूत
कन्या वरयते रूपं माता वित्तं पिता श्रुतं।
बान्धवाः कुलमिच्छन्ति मिष्टान्नमितरेजना:।।
बहुत-बहुत धन्यवाद
Great human Psychologist 🙏🏻Dattopant ji
बहुत-बहुत धन्यवाद आभार।
उत्तम और अद्भुत व्यक्तित्व 🎉
@@DevenderSingh-db4v बहुत बहुत धन्यवाद आभार
आपके पास बहुत अच्छा मटेरियल हैं | मेरा अपसे निवेदन है की, घंटे भर के बौध्दीक केवल स्वयंसेवक ही सूनेंगे, आप कूच शॉर्ट्स , reels बना कर यह अमूल्य चिंतन प्रदर्शित करे. इसे ज्यादा बाते सामने आयेगी.
🙏🙏🙏
Shraddhey Dattopant Ji had referred the name of Italian philosopher Giordano Bruno. Can hindu way upload that speech.
एकदम ध्यान में नहीं आ रहा है कुछ और संकेत कर सकते हैं कि किस संबंध में यह उल्लेख आया था