एकीभाव स्तोत्र व्याख्यानमाला | 05 जुलाई 2024

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  • Опубликовано: 10 сен 2024
  • 🙏🏻 एकीभाव स्तोत्र 🙏🏻
    🔴 05 जुलाई 2024 | अकलूज
    जिनवाणीपुत्र क्षुल्लक श्री ध्यानसागरजी महाराजजी
    📌 व्याख्यान के महत्वपूर्ण अंश -
    🔶 श्लोक क्रमांक ३ का उच्चारण एवं अर्थ
    🔷 सत्कार का अर्थ क्या है ? (सम्मान मात्र नहीं है)
    🔶 आंसू के ८ प्रकार (१. पीडा के आंसू २. खुशी के आंसू ३. कपट के आंसू ४. नेत्र व्याधी के आंसू ५. आंख में कोई वस्तू जाने पर आनेवाले आंसू ६. करुणा के आंसू ७. भक्ती के आंसू ८. पश्चाताप के आंसू)
    🔷 बिना पश्चाताप के प्रायश्चित निष्फल होता है
    🔶 निर्दोष आलोचना प्रायश्चित का १/४ होता है
    🔷 पश्चाताप के आंसू से पाप धुलते है
    🔶 भाव-प्रतिक्रमण क्या है?
    🔷 अतिक्रमण और प्रतिक्रमण का अर्थ
    🔶 सेठजी और ४ पूत्रों की कथा
    🔷 कोई इस दुनियां को नहीं चलाता ये दुनियां सहज रूप से चलती रहती है अपन केवल चलाने का अहंकार करते है
    🔶 प्रत्येक द्रव्य में सामान्य एवं विशेष गुण होते है - अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व, अगुरुलघुत्व,
    🔷 कोई भी पदार्थ निकम्मा नहीं होता
    🔶 अगुरुलघु गुण की व्याख्या और चार प्रकार
    🔷 व्यवस्थित को व्यवस्थित देख लेना सच्चा ज्ञान है
    🔶 व्यवस्थित को अव्यवस्थित देखना और अव्यवस्थित को व्यवस्थित कषाय है अथवा भ्रांती है
    🙏🏻 जैनं जयतु शासनं 🙏🏻

Комментарии • 3

  • @manjushashah5597
    @manjushashah5597 2 месяца назад

    Icchami gurudev

  • @manishajain6267
    @manishajain6267 2 месяца назад +1

    Icchami gurudev manisha jain mumbai🙏🙏🙏

  • @user-vd4dy6hu1c
    @user-vd4dy6hu1c Месяц назад

    कोटी कोटी नमन , आपने भक्तामर स्तोत्र पर भी बहुत अच्छे प्रवचन दिए हैं ।