हरियाणा के जिला न्यायालयों में 14,05,496 मुकदमें लम्बित! फिर भी जूनियर जजों की रिक्तियां छोड़ी?

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  • Опубликовано: 29 окт 2024
  • हरियाणा के जिला न्यायालयों में 14,05,496 मुकदमें लम्बित! फिर भी जूनियर जजों की रिक्तियां छोड़ी?
    #हरियाणा के #जिला #न्यायालयों में 14,05,496 #मुकदमें लम्बित! फिर भी जूनियर जजों की रिक्तियां छोड़ी?
    हरियाणा एक हरा भरा राज्य है, लेकिन यहां के लोगों अपनी आर्थिक स्थिति को अधिकतर जिला न्यायालयों में मुकदमें लड़ते हुए लगातार हो खो रहे हैं, इससे उनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति बिगड़ना लाजमी है।
    इस वीडियो का एक मकसद है कि लोग अपने आचरण को अधिकतर धर्म एवं धम्म के अनुसार बनाये रखे ताकि उन्हें जिला न्यायालयों की कम से कम जरूरत होगी और वे एक बेहतर जीवन जी सकेगे।
    हरियाणा में इस वीडियो के समय अनुसार जिला न्यायालयों में 14,05,496 मुकदमें लंबित हैं, जिसमें सीविल और क्रीमिनल सम्मिलित है। अगर हम जिला क्रम के अनुसार लंबित मुकदमे देखे तो इस प्रकार से होगे-
    1. करनाल - 73,825
    2. सिरसा- 42,952
    3. अंबाला- 63,602
    4. भिवानी- 66,542
    5. फरीदाबाद- 1,62,099
    6. गुरूग्राम- 2,91,280
    7. हिसार- 75,483
    8. झज्जर- 40,976
    9. जींद- 37,575
    10. कुरुक्षेत्र- 43,321
    11. नारनौल- 46,368
    12. रोहतक- 56,044
    13. सोनीपत- 61,395
    14. पंचकुला- 27,900
    15. फतेहाबाद- 28,808
    16. कैथल- 38,5,67
    17. रेवाड़ी- 53,275
    18. पानीपत-56,275
    19. नूंह- 40,750
    20. यमुनानगर- 54,7,56
    21. पलवल- 43, 838
    उपरौक्त मुकदमें सीविल और क्रिमीनल सम्मिलित हैं।
    जब 14 लाख से अधिक मुकदमें राज्य में लंबित हैं तो हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने जूनियर जजों की नियुक्तियों में रिक्तियां क्यों छोड़ी ? जबकि अधिक अभियार्थियों ने साक्षात्कार दिया था ?
    मानव धर्म और धम्म के अनुसार आचरण करे तो मुकदमें नहीं होगे
    जब मानव प्रशानिक पदों और राजनीति पदों पर बैठ कर अच्छी नीति बनाये तो मुकदमें नहीं होगे
    जब मानव इस अत्यंत धरा पर प्रत्येक दिन यही सोचे कि मेरा यहां बेहद संक्षिप्त जीवन है तभी भी मुकदमें नहीं होगे।
    अपने बेहद कीमती समय के लिए शुक्रिया

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