गुरु जी आपके चरणों मे सहस्त्र कोटी प्रणाम मै आशुतोष गिरी गोस्वामी 😮छत्तीसगढ़ गिधपुरी से हु मै जानना चाहता हु की क्या गृहस्थ आश्रम मे रह रहे दशनामी गोस्वामी महाराज लोग किसी अन्य जाति के लोगों के घरों मे जाकर पूजा पाठ या किसी प्रकार की 16 संस्कारों मेसे किसी भी संस्कार की पूजा करा सकते है या नही
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि नमन। प्रश्न:- मैं ऋषिकेश उपाध्याय (उम्र 20) देवरिया उत्तर प्रदेश से हू। मेरा यज्ञोपवीत संस्कार 11 वर्ष की आयु में हुआ परंतु मैंने एक यज्ञोपवीत धारण ब्राह्मण के जो कर्म है उन्हें अज्ञानता वश नहीं किया। तो इसका प्रायश्चित क्या है? और मुझे एक यज्ञोपवीतीय होने के नाते क्या कर्म करना चाहिए?
वेद के अनुसार वेद विद्या प्राप्त करने का अधिकार मनुष्यमात्र को है और ओ३म् तो परमपिता परमेश्वर का निजनाम है जो सबका पिता है और सबको समान अधिकार देता है लेकिन ये तथाकथित विद्वान वेदविरुद्ध विष ्वमन करते रहते हैं जो कि पुर्णतः अज्ञानता है...
गुरुजी प्रणाम गुरुजी हम यह जानना चाहते हैं किसी से घर में पितृ देव है और वो रूस्ट हो जाए नाराज हो जाए तो सबसे पहले तो उसको कैसे जाने की पितृ नाराज है और है तो उनको कैसे मनाए क्या है सरल विधि जो हम घर पर ही बिना पंडित के कर सके अपने कल्याण के लिए कृपा करके हम मार्ग दर्शन दे गुरू जी हम जयपुर राजस्थान से है बाबू लाल जांगिड़
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम गुरु जी हम प्रातः काल की संध्या करते हैं लेकिन नौकरी की वजह से दोपहर और शाम की संध्या नहीं कर पाते हैं क्या ये दोनों संध्या रात्रि में 8-9 बजे की जा सकती हैं।धीरेंद्र कुमार द्विवेदी कानपुर उत्तर प्रदेश
मध्यान्ह सन्ध्या भी प्रातः कालमे एक अर्घ्य देकर कर सकते, यदि सायं काल मे मध्यान्ह एवं सायं काल कि सन्ध्या करनी हो तो क्रमश: पहले मध्यान्ह की फिर सायं काल की कर सकते हैं, छुटा हुवा काल की संध्याको सिर्फ एक बार अर्घ्य देकर करने का नियम हैं,तिनो संध्याको करमा अनिवार्य हैं।अगर शामका समय निकल गया हो तो रातके पहली प्रहर तक कर सकते हैं पर ये सहि समय नहि पर "शास्त्र कहता हैं कि काल का लोप हो जाए तो भी कर्म का लोप नही होना चाहिए"। आज के सूर्यास्त के बाद कल के सूर्योदय के समयको चार भाग करने से जो समय आएगा उसको सूर्यास्त के समयके साथ जोड्ने से रातके पहली प्रहर की समय निकल आएगा। जैसा भी हो और जहा भी हो सायं काल मे ही संध्या करना उत्तम होता हैं। क्योंकि कुसमय की संध्याको अधम माना गया हैं, फिर भी समय ना हो तो भी करना अनिवार्य हैं।
गुरु जी प्रणाम चरणवंदना नाम महेश शर्मा, गांव व डाकघर कालिन्द तहसील ठियोग जिला शिमला हिमाचल प्रदेश । गुरुजी सरकार के द्वारा वैदिक गुरुकुल चलाये जा रहे हैं क्या यह शास्त्र सम्मत है? क्या हमें बच्चों को वेद पढ़ाने के लिए इन गुरुकुलों में भेजना चाहिए या जो स्वतंत्र (सरकार के द्वारा न चलाये जाने वाले)गुरुकुल है उसमें पढ़ाना चाहिए।
गुरूदेव के चरणों मे सादर प्रणाम।।मेरा नाम शिवानी रावत पासी (दिल्ली) मेरा प्रश्न यह है कि मेरे में अनुशान की बहुत कमी है इस कमी को कैसे दूर करू मैं और मुझे जल्दी से जल्दी गुरूदेव की प्राप्ति हो जाए इसके लिए कोन सा उपाय करू।। राधे श्याम 🙏
Shankaracharya ji pranam mere Guru ne mujhe Guru Mantra Diya uska main Jaap Karti hun swachh Maine suna hai ki Suraksha avastha mein aashram mein baithkar karna chahie
To kya fir jo pataanjali ji ne jo bramhari pranayam bataaya hua hai wo bhi nahi kr sakte... Jo Doctor ne mastishk se jude rogon ka kafi asardar bataya gya hai.. Aur waise pramaan bhi uplabdh hai....
शंकराचार्य भगवान को प्रणाम । मैं अक्षय प्रताप सिंह बदायूं से हूं । क्षत्रिय वर्ण है । मेरा उपनयन संस्कार नहीं हुआ है मेरी आयु 26 वर्ष है । क्या बिना उपनयन संस्कार के शंकराचार्य भगवान से गुरु दीक्षा लेकर आध्यात्मिक लाभ ले सकते हैं । यदि नहीं तो अब मेरे लिए भगवान को पाने का क्या मार्ग है । मार्गदर्शन करें ।
Gurudev pranam. Guruji mere ghar me sai nam k puja hoti he . Kya galat puja se hmpar galat prabhav padta he? Maine ab puja ghar me jana band kar diya he. Abhi mai us sthiti me nahi hu k mai apne ghar walo ko samja pau k ham galat puja kar rhe he . Muze galat puja padhat harm na kre iske liye koi upay bataye.
स्वामी जी प्रणाम🙇 आलोक दूबे (उत्तर प्रदेश) स्वामी जी विपरीत प्रत्यंगिरा मंत्र का प्रयोग कब करना चाहिए तथा इसके पुरश्चरण की विधि तथा इसको जपने का अधिकारी कौन है कृपया बताएं ।🙏
देखिए वैसे तो मुझे वेद शास्त्रों का कोई ज्ञान नहीं है। जगतगुरु के ज्ञान के सामने मेरा ज्ञान शून्य है। परंतु मुझे लगता है हर मनुष्य , हर जीव जंतु, हर वनस्पति, हर मृत और गतिशील चीज जो कुछ भी इस ब्रह्माण्ड में है तथा जिसके बारे में हम सोच सकते है या सोच से परे है सब एक धुरी से जुड़ा हुआ है जिसे हम ईश्वर कहते हैं। जिसे हम शिव, दुर्गा, काली, हनुमान इत्यादि के नाम से जानते है। हमे उन्हें भजने के लिए या याद करने के लिए किसी नियम कानून या किसी पढ़धिति से बंध कर चलने की आवश्यकता ही नहीं है। हमे निश्चल, निष्कपट , सत्यगामी होकर उनको भजेंगे और उनमें विश्वास करेंगे तो वह सहज सुलभ प्राप्त हैं। अन्यथा वो तो हजारों साल गुफा में या जंगलों में भटकने या लाख साधना करने पर भी वो सुलभ नहीं है।
लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि उपनयन संस्कार केवल ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ही कर सकते हैं शुद्र को तो यह अधिकार ही नहीं है तो फिर शूद्र अपना कल्याण कैसे कर पाएगा? क्या यह भेदभाव कभी मिट नहीं सकता है क्या? यदि आपको ॐ जपने का अधिकार है तो आपने अब तक ब्रह्म का साक्षात्कार क्यों नहीं किया?❤❤❤❤❤❤
आप दुनिया को डवो रहे हो महाराज गीता जी में साफ लिखा हुआ है कि ओम् का उच्चारण करें काम करते करते भी ओर जीवन का मुल उद्देश्य समझ कर अन्तिम श्वास तक ओम् नाम का उच्चारण कर अपना मुल उद्देश्य समझ कर
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि नमन। प्रश्न:- मैं ऋषिकेश उपाध्याय (उम्र 20) देवरिया उत्तर प्रदेश से हू। मेरा यज्ञोपवीत संस्कार 11 वर्ष की आयु में हुआ परंतु मैंने एक यज्ञोपवीत धारण ब्राह्मण के जो कर्म है उन्हें अज्ञानता वश नहीं किया। तो इसका प्रायश्चित क्या है? और मुझे एक यज्ञोपवीतीय होने के नाते क्या कर्म करना चाहिए?
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि नमन। प्रश्न:- मैं ऋषिकेश उपाध्याय (उम्र 20) देवरिया उत्तर प्रदेश से हू। मेरा यज्ञोपवीत संस्कार 11 वर्ष की आयु में हुआ परंतु मैंने एक यज्ञोपवीत धारण ब्राह्मण के जो कर्म है उन्हें अज्ञानता वश नहीं किया। तो इसका प्रायश्चित क्या है? और मुझे एक यज्ञोपवीतीय होने के नाते क्या कर्म करना चाहिए?
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🥀🌹💐🌺🌻🔱🪔🌷🏵️🌼🚩🕉️ શિવ સ્વરૂપ જ્ઞાન સ્વરૂપ ભક્તિ સ્વરૂપ આદિ જગતગુરુ શંકરાચાર્ય સ્વરૂપ સદગુરુ ભગવાન દત્તાત્રે સ્વરૂપ શ્રી શ્રી 1008 પદ્મવિભૂષિત પરમહંસ ધર્મ સમ્રાટ સ્વામી અવિ મુક્તેશ્વર આનંદ સરસ્વતીજી મહારાજના ચરણ કમલમો કોટી કોટી દંડવત નમસ્કાર 🙏🏻🙏🏻💐🔱🪔🥀🔱🌻🌼🏵️🌷🪔 શિવ શિવ શંભુ હર હર મહાદેવ શ્રી રામ જય રામ જય જય રામ 🙏🏻🙏🏻
🙏🌼🌹🌹🌻🌷🌷🌷💐🌺🌻🌼🌼🌼🌹🌹🌻🌻🌺💐💐🌷🙏गुरु देव भगवान् की जय श्री चरणों में बारंबार नमन प्रणाम💐💐💐🌹🌹🌹गौमाता राष्ट्र माता🌺🌺🌺🌺🌺 🙏
OM Krato Smar 🙏🙏🙏
जय गुरुदेव 🚩🙏🚩
गुरुदेव जी के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम 🚩🙏🚩
Param pujniy guruji koti koti pranam 🙏🏻 🌷 ⚘️ 🌹
गुरु देव भगवान के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम राधे राधे राधे राधे राधे राधे
Jai Guru dev
गुरूदेव भगवान की जय
Pujya gurudev ki jay gurujii ki shri charan me koti koti pranam🙏🙏🙏🙏🙏🙏 t
🙏🌺🌺🌺🌺🙏
❤ जै हो 🌹👏👏👏❤️
Param pujya gurudev ki charno me koti koti pranam 🙏
Gurudev ji charno me koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har Har Mahadav ❤
Guru dev ke charno me koti koti naman 🙏🙏
PARNAM GURU JI 🙏
हर हर महादेव 🙏🙏
JAY GURUDEV
हर हर महादेव
राधे राधे
HARI OM BOL SAK,ATE HI
Hari om bol Sakata hi kya
राधा कृष्ण
गुरु जी आपके चरणों मे सहस्त्र कोटी प्रणाम मै आशुतोष गिरी गोस्वामी 😮छत्तीसगढ़ गिधपुरी से हु मै जानना चाहता हु की क्या गृहस्थ आश्रम मे रह रहे दशनामी गोस्वामी महाराज लोग किसी अन्य जाति के लोगों के घरों मे जाकर पूजा पाठ या किसी प्रकार की 16 संस्कारों मेसे किसी भी संस्कार की पूजा करा सकते है या नही
Namo Narayan shree jagatguruBhagwan
Shri Arjun ji aur Bhagwati maa Subhadra vivaha ke vishay mein aap kripa karke hamen theek theek samjhaen aur kuchh log kah rahe Hain ki yah shastriya vidhi nahin thi unka Vivah karna ismein Bhagwan aap theek theek margdarshan Karen namo Narayan
❤❤❤
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि नमन।
प्रश्न:- मैं ऋषिकेश उपाध्याय (उम्र 20) देवरिया उत्तर प्रदेश से हू। मेरा यज्ञोपवीत संस्कार 11 वर्ष की आयु में हुआ परंतु मैंने एक यज्ञोपवीत धारण ब्राह्मण के जो कर्म है उन्हें अज्ञानता वश नहीं किया। तो इसका प्रायश्चित क्या है? और मुझे एक यज्ञोपवीतीय होने के नाते क्या कर्म करना चाहिए?
वेद के अनुसार वेद विद्या प्राप्त करने का अधिकार मनुष्यमात्र को है और ओ३म् तो परमपिता परमेश्वर का निजनाम है जो सबका पिता है और सबको समान अधिकार देता है लेकिन ये तथाकथित विद्वान वेदविरुद्ध विष ्वमन करते रहते हैं जो कि पुर्णतः अज्ञानता है...
🙏🙏
गुरुजी प्रणाम गुरुजी हम यह जानना चाहते हैं किसी से घर में पितृ देव है और वो रूस्ट हो जाए नाराज हो जाए तो सबसे पहले तो उसको कैसे जाने की पितृ नाराज है और है तो उनको कैसे मनाए क्या है सरल विधि जो हम घर पर ही बिना पंडित के कर सके अपने कल्याण के लिए कृपा करके हम मार्ग दर्शन दे गुरू जी हम जयपुर राजस्थान से है बाबू लाल जांगिड़
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम गुरु जी हम प्रातः काल की संध्या करते हैं लेकिन नौकरी की वजह से दोपहर और शाम की संध्या नहीं कर पाते हैं क्या ये दोनों संध्या रात्रि में 8-9 बजे की जा सकती हैं।धीरेंद्र कुमार द्विवेदी कानपुर उत्तर प्रदेश
मध्यान्ह सन्ध्या भी प्रातः कालमे एक अर्घ्य देकर कर सकते, यदि सायं काल मे मध्यान्ह एवं सायं काल कि सन्ध्या करनी हो तो क्रमश: पहले मध्यान्ह की फिर सायं काल की कर सकते हैं, छुटा हुवा काल की संध्याको सिर्फ एक बार अर्घ्य देकर करने का नियम हैं,तिनो संध्याको करमा अनिवार्य हैं।अगर शामका समय निकल गया हो तो रातके पहली प्रहर तक कर सकते हैं पर ये सहि समय नहि पर "शास्त्र कहता हैं कि काल का लोप हो जाए तो भी कर्म का लोप नही होना चाहिए"। आज के सूर्यास्त के बाद कल के सूर्योदय के समयको चार भाग करने से जो समय आएगा उसको सूर्यास्त के समयके साथ जोड्ने से रातके पहली प्रहर की समय निकल आएगा। जैसा भी हो और जहा भी हो सायं काल मे ही संध्या करना उत्तम होता हैं। क्योंकि कुसमय की संध्याको अधम माना गया हैं, फिर भी समय ना हो तो भी करना अनिवार्य हैं।
बहुत बहुत धन्यवाद कोटि कोटि प्रणाम
गुरु जी प्रणाम चरणवंदना नाम महेश शर्मा, गांव व डाकघर कालिन्द तहसील ठियोग जिला शिमला हिमाचल प्रदेश । गुरुजी सरकार के द्वारा वैदिक गुरुकुल चलाये जा रहे हैं क्या यह शास्त्र सम्मत है? क्या हमें बच्चों को वेद पढ़ाने के लिए इन गुरुकुलों में भेजना चाहिए या जो स्वतंत्र (सरकार के द्वारा न चलाये जाने वाले)गुरुकुल है उसमें पढ़ाना चाहिए।
गुरूदेव के चरणों मे सादर प्रणाम।।मेरा नाम शिवानी रावत पासी (दिल्ली)
मेरा प्रश्न यह है कि मेरे में अनुशान की बहुत कमी है इस कमी को कैसे दूर करू मैं और मुझे जल्दी से जल्दी गुरूदेव की प्राप्ति हो जाए इसके लिए कोन सा उपाय करू।।
राधे श्याम 🙏
Dattatray bhagwan ki pooja kro guru ke liye 😊
Shankaracharya ji pranam mere Guru ne mujhe Guru Mantra Diya uska main Jaap Karti hun swachh Maine suna hai ki Suraksha avastha mein aashram mein baithkar karna chahie
To kya fir jo pataanjali ji ne jo bramhari pranayam bataaya hua hai wo bhi nahi kr sakte... Jo Doctor ne mastishk se jude rogon ka kafi asardar bataya gya hai.. Aur waise pramaan bhi uplabdh hai....
शंकराचार्य भगवान को प्रणाम ।
मैं अक्षय प्रताप सिंह बदायूं से हूं । क्षत्रिय वर्ण है । मेरा उपनयन संस्कार नहीं हुआ है मेरी आयु 26 वर्ष है । क्या बिना उपनयन संस्कार के शंकराचार्य भगवान से गुरु दीक्षा लेकर आध्यात्मिक लाभ ले सकते हैं । यदि नहीं तो अब मेरे लिए भगवान को पाने का क्या मार्ग है । मार्गदर्शन करें ।
Aaplog prasn kase bhejte hai ?
Gurudev pranam. Guruji mere ghar me sai nam k puja hoti he . Kya galat puja se hmpar galat prabhav padta he? Maine ab puja ghar me jana band kar diya he. Abhi mai us sthiti me nahi hu k mai apne ghar walo ko samja pau k ham galat puja kar rhe he . Muze galat puja padhat harm na kre iske liye koi upay bataye.
वेदों के ज्ञान दाता का एक मंत्र ओम् बताया गया है
स्वामी जी प्रणाम🙇
आलोक दूबे (उत्तर प्रदेश)
स्वामी जी विपरीत प्रत्यंगिरा मंत्र का प्रयोग कब करना चाहिए तथा इसके पुरश्चरण की विधि तथा इसको जपने का अधिकारी कौन है कृपया बताएं ।🙏
Guruji ko question kaise puchh sakte hai??
Kya koi bata sakta h?? 😢
Maharaj ji maan nar ha ya nari?
Aisa hai to dhruv ji Maharaj ko narad ji ne om namo bhagwate vasudevay q Diya
Prashn ka puchte he?
Guruji ko pranam beta ka name om hai toh le sakte hai ?
गुरु देव...मे नेपाल से हु...
गुरु देव मे दीक्षा लेना चाहाता हु मे क्या करू मेरे मार्ग दर्शन करे ।
ye guruji ko sankracharya kaun banaya.
देखिए वैसे तो मुझे वेद शास्त्रों का कोई ज्ञान नहीं है। जगतगुरु के ज्ञान के सामने मेरा ज्ञान शून्य है। परंतु मुझे लगता है हर मनुष्य , हर जीव जंतु, हर वनस्पति, हर मृत और गतिशील चीज जो कुछ भी इस ब्रह्माण्ड में है तथा जिसके बारे में हम सोच सकते है या सोच से परे है सब एक धुरी से जुड़ा हुआ है जिसे हम ईश्वर कहते हैं। जिसे हम शिव, दुर्गा, काली, हनुमान इत्यादि के नाम से जानते है। हमे उन्हें भजने के लिए या याद करने के लिए किसी नियम कानून या किसी पढ़धिति से बंध कर चलने की आवश्यकता ही नहीं है। हमे निश्चल, निष्कपट , सत्यगामी होकर उनको भजेंगे और उनमें विश्वास करेंगे तो वह सहज सुलभ प्राप्त हैं। अन्यथा वो तो हजारों साल गुफा में या जंगलों में भटकने या लाख साधना करने पर भी वो सुलभ नहीं है।
लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि उपनयन संस्कार केवल ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य ही कर सकते हैं शुद्र को तो यह अधिकार ही नहीं है तो फिर शूद्र अपना कल्याण कैसे कर पाएगा? क्या यह भेदभाव कभी मिट नहीं सकता है क्या? यदि आपको ॐ जपने का अधिकार है तो आपने अब तक ब्रह्म का साक्षात्कार क्यों नहीं किया?❤❤❤❤❤❤
वर्ण व्यवस्था कर्म अनुसार तय होती है महानुभाव, अर्थात शूद्र भी अपने कर्म से ब्राह्मण हो सकता है, फिर उपनयन संस्कार किया जा सकता है 🙏
यजुर्वेद अध्याय 40के मंत्र न 10मै कहा गया है कि तत्वदर्शी सन्तों से जानकारी लो
आप आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा कभी भी कर सकते हों आप दुनिया को गलत रास्ते पर ले जा रहे हो
आप दुनिया को डवो रहे हो महाराज गीता जी में साफ लिखा हुआ है कि
ओम् का उच्चारण करें काम करते करते भी ओर जीवन का मुल उद्देश्य समझ कर अन्तिम श्वास तक ओम् नाम का उच्चारण कर अपना मुल उद्देश्य समझ कर
बार बार एक ही type ka question mat kare
Kripya गहन प्रश्नो के उत्तर दिया jaye
Is prakaar ke प्रश्न हज़ारो bar poocha ja chuka hai
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि नमन।
प्रश्न:- मैं ऋषिकेश उपाध्याय (उम्र 20) देवरिया उत्तर प्रदेश से हू। मेरा यज्ञोपवीत संस्कार 11 वर्ष की आयु में हुआ परंतु मैंने एक यज्ञोपवीत धारण ब्राह्मण के जो कर्म है उन्हें अज्ञानता वश नहीं किया। तो इसका प्रायश्चित क्या है? और मुझे एक यज्ञोपवीतीय होने के नाते क्या कर्म करना चाहिए?
गुरु देव...मे नेपाल से हु...
गुरु देव मे दीक्षा लेना चाहाता हु मे क्या करू मेरे मार्ग दर्शन करे ।
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि नमन।
प्रश्न:- मैं ऋषिकेश उपाध्याय (उम्र 20) देवरिया उत्तर प्रदेश से हू। मेरा यज्ञोपवीत संस्कार 11 वर्ष की आयु में हुआ परंतु मैंने एक यज्ञोपवीत धारण ब्राह्मण के जो कर्म है उन्हें अज्ञानता वश नहीं किया। तो इसका प्रायश्चित क्या है? और मुझे एक यज्ञोपवीतीय होने के नाते क्या कर्म करना चाहिए?