आचार्य जी , मैंने आर्यसमाज का पहला सत्र 2014 में करनाल में लगाया था तथा उस सत्र के वक्ता / आचार्य आप ही थे । उस वक्त मेरी आयु 17 वर्ष की थी । मेरा वो पहला सत्र था , जीवन में मैंने पहली बार ऐसा झकझोर देने वाला आह्वान/ संबोधन आपके मुख से सुना । इसके बाद मैंने आर्यसमाज के कई सत्र लगाए , पानीपत और रोहतक में लेकिन हर सत्र में मैं प्रार्थना करता था कि वही करनाल वाला आचार्य मिलना चाहिए । लेकिन आप मुझे नहीं मिले । मुझे आपका नाम भी याद नहीं था जो अन्य आर्यजनों से आपके बारे में पूछ सकता । मैं हमेशा याद करता था करनाल में एक आचार्य जी का संबोधन सुना था , उनकी वाणी में इतनी पीड़ा इतना रोष , इतनी ओज था कि उसी ने मुझे हिन्दू धर्म के लिए ने केवल कट्टर बना दिया अपितु मैने हिन्दू संस्कृति को आत्मसात करना सीखा । मैं आपको अनेकों बार याद करता था आचार्य जी । और एक दिन अचानक मैंने आपकी विडियो यु ट्यूब पर देखी । मुझे लगा कि ये वही करनाल वाले आचार्य जी है । लेकिन करनाल वाली घटना को करीब नौ साल बीत गए थे इसलिए मुझे लगा कहीं मुझे धोखा लगा हो । मैंने उसने उन अन्य दोस्तो से आपकी विडियो दिखाकर पूछा जो मुझे इस सत्र में लेकर गए थे । मुझे अत्यधिक खुशी हूई थी आपको दोबारा देखकर । मैंने आपको आपके चेहरे की बजाय आपकी ओजस्वी वाणी से पहचाना । आचार्य जी आपने मेरे जीवन को धर्म की ओर मोड़ दिया । आपका दो दिवसीय सत्र मैने उस उम्र में लगाया जब किशोरावस्था में था और जहां से मेरा जीवन देश , धर्म, संस्कृति , सावरकर, दयानंद इत्यादि उन चीजों में मगन होता चला गया जो भारतवर्ष की अस्मिता है । आचार्य जी, आप मेरे सच्चे गुरू है ।
बहुत ही सराहनीय कार्य । कुछ लोग अपने ही समाज को तोड़ने मे लगे हुए हैं, उनका शंका समाधान आपके द्वारा किया गया है । ऋषि दयानंद पर भी कटु वचन के द्वारा एवं अन्य तरह के प्रतारणा होते रहे, परंतु वे अडिग होकर सत्य बात सदैव कहते रहे । आपका प्रयास भी ऐसा ही है । आप वैदिक रत्न हैं, देश को आप पर गर्व है ।
Acharya ji saader namestey. These fellows are very narrow minded people. They don't know our ancient Indian culture. Truth always remains Truth. You please don't bother such illiterate people.
Sir Charansparsh Aapki saleenta dekh kr speechless ho gya u r true gem I m also belong to so called dalit class lkin aapke is video se kafi question solve ho gye bache kuche
ज्ञान , अज्ञान हमेशा रहा मानव दानव हर काल मे रहा धर्मी और अधर्मी भी हमेशा रहा भाई साहब आप अपना ज्ञान और विख्यान केवल सनातनियों के लिए होना चाहिए अधर्मीयो को समझाने का प्रयास न करे आपको क्या लगता है इनको सही बात पता नहीं है???? सब पता है इनको लेकिन ये मानसिक विक्षिप्त हैं और कीचड़ ही उछालेंगे। आपके ज्ञान देने से भी ये ऐसे ही रहेंगे क्योंकि इनका माइंड सेट बना हुआ है। आपको मेरा शत-शत नमन।
Ati sundar sarahniy aapke prasno Ko sunkar man prasann ho jata hai.aap isi tarah sanatanio ka Marg dershan karte rahe aane wala samay Gurukul ka hi hoga. Hame atut biswash hai Jai shree ram.
आचार्य जी जो भी प्रश्न उत्तर देने योग्य हो आप केवल उन्हीं का उत्तर दीजिए आप फालतू के चक्कर में क्यों पड़ते हैं विरोधियों का तो काम ही विरोध करना है उनकी बुद्धि उनके साथ है आप उन्हें भूल जाएंगे
प्रणाम महाराज आपकी बातों का किसी ऐरे गैर नत्थू गेरे के पास कोई जवाब नही दूसरी बात हाथी जब गांव से निकलता है तब हजारों लोग हाथ जोड़ कर खड़े होते है लेकिन उतने ही कुत्ते हाथी के पीछे पड़े होते है इसलिए परवाह नहीं जय श्री सीताराम जी कि
मैं बस इतना समझता हूं कि मेरे इष्टदेव श्री नारायण कहते कि मूर्ख, चरित्रहीन स्त्री पुरुष और मद में लिप्त इंसान को मैं स्वयं नहीं समझा सकता हूं,और एक बात कलयुग में ९०प्रतिशत ऐसे अर्धमूर्ख होंगे जो अच्छे लोगों गालियां देंगे तथा किसी दूसरे के इशारे पे सकारात्मकता का विरोध करेंगे और स्वयं अपना व अपने धर्म कर्तव्यों का सर्वनाश कर देंगे। जय श्री कृष्णा।।
जब अम्बेडकर जी ने मनुस्मृति जलाई थी तब उनका कहना था कि इस पुस्तक में मिलावट की गई है....यह पूर्णतया शुद्ध रूप में नही है.... लेकिन वर्तमान में विद्वानों ने आज मनुस्मृति से अशुद्ध भाग को निकाल दिया है
अगर आप सच में जाके महाभारत पढ़ो तो उसके आपको मिलेगा की- एकलव्य का अंगूठा आचार्य द्रोण ने इसीलिए मांगा था क्युकी जब एकलव्य से उसका परिचय पूछा तो उसने कहा था कि में मगध नरेश जरासंध के प्रधान सेनापति हिरण्यधनु का पुत्र हूं, तो वह पहली बात तो वह किसी आदिवासी का पुत्र नहीं था। और मगध हस्तिनापुर का कट्टर शत्रु था, तब आचार्य द्रोण ने उससे अंगूठा मांगा था ताकि वह भविष्य में जाके युद्ध न कर पाए क्युकी वह बहुत महान धनुर्धर बन चुका था और ताकि आने वाले समय में अगर मगध और हस्तिनापुर में युद्ध हो तो वह हस्तिनापुर के लिए भविष्य में कोई खतरा न हो।
Aap Dharm ke liye Kab Tak maroge Desh Ke Liye kab maroge Kisi Dharm ko Bura Kahane Se Pahle Apne Dharm ko Behtar banaaiye Main Bhi Ek Hindu hun Meri Soch Bhagwan Krishna ki hai Mere andar Sara Dharm Sara Karm sari jaati Sare baten pura Sansar samahit Hai main Kisi Ko bhedbhav ki Drishti se nahin dekhta
Gurukul me hazaro saal pahle rahe shiv aur kisna ke bare me nahi padhaya jata tha kya? Your gods! Us hisaab se to nalanda me aapke vishnu aur shiv ki murtiya bhi milni chahiye thi lekin sirf Buddha ki hi milti hain
Bhai tumhari kitni achhi soch h ..' tumhare Shiv aur Vishnu' bhai Buddha bhi hmare h.. Mahavir Swami bhi hmare hm sabhi ka samman krte h.. or rhi baat Bhagvan Buddh ki to vo bhi Shatriya Vansh ke Hindu hi the... Ek baar padh Lena thik se.. vaise tmse padha likha hone ki ummid krna bemani hi h.. bas tmse kevas irshiya or victim card ki hi aasha ki ja sakti h..😊
@@dabas0111 Fictional Gods hain bhai,Itni jadui kahaniya hain how will you prove them that they actually existed? And Btw Buddha bhi tumhare hain to history ki books me prakrat language ke bare me kyu nahi bataya jata? Kyu nalanda jalta raha?how Budhhists vanished from India?
@@Demigod0096 konsi duniya me rhte ho bhai.. keval prakrat hi nhi pali bhasha ke bare me bhi bataya h.. or Nalanda kyu jalta rha or kisne jalaya vo bhi Zara padh Lena achhe se ... Or rhi baat janeu ki to Mai janeu dharan nhi krta par ha janeu ka bhi samman krta hu .. chalo hmse kuch na sikho to thoda bht Jainism or Jain bandhuo se bhi Sikh lo.. vo bhi ek dharm h or apne ko Sanatan ki ek shakha Manta h.. khud 'Vishnu Shankar Jain ji ' santan ki aastha or samman ke liye pryasrat rhte h..
No lower castes were not allowed for education in Gurukul not to keep property British gave education to all then swarna caste planned to remove British
मेरा दुर्भागय है की मैं गुरुकुल में नहीं पढ़ सका , लेकिन मैं आप जैसे महान व्यक्तियों से सीखने की कोशिश करुँगा।
आचार्य जी आपको नमन। जबसे आपको सुनना सुरु किया तबसे आपके फैन हो गया। सही में सनातनी ऐसे होते हैं।
गुरु जी शत शत नमन
आचार्य जी बहुत प्रसंशनीय कार्य कर रहे हैं आपको नमन वंदन करते हैं।
बहुत अच्छा काम कर रहे हो सर जी लोग तो भगवान राम और कृष्ण के नहीं हुए तो अपने कैसे होंगे अपना काम करते रहो आपका शतप्रतिशत लोट के आएगा एकदिन
Thanks!
आप महान हैं सर..
सर आप अच्छा कार्य कर रहे हैं
आचार्य जी , मैंने आर्यसमाज का पहला सत्र 2014 में करनाल में लगाया था तथा उस सत्र के वक्ता / आचार्य आप ही थे । उस वक्त मेरी आयु 17 वर्ष की थी । मेरा वो पहला सत्र था , जीवन में मैंने पहली बार ऐसा झकझोर देने वाला आह्वान/ संबोधन आपके मुख से सुना । इसके बाद मैंने आर्यसमाज के कई सत्र लगाए , पानीपत और रोहतक में
लेकिन हर सत्र में मैं प्रार्थना करता था कि वही करनाल वाला आचार्य मिलना चाहिए । लेकिन आप मुझे नहीं मिले । मुझे आपका नाम भी याद नहीं था जो अन्य आर्यजनों से आपके बारे में पूछ सकता । मैं हमेशा याद करता था करनाल में एक आचार्य जी का संबोधन सुना था , उनकी वाणी में इतनी पीड़ा इतना रोष , इतनी ओज था कि उसी ने मुझे हिन्दू धर्म के लिए ने केवल कट्टर बना दिया अपितु मैने हिन्दू संस्कृति को आत्मसात करना सीखा । मैं आपको अनेकों बार याद करता था आचार्य जी । और एक दिन अचानक मैंने आपकी विडियो यु ट्यूब पर देखी । मुझे लगा कि ये वही करनाल वाले आचार्य जी है । लेकिन करनाल वाली घटना को करीब नौ साल बीत गए थे इसलिए मुझे लगा कहीं मुझे धोखा लगा हो । मैंने उसने उन अन्य दोस्तो से आपकी विडियो दिखाकर पूछा जो मुझे इस सत्र में लेकर गए थे । मुझे अत्यधिक खुशी हूई थी आपको दोबारा देखकर । मैंने आपको आपके चेहरे की बजाय आपकी ओजस्वी वाणी से पहचाना । आचार्य जी आपने मेरे जीवन को धर्म की ओर मोड़ दिया । आपका दो दिवसीय सत्र मैने उस उम्र में लगाया जब किशोरावस्था में था और जहां से मेरा जीवन देश , धर्म, संस्कृति , सावरकर, दयानंद इत्यादि उन चीजों में मगन होता चला गया जो भारतवर्ष की अस्मिता है । आचार्य जी, आप मेरे सच्चे गुरू है ।
Inka naam acharya yogesh hai
अपना मोबाइल नम्बर देने की कृपा करें।
बहुत ही सराहनीय कार्य । कुछ लोग अपने ही समाज को तोड़ने मे लगे हुए हैं, उनका शंका समाधान आपके द्वारा किया गया है । ऋषि दयानंद पर भी कटु वचन के द्वारा एवं अन्य तरह के प्रतारणा होते रहे, परंतु वे अडिग होकर सत्य बात सदैव कहते रहे । आपका प्रयास भी ऐसा ही है । आप वैदिक रत्न हैं, देश को आप पर गर्व है ।
आप महान विद्वान है। आपको नमन
जय हो आचार्य जी
आपको शत शत नमन 🙏🏻❤️❤️❤️
हम लोग बहुत भाग्यशाली हैं कि आप जैसे लोगों को सुनने का मौका मिला है।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सादर प्रणाम
ओं नमस्ते आचार्य जी🙏
Aapko koti koti naman guru ji
दोस्तों समस्या मुसलमान नही है समस्या कि जड आसमानी किताब है और सबसे बड़ी समस्या ऐसे वामपंथी गद्दार है जो इस विचार को अनैतिक समर्थन करते हैं🙏💕🙏💕
Dhanyavaad hai yogesh ji
उत्तम विचार। ओम।
Bahut hi badhiya baat hai ji
रामजी राम जय भीम जय भारत सर धन्यवाद सर हम यह बाबा साहब की पुस्तक को मगाने चाहते हे इस अंबेडकर पुस्तक का नाम क्यों नहीं दिखाया
पुस्तक का नाम आचार्य जी ने यह बताया कि डॉ. अम्बेडकर वाङमय।
शत शत नमन आपको
Aap hi jaise greatest log hi is desh ki aatma h thanks sir for this knowledge
आपने बहुत सुंदर जवाब दिया है गुरूदेव
नमस्कार आचार्य जी ❤🙏🏻
🕉🙏🙏
बहुत ही खूब व्याख्यान आपने किया है आपका आभार है।👏👏👏👏🙏🙏
Acharya ji saader namestey. These fellows are very narrow minded people. They don't know our ancient Indian culture. Truth always remains Truth. You please don't bother such illiterate people.
Om
आपकी शैली बहुत ही उत्तम।🙏🙏🙏
Sir Charansparsh
Aapki saleenta dekh kr speechless ho gya
u r true gem
I m also belong to so called dalit class lkin aapke is video se kafi question solve ho gye bache kuche
Toh aap arya samaj join karo aur jatiwaad khatam krne ke mission mein sath do
Bahut hi nice jankari aap ne diya
आप की जय हो
❤❤🎉🎉 bahut achha
Very nice talk and explanation by yogesh ji
Shaandar ❤
Jaativad kaise khtam ho ispr kuch vedio bnaiye
फिर से गुरुकुल शुरू करना पड़ेगा तभी देश और संस्कृति बचेगी।
I know you will prove dronacharya good
आप बहुत अच्छा काम कर रहे है sir करते रहे लोग मुर्ख है जो नही समझने वाले है
ज्ञान , अज्ञान हमेशा रहा
मानव दानव हर काल मे रहा
धर्मी और अधर्मी भी हमेशा रहा
भाई साहब आप अपना ज्ञान और विख्यान केवल सनातनियों के लिए होना चाहिए
अधर्मीयो को समझाने का प्रयास न करे
आपको क्या लगता है इनको सही बात पता नहीं है????
सब पता है इनको लेकिन ये मानसिक विक्षिप्त हैं और कीचड़ ही उछालेंगे।
आपके ज्ञान देने से भी ये ऐसे ही रहेंगे क्योंकि इनका माइंड सेट बना हुआ है।
आपको मेरा शत-शत नमन।
Guruji aapko sat sat naman
Mai aapka bahot samman karta hu...mai aapko hamesha follow karta hu ...aapka kaam sarahniya hai....
Ese mahan आचार्य को मेरा प्रणाम❤❤❤❤
Nmste thanks very battr you speak
Naman 🙏🙏🙏🙏🙏
Awesome ghuruji ❤
अति उत्तम व्याख्या 🙏🙏
भरद्वाज जी हार्दिक साधुवाद कहावत है हाथी चले बाजार भौके हजार
Ati sundar sarahniy aapke prasno Ko sunkar man prasann ho jata hai.aap isi tarah sanatanio ka Marg dershan karte rahe aane wala samay Gurukul ka hi hoga. Hame atut biswash hai Jai shree ram.
Jay shree Krishna
Wow
धन्यवाद आचार्य जी आपने अच्छी जानकारी दी
आचार्य जी जो भी प्रश्न उत्तर देने योग्य हो आप केवल उन्हीं का उत्तर दीजिए आप फालतू के चक्कर में क्यों पड़ते हैं विरोधियों का तो काम ही विरोध करना है उनकी बुद्धि उनके साथ है आप उन्हें भूल जाएंगे
Great work sir
Jai shree Ram ji yogesh Bhardwaj Ji
big fan sir
Bhut acha acharya ji
🙏👏👍
जय श्रीराम जय भीम राव राम जी अम्बेडकर
🙏🙏🌹🌹🌺🌺🙏🙏
You are really good sir
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
gajab acharya ji sahi mein bahut acche jawaab diye .
Ati sundar Aacharya ji 😮
Bahut badhiya
Aap sabse debate me jeet sakte hain
Jai sanatan dharm
आचार्य जी प्रणाम, इस video मेँ जिस पुस्तक से आप उदाहरण दे रहे हैँ उस पुस्तक का शीर्षक क्या है?
मैँ भी उसे पढ़ना चाहता हूँ।
❤🎉 Ram Ram ji 🎉❤🌹🙏
प्रणाम महाराज आपकी बातों का किसी ऐरे गैर नत्थू गेरे के पास कोई जवाब नही दूसरी बात हाथी जब गांव से निकलता है तब हजारों लोग हाथ जोड़ कर खड़े होते है लेकिन उतने ही कुत्ते हाथी के पीछे पड़े होते है इसलिए परवाह नहीं जय श्री सीताराम जी कि
Nice ❤❤❤❤
आचार्य जी जैसे प्रश्न है मनमाने आक्षेप किये है वे सभी महानुभाव उत्तर सुनकर शर्मशार जरूर हुऐ है!
मैं बस इतना समझता हूं कि मेरे इष्टदेव श्री नारायण कहते कि मूर्ख, चरित्रहीन स्त्री पुरुष और मद में लिप्त इंसान को मैं स्वयं नहीं समझा सकता हूं,और एक बात कलयुग में ९०प्रतिशत ऐसे अर्धमूर्ख होंगे जो अच्छे लोगों गालियां देंगे तथा किसी दूसरे के इशारे पे सकारात्मकता का विरोध करेंगे और स्वयं अपना व अपने धर्म कर्तव्यों का सर्वनाश कर देंगे।
जय श्री कृष्णा।।
आचार्य जी फिर अम्बेडकर जी ने मनु स्मृति क्यों जलाई और वो 22 प्रतिज्ञाए क्यों ली ? मेरे मन मे यही सवाल है ,कृपया इस पर उत्तर देवे 🙏🏻
जब अम्बेडकर जी ने मनुस्मृति जलाई थी तब उनका कहना था कि इस पुस्तक में मिलावट की गई है....यह पूर्णतया शुद्ध रूप में नही है....
लेकिन वर्तमान में विद्वानों ने आज मनुस्मृति से अशुद्ध भाग को निकाल दिया है
Right bhai yahi bat hai
❤❤❤
ओम✨
GuruJi aap achcha Gyan de rahe hain lekin jo murkh hai vah nahin samjhenge vinash Kale viprit buddhi
Jai hind sir ji
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्रीमान जी, रामपाल जी किताब के प्रश्नों के उत्तरों की वीडियो बनाइयेगा
Aap such me bhardwaj ji ke vansaj hai
कोई भारद्वाज वंसज नहीं होता है। आचार्य जी सनातनी है।
लमान 17:48 17:48
Ambedkar ne manu smriti ko jala diya tha ok .....wo bhi bataye
Sir samajhne wale samajh rahe h
Bhardwaj जी आप साइंस जर्नी से सिधे डिबेट क्यु नहीं कर पाते ??
और हमारा आतीत से डिबेट करो जो जित पायेगा वह सही..
Excellent sir….. aapne to haramiyon ko bhi sadhuta se Jabab diya …🙏🙏
Aacharya ji Mera Ek Sawal SC ST Ke Logon per Anyay Atyachar hota hai tab Ek bhi Hindu Sangathan Nahin Aate Hain
सम्पूर्ण गलत। हाली में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी निकला तो कितने हिन्दू निकले रैली पर। अज्ञानता अंधभक्तों के साथ नहीं छोड़ती है।
भाई साहब तमिलनाडु के तिरुपति के लड्डू प्रसाद में चर्बी निकला तो कितने हिन्दू रैली निकाली ? समझदार बनो तो ऐसे छोटा छोटा सवाल के जबाब स्वतः मिलेगा।
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अगर आप सच में जाके महाभारत पढ़ो तो उसके आपको मिलेगा की- एकलव्य का अंगूठा आचार्य द्रोण ने इसीलिए मांगा था क्युकी जब एकलव्य से उसका परिचय पूछा तो उसने कहा था कि में मगध नरेश जरासंध के प्रधान सेनापति हिरण्यधनु का पुत्र हूं, तो वह पहली बात तो वह किसी आदिवासी का पुत्र नहीं था। और मगध हस्तिनापुर का कट्टर शत्रु था, तब आचार्य द्रोण ने उससे अंगूठा मांगा था ताकि वह भविष्य में जाके युद्ध न कर पाए क्युकी वह बहुत महान धनुर्धर बन चुका था और ताकि आने वाले समय में अगर मगध और हस्तिनापुर में युद्ध हो तो वह हस्तिनापुर के लिए भविष्य में कोई खतरा न हो।
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चारों वेदों में मूर्ति पूजा का जिक्र भी नहीं है तो तहसीलदार भगवान कहां से आए सभी बूथों का चौराहा हुआ है
Aap Dharm ke liye Kab Tak maroge Desh Ke Liye kab maroge Kisi Dharm ko Bura Kahane Se Pahle Apne Dharm ko Behtar banaaiye Main Bhi Ek Hindu hun Meri Soch Bhagwan Krishna ki hai Mere andar Sara Dharm Sara Karm sari jaati Sare baten pura Sansar samahit Hai main Kisi Ko bhedbhav ki Drishti se nahin dekhta
भाई साहब धर्म एक या दो या तीन या चार नहीं होता है। धर्म सिर्फ एक है बाकी सब मजहब, पंत और रिलिजन होता है। पहले ज्ञान वर्धन करो और बाद में सवाल करो।
Aapki bhasha shaili batati hai ki aap kya kahna chahte hai
नालंदा में padhakar गय स्टूडेंट गलत थे और तुम सही ??
ये कौसा नालंदा वाला स्टूडेंट मिला तुमको ? क्या हजारों साल पहले ज्ञान लेके पुनर्जन्म हुआ और सबकुछ इतिहास याद आ गया।😂😅😢
Gurukul me hazaro saal pahle rahe shiv aur kisna ke bare me nahi padhaya jata tha kya? Your gods! Us hisaab se to nalanda me aapke vishnu aur shiv ki murtiya bhi milni chahiye thi lekin sirf Buddha ki hi milti hain
Bhai tumhari kitni achhi soch h ..' tumhare Shiv aur Vishnu' bhai Buddha bhi hmare h.. Mahavir Swami bhi hmare hm sabhi ka samman krte h.. or rhi baat Bhagvan Buddh ki to vo bhi Shatriya Vansh ke Hindu hi the... Ek baar padh Lena thik se.. vaise tmse padha likha hone ki ummid krna bemani hi h.. bas tmse kevas irshiya or victim card ki hi aasha ki ja sakti h..😊
Sanatan Samasya ki video deekh le ja kar
@@dabas0111 Fictional Gods hain bhai,Itni jadui kahaniya hain how will you prove them that they actually existed? And Btw Buddha bhi tumhare hain to history ki books me prakrat language ke bare me kyu nahi bataya jata? Kyu nalanda jalta raha?how Budhhists vanished from India?
@@dabas0111 sach ko sach bolna irshya aur victim card ho jata hai? thoda Janeu utaar ke duniya dekho and Btw Ramayana aur Mahabharata kab hui thi jara batana?
@@Demigod0096 konsi duniya me rhte ho bhai.. keval prakrat hi nhi pali bhasha ke bare me bhi bataya h.. or Nalanda kyu jalta rha or kisne jalaya vo bhi Zara padh Lena achhe se ... Or rhi baat janeu ki to Mai janeu dharan nhi krta par ha janeu ka bhi samman krta hu .. chalo hmse kuch na sikho to thoda bht Jainism or Jain bandhuo se bhi Sikh lo.. vo bhi ek dharm h or apne ko Sanatan ki ek shakha Manta h.. khud 'Vishnu Shankar Jain ji ' santan ki aastha or samman ke liye pryasrat rhte h..
No lower castes were not allowed for education in Gurukul not to keep property British gave education to all then swarna caste planned to remove British
Yadav nahin hai
shikshit nahin hai Tulsidas wala gawar hai Sahi Shiksha dekar sudhara ja Sakta hai
Bahut khal rahe hai Ajkal bhim wadi 😂🤣
Bhai vo bhimwadi nhi hai, Vo gadar Ramasawami priyar ki Auladen hai
इशकाबापजोगेनरमनडलथा
इनके बाप तुम्हारे बाप का बाप है। थोड़ा समझा करो।
Brahmano जो धर्म का आवरण ओड कर मलाई खा रहा है उससे बहुजन अब जाग रहा है, बहुत जल्दी brahman भारत से खुद को बचाते बचाते यहा वाह भागेगा।
पागलखाने के पागल कुछ का कुछ समझते हैं। जे भिम्म
Zoot.bta.rhe
Only kahne k liye Ambedkar ko mante hain aap man se nahi
Gumraha kr raha he ambedkar badio ko ese bolo babasahav ne 22pratigya li usko bi batao
अगर सड़कछाप रहने का इतने अहंकार है तो ज्ञान क्या करसकता है।
जब छेड़ छाड हुई तो तुम कहा मर गए थे, तुम t to brahman होने का ठेका लिए हुए हो न।
Aap ki hi tarah koi virdhi milawat karaya hoga jaise Aaj aap gali de rahe ho
लगता पक्का डेडहै
जे भिम्म