स्वामीजी को सादर प्रणाम। कटु सत्य वचन हैं स्वामीजी के। सनातन धर्म की आज की दयनीय स्थिति की शुरुआत यहीं से हुई है। धरती माता और गौ माता का शोषण चरम पर है।
सतयुग आदि से दुनिया में मोक्ष का ज्ञानथा मोक्ष की भी अवधि होती है। लेकिन कलयुग में अखंड मोक्ष का ज्ञान आया हुआ है जिसकी कोई अवधि नहीं है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉
स्वामी जी आपका कहना ठीक है लेकिन कलयुग बढ़ने का कारण दूसरा है पहले माताएं बहनें चरित्रवान होती थी लेकिन अब माताओं बहनों का चरित्र गिर गया। जिससे पाप बढ़ गया और कलयुग भी बढ़ गया।
जब भगवान् मिलावट का प्रसाद स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास धार्मिक ग्रन्थों में श्रीराम और श्री कृष्ण के जीवन चरित्र पर दुष्प्रचार को स्वीकार करेगा।
स्वामीजी को सादर प्रणाम।
कटु सत्य वचन हैं स्वामीजी के। सनातन धर्म की आज की दयनीय स्थिति की शुरुआत यहीं से हुई है। धरती माता और गौ माता का शोषण चरम पर है।
Jay Narayan Shri Narayan
नमस्ते आचार्य जी
बहुत सुंदर कथावाचन।। बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद।।
Om namaste guruji
Om
सतयुग आदि से दुनिया में मोक्ष का ज्ञानथा मोक्ष की भी अवधि होती है। लेकिन कलयुग में अखंड मोक्ष का ज्ञान आया हुआ है जिसकी कोई अवधि नहीं है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉
Namste guru ji.
Jay shree ram
Swami ji ko kotti kotti naman
स्वामी जी आपका कहना ठीक है लेकिन कलयुग बढ़ने का कारण दूसरा है पहले माताएं बहनें चरित्रवान होती थी लेकिन अब माताओं बहनों का चरित्र गिर गया। जिससे पाप बढ़ गया और कलयुग भी बढ़ गया।
जब भगवान् मिलावट का प्रसाद स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास धार्मिक ग्रन्थों में श्रीराम और श्री कृष्ण के जीवन चरित्र पर दुष्प्रचार को स्वीकार करेगा।
Om