कर्मो पर कलियुग का कितना असर/Swami Ganeshanand Ji Maharaj

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  • Опубликовано: 11 ноя 2024

Комментарии • 15

  • @sushilkabra71
    @sushilkabra71 Месяц назад +3

    स्वामीजी को सादर प्रणाम।
    कटु सत्य वचन हैं स्वामीजी के। सनातन धर्म की आज की दयनीय स्थिति की शुरुआत यहीं से हुई है। धरती माता और गौ माता का शोषण चरम पर है।

  • @sachinphadtare8005
    @sachinphadtare8005 Месяц назад +1

    Jay Narayan Shri Narayan

  • @munnakumarnkebet97-A
    @munnakumarnkebet97-A Месяц назад +4

    नमस्ते आचार्य जी

  • @munnakumarnkebet97-A
    @munnakumarnkebet97-A Месяц назад +1

    बहुत सुंदर कथावाचन।। बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद।।

  • @Udaysingh-y5f8r
    @Udaysingh-y5f8r Месяц назад +1

    Om namaste guruji

  • @Dibyanandgiri
    @Dibyanandgiri Месяц назад +1

    Om

  • @munnalal-ui6lb
    @munnalal-ui6lb Месяц назад +1

    सतयुग आदि से दुनिया में मोक्ष का ज्ञानथा मोक्ष की भी अवधि होती है। लेकिन कलयुग में अखंड मोक्ष का ज्ञान आया हुआ है जिसकी कोई अवधि नहीं है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉

  • @janardansingh3404
    @janardansingh3404 Месяц назад

    Namste guru ji.

  • @yogendradhun
    @yogendradhun Месяц назад

    Jay shree ram

  • @Chandangoyal-re7xq
    @Chandangoyal-re7xq Месяц назад

    Swami ji ko kotti kotti naman

  • @KamalSrivastava-e6k
    @KamalSrivastava-e6k Месяц назад +2

    स्वामी जी आपका कहना ठीक है लेकिन कलयुग बढ़ने का कारण दूसरा है पहले माताएं बहनें चरित्रवान होती थी लेकिन अब माताओं बहनों का चरित्र गिर गया। जिससे पाप बढ़ गया और कलयुग भी बढ़ गया।

  • @HaridevSharma-rc1jv
    @HaridevSharma-rc1jv Месяц назад +1

    जब भगवान् मिलावट का प्रसाद स्वीकार नहीं करते तो क्या मिलावट का इतिहास धार्मिक ग्रन्थों में श्रीराम और श्री कृष्ण के जीवन चरित्र पर दुष्प्रचार को स्वीकार करेगा।

  • @Udaysingh-y5f8r
    @Udaysingh-y5f8r Месяц назад +1

    Om