Ha bhai jaise aap log vegetarian hain. Hum khud ek jiwanu se jiw or fir ek aadmi bante hain or jine se lekar marne tak aise chote jiwanu khate hain or un khano ko pchata bhi jiwanu hain so aap apne aap ko vegetarian kaise bol sakte hain ha ye bat agal hain ki aap un jiwanu ko dekh nahi skte hain
@@tulbahadurlama9254 Agar Sach me apko jiwanu ki chinta hoti toh, aap iss Tarah baat nahi karte, agar aap ki baat Maan bhi le toh bhi hum vegetarian wale sirf jiwanu ko marte hai, magar non veg wale jiwanu ko bhi marte hai aur chicken mutton khake jivo ko bhi marrte hai. Toh aap batayiye kon huya jyada bada paapi
Ye sab maas murga khate hai isiliye video bna bna kar safai pes karte rehte hai ki hume koi galat na samjhe or jo vegeterian hai wo bhi murga khane lage or inske jaisa hi ban jaye to fir inse sawal karne wala koi bachega hi nhi.... Or ek swal jarur puchuga jab ye murga bakra kha kha ke sab khatam kar dege fir uske baad kya khayege insaan ko khana padega fir to kyu ki inko to maans khane ki lat lag gai wo to jayegi nhi
दिव्यकीर्ति के पास भौतिक भावनाएँ हैं और प्रेमानंद महाराज जी के पास शाश्वत भावनाएँ हैं। भौतिक भावनाएँ हमें दुःख देती हैं और शाश्वत भावनाएँ हमें शाश्वत सुख देती हैं। तदनुसार आपको इन दोनों लोगों के तर्क को स्वीकार करना चाहिए। मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो दिव्यकीर्ति से भी अधिक सफल हैं और प्रेमानंद महाराज जी के पास आये हैं तथा उनके द्वारा सिखाये गये सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं।❤❤❤
मनुष्य को प्रकृति का दो वरदान है , 1, स्वतन्त्रता 2, जिम्मेदारी कुछ भी करो या कुछ भी खाओ लेकिन जिम्मेदारी को याद नहीं रखोगे तो प्रकृति तुम्हें वैसे ही वापस करेगी । मनुष्य स्वतंत्र तो है लेकिन जिम्मेदारी ये है कि समस्त जीव की सुरक्षा भी मनुष्य ही कर सकता है।
वाह! तो आपके हिसाब से इंसान को ज़रा सी आज़ादी मिली नहीं कि वो बस जंगल में घुसकर शेर के मुंह में अपना सिर डाल देगा, और फिर याद आएगा, 'ओह, जिम्मेदारी!' क्या आप सच में मानते हैं कि हर इंसान को सुबह उठते ही सबसे पहले अपने 'जिम्मेदारी ऐप' पर चेक करना चाहिए कि उसने आज किस-किस की सुरक्षा करनी है, वरना प्रकृति उसे बिजली के बिल की तरह आकर थप्पड़ मारने वाली है? अगर इंसान आपकी तरह सोचने लगे, तो शायद वो हर कदम पर 'प्रकृति का बदला' सोचकर कांपते हुए चलेगा!
लाखों करोड़ों जीव को दूसरे जीव खा रहे हैं यह व्यवस्था प्रकृति ने की है, और वह इसके अलावा कुछ खा भी नहीं सकते ना वो उसे पचा पाएंगे ना उससे उनको ऊर्जा मिलेगी तो क्या प्रकृति या ईश्वर ने गलती की है जीवन है तो फिर मौत भी आएगी दोनों के बीच में दर्द है
दिव्यकीर्ति सर अगर ताकतवर कमजोर को खा जाता है और अगर आप इस नियम से सहमत है तो अगर मान लीजिये कल कोई दबंग आदमी आपको प्रताड़ित करे तो इसका मतलब आप उसका भी समर्थन करेंगे। क्योकि वह आपसे ताकतवर है और आपको दबा सकता है तो यह मत्स्य न्याय के हिसाब से सही है।
Divyakirti ek nastik vyakti hai aur iska sara gyaan hinduo ke khilaf hota hai, ye data apne anusar bana leta hai, maine iski 75 videos 75 times dekhi hain tab pata chala ki ye education ki aand me anti-sanatan, anti-hindu anti-sawarn ka agenda chala raha hai
मुझे यह लगता है की धरती पर सिर्फ इंसान ही एक ऐसा प्राणी है धरती पर जिसे ईश्वर ने बुद्धि और विवेक दिया है और क्या गलत है और क्या सही है इसका निर्णय करने की क्षमता दी है। मनुष्य के पास भोजन के बहुत से विकल्प है मनुष्य का उद्देश्य सिर्फ पेट भरना है प्रकृति ने मनुष्य के पास अनगिनत विकल्प दिए है जिससे वह अपने भोजन की व्यवस्था कर अपनी भूख शांत कर सकता है। यदि उसके पास कोई विकल्प न होता तो एक बार आपके मत्स्य न्याय वाले नियम को सही माना जा सकता है परन्तु जो लोग सिर्फ स्वाद के लिए और अन्य विकल्प होते हुए भी मांसाहार करते है वह जरूर गलत कर रहे है।
Kiuki insan ke paas dimag , isiliye wo ye b sochta h ki kya galat h kya sahi h. Par prakrati me kuch b baat sahi or galat nahi hoti. Ye sab insan ka banaya h. . 100 paap or 100 punya karne wale 2 log bhi Marne ke baad mithi me ek jese mil jaate h.
@@classroom3223 ऐसा नही है अगर 100 पाप और 100 पुण्य करने वाले के कर्म बराबर होते तो दुनिया में सभी लोग या तो बराबर से सूखी होते या दुखी होते। जो लोग गलत करते हैं उनको अपने गलत कर्मो का हिसाब जरूर देना पड़ता हैं। कभी कभी आप देखेंगे कि कुछ लोग जन्म से अंधे होते है कोई कोई जन्म से किसी न किसी शारिरिक कमी होती है। यह सब कर्मो के कारण ही होता हैं। कोई जीवन भर भीख मांगता है तो कोई करोड़पति के घर में पैदा हो जाता हैं। यह सब कर्मो का फल है।
@@AP-eb8hdvikas sir ka Gandhi ji wala prasang aur Premanand maharaj ji ke baat same hi to hai Aap fir se sunlo Agar logically maharaj ji galat hain to Gandhi ji aur Vikash Sir v galat hain
Sir जब प्राकृतिक नियम यह कहता है की ताकतवर कमजोर को खा सकता है ये गलत नहीं है तो फिर मानवाधिकार आयोग किस लिए बनाया गया है...? आप भी तो अपने बेटे से ताकतवर हैं तो उसको क्यों नहीं खा जाते...? सारे नियम बेजुबान जीवों के लिए ही क्यों। जब ख़ुद को जानवर से ही तुलना करना है तो सारे काम जानवर की तरह ही करो। अपने सारे नियम कानून छोड़ो रहो जंगल में।
मांसाहारी जानवर के पास मांस खाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है, किन्तु मनुष्य के पास तो विकल्प हैं न। और फिर मनुष्य इस चराचर जगत का विवेकशील प्राणी है और जब वही बाकी जीवो को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा। मानव होने के नाते कुछ हमारे कर्तव्य भी तो होते हैं....
Are bhai Ram ji वनवास के समय हिरन का पीछा करते हुए चले गए थे, कौन था स्वर्ण मृग ? तो क्या बिना तीर चला ही उसको पकड़ सकते थे. अपने पास धनुष बाण रखते क्यों थे क्या सिर्फ दिखाने के लिए 🤷🏻♂️
@BholaramX narak swarg chodo jivan me jo sukh dukh aate hen woh karmo ka hi parinaam hota he aap jisko Aaj kat rahe hen prakruti usko bhi mouka dega badla lene keliye eak din aapko jarur samajh me ajayega sukh ke samay lagta he parantu prakruti jav negative parinaam dega tab aapko anubhav hoga fir mujhe yaad karna
मांसाहार करना अच्छा है या बुरा ये सवाल नही है... श्रद्धा है या नहीं इससे भी कोई फरक नहीं पडता... लेकीन पर्यावरण को फरक पडता है... आप खुद को अगर थोडा भी बुद्धिमान समजते है तो मांसाहार या फिर कोई भी animal origin food नहीं खाना चाहिए... पेहेले जैसी परिस्थिती आज नहीं है... हमारी वजह से, हमारी जीभ की वजह से हम खुद का ही नुकसान कर रहे हैं
@@jaideeprawat7553 तो करो.. मना कौन कर रहा है.. जितना हो सकते avoid करो.. अगर आप सब्जी खाकर जिंदा रेह सकते हो तो क्यू animal food खाना है अपने मजे के लिये... ये सब excuse है अपने आप को सच साबित करने के.. करो भाई.. जो करना है
तो आप ये कह रहे हैं कि दिव्यकीर्ति जी सिर्फ किताबें ही पढ़ते हैं और वो बाकी दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं जानते? मतलब, अगर कोई व्यक्ति पढ़ाई करता है, तो वो असल जिंदगी के बारे में कुछ भी नहीं समझ सकता? क्या आप ये मानते हैं कि दिव्यकीर्ति जी को जीवन के बाकी पहलुओं का कोई भी अनुभव नहीं है, और वो सिर्फ किताबों में जो लिखा है वही समझ सकते हैं?*
Array Bhai , Teacher aur Preacher me antar hota hai. Divyakriti apni soch nhi btaa rhaa ya pravachan nhi de rhaa balki wo Darshan ( Philosophy ) ka teacher hai aur Philosophy me saare Tark Cover karne hote hain. IAS ki Taiyari kro tab samajh me aayegaa.😂
बहिया जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन जैसा पिओगे पानी वैसी बोलोगे वाणी इनका दोष नहीं हैं इन्होंने शिक्षा ही अंग्रेजो वाली ली हैं इन्हें संत सत्संग की आवश्यकता हैं 🕉️ और बहियां प्रेमानंद जी जैसा संत न होते तो हमे कभी मालूम ही नहीं होता की हम कहा कितना गलत जा रहे हैं🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
जब ईश्वर/भगवान/अल्लाह ने तुम्हे मानव रूपी जीवन दिया तुम्हे इतना सक्षम बनाया है कि तुम किसी भी पदार्थ से नया उत्पाद बना सकते जैसे दूध से घी, छाछ,मक्खन फल - सब्जी इत्यादि पकाकर खा सकते हो तो मांस को आहार क्यों बना रहे हो वो केवल जानवर ही हैं जिनको जीने हेतु अन्य जीवो का भक्षण करने की आवश्यकता होती हैं आप उनकी तरह लाचार महसूस ना करे इसलिए प्रकृति ने जिस काबिल बनाया वो बनो
Shri premanand Maharaj ji ko dandawat prnam Jo bhi bat Maharaj ji dwara bola jata hai wo bilkul saty hai kyo ki manusya ke rup me Maharaj ji bhawan hai
⛳🌞टीचर है but इनको आध्यात्मिक,🌌 ब्रह्मांड,ईश्वर की लीलाओं और रचनाओं का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं हैं। 🌠 कभी-कभी एक अच्छे शिक्षक भी पागलों जैसा बातें करने लगते हैं।☄️
@@UnKnown-bl6pd क्योंकि,मांस खाने के लिए support,बढ़ावा दे रहे हैं सर, देख नही रहे है। आदमी मांस खाए या न खाए ये तो मनुष्य के उपर निर्भर है लेकिन ये कह देना की आदमी को मांस खाना चाहिए के लिए प्रोत्साहित करना ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
8.4 million species me se manav ko daya,karuna, empathy jyada ata he.human not meant to be mansahari,lord says if u do so ur count will be according to cannibal not like human destination (moksha the libratio),u gets trapped into infinite cycles of revenge).
अब तक विकास को में बुद्धिमान पढ़ा लिखा आदमी समझता था पर इनका ज्ञान जीरो बटे सन्नाटा है जिस आदमी को प्राकृतिक का सिद्धांत ही पता नहीं वह कैसे अच्छा शिक्षक बन सकता है
Philosophy pdh.....pta chl jayega....what is wrong and what is right... Ghr me khud lakho kido mcchro ko marta h...tb nhi dikhta #Survival of the fittest
"Jab se admiyo ne janwaro ko khana shuru kya hain, tab se insaan janwar ban geya hain" This line inspired me alot to became a vegetarian. And i can say that i am a veterain for 1 year.
U really right bro, ऐसे इंसान को सोभा नही देता इतने ज्ञानी को जो मांस को खाना बता रहे, भाई दम नही है यार किसी मे पक्का आदमी की काबिलियत देखते है दुनिया, अरे जीव जंतू से प्रेम तोह खुद परमात्मा ने किया है, सच मे इंसान ज्यादा पड़ने से ज्यादा फेमस होने से घमंड आने लगता है,
@@SunilKumar-qy7chAre bhole dost vikaas sir ne jo bola use acche se samjho wo kya kehna chahte hai..Insaan ne upar uth kar yeh system kyu banaya?? Unki baat ko gehraai se samjho
अगर मनुष्य अन्य जानवरों की तरह छोटे जानवरो को मार कर खाता है😊 तो मनुष्य और जानवर में क्या फर्क रह जायेगा।😢 बन्दर में भी मनुष्य जैसी प्रवित्ति होती है क्या बन्दर भी मांस खाता है??
थलचर जानवर जल चर को खा जाता तो क्या उनमे अंतर समाप्त हो जाता है तो इंसान और जानवर में अंतर समाप्त होने का तर्क क्यू देते हो बंदर की ही प्रजाति होती चिपंजियों की वो चींटियां खाते हैं तो क्या वो जीवहत्या नही...
मानव विकास की राह पर है मांसाहारी से शाकाहारी होना विकास का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है लेकिन मानव ने इसे अभी पूर्णतया नहीं अपनाया है पक्ष विपक्ष में दिए गये तर्क तथ्यों से परे है । मूल बात संवेदनशील होने, दया भाव करूणा होने से है जो मानव के श्रेष्ठ होने का प्रमाण होती है ।
Insaan Sabse takatwar hai esliye jitne galat kam wo kr skta hai krta hai lekin jb khud pr padti hai to use bhagwan ki yaad aati hai Wo bhagwan se umeed krta hai ki bhagwaan sun lega Ye aishe hi hua ki khud galat kro to sahi hai aur dusra koi kre to galat hai
Vikash sir ko ek baar Jana chahiye premanand ji Maharaj ke pass.....wo ussi samay samajh jayenge ki wo abhi tak jisse bhi debate kiye h inke saamne kuch nhi h❤❤❤
@@chandanshrivastava9738 Hathi ek shakahari prajati hai usi prakar manushya bhi ek shakahari prajati hai.Can you eat meat like lions or tigers by hunting them without cooking if you can then you are also a non vegetarian.
@@English24-7 abe bhai apna dimag apne paas rakh yaha koi dinasaur ko nhi khara ya lion aur tiger ko jo khane layak janwar hai unko hi khara hai aur human body veg and non veg dono food khakar evolve hui hai aur y premanand bhi unhi insaano ki nasal k hai. jisko sage संत banna h usko puri moh माया chorni padti khane me kuch nhi rakkha meditation krle toda issey aage bad aur bol जय shiv shambhu 🤍
Nahi bhai 0/any number. Not 0/0 ye to anant ko prakashit karta hai aur ye mudh ne to kabhi satsang nahi kiya pura jeevan bhogo me lipt hai aur jo lobhi me hai mudh hi hai
देवाधिदेव महादेव के परिवार में मूषक, सर्प, नंदी, सिंह एवं मयूर सभी रहते हैं किन्तु कोई एक दूसरे से लड़ता नहीं,झगड़ता नहीं। अस्तु आध्यात्मिक महापुरुष के संपर्क में सभी जीव प्रेम भाव से रहना सीख लेते हैं।
जिस किसी को भी comments पढ़के हसीं आई वो like करे 😂😂 यहां लोग दो ग्रुप में बटे हुए है उनको लग रहा है की विकास सर मसाहारी का समर्थन कर रहे है और महाराज जी शाकाहारीयों का लेकिन गौर से सुनो दोनो एक ही बात बोल रहे है बस कहने का तरीका अलग अलग है। ताकतवर कमजोर को खा जाता है ये नियम विकास सर ने नही बनाया ये तो पहले से ही चला आ रहा उनका काम है अपने विद्यार्थीयों को सब बताना की किसने क्या कहा है, डार्बिन ने क्या कहा, महात्मा गांधी के क्या विचार थे इसपर। ताकि लोग पूरी तस्वीर समझ सके नाकि सिर्फ कुछ लोगो की बात सुनके अपने विचार बना ले की यही सत्य है सबकी बात सुनके ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है ना। उन्होंने अपनी तरफ से कुछ नही कहा सिवाय इसके की उनका बेटा भी मांस खाता है और में उसको रोकता हूं या कम करन कोे बोलता हूं। धन्यवाद 🙏🙏
@@Dhirajkumar-ef1qc जी भाई, लोग अगर अच्छे से सुन लें तो जान जायेंगे की क्या कहा जा रहा है। लोग vs का चिन्ह देखकर ये समझने लगते है की दोनो अलग अलग बात बोल रहे है फिर अपनी प्रतिक्रिया दे देते है। धन्यवाद आपका 🙏🙏
आगर शुरुआत से प्राणी शाकाहार होता तो ये संसार में जो जो पैदा हो गया है वो अभी कमेंट भी नही कर पता। सबकुछ ठीक है यह सच है कि सब प्रकृति के नियमों पर आधारित है। अभी सब जो बाबा बने बैठे हैं ना वो भी मांसाहार से ही पैदा हुआ है शुरुआत में सब जीव ऐसे ही थे ।
1. डार्विन के सिद्धांत को अगर हम समजे तो survival of the fitest बिल्कुल सही है - कुछ इसमें तर्क देते है की फिर इंसान - इंसान को कियू नहीं खाता , तो मे कहुग की अपने किसी दूसरी मसहरी प्रजाति ( canine carnivorus mammel ) ओर सर्वहारी (ominvorus mammel) को देखा है अपनी प्रजाति के जीवों को खाते हुए - उद्धरण के लिए शेर कभी अपनी प्रजाति को नहीं खाता है , शेर समूह मे रहते है सामाजिक प्राणी है नर मद उनके शावक (baby) भाई बन्दु मिलकर रहते है ओर मसहरी जीव है सभी लेकिन दूसरी प्रजाति का शिकार करते है हा काही इका-दुक्का अपवाद हो सगता है जहा पे कुछ परिसतीती मे व अपने लोगों को खा ले ,लेकिन बड़े पेमाने या generally एस नहीं देखा जाता है ओर यही कुत्ते , बिल्ली, भेड़िया , भालू , chimpanze या बाकी होमो स्पीशीज़ मे नहीं देखा जाता है तो इंसान कियू अपनी प्रजाति को खाएगा जब एसी कोई परिसतीती नहीं है 2. कुछ लोग कहते है , तो बाकी जानवर तो कच्चा खाते है आप कियू नहीं खाते है - ईवोलूशन की प्रक्रिया मे होमो स्पीशीज़ ने आग की खोज करने से कच्चा मीट खाने की क्षमता खो दी है ये लाखों सालों की प्रक्रिया मे हुआ है जब से आग खोजी गई है हम ईवाल्व हो गए है , - अब एक ओर सवाल ये भी है की इंसान सबजिया पत्ती भी आग मे पका के ही खाता है - बाकी शाखाहारी जीव तो इनको कच्छ खाते है तो एसे तो हम इंसान भी उन्हे कच्चा नहीं खाते कियूकी एसी क्षमता इंसानों मे नहीं है हम हर चीज ही पकका के खाते है ओर हुमने आग से सबसे पहले सब्जी पत्ती के बजाए मास पक्का के खाना पहले सुरू किया तो तर्क भी बे बुनियाद स लगता है 3. समाज, संस्कृति - मीट मछली खाना पीना आपके परिवेश मे निर्भर करता है , आप किस समाज मे जनम लेते है परिवार किया खाता है ओर आपके दोस्त मित्र किया खाते है धर्म या विशेष पंत (sect ) को मानते है , ये संस्कृति को बताता है - एक शाखाहारी परिवार मे उसके समाज परिवार सुरू से ये बताए गे की मीट मछली गंदी चीज है ओर कुछ लोग इसे भी आगे बड़ जाते है जो ये भी सीख देते है की मीट खाने वाले लोग गंदे संदे होते है तो वो इंसान बचपन से वेसी ही छबि बना लेगा बकियों के प्रति , ओर उसके लिए शाखाहारी भोजन ही सर्वसेस्ट होगा - सर्वहारी परिवार जो मास मछली या शाखाहारी भोजन खाता है य उसका परिवार , समाज के लोग रिस्तेदार , दोस्त किया खाते है ,यह से उसके खाने पीने को लेकर विचार जनम से बनते है ,उसके हिसाब से वेसे ही उसकी संस्करती बनी है , तो उसके लिए मास खाना पीना कोई बड़ी बात नहीं है अब इसमें ये कहना की मीट खाना किया बजबूरी है ये गलत है कियूकी खाने पीने की आदत उसकी वेसे बनी है
@@natureearthbeauty5542 समाज, संस्कृति - मीट मछली खाना पीना आपके परिवेश मे निर्भर करता है , आप किस समाज मे जनम लेते है परिवार किया खाता है ओर आपके दोस्त मित्र किया खाते है धर्म या विशेष पंत (sect ) को मानते है , ये संस्कृति को बताता है - एक शाखाहारी परिवार मे उसके समाज परिवार सुरू से ये बताए गे की मीट मछली गंदी चीज है ओर कुछ लोग इसे भी आगे बड़ जाते है जो ये भी सीख देते है की मीट खाने वाले लोग गंदे संदे होते है तो वो इंसान बचपन से वेसी ही छबि बना लेगा बकियों के प्रति , ओर उसके लिए शाखाहारी भोजन ही सर्वसेस्ट होगा - सर्वहारी परिवार जो मास मछली या शाखाहारी भोजन खाता है य उसका परिवार , समाज के लोग रिस्तेदार , दोस्त किया खाते है ,यह से उसके खाने पीने को लेकर विचार जनम से बनते है ,उसके हिसाब से वेसे ही उसकी संस्करती बनी है , तो उसके लिए मास खाना पीना कोई बड़ी बात नहीं है अब इसमें ये कहना की मीट खाना किया बजबूरी है ये गलत है कियूकी खाने पीने की आदत उसकी वेसे बनी है
@@natureearthbeauty5542 मीट मछली खाना पीना आपके परिवेश मे निर्भर करता है , आप किस समाज मे जनम लेते है परिवार किया खाता है ओर आपके दोस्त मित्र किया खाते है धर्म या विशेष पंत (sect ) को मानते है , ये संस्कृति को बताता है - एक शाखाहारी परिवार मे उसके समाज परिवार सुरू से ये बताए गे की मीट मछली गंदी चीज है ओर कुछ लोग इसे भी आगे बड़ जाते है जो ये भी सीख देते है की मीट खाने वाले लोग गंदे संदे होते है तो वो इंसान बचपन से वेसी ही छबि बना लेगा बकियों के प्रति , ओर उसके लिए शाखाहारी भोजन ही सर्वसेस्ट होगा - सर्वहारी परिवार जो मास मछली या शाखाहारी भोजन खाता है य उसका परिवार , समाज के लोग रिस्तेदार , दोस्त किया खाते है ,यह से उसके खाने पीने को लेकर विचार जनम से बनते है ,उसके हिसाब से वेसे ही उसकी संस्करती बनी है , तो उसके लिए मास खाना पीना कोई बड़ी बात नहीं है अब इसमें ये कहना की मीट खाना किया बजबूरी है ये गलत है कियूकी खाने पीने की आदत उसकी वेसे बनी है
दिव्यकीर्ति, कम से कम अपने कुल के नाम पे चलो. मांसभक्षण का समर्थन करके कौनसी कीर्ति प्राप्त करोगे आप. आप के पास सांसारिक, भौतिक ज्ञान होगा लेकिन अध्यात्म ज्ञान से दूर हो 🙏
Divya Kirti Mahatma premanand donon ke hi Tarak mansahari ke khilaf hai donon mein hi Sahi samjhaya kyunki ham Insan Hain Janwar jeev nahin Radhe Radhe
मनुष्य अन्य जीवित प्राणियों से एक पहलू में भिन्न है.....उसके पास विवेक या विवेक की शक्ति है। यह शक्ति चाहती है कि वह अन्य प्राणियों के साथ वैसा ही व्यवहार करे जैसा वह अपने साथ चाहता है... इसलिए अन्य प्राणियों को नुकसान न पहुँचाएँ या मारें नहीं, जैसे आप नहीं चाहेंगे कि दूसरे आपको मारें या आपको चोट पहुँचाएँ...।
sir apki baat practical base pr shi he hr samjhdar or suljhe huye insaan ko aap psand ho or sb logo se bhi vinti he ki pehle video poora dekh liya kro fir kuch bhi coment kia kro sirf adhi baat sun kr kisi ko bhi juj krna galat he jai shree ram ❤❤
जानवरों का जो जीवन होता है वह भोग योनि का जीवन है मनुष्य का जन्म कम योनि वाला जीवन होता है दोनों में हम समानताएं नहीं कर सकते हैं मनुष्य के जीवन में भक्ति मार्गहै
Humans are also an animal eska proof ye hai ki aap pathar nahi kha sagte mitti nahi kha sagte , lekin aap meat or sabji , kha sagte hai wo pachne yogya hai wo bhi unko paka ke khaya jaye apka sarir ki banawat hi esi hai Evolution ko kesa thukrayega jise tum bane ho
@@GOLDROGER-xt3bx अच्छा बेटा human is also animal? Animal तो जंगल में जो भी मादा मिले उसके साथ संभोग कर लेते है सामान्य बात है इनके लिए, तेरे घर के महिलाए जा रही हो और कोई बीच सड़क में उनके साथ संभोग कर ले तो तू क्या बोलेगा... कि दीदी रोवो मत human is also animal ये तो सामान्य बात है संभोग करना , प्रकृति ने हमे ऐसा बनाया ही है।
प्रिय दोस्त यदि थोड़ी भी धार्मिक समझ आप रखते है तो इस बात पर विचार कीजिएगा की जिस प्रकार आपको अपना शरीर प्रिय है जैसे आपको जीने का अधिकार वैसे अन्य पशु पक्षियों को भी है। यदि जब अपने किसी भी पशु को जन्म नही दिया तो उसे मारने का अधिकार भी आपका नही। संपूर्ण ब्रह्मांड में समस्त जीव जंतुओं को जीवन जीने का अधिकार है। आप विचार कीजिए.......! में उम्मीद करूंगा दोस्त की आप समझने का प्रयास करेंगे। यदि आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची तो में क्षमा मांगता हूं ❤
Bhai woh pada raha hain,,,,sahi galat nahi bata rahe hain padai ke liye jo jo bolna cahiye woh bol rahe hain,,,,,aur kisi ko jor zabardasti mass nahi khane ko bol rahe hain,,,,,toda dimag lagao mandbuddhi.
Manshaahari के लिए दुनिया सरल है,क्योंकि फिर वो कुछ भी कर सकता है जीवन यापन के लिए,इसलिए उसके लिए आसान रहता है जीना,पर जब लाइफ दिमाग फिराती है,लाइफ के लोफड़े लगते हैं,तब समझ आता है।की मांसाहार ही मुख्य कारण है,जीवन के सत्यनास का।
*मुझे तो इस फटीचर कीर्ति को देखकर हंसीआ रही है। यह महाराज जी के सामने उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। आज से मैं इस टीचर को सबसे दुष्ट क्रूर निर्दयी राक्षस मानता हूं।*
Manushya ko ishwar ne samvedna karuna aven prem ka bhaav diya hai isliye prakarti ka niyam hai manav maans naa khaye aur taqatwar hone ke saath saath manushya vicharsheel bhi hai woh chintan kar sakta ache bure sahi galat mein antar kar sakta hai humare mahan purvaj 1000 saal pehle bharat mein bina maans sevan ke jeete thae aur itne svasta jeevan jeete thae balshali hote thae isliye logo ka mindwashed mat karo mans Sevan kbhi justificable nhi ho sakta yeh ek ghor paap adharma avem kukarma hai
Tu bhagwaan hai kya tujhme itna confidence kese agya bhai sabse bada kukaram hai shaadi krlena bacche paida karlena moh माया sabse pahle isi me phasati hai insaano ko aur समय nikal jata phir bhagwaan puchtey hai uppper ky kiya tune beta to tu bolna veg aur nonveg पर bahes करता tha. bhagwan टिप markar phir niche bhjdengey 🤡
@@saradphokrel4696 shadi krne se kisi ka kuch nhi hua aur maans khana kisi ki nirmamta se hatya apne swaad matra ke liye dono ek nhi ho sakte Aur shadi karna kukarma hai toh shree ram kabir das guru nanak guru Gobind Singh ji chatrapati shivaji maharaj sabhi kukarmi hai Aisa kukarmi hona mai bhi chahunga 😌
Vote for veg, vote for premanand maharaj ji
Ha bhai jaise aap log vegetarian hain. Hum khud ek jiwanu se jiw or fir ek aadmi bante hain or jine se lekar marne tak aise chote jiwanu khate hain or un khano ko pchata bhi jiwanu hain so aap apne aap ko vegetarian kaise bol sakte hain ha ye bat agal hain ki aap un jiwanu ko dekh nahi skte hain
@@tulbahadurlama9254 Agar Sach me apko jiwanu ki chinta hoti toh, aap iss Tarah baat nahi karte, agar aap ki baat Maan bhi le toh bhi hum vegetarian wale sirf jiwanu ko marte hai, magar non veg wale jiwanu ko bhi marte hai aur chicken mutton khake jivo ko bhi marrte hai. Toh aap batayiye kon huya jyada bada paapi
@@Cineworldexplain ekadam sahi jawab😂😂
Ye sab maas murga khate hai isiliye video bna bna kar safai pes karte rehte hai ki hume koi galat na samjhe or jo vegeterian hai wo bhi murga khane lage or inske jaisa hi ban jaye to fir inse sawal karne wala koi bachega hi nhi.... Or ek swal jarur puchuga jab ye murga bakra kha kha ke sab khatam kar dege fir uske baad kya khayege insaan ko khana padega fir to kyu ki inko to maans khane ki lat lag gai wo to jayegi nhi
Abhi inka bachha papa ko khus karne ke liye maans chor deta hai fir apneaap ko khus karne ke liye inko hi khayega
जो इंसान शुद्ध शाकाहारी नशा मुक्त है मेहनत ईमानदारी से काम कर रहा है औरधर्म के रास्ते पर चल रहा रहा है वही लोग सही है
Vikash sir itane mahan ho gaye
😮😮😮😮😅😅😅😢😢😂😂🎉🎉❤❤😊😊
महानता का बिंदु क्या है तेरे हिसाब से आर्थिक स्थिति अछी होना या हजार 2 हजार लोगों जान जाए मतलब क्या बिंदु है महानता का ??
@@aryavasu2989जो आत्म से संतुस्ट हो जिसे नाम दौलत और पैसे तथा काम की चाह ही ना हो त्याग की भावना रखता हो वो ही महान है सर्वधर्म समभाव की भावना
@@chuhilucy2714 बिल्कुल सही मन से परे जाना समस्त इन्द्रियों पर विजय पाना
परमपूज्य गुरुदेव श्री प्रेमानंद जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन🙌
Bhagwan ne esi duniya banai q nahi ki tiger ke liye seb diye jae
दिव्यकीर्ति के पास भौतिक भावनाएँ हैं और प्रेमानंद महाराज जी के पास शाश्वत भावनाएँ हैं। भौतिक भावनाएँ हमें दुःख देती हैं और शाश्वत भावनाएँ हमें शाश्वत सुख देती हैं। तदनुसार आपको इन दोनों लोगों के तर्क को स्वीकार करना चाहिए।
मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो दिव्यकीर्ति से भी अधिक सफल हैं और प्रेमानंद महाराज जी के पास आये हैं तथा उनके द्वारा सिखाये गये सिद्धांतों का पालन कर रहे हैं।❤❤❤
Good
𝓟𝓻𝓮𝓶𝓪𝓷𝓪𝓷𝓭 𝓳𝓲 𝓶𝓪𝓱𝓪𝓻𝓪𝓳 𝓴𝓲 𝓳𝓪𝓲❤❤❤❤
Galat kaha bolte hai bhai bata sakte hai
Sukh ek bhram hai
आज पता चला किताबी ज्ञान से जरूरी आध्यात्मिक ज्ञानहै
AndhBhakt
@@sauhta30 ha tabhi to aj modern technology use karke comment kar pa raha hai tere papa ne adhyatmik Gyan se banaya tha
Tumhare premanan maharaj technology ka sahara q le rhe
मनुष्य को प्रकृति का दो वरदान है ,
1, स्वतन्त्रता
2, जिम्मेदारी
कुछ भी करो या कुछ भी खाओ
लेकिन
जिम्मेदारी को याद नहीं रखोगे तो
प्रकृति तुम्हें वैसे ही वापस करेगी ।
मनुष्य स्वतंत्र तो है लेकिन जिम्मेदारी ये है कि समस्त जीव की सुरक्षा भी मनुष्य ही कर सकता है।
वाह! तो आपके हिसाब से इंसान को ज़रा सी आज़ादी मिली नहीं कि वो बस जंगल में घुसकर शेर के मुंह में अपना सिर डाल देगा, और फिर याद आएगा, 'ओह, जिम्मेदारी!' क्या आप सच में मानते हैं कि हर इंसान को सुबह उठते ही सबसे पहले अपने 'जिम्मेदारी ऐप' पर चेक करना चाहिए कि उसने आज किस-किस की सुरक्षा करनी है, वरना प्रकृति उसे बिजली के बिल की तरह आकर थप्पड़ मारने वाली है? अगर इंसान आपकी तरह सोचने लगे, तो शायद वो हर कदम पर 'प्रकृति का बदला' सोचकर कांपते हुए चलेगा!
लाखों करोड़ों जीव को दूसरे जीव खा रहे हैं यह व्यवस्था प्रकृति ने की है, और वह इसके अलावा कुछ खा भी नहीं सकते ना वो उसे पचा पाएंगे ना उससे उनको ऊर्जा मिलेगी
तो क्या प्रकृति या ईश्वर ने गलती की है
जीवन है तो फिर मौत भी आएगी दोनों के बीच में दर्द है
Is bat ko dhyan se sochoge to Uttar bhi mil jayega sar me dimag rahega to !nas***jh !@@muhammadwahajuddin6969
@@muhammadwahajuddin6969शेर बाघ "इंसान का मांस" खाते है, अल्लाह ने इंसान का मांस खाने के लिए ही बनाया है😂
दिव्यकीर्ति सर अगर ताकतवर कमजोर को खा जाता है और अगर आप इस नियम से सहमत है तो अगर मान लीजिये कल कोई दबंग आदमी आपको प्रताड़ित करे तो इसका मतलब आप उसका भी समर्थन करेंगे। क्योकि वह आपसे ताकतवर है और आपको दबा सकता है तो यह मत्स्य न्याय के हिसाब से सही है।
Bhai sir ne ye nhi bola ye logo dwara diye tark ko bta rhe hai sir nonveg ko support nhi kar rahe hai
Vah bhai
Divyakirti ek nastik vyakti hai aur iska sara gyaan hinduo ke khilaf hota hai, ye data apne anusar bana leta hai, maine iski 75 videos 75 times dekhi hain tab pata chala ki ye education ki aand me anti-sanatan, anti-hindu anti-sawarn ka agenda chala raha hai
Wo food chain ki baat kar rahe bhai
@@ppkkyy5489 food chain jaisa real me kuchh hota hi nahi, food web real hai,
प्रेमानंद जी महाराज जी सही है 😊
Asharam bapu ko defend krte h
Premanand ji maharaj kehte hain dharti paani me tair rahi hain
@@onkarwandare5508 lekin andhbhakt andhvishwas ki giraft me aa hi jate h
इन्सान का मांस अघोरी हिन्दू खाते है, इंसान का मांस सबसे टेस्टी होता है
I am Follow &💗Vote for premanand maharaj 🙏🏻🙏🏻❤❤
दुनिया का विज्ञान जहां से खत्म होता है उसके सर की छोटी से आध्यात्मिक ज्ञान शुरू होता है जय गुरुदेव
मुझे यह लगता है की धरती पर सिर्फ इंसान ही एक ऐसा प्राणी है धरती पर जिसे ईश्वर ने बुद्धि और विवेक दिया है और क्या गलत है और क्या सही है इसका निर्णय करने की क्षमता दी है। मनुष्य के पास भोजन के बहुत से विकल्प है मनुष्य का उद्देश्य सिर्फ पेट भरना है प्रकृति ने मनुष्य के पास अनगिनत विकल्प दिए है जिससे वह अपने भोजन की व्यवस्था कर अपनी भूख शांत कर सकता है। यदि उसके पास कोई विकल्प न होता तो एक बार आपके मत्स्य न्याय वाले नियम को सही माना जा सकता है परन्तु जो लोग सिर्फ स्वाद के लिए और अन्य विकल्प होते हुए भी मांसाहार करते है वह जरूर गलत कर रहे है।
Vikas jaise wampanthi soch walon ko samajh nhi ayega....
@@UjjwalMishra-nk4xn I hope you realize he is also a pakka vegetarian.
Kiuki insan ke paas dimag , isiliye wo ye b sochta h ki kya galat h kya sahi h. Par prakrati me kuch b baat sahi or galat nahi hoti. Ye sab insan ka banaya h.
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100 paap or 100 punya karne wale 2 log bhi Marne ke baad mithi me ek jese mil jaate h.
@@classroom3223 ऐसा नही है अगर 100 पाप और 100 पुण्य करने वाले के कर्म बराबर होते तो दुनिया में सभी लोग या तो बराबर से सूखी होते या दुखी होते। जो लोग गलत करते हैं उनको अपने गलत कर्मो का हिसाब जरूर देना पड़ता हैं। कभी कभी आप देखेंगे कि कुछ लोग जन्म से अंधे होते है कोई कोई जन्म से किसी न किसी शारिरिक कमी होती है। यह सब कर्मो के कारण ही होता हैं। कोई जीवन भर भीख मांगता है तो कोई करोड़पति के घर में पैदा हो जाता हैं। यह सब कर्मो का फल है।
Bechaare ped paudho ko bhi nahi khana chahiye aur unke bachcho ka kya hoga jise hum fruit kehkar khate hai
Kaon kaon premanad Maharaj ko di support karta hai ❤❤❤
Don't support maharaj ji bas jo vo bol rhe hai usko maan lo bas itna he bhoot hai
what support.. there is no logic in what he is saying..
@@AP-eb8hdvikas sir ka Gandhi ji wala prasang aur Premanand maharaj ji ke baat same hi to hai
Aap fir se sunlo
Agar logically maharaj ji galat hain to Gandhi ji aur Vikash Sir v galat hain
Or whale sharks k bare me kya khyal h
जिस जिसने भी प्रेमानंद महाराज जी को अनलाइक क्या है, वह सारे के सारे राक्षस हैं 😂😂😂😂😂😂
Sir जब प्राकृतिक नियम यह कहता है की ताकतवर कमजोर को खा सकता है ये गलत नहीं है तो फिर मानवाधिकार आयोग किस लिए बनाया गया है...? आप भी तो अपने बेटे से ताकतवर हैं तो उसको क्यों नहीं खा जाते...? सारे नियम बेजुबान जीवों के लिए ही क्यों। जब ख़ुद को जानवर से ही तुलना करना है तो सारे काम जानवर की तरह ही करो। अपने सारे नियम कानून छोड़ो रहो जंगल में।
Prak itihas batata h manushya pahle jungle me rahte the .....pata nhi sach h ya jhut.....pr itihas batata h
Prakriti ke aur niyam bhi pad lo
Sir ko apne bete ko bhi kha Jana chahiye kyu ki wah apne bete se takwar hai
Shikshak hai aap iska matlab yah nahin hai ki aap bahut bada Gyani hai
Ji bhai sahab kyoki aap hi to hai jo duniya ke sabse bara gyani hai
मनुष्य सबसे ताकतवर है लेकिन मनुष्य जानवर नही है।।मनुष्य के पास चेष्टा होती है जो कि प्राकृति की रक्षा के लिए होनी चाहिए ना कि भक्षण के लिए।।
मांसाहारी जानवर के पास मांस खाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है, किन्तु मनुष्य के पास तो विकल्प हैं न। और फिर मनुष्य इस चराचर जगत का विवेकशील प्राणी है और जब वही बाकी जीवो को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा। मानव होने के नाते कुछ हमारे कर्तव्य भी तो होते हैं....
अभी विकास सर को प्रेमानंद बाबा जी से बहुत कुछ पढ़ाना पड़ेगा।
Andh bhakt aesa kahate h
Tum to sabse bade andhe ho . Gadha@@sadanandchauhan7206
Mujhe nhi lgta Premanand Sir ka 1/10 bhi padha hoga
@@sadanandchauhan7206 चमचे कुछ भी कह सकते हैं 😂😂😂
Usse bhi kam @@TheLegalActivist
बिनु सत्संग विवेक न होई राम कृपा बिनु सुलभ न सोई
Jay siya ram
Are bhai Ram ji वनवास के समय हिरन का पीछा करते हुए चले गए थे, कौन था स्वर्ण मृग ? तो क्या बिना तीर चला ही उसको पकड़ सकते थे.
अपने पास धनुष बाण रखते क्यों थे क्या सिर्फ दिखाने के लिए 🤷🏻♂️
@BholaramX Khao bhai fir dand bhi bhogna padega shastro me likha he
@BholaramX narak swarg chodo jivan me jo sukh dukh aate hen woh karmo ka hi parinaam hota he aap jisko Aaj kat rahe hen prakruti usko bhi mouka dega badla lene keliye eak din aapko jarur samajh me ajayega sukh ke samay lagta he parantu prakruti jav negative parinaam dega tab aapko anubhav hoga fir mujhe yaad karna
@BholaramX tum apni chinta karo pet bhar bhar mans khate raho yehi tumhara dharm he
मांसाहार करना अच्छा है या बुरा ये सवाल नही है... श्रद्धा है या नहीं इससे भी कोई फरक नहीं पडता... लेकीन पर्यावरण को फरक पडता है... आप खुद को अगर थोडा भी बुद्धिमान समजते है तो मांसाहार या फिर कोई भी animal origin food नहीं खाना चाहिए... पेहेले जैसी परिस्थिती आज नहीं है... हमारी वजह से, हमारी जीभ की वजह से हम खुद का ही नुकसान कर रहे हैं
I agree
I always agree ❤❤❤
Bhai saab car, ac bhi avoid karo
@@jaideeprawat7553 तो करो.. मना कौन कर रहा है.. जितना हो सकते avoid करो.. अगर आप सब्जी खाकर जिंदा रेह सकते हो तो क्यू animal food खाना है अपने मजे के लिये... ये सब excuse है अपने आप को सच साबित करने के.. करो भाई.. जो करना है
❤
आपने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह यूपीएससी तो क्लियर करवा सकता है परंतु पूर्ण ब्रह्म परमात्मा का मार्ग नहीं दिखा सकता
Tuje mil gya marg bhai milega bhi ki yu hi uper nikl jaoge😂
ब्रह्म होने का कोई प्रमाण नहीं है
Aapne parmatma ka marg wastav me dekha hai.jhhuth mat bolna.
@@ArchitKumar-h9t tumhe 2,4 janam to samajhne main lag jaege marg ke bare main
कोई पूर्ण ब्रह्म परमात्मा है ही नहीं|
दिव्यकीर्ति सर ने बहुत अच्छा समझाया कि नियम तो ये भी है कि आप 4 हाथ पैर से चलो लेकिन हमें हमारे लिए नियम बनाने हैँ शाकाहारी बनने का कहा है पूरा सुनो
दिव्यकीर्ति जी आप ज्ञानी हो सकते हो ,
और आप का ज्ञान सिर्फ किताबी ज्ञान है उससे बाहर का ज्ञान आपके पास नही
ये व्यापारिक ज्ञानी है ना कि सामाजिक धार्मिक ज्ञानी ये सिर्फ शिक्षा का का व्यापार कर रहा है महँगा दाम ले कर शिक्षा देता है
तो आप ये कह रहे हैं कि दिव्यकीर्ति जी सिर्फ किताबें ही पढ़ते हैं और वो बाकी दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं जानते? मतलब, अगर कोई व्यक्ति पढ़ाई करता है, तो वो असल जिंदगी के बारे में कुछ भी नहीं समझ सकता? क्या आप ये मानते हैं कि दिव्यकीर्ति जी को जीवन के बाकी पहलुओं का कोई भी अनुभव नहीं है, और वो सिर्फ किताबों में जो लिखा है वही समझ सकते हैं?*
Array Bhai , Teacher aur Preacher me antar hota hai. Divyakriti apni soch nhi btaa rhaa ya pravachan nhi de rhaa balki wo Darshan ( Philosophy ) ka teacher hai aur Philosophy me saare Tark Cover karne hote hain. IAS ki Taiyari kro tab samajh me aayegaa.😂
Divya kirti tu sirf coaching padha tere se nahi hoga
Baba sathiya gaya hai
Shree premanand ji maharaj sahi keh rahe hai.
हाथी तो काफी शक्तिशाली लेकिन वह किसी भी छोटे Janwar को नहीं खाता है
Right
Yahan shaktishali ka matlab sharir ki takat se nahi hai mansik aur boudhik khhamta se hai
Khata nahi hai sir magar kuchal ke mar to deta hai na
कहां कुछ और जा रहा है तुम कुछ और ही समझ रहे हो
Yes right@@yogeshjawalkar9820
बहिया जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन
जैसा पिओगे पानी वैसी बोलोगे वाणी
इनका दोष नहीं हैं इन्होंने शिक्षा ही अंग्रेजो वाली ली हैं इन्हें संत सत्संग की आवश्यकता हैं 🕉️
और बहियां प्रेमानंद जी जैसा संत न होते तो हमे कभी मालूम ही नहीं होता की हम कहा कितना गलत जा रहे हैं🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
प्रेमानंद जी बहुत अच्छा
इतने इतने बड़े मूर्ख पृथ्वी पर हैं जीव जंतु की तुलना मनुष्य से करते हैं पशु वर्ष में एक ही बार सहवास करता है बार बार नहीं
lol.. which world are you living in?
Manusaya bhi to jeev hai
Tum kya ho you search
जब ईश्वर/भगवान/अल्लाह ने तुम्हे मानव रूपी जीवन दिया तुम्हे इतना सक्षम बनाया है कि तुम किसी भी पदार्थ से नया उत्पाद बना सकते जैसे दूध से घी, छाछ,मक्खन फल - सब्जी इत्यादि पकाकर खा सकते हो तो मांस को आहार क्यों बना रहे हो वो केवल जानवर ही हैं जिनको जीने हेतु अन्य जीवो का भक्षण करने की आवश्यकता होती हैं आप उनकी तरह लाचार महसूस ना करे इसलिए प्रकृति ने जिस काबिल बनाया वो बनो
Shri premanand Maharaj ji ko dandawat prnam Jo bhi bat Maharaj ji dwara bola jata hai wo bilkul saty hai kyo ki manusya ke rup me Maharaj ji bhawan hai
प्रेमानंद जी महाराज का विश्लेषण सही है... जय श्री हरिवंश.. राधे राधे❤
जीव हत्त्या महापाप है, जीवों को खाना अपनी ही दुर्गति को आमंत्रण देने जैसा है,
स्वतंत्रता उन बातों को करने का अधिकार है जिससे दूसरों की स्वतंत्रता का हनन ना हो ❤❤
जय गुरुदेव महाराज की जो भी मनुष्य मांस का सेवन करता है मनुष्य रूप में जानवर है
अध्यात्म ज्ञान से बड़ा कोई ज्ञान नहीं।
⛳🌞टीचर है but इनको आध्यात्मिक,🌌 ब्रह्मांड,ईश्वर की लीलाओं और रचनाओं का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं हैं। 🌠
कभी-कभी एक अच्छे शिक्षक भी पागलों जैसा बातें करने लगते हैं।☄️
Kyu bhai
@@UnKnown-bl6pd क्योंकि,मांस खाने के लिए support,बढ़ावा दे रहे हैं सर, देख नही रहे है।
आदमी मांस खाए या न खाए ये तो मनुष्य के उपर निर्भर है लेकिन ये कह देना की आदमी को मांस खाना चाहिए के लिए प्रोत्साहित करना ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
@@SANTOSHKUMAR-ub3vmsir khud vegitarian h woh science ki bat bata rhe h
Yes
Kya ap bta skte h sir kis topic p Kis subject k liye bta rhe h @@SANTOSHKUMAR-ub3vm
8.4 million species me se manav ko daya,karuna, empathy jyada ata he.human not meant to be mansahari,lord says if u do so ur count will be according to cannibal not like human destination (moksha the libratio),u gets trapped into infinite cycles of revenge).
अब तक विकास को में बुद्धिमान पढ़ा लिखा आदमी समझता था पर इनका ज्ञान जीरो बटे सन्नाटा है जिस आदमी को प्राकृतिक का सिद्धांत ही पता नहीं वह कैसे अच्छा शिक्षक बन सकता है
Bhai sach kadva hi hota hai or tumhe ye baat except karni hi padegi
Food chain ko samjo apni sakahari wali bakchodi apne paas rakho
Ye jo hamare desh ki raksha karte hai vo sanik ya sipahi bhi nonveg khate hai kyuki unki takatbke liye ye jaruri hai
Philosophy pdh.....pta chl jayega....what is wrong and what is right...
Ghr me khud lakho kido mcchro ko marta h...tb nhi dikhta
#Survival of the fittest
@@sanjeet5273 फिलासफी विदेशीयों का सिद्धांत है भारतीय प्राकृतिक कृषि सिद्धांत ही पता कर लेना सब समझ में आ जाएगा भाई
"Jab se admiyo ne janwaro ko khana shuru kya hain, tab se insaan janwar ban geya hain" This line inspired me alot to became a vegetarian. And i can say that i am a veterain for 1 year.
Support for Divyakirti
एक बात याद रखना ज़्यादा पढ़ाई भी मनुष्य की बुद्धि विहीन का कारण बनती है इसलिए विकास सर भी कुछ हद तक इसी श्रेणी में जा रही है। राधे राधे🙏🏻
U really right bro, ऐसे इंसान को सोभा नही देता इतने ज्ञानी को जो मांस को खाना बता रहे, भाई दम नही है यार किसी मे पक्का आदमी की काबिलियत देखते है दुनिया, अरे जीव जंतू से प्रेम तोह खुद परमात्मा ने किया है, सच मे इंसान ज्यादा पड़ने से ज्यादा फेमस होने से घमंड आने लगता है,
@@SunilKumar-qy7chAre bhole dost vikaas sir ne jo bola use acche se samjho wo kya kehna chahte hai..Insaan ne upar uth kar yeh system kyu banaya?? Unki baat ko gehraai se samjho
Bhai vikas sir khud vegetarian hai.... Aur pehle poora video dekh kar aao tab bolna
Bhai Tu insan he insan se to prem kr le asspas ke logo se hi bnti nhi higi ni to rishtedaro ne ni bnti hogi bato bdi bdi krna he bus
Vikas Divyakriti spoke AGAINST Non-Veg, please watch him till the end before making comments.
और अध्यापकों में विकास दिव्यकीर्ति में कोई अंतर नही है...
अगर मनुष्य अन्य जानवरों की तरह छोटे जानवरो को मार कर खाता है😊 तो मनुष्य और जानवर में क्या फर्क रह जायेगा।😢 बन्दर में भी मनुष्य जैसी प्रवित्ति होती है क्या बन्दर भी मांस खाता है??
Bawakoof tu bhi to jawar he hai ak
थलचर जानवर जल चर को खा जाता तो क्या उनमे अंतर समाप्त हो जाता है तो इंसान और जानवर में अंतर समाप्त होने का तर्क क्यू देते हो बंदर की ही प्रजाति होती चिपंजियों की वो चींटियां खाते हैं तो क्या वो जीवहत्या नही...
Khaate hain discovery, ngc dekha karo
कई बंदरों की प्रजाति खाती है भाई
Bandar kh lete h bhai ...Mere mumy ke samne mayna chidiya pkd k khyi h Bandar ne . Pr sare Bandar nhi khte hai .
मानव विकास की राह पर है मांसाहारी से शाकाहारी होना विकास का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है लेकिन मानव ने इसे अभी पूर्णतया नहीं अपनाया है पक्ष विपक्ष में दिए गये तर्क तथ्यों से परे है । मूल बात संवेदनशील होने, दया भाव करूणा होने से है जो मानव के श्रेष्ठ होने का प्रमाण होती है ।
हे प्रेमानंद जी महाराज आप से बड़ा संत ना कोई हुआ ना होगा जय हो
Premanand ji bilkul sahi kahte hai......
Insaan Sabse takatwar hai esliye jitne galat kam wo kr skta hai krta hai lekin jb khud pr padti hai to use bhagwan ki yaad aati hai Wo bhagwan se umeed krta hai ki bhagwaan sun lega
Ye aishe hi hua ki khud galat kro to sahi hai aur dusra koi kre to galat hai
Vikash sir ko ek baar Jana chahiye premanand ji Maharaj ke pass.....wo ussi samay samajh jayenge ki wo abhi tak jisse bhi debate kiye h inke saamne kuch nhi h❤❤❤
Upsc का ज्ञान आध्यात्मिक ज्ञान के सामने तुच्छ है ।
हंस ओर बगुले की तुलना नहीं हो सकती।
कहा प्रेमानंद जी कहा ये ।
कहां हंस कहां कौआ.
Hathi sabse takatwar hai lekin wah dusre jiv ko nahi khata hai
To lion aur tiger kyu dusro ko khate hain usko kon sikhaya hai
@@chandanshrivastava9738 Hathi ek shakahari prajati hai usi prakar manushya bhi ek shakahari prajati hai.Can you eat meat like lions or tigers by hunting them without cooking if you can then you are also a non vegetarian.
@@English24-7 abe bhai apna dimag apne paas rakh yaha koi dinasaur ko nhi khara ya lion aur tiger ko jo khane layak janwar hai unko hi khara hai aur human body veg and non veg dono food khakar evolve hui hai aur y premanand bhi unhi insaano ki nasal k hai. jisko sage संत banna h usko puri moh माया chorni padti khane me kuch nhi rakkha meditation krle toda issey aage bad aur bol जय shiv shambhu 🤍
@@English24-7 going by your logic, if you can forever eat raw vegetables, pulses, rice, wheat, et cetera, then you are a vegetarian
Dinosaur
प्रकृति में शेर को अपना काम करने के लिए चुना है परंतु मानव के लिए प्रकृति ने अनेकों चीज है
विकास सर की बात लॉजिकल और सत्य है
Aapko bahut sikhna hai sir..... Shri premanand maharaj ki kripa aap par bhi ho
आप बहुत बड़े यूपीएससी के शिक्षक हैं परन्तु श्री प्रेमानंद महराज जी के दिव्य ज्ञान के आगे जीरो बटा जीरो हैं
Saaabassh ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯
Bhai pura video dekho yr o dono paksho ko ke baare me bata rahe hai
0/0=2 hota ye to 0 hi hai
Nahi bhai 0/any number. Not 0/0 ye to anant ko prakashit karta hai aur ye mudh ne to kabhi satsang nahi kiya pura jeevan bhogo me lipt hai aur jo lobhi me hai mudh hi hai
Vikas ki comparison ho hi nahi sakti guruji ke saamne
देवाधिदेव महादेव के परिवार में मूषक, सर्प, नंदी, सिंह एवं मयूर सभी रहते हैं किन्तु कोई एक दूसरे से लड़ता नहीं,झगड़ता नहीं। अस्तु आध्यात्मिक महापुरुष के संपर्क में सभी जीव प्रेम भाव से रहना सीख लेते हैं।
Exect True....Yahi To Sachha Adhyatm he...
क्या बात है बहुत सुंदर
जिस किसी को भी comments पढ़के हसीं आई वो like करे 😂😂
यहां लोग दो ग्रुप में बटे हुए है उनको लग रहा है की विकास सर मसाहारी का समर्थन कर रहे है और महाराज जी शाकाहारीयों का लेकिन गौर से सुनो दोनो एक ही बात बोल रहे है बस कहने का तरीका अलग अलग है। ताकतवर कमजोर को खा जाता है ये नियम विकास सर ने नही बनाया ये तो पहले से ही चला आ रहा उनका काम है अपने विद्यार्थीयों को सब बताना की किसने क्या कहा है, डार्बिन ने क्या कहा, महात्मा गांधी के क्या विचार थे इसपर। ताकि लोग पूरी तस्वीर समझ सके नाकि सिर्फ कुछ लोगो की बात सुनके अपने विचार बना ले की यही सत्य है सबकी बात सुनके ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है ना। उन्होंने अपनी तरफ से कुछ नही कहा सिवाय इसके की उनका बेटा भी मांस खाता है और में उसको रोकता हूं या कम करन कोे बोलता हूं। धन्यवाद 🙏🙏
Good
Good bro ye jo log bina soche smjhe aa jate h comment krna inhe kuch pta hota hi nhi 2 line sun kr kisi acha bna aur 2 line sun bura bna dete h 😂
@@PankajSharma-tv6xd 😂😂
बहुत अच्छा बोले हैं आप, आदमी आलोचना और प्रशंसा दोनों को करने में जल्दबादी में रहता है..... अपने तर्क का थोडा सा भी इस्तेमाल नही करना चाहता
@@Dhirajkumar-ef1qc जी भाई, लोग अगर अच्छे से सुन लें तो जान जायेंगे की क्या कहा जा रहा है। लोग vs का चिन्ह देखकर ये समझने लगते है की दोनो अलग अलग बात बोल रहे है फिर अपनी प्रतिक्रिया दे देते है। धन्यवाद आपका 🙏🙏
आगर शुरुआत से प्राणी शाकाहार होता तो ये संसार में जो जो पैदा हो गया है वो अभी कमेंट भी नही कर पता। सबकुछ ठीक है यह सच है कि सब प्रकृति के नियमों पर आधारित है। अभी सब जो बाबा बने बैठे हैं ना वो भी मांसाहार से ही पैदा हुआ है शुरुआत में सब जीव ऐसे ही थे ।
दिव्यकीर्ति कहीं कहीं मूर्खता करता है
तुम खुद मूर्ख हो तुम्हारे ईश्वर की तरह
तुम्हारा ईश्वर अल्लाह खुद evil 👹 hai
जिसने इसी दुनिया बनाई है😂😂😂
Logical baate start mai aisey hi lgti h.
Right
Hanji ...jada padai me log pagal ho rahe he
मूर्खनंद @@nkatiyar_IITK
1. डार्विन के सिद्धांत को अगर हम समजे तो survival of the fitest बिल्कुल सही है
- कुछ इसमें तर्क देते है की फिर इंसान - इंसान को कियू नहीं खाता , तो मे कहुग की अपने किसी दूसरी मसहरी प्रजाति ( canine carnivorus mammel ) ओर सर्वहारी (ominvorus mammel) को देखा है अपनी प्रजाति के जीवों को खाते हुए
- उद्धरण के लिए शेर कभी अपनी प्रजाति को नहीं खाता है , शेर समूह मे रहते है सामाजिक प्राणी है नर मद उनके शावक (baby) भाई बन्दु मिलकर रहते है ओर मसहरी जीव है सभी लेकिन दूसरी प्रजाति का शिकार करते है हा काही इका-दुक्का अपवाद हो सगता है जहा पे कुछ परिसतीती मे व अपने लोगों को खा ले ,लेकिन बड़े पेमाने या generally एस नहीं देखा जाता है ओर यही कुत्ते , बिल्ली, भेड़िया , भालू , chimpanze या बाकी होमो स्पीशीज़ मे नहीं देखा जाता है तो इंसान कियू अपनी प्रजाति को खाएगा जब एसी कोई परिसतीती नहीं है
2. कुछ लोग कहते है , तो बाकी जानवर तो कच्चा खाते है आप कियू नहीं खाते है - ईवोलूशन की प्रक्रिया मे होमो स्पीशीज़ ने आग की खोज करने से कच्चा मीट खाने की क्षमता खो दी है ये लाखों सालों की प्रक्रिया मे हुआ है जब से आग खोजी गई है हम ईवाल्व हो गए है , - अब एक ओर सवाल ये भी है की इंसान सबजिया पत्ती भी आग मे पका के ही खाता है - बाकी शाखाहारी जीव तो इनको कच्छ खाते है तो एसे तो हम इंसान भी उन्हे कच्चा नहीं खाते कियूकी एसी क्षमता इंसानों मे नहीं है हम हर चीज ही पकका के खाते है ओर हुमने आग से सबसे पहले सब्जी पत्ती के बजाए मास पक्का के खाना पहले सुरू किया तो तर्क भी बे बुनियाद स लगता है
3. समाज, संस्कृति - मीट मछली खाना पीना आपके परिवेश मे निर्भर करता है ,
आप किस समाज मे जनम लेते है परिवार किया खाता है ओर आपके दोस्त मित्र किया खाते है धर्म या विशेष पंत (sect ) को मानते है , ये संस्कृति को बताता है
- एक शाखाहारी परिवार मे उसके समाज परिवार सुरू से ये बताए गे की मीट मछली गंदी चीज है ओर कुछ लोग इसे भी आगे बड़ जाते है जो ये भी सीख देते है की मीट खाने वाले लोग गंदे संदे होते है
तो वो इंसान बचपन से वेसी ही छबि बना लेगा बकियों के प्रति , ओर उसके लिए शाखाहारी भोजन ही सर्वसेस्ट होगा
- सर्वहारी परिवार जो मास मछली या शाखाहारी भोजन खाता है य उसका परिवार , समाज के लोग रिस्तेदार , दोस्त किया खाते है ,यह से उसके खाने पीने को लेकर विचार जनम से बनते है ,उसके हिसाब से वेसे ही उसकी संस्करती बनी है , तो उसके लिए मास खाना पीना कोई बड़ी बात नहीं है
अब इसमें ये कहना की मीट खाना किया बजबूरी है ये गलत है कियूकी खाने पीने की आदत उसकी वेसे बनी है
Tumhe meat khana hi kyo hai kya tumhari majburi hai meat khana ।
@@natureearthbeauty5542 समाज, संस्कृति - मीट मछली खाना पीना आपके परिवेश मे निर्भर करता है ,
आप किस समाज मे जनम लेते है परिवार किया खाता है ओर आपके दोस्त मित्र किया खाते है धर्म या विशेष पंत (sect ) को मानते है , ये संस्कृति को बताता है
- एक शाखाहारी परिवार मे उसके समाज परिवार सुरू से ये बताए गे की मीट मछली गंदी चीज है ओर कुछ लोग इसे भी आगे बड़ जाते है जो ये भी सीख देते है की मीट खाने वाले लोग गंदे संदे होते है
तो वो इंसान बचपन से वेसी ही छबि बना लेगा बकियों के प्रति , ओर उसके लिए शाखाहारी भोजन ही सर्वसेस्ट होगा
- सर्वहारी परिवार जो मास मछली या शाखाहारी भोजन खाता है य उसका परिवार , समाज के लोग रिस्तेदार , दोस्त किया खाते है ,यह से उसके खाने पीने को लेकर विचार जनम से बनते है ,उसके हिसाब से वेसे ही उसकी संस्करती बनी है , तो उसके लिए मास खाना पीना कोई बड़ी बात नहीं है
अब इसमें ये कहना की मीट खाना किया बजबूरी है ये गलत है कियूकी खाने पीने की आदत उसकी वेसे बनी है
@@natureearthbeauty5542 मीट मछली खाना पीना आपके परिवेश मे निर्भर करता है ,
आप किस समाज मे जनम लेते है परिवार किया खाता है ओर आपके दोस्त मित्र किया खाते है धर्म या विशेष पंत (sect ) को मानते है , ये संस्कृति को बताता है
- एक शाखाहारी परिवार मे उसके समाज परिवार सुरू से ये बताए गे की मीट मछली गंदी चीज है ओर कुछ लोग इसे भी आगे बड़ जाते है जो ये भी सीख देते है की मीट खाने वाले लोग गंदे संदे होते है
तो वो इंसान बचपन से वेसी ही छबि बना लेगा बकियों के प्रति , ओर उसके लिए शाखाहारी भोजन ही सर्वसेस्ट होगा
- सर्वहारी परिवार जो मास मछली या शाखाहारी भोजन खाता है य उसका परिवार , समाज के लोग रिस्तेदार , दोस्त किया खाते है ,यह से उसके खाने पीने को लेकर विचार जनम से बनते है ,उसके हिसाब से वेसे ही उसकी संस्करती बनी है , तो उसके लिए मास खाना पीना कोई बड़ी बात नहीं है
अब इसमें ये कहना की मीट खाना किया बजबूरी है ये गलत है कियूकी खाने पीने की आदत उसकी वेसे बनी है
@@natureearthbeauty5542 POINT NO 3 PADHE
@@natureearthbeauty5542 Point 3 dekho
दिव्यकीर्ति, कम से कम अपने कुल के नाम पे चलो. मांसभक्षण का समर्थन करके कौनसी कीर्ति प्राप्त करोगे आप. आप के पास सांसारिक, भौतिक ज्ञान होगा लेकिन अध्यात्म ज्ञान से दूर हो 🙏
Divya Kirti Mahatma premanand donon ke hi Tarak mansahari ke khilaf hai donon mein hi Sahi samjhaya kyunki ham Insan Hain Janwar jeev nahin Radhe Radhe
मनुष्य अन्य जीवित प्राणियों से एक पहलू में भिन्न है.....उसके पास विवेक या विवेक की शक्ति है। यह शक्ति चाहती है कि वह अन्य प्राणियों के साथ वैसा ही व्यवहार करे जैसा वह अपने साथ चाहता है... इसलिए अन्य प्राणियों को नुकसान न पहुँचाएँ या मारें नहीं, जैसे आप नहीं चाहेंगे कि दूसरे आपको मारें या आपको चोट पहुँचाएँ...।
जिस दिन अपकी अंतरात्मा बोलेगी ये खाना है ये नहीं खाना उस दिन से उसका त्याग करो. बाकी किसी के बोलने सुनने से कुछ नहीं होता
Right 👍
हमें कोशिश करना चाहिये कि हमसे कम से कम अहिंसा हो। मै साकाहारी हूँ
Sir apke logic ke hisab se insaan ko insaan ko bhi kha jans chahiye. Isme bhi koi galat nhi h.
Both are saying true only diffrence was way
परम पूज्य संत श्री प्रेमानंद जी महाराज जी की चरणों में कोटि कोटि नमन
जानवर की तुलना इंसान से आप कर रहे है sir आपका ज्ञान आज कूड़ा से भी बत्तर है
Bhagwan k liye koi janwar aur मनुष्य nhi h uske liye sb ek saman h
Abey laalu laal wo , nen veg wala kya tark dete hai , wo bta rha hai ........apna personal view nhi de rha hai...
Fact ...sir khud saakahari hain ....😅😅
Agar aap scientific jayada h to
Wo bhojan jo sabse jaldi pach jaaye wahi bhojan accha hota h.
Vegetable and fruit are best
मनुष्य एक विशेष प्राणी है जो सभी जीवो के लिए एक वरदान है , मनुस्य सभी जीवो संरक्षक हैं न कि भक्षक
sir apki baat practical base pr shi he hr samjhdar or suljhe huye insaan ko aap psand ho or
sb logo se bhi vinti he ki pehle video poora dekh liya kro fir kuch bhi coment kia kro sirf adhi baat sun kr kisi ko bhi juj krna galat he jai shree ram ❤❤
जो समझ गया, तो उसे एहसास होगा कि दोनों एक ही बात कह रहे हैं 👏🏻👏🏻👏🏻
Bilkul Bhai dono ek log ek hi baat bol rhe hai
premanand's justification is for masses who don't understand science or didn't have the opportunity to learn..
दिव्यकीर्ति सर का तर्क ज्यादा दिल के नजदीक महसूस होता है।
Divya kriti tarkik hai isiliye hai. Baba ji ki daya, Prem bataya gya hai iske hisabh se hai.
He is logical person..
जानवरों का जो जीवन होता है वह भोग योनि का जीवन है
मनुष्य का जन्म कम योनि वाला जीवन होता है
दोनों में हम समानताएं नहीं कर सकते हैं
मनुष्य के जीवन में भक्ति मार्गहै
हम तो दीवाने है प्रेमानंद जी के, और शुद्ध शाकाहारी हैं 🎉❤
जो मनुस्य मास खाता है वो इंसान नही जानवर है यार मुझे समझ नही आता कैसे इंसान ये खा लेता है ओर बोलता है में बुद्धिमान हु
Humans are also an animal
eska proof ye hai ki aap pathar nahi kha sagte mitti nahi kha sagte ,
lekin aap meat or sabji , kha sagte hai wo pachne yogya hai wo bhi unko paka ke khaya jaye
apka sarir ki banawat hi esi hai
Evolution ko kesa thukrayega jise tum bane ho
@@GOLDROGER-xt3bx bhai koi tumhe mar kr kha jay to kaisa lagega
@@GOLDROGER-xt3bx अच्छा बेटा human is also animal? Animal तो जंगल में जो भी मादा मिले उसके साथ संभोग कर लेते है सामान्य बात है इनके लिए, तेरे घर के महिलाए जा रही हो और कोई बीच सड़क में उनके साथ संभोग कर ले तो तू क्या बोलेगा... कि दीदी रोवो मत human is also animal ये तो सामान्य बात है संभोग करना , प्रकृति ने हमे ऐसा बनाया ही है।
प्रिय दोस्त यदि थोड़ी भी धार्मिक समझ आप रखते है तो इस बात पर विचार कीजिएगा की जिस प्रकार आपको अपना शरीर प्रिय है जैसे आपको जीने का अधिकार वैसे अन्य पशु पक्षियों को भी है।
यदि जब अपने किसी भी पशु को जन्म नही दिया तो उसे मारने का अधिकार भी आपका नही।
संपूर्ण ब्रह्मांड में समस्त जीव जंतुओं को जीवन जीने का अधिकार है।
आप विचार कीजिए.......!
में उम्मीद करूंगा दोस्त की आप समझने का प्रयास करेंगे।
यदि आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची तो में क्षमा मांगता हूं ❤
Insaan ka ithehas farming se phle sikhar krke hi khate the
विचार badlne पर ही sab संभव hai।radhe radhe 🙏🚩
पश्चिम् का विचार प्रमोट करना अच्छा लगता है विकास जी को। भारतीय संस्कृति सनातन की आत्मा बसी है यहाँ जिससे ये समाज चल रहा। वोक लोगों को कौन समझाए।
प्रणाम गुरूदेव!शाकाहारीचं मनुष्य जीवन !...❤
सर इंसानियत और मानवता भी कोई चीज़ होती है या नहीं ये बताइए 😔 मनुष्यों के पास खाने का अनेक विकल्प मौजूद हैं। मांस खाना सिर्फ बहाना है 😔
Vote and Love to premanand maharaj ji ❤
मांसाहारी मानवा,प्रत्यक्ष राक्षस अंग।
उसकी संगत मत करो,पड़त भजन मे भंग।।
सर आप भी धीरे धीरे धीरे ढोंगी की श्रेणी में आ रहे हो,, पहले एक विडियो में आपने मासांहार के विरोध में विडीओ बनाया था,,,,,
Vikas divyakriti ji sidha sidha bolo hmm to non veg hain , tum log bhi ho!
Acharya Prashant sir is great, he is geniune 😊❤ follow him
Bhai woh pada raha hain,,,,sahi galat nahi bata rahe hain padai ke liye jo jo bolna cahiye woh bol rahe hain,,,,,aur kisi ko jor zabardasti mass nahi khane ko bol rahe hain,,,,,toda dimag lagao mandbuddhi.
Manshaahari के लिए दुनिया सरल है,क्योंकि फिर वो कुछ भी कर सकता है जीवन यापन के लिए,इसलिए उसके लिए आसान रहता है जीना,पर जब लाइफ दिमाग फिराती है,लाइफ के लोफड़े लगते हैं,तब समझ आता है।की मांसाहार ही मुख्य कारण है,जीवन के सत्यनास का।
Sir aap continue shree guru ji maharaj k pravachan sune taki aapki knowledge badhegi
Radhe radhe maharaj ji
Social media ke jamane me jinko gyan nhi bhi bhi gyan Dene lag gye hain ,
Mahoday aapka kam padhana hai padhai bakbas mat karo
Only aacharya prashant hain jo is per bol sakte hain..
Aur aapka kam yha social media pe aake comnent krna he apna kam krna bhai
हमारे परम पूज्य गुरुदेव प्रेमानंद जी महाराज की सदा जय हो। राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा
कितना सतही ज्ञान है प्रेमानन्द का एकदम छोटे बच्चो की सोच
*मुझे तो इस फटीचर कीर्ति को देखकर हंसीआ रही है। यह महाराज जी के सामने उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। आज से मैं इस टीचर को सबसे दुष्ट क्रूर निर्दयी राक्षस मानता हूं।*
Ha ye hai hi
Aur me tuje 😂
@@evas194 लगता है तू भी उसकी औलाद की तरह राक्षस प्रवृत्ति का मांसाहारी हैं।
सीमा बनानी होती है. ऐसे तो मनुष्य मनुष्यों को ही अपास में खा ले क्या ज़रूरत है अनाज उगाने की…
Yahi sima to banayi huyi hai, ki insan insan ko nahi khayega
@@Agyat223 sima nhi ise swarth kahte hai vikalp aur bhi khane k banaye hai sirf jive ko katkar khana kese ek buddhiman manav k ly sahi hai
Insan insan ko mar sakta hai lekin kha nehi sakta 🤔 aur baki janwar pakshi ko mar k kha sakta hai 🤔 kya soch hai insan ki @@Agyat223
विकास दिव्यकीर्ति सर 💯✅
Proud to be vegetarian
Just as we say, no one is perfect in this universe. Same goes with you. This is the imperfections in you, Mr. Divyakriti.
इंसान को बस एक अच्छा इंसान होना जरूरी है!
बाकी बिर्याणी तोह non veg ही बढ़िया होती हैं.
Coaching k stars krte business h jab seats hi 0.1% h to sbko teyari kyo krvate h.sarkar + coaching mmafia engulfed many students.
Means according to u logo ko sirf seat ke liye hi pdhna chahiye
@@mbbsboy2487aur kisliye coaching lete h 😂😂😂😂???
@@HRDESHI kyuki school me padhai nhi hoti almost 99.999% school are fooling student
Parents engulfing children
Soo app taiyari hi mat kroooooo bhaii kon bula rha haii😂
Manushya ko ishwar ne samvedna karuna aven prem ka bhaav diya hai isliye prakarti ka niyam hai manav maans naa khaye aur taqatwar hone ke saath saath manushya vicharsheel bhi hai woh chintan kar sakta ache bure sahi galat mein antar kar sakta hai humare mahan purvaj 1000 saal pehle bharat mein bina maans sevan ke jeete thae aur itne svasta jeevan jeete thae balshali hote thae isliye logo ka mindwashed mat karo mans Sevan kbhi justificable nhi ho sakta yeh ek ghor paap adharma avem kukarma hai
Tu bhagwaan hai kya tujhme itna confidence kese agya bhai sabse bada kukaram hai shaadi krlena bacche paida karlena moh माया sabse pahle isi me phasati hai insaano ko aur समय nikal jata phir bhagwaan puchtey hai uppper ky kiya tune beta to tu bolna veg aur nonveg पर bahes करता tha. bhagwan टिप markar phir niche bhjdengey 🤡
@@saradphokrel4696 shadi krne se kisi ka kuch nhi hua aur maans khana kisi ki nirmamta se hatya apne swaad matra ke liye dono ek nhi ho sakte
Aur shadi karna kukarma hai toh shree ram kabir das guru nanak guru Gobind Singh ji chatrapati shivaji maharaj sabhi kukarmi hai
Aisa kukarmi hona mai bhi chahunga 😌