प्राचीन भारत के 19 वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ । चौंक जाओगे । प्राचीन भारत का इतिहास। Indian Scientists ।
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- Опубликовано: 17 сен 2024
- प्राचीन भारत के 19 वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ । चौंक जाओगे । प्राचीन भारत का इतिहास। Indian Scientists ।
दोस्तों हमारे वैदिक ऋषियों ने आज के नवीनतम् अविष्कार और सिद्धांत आज से हजारों वर्ष पहले ही प्रतिपादित कर दिये थे । और भारत में साइंटिफिक रिसर्च और इनवेन्शन्स की परम्परा भी कोई आज कल की नहीं है , बल्कि यह तो आदिकाल से चली आ रही है । जब दुनिया भर के लोग घुमक्कड़ बनकर , कबीलों में रहा करते थे । उस समय सिंधु घाटी के लोग सुनियोजित नगर बसाकर रहते थे। मोहन जोदड़ो, हड़प्पा, काली बंगा, लोथल, चंहुदड़ों बनवाली, सुरकोटड़ा आदि स्थानों पर हुई खुदाई में मिले नगरों के खंडहर इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। शल्य चिकित्सा , बिजली का अविष्कार , प्लास्टिक सर्जरी , नक्षत्रों की गणना , गणित , रसायन विज्ञान , भौतिक विज्ञान , गुरुत्वाकर्षण , सोना बनाने की विधि , वायुयान , जहाज , जीव विज्ञान और ना जाने क्या अविष्कार हमारे वैदिक ऋषियों ने आज हजारों साल पहले कर दिये थे । ऐसे ही 19 प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में , आज के इस विडियो में हम जानने वाले हैं । इसलिये चैनल पर न्यू आये हैं तो प्लीज चैनल को सब्सक्राइब करके साथ में घंटी वाला वेल आइकन जरुर दबा दें तभी आपको न्यू विडियो का नाटिफिकेशन मिल पायेगा । तो चलिये दोस्तों बिना टाइम को बेस्ट किये विडियो को स्टार्ट करते हैं।
1. महावीराचार्य - महावीराचार्य 9 वीं सदी के एक भारतीय गणितज्ञ और ज्योतिषी विद थे । इन्होंने गणित इतिहास की एक विशिष्ट कृति “गणित सार” की रचना की थी, जिसका रचनाकाल 850 ई. के आसपास का माना जाता है । महावीराचार्य ने ऋणात्मक संख्याओं का वर्गमूल ज्ञात करने की विधि बताई थी । उन्होंनो बताया था की कोई राशि ऋणात्मक हो या धनात्मक दोनों का ही वर्ग धनात्मक होता है । पर किसी भी ऋणात्मक राशि का वर्गमूल नहीं हो सकता जो की वस्तुओं के स्वभाव की वजह से होता है । वस्तुएं कभी भी ऋणात्मक नहीं हो सकती
गणित सार के एक अध्याय क्षेत्र में इन्होंने त्रिभुज, चतुर्भुज , वृत के क्षेत्रफल निकालने की विधियां बताई हैं , इसके अलावा समद्विबाहु, विषमबाहु, आयत विषमकोण, पंचमुख, तीन एवं चार संस्पर्थी वृतो से घिरा क्षेत्रफल आदि का वर्णन भारतीय गणित मे पहली बार किया गया है ।
बीजगणित के क्षेत्र में इन्होंने एक अज्ञात राशि के एक घातीय, द्विघातीय एवं उच्चघातीय समीकरण के साथ, दो अज्ञात राशि के एक एवं द्विघातघतीय समीकरणों को हल करने की बहुत व्यावहारिक विधियाँ बताई हैं । इसके अलावा उन्होंने अज्ञात राशि के समीकरण को हल करने के बारे में भी बताया है ।
उन्होंने ब्याज, क्रय-विक्रय आदि की भी व्याख्या भी की है । इसे इन्होंने उदाहरण के द्वारा समझाया है ।
इन्होंने समान्तर श्रेणी, गुणोत्तर श्रेणी के साथ ही मिश्रित श्रेणी का भी अध्ययन किया है। इसका अध्ययन सरल होने के साथ ही व्यापक भी है ।
क्रमचय- संचय के क्षेत्र में महावीराचार्य ने महत्वपूर्ण कार्य किया है ।
असमान हर वाली भिन्नो को जोड़ने से संबंधित अनेक नियम इनके ग्रंथ में दिए गए है । इन्होंने बताया कि असमान हर वाली भिन्न को जोड़ने के लिए हर का लघुत्तम समापवर्तक ज्ञात करना होता है ।
यह बात गौर करने वाली है कि यूरोप में लघुत्तम निकलने की विधि 15 वी सदी में खोजी गई थी, जबकि महावीराचार्य ने इसका बखान 850 ई. में ही कर दिया था ।
किसी भी पूर्णांक अथवा भिन्न को 1 अंश वाली भिन्नो के रूप में व्यक्त करने के अनेक नियम इन्होंने दिए हैं । ये पहले भारतीय गणितज्ञ है, जिन्होंने इस विषय पर शोध किया है ।
महावीराचार्य का भारतीय गणित में नही बल्कि विश्व गणित में अभूतपूर्व योगदान है । इनके अन्य ग्रंथो के भी ,व्यापक अध्ययन की अब आवश्यकता है, ताकि हमारे देश की गौरवपूर्ण खोज और इतिहास के बारे में जान पाए ।
2. आर्यभट्ट - विश्व गणित के इतिहास में आर्यभट्ट का नाम सुप्रसिद्ध है। खगोलशास्त्री होने के साथ साथ गणित के क्षेत्र में भी उनका योगदान बहुमूल्य है। बीजगणित के क्षेत्र में भी सबसे पुराना ग्रंथ आर्यभट्ट का ही है। उन्होंने सबसे पहले 'पाई' (p) की कीमत निश्चित की और उन्होंने ही सबसे पहले 'साइन' (SINE) के 'कोष्टक' दिए। गणित के जटिल प्रश्नों को सरलता से हल करने के लिए उन्होंने ही समीकरणों का आविष्कार किया, जो पूरे विश्व में प्रख्यात हुआ। एक के बाद ग्यारह शून्य जैसी संख्याओं को बोलने के लिए उन्होंने नई पद्धति का आविष्कार किया था ।
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ওঁ নমঃ শিবায়
Bhia
Ek video dunia ki shuruaaat ki bnao kase insaan ki shuruaat hui
Me apka subscriber hu
Dunia ke bare me ok... Bam Bam Bam
Thik he...bhai...
Love u bhai
Apki voice lazwab hai
Or hum sari family apko subscribe kie hue hai
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Jay shree krishna 😎🔥
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ISRO SPACE RESEARCH 🛰️ Force Chief HANUMAN Jayanti Park 🏞️🌄🛰️ FORCE'Himachal Mandir Pradesh high court baithak
Gan ka gaga bha ya hi
A SAB itihas me ku nhi padhaya jayega? Akam sanatan varat party ko jitne do. 2024 se varat k Itihas hi badal jayega