यदि आप इस प्रवाह पर उपलब्ध वक्तव्यों के बदले किसी प्रकार की आर्थिक सेवा निवेदित करना चाहते हैं तो आप निम्न विवरण पर अपनी इच्छानुसार धनराशि का भुगतान कर सकते हैं। If you want to provide any financial support for the videos of this channel, you may pay the desired amount at these details. Shri Bhagavatananda Guru Bank of Baroda Ratu Chatti Branch 54240100000958 IFSC - BARB0RATUCH (कोड का पांचवां वर्ण शून्य है | Fifth letter of code is Zero) UPI - nagshakti.vishvarakshak@okaxis
निश्चित रूप से स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज उच्च कोटि के विद्वान हैं प्रस्थान त्रयी भाष्यकार है परन्तु कितनी ही बार वे अहंकार से युक्त वक्तव्य दे चुके है और अन्य प्राचीन भाष्यकारों को अपने से हीन और निम्न समझने की धृष्टता कर चुके हैं इसलिए निग्रहाचार्य भागवतानन्द गुरु जी जो उनका खंडन कर रहे हैं वह ठीक ही है!
वाल्मीकि रामायण को वेदों के समकक्ष माना गया है।। जो निराधार कर रहा है वह कोई भी हो। अत्यंत नीन्दनीय है।। सच्चे संत क्षण भर भी डरकर जिंदा नहीं रह सकते।। प्रत्याभिवादनम।।
Ye Sach he Sri Ramabhadracharyaji bidyan he, lekin Ram charit Manas or Hanuman chalisha me khepak bhar ke ushi ko jidi me rahena fir Court me satyapath karna sandeha ki gher me aa jatehe.
पूज्य स्वामी निग्रहाचारजी प्रणाम मैं आपको पहले ही अवगत कर दूं यद्यपि मैं संस्कृत का विधार्थी नहीं हूं लेकिन मेने संस्कृत शास्त्रों को पढ़ा है और महापुरुषों की वाणी को सुना है मेरा
Swami ji is samay muzhe lagta hai sastron vedon upnishadik granthon ke adwitiya vidwan hai baanki sab swarth ke chakkar me sastriya niymon ka kathorta se palan nahi karte na hi swadhyay karte. ye tapaswi vidwan hain inki kaya dekhke bhi murkhon ko samzha me nahi aata, aadarniya ka me naam nahi le sakta ye me aachran ke viruddh hoga bus itna kahunga sare pakhand ko dhwast kar dijiye or sare digbhrmiton or ahankaar se aabaddha vidwano se nivedan hai inko sadhuwad dijiye, me swami ramanujiya parampara se hun, jai shri mannarayan jai ho swami ji maharaj ki
सनातन धर्म की लोग आलोचना कर रहे इस धर्म क़ो छोड़ अन्य धर्म अपना रहे इस बिसय आप कभी नहीं बोलते जो सनातन धर्म क़ो बनाये रखने का प्रयास कर रहे है उन्ही के बिसय मे हमेशा पीछेपड़े रहते है इन्ही लोगों की वजह से ही सनातन बचा हुआ है औऱ उन्ही टांग खींचने लगे रहते है कुछ अच्छा कर लो इससे कोई फायदा नहीं है कोई सुनना ही नहीं चाहता इसी तरह सुनाते रहो
Aajkal sant katha bachak aadhe se jyada rochak arlgal baat krk talia btortey h shastr ka matlab ni hota achha h koe parmaan de.k baat krta h suno samjho
आप व्यक्तिगत अहं की तुष्टि मे लगे हैं । आपके द्वारा सकारात्मक क्या किया जा रहा है? आप जिस प्रकार से अभद्र भाषा मे प्रतिष्ठित व्यक्तियों का नामोल्लेख करते हैं,वह आपकी विद्वता के अनुकूल नहीं है।आपकी दृष्टि मे एकमात्र आप ही सनातन धर्म के संरक्षक हैं,शेष कथावाचक/संत/महात्मा तो सनातन धर्म को डुबो रहे हैं। क्या सभी शास्त्रीय सिद्धांतों की सही व्याख्या व अनुगमन करनेवाले मात्र आप ही हैं? आपकी दृष्टि मे महर्षि दयानंद,स्वामी विवेकानंद, श्री कृपालु महाराज जी , श्रीराम शर्मा आचार्य जी,श्री राघवाचार्य जी ,संत प्रेमानंद जी , मोरारी बापू, स्वामी रामभद्राचार्य जी,श्री अवधेशानंद गिरि जी ,श्री राजेन्द्रदास जी आदिक विभूतियाँ तुच्छ हैं । यह अच्छा हुआ कि धर्म सम्राट् स्वामी करपात्री जी महराज आपके युग मे नहीं हैं, नहीं तो आपकी दृष्टि मे वे भी सनातन द्रोही होते,अल्पज्ञ होते । स्वामी प्रेमानंद जी महाराज संत हैं,उनका नामोच्चारण आप अमर्यादित ढंग से कर रहे हैं,क्या यही शास्त्रीय मर्यादा है । तोतारटंत अध्यात्म का अनुयायी होना और आध्यात्मिक होना दोनों पृथक्- पृथक् विषय हैं । स्वामी प्रेमानंद जी महराज सच्चे आध्यात्मिक हैं। श्री प्रदीप मिश्र जी को तो आप अपमानित करते हुए संबोधित कर रहे हैं । कुछ क्षण के लिए यह मान भी लिया जाए कि आप सत्य कह रहे हैं तो क्या शास्त्र यही कहते हैं कि सत्य भाषण मे शील की तिलांजलि दे दी जाए। महोदय! आप छिद्रान्वेषण की पृष्ठभूमि पर तथ्यान्वेषण करते हैं। आप शास्त्रीय सिद्धांतों के यथार्थनिरूपण के स्थान पर व्यक्तिगत शत्रुता सादृश्य मनोभाव से मतप्रकटीकरण करते हैं। आपने इतनी महान विभूतियों के विषय मे अपशब्द कहे हैं,जिनका समाजसेवा व मानवतापूर्ण कार्य स्तुत्य है। वह आपको क्यों दृष्टिगत नहीं होता?
respected acharya ji you can be a little bit more civilized and gentle while criticizing a great mahatma/sadhu i am myself a shaiva and do not subscribe many of rambhadracharya ji's views and for that matter views of all Vaishnava acharyas but the language should be a little bit civilized.
Basically the problem is what is the Definition of Mahātmā! Swamī Nigrahacharya has refuted Rambhadrachary। Here are the books available for free download। 1)archive.org/details/moorakh-hriday 2)archive.org/details/uttara-kanda/page/329/mode/1up
मेरा आपसे यह सवाल है आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं कि आप ही धरती के सबसे बड़े विद्वान है आप हर समय किसी न किसी महात्मा संत पर टिप्पणी करते रहते हैं यही धंधा खोल है आप और जहां तक बात श्री रामभद्राचार्य जी की है तो आप उनकी अभी रोम के बराबर भी नहीं है क्योंकि उनकी मेमोरी में जितना ज्ञान है और आपको देखते हुए लगता है कि आप कितने बड़े अपने श्री राजेंद्र दास जी महाराज के ऊपर भी टिप्पणी की है
मूलतः समस्या क्या है आप की ज्ञान की, संत की परिभाषा क्या है यहां से शुरुवात है। तो वास्तविक धर्म बताया जाए तो निंदा लगती है। यदि किसी व्यक्ति का यूनिफार्म सन्त जैसा हो और उसके लाखों अनुयायी हों, नेता मन्त्री सेलिब्रिटी से उठना बैठना हो तो वह सर्वसमर्थ है, आलोचना से परे है, चाहे कुछ करे और कहे। ऐसे मन्दबुद्धियों ने ही अधर्म को धर्म घोषित कर रखा है। आप को लगता है की राम भद्राचार्य के रोम के बराबर नही तो यह दोनो पुस्तक पढ़िए। Free download। रामभद्रचार्य स्वामी श्री निग्रहाचार्य जी से पूर्णतः विखंडित है। archive.org/details/moorakh-hriday archive.org/details/uttara-kanda/page/329/mode/1up
कौन कितने पानी में है, यह तुम तय करोगे - ? तुम्हारे महामानव रामभद्राचार्य एक बेहद बेहद बेहद बारीक, अति अति सूक्ष्म गुंडे हैं। उनके पिछे भगवान वासुदेव लगे हैं। निग्रह स्वामी तो निमित्त मात्र हैं। वासुदेव क्या चीज हैं - ??? वासुदेव का अर्थ है - परम सत्य। वासुदेव का एक ही भोजन है,और वह भोजन है - अहंकार। 🕉🕉🕉
आपको यदि भगवान के दर्शन हो गए हो तो मुझे कुछ अनुभूतियां हुई हो तो कुछ बताने की कृपा करें मैं भी धर्म को बड़े सोच समझकर के अपना आता हूं ऐसे अंधविश्वास में नहीं पड़ता मगर आपको जब जब भी देखता हूं किसी न किसी महात्मा पर टिप्पणी करते हुए हीफेमस होने का षड्यंत्र बंद करिए महाराज राम नाम कीजिए जिसमें आनंद है यही संसार का सहारा है कलयुग हैऔर कलयुग में दिखाते कुछ और है करते कुछ और है रहते कुछ और है हम भी संतों को बड़े विवेक पूर्व सुनते हैं देखते हैं और उनके चरणों में रहा हूं कृपया मेरे कमेंट का उत्तर अवश्य दें आपकी अति कृपा होगी प्रणाम करता हूं
Aap tau Kalnemi pujak lagate hai. Aur, yadi Nigrahacharaya ji ki vichar achche nahi lagate tau suun hee kyu rahe ho? Sharir aapka, hast aapke karn aapke, tau yeh notanki kyun?
यदि आप इस प्रवाह पर उपलब्ध वक्तव्यों के बदले किसी प्रकार की आर्थिक सेवा निवेदित करना चाहते हैं तो आप निम्न विवरण पर अपनी इच्छानुसार धनराशि का भुगतान कर सकते हैं।
If you want to provide any financial support for the videos of this channel, you may pay the desired amount at these details.
Shri Bhagavatananda Guru
Bank of Baroda
Ratu Chatti Branch
54240100000958
IFSC - BARB0RATUCH
(कोड का पांचवां वर्ण शून्य है | Fifth letter of code is Zero)
UPI - nagshakti.vishvarakshak@okaxis
निश्चित रूप से स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज उच्च कोटि के विद्वान हैं प्रस्थान त्रयी भाष्यकार है परन्तु कितनी ही बार वे अहंकार से युक्त वक्तव्य दे चुके है और अन्य प्राचीन भाष्यकारों को अपने से हीन और निम्न समझने की धृष्टता कर चुके हैं इसलिए निग्रहाचार्य भागवतानन्द गुरु जी जो उनका खंडन कर रहे हैं वह ठीक ही है!
प्रणाम, आप परमेश्वर जो करता हे वह कार्य कर रहे है.पाखंड खंडन महान कार्य है.
जय जय श्रीमन्नारायण 🙏🙏🙏
Aap puri me hai ❤
जय मॉं भगवती
Sreeman Narayan guruji
सत्य और सिद्धांत पर चलने वालाव्यक्ति एक बार मरता है। सिद्धांत हीन व्यक्ति रोज मर रहे हैं। शिक्षा पर चलने वालेसंत नहीं रहे अब।। प्रणाम।।
नमोराघवाय 🙏
वाल्मीकि रामायण को वेदों के समकक्ष माना गया है।। जो निराधार कर रहा है वह कोई भी हो। अत्यंत नीन्दनीय है।। सच्चे संत क्षण भर भी डरकर जिंदा नहीं रह सकते।। प्रत्याभिवादनम।।
Ye Sach he Sri Ramabhadracharyaji bidyan he, lekin Ram charit Manas or Hanuman chalisha me khepak bhar ke ushi ko jidi me rahena fir Court me satyapath karna sandeha ki gher me aa jatehe.
🙏🙏🌹🌹🚩🚩
पूज्य स्वामी निग्रहाचारजी प्रणाम मैं आपको पहले ही अवगत कर दूं यद्यपि मैं संस्कृत का विधार्थी नहीं हूं लेकिन मेने संस्कृत शास्त्रों को पढ़ा है और महापुरुषों की वाणी को सुना है मेरा
रामभद्राचार्य जी महाराज खुद रामानन्दाचार्य जी के आनन्द भाष्य के खिलाफ वक्तव्य देते हैं तो यह कहाँ तक उचित है?
लगे रहो
36:36 40:54 50:07 57:40 1:07:41 1:12:28
Swami ji is samay muzhe lagta hai sastron vedon upnishadik granthon ke adwitiya vidwan hai baanki sab swarth ke chakkar me sastriya niymon ka kathorta se palan nahi karte na hi swadhyay karte. ye tapaswi vidwan hain inki kaya dekhke bhi murkhon ko samzha me nahi aata, aadarniya ka me naam nahi le sakta ye me aachran ke viruddh hoga bus itna kahunga sare pakhand ko dhwast kar dijiye or sare digbhrmiton or ahankaar se aabaddha vidwano se nivedan hai inko sadhuwad dijiye, me swami ramanujiya parampara se hun, jai shri mannarayan jai ho swami ji maharaj ki
नमस्कार
आप विवाद मे समय का कालक्षेप करने की अपेक्षा भगवन्ननाम का जप कीजिए आपकी संशय अवस्था स्वयं समाप्त हो जाएगी।
Parmatma ne gyan marag diya samajnekeliye khuko bhagvan ko samarapan kardo jivan usika hai diya
tu jis ped per baitha hai usi ped ki shakhayen kat raha hai,
सनातन धर्म की लोग आलोचना कर रहे इस धर्म क़ो छोड़ अन्य धर्म अपना रहे इस बिसय आप कभी नहीं बोलते जो सनातन धर्म क़ो बनाये रखने का प्रयास कर रहे है उन्ही के बिसय मे हमेशा पीछेपड़े रहते है इन्ही लोगों की वजह से ही सनातन बचा हुआ है औऱ उन्ही टांग खींचने लगे रहते है कुछ अच्छा कर लो इससे कोई फायदा नहीं है कोई सुनना ही नहीं चाहता इसी तरह सुनाते रहो
ये ईसा मसीह का तो अवतार नहीं है, निग्रु चर्या
तु ज्यादा ज्ञान मत दे, इस सृष्टि के नियंता भगवान् राम ही है और rambhadracharyaji के पैर की धूल भी नहीं हो तुम।
😂😂😂😂😂😂@@rajeshsurolia5882
JSRam
Jsradhe
Apke kamal patra jese netra dekh k sukdev muni ka smaran hota h....aap Kapil muni k avatar ho
Aajkal sant katha bachak aadhe se jyada rochak arlgal baat krk talia btortey h shastr ka matlab ni hota achha h koe parmaan de.k baat krta h suno samjho
Is he in Puri jagannath here??
आप किस बात कै निग्रह आचार्य है, किसने बनाया कब बनाया, कोनसा भाष्य लिखा आपने
आप व्यक्तिगत अहं की तुष्टि मे लगे हैं । आपके द्वारा सकारात्मक क्या किया जा रहा है? आप जिस प्रकार से अभद्र भाषा मे
प्रतिष्ठित व्यक्तियों का नामोल्लेख करते हैं,वह आपकी विद्वता के अनुकूल नहीं है।आपकी
दृष्टि मे एकमात्र आप ही सनातन धर्म के संरक्षक हैं,शेष कथावाचक/संत/महात्मा तो सनातन धर्म को डुबो रहे हैं। क्या सभी शास्त्रीय सिद्धांतों की सही व्याख्या व अनुगमन करनेवाले मात्र आप ही हैं? आपकी दृष्टि मे महर्षि दयानंद,स्वामी विवेकानंद, श्री कृपालु महाराज जी , श्रीराम शर्मा आचार्य जी,श्री राघवाचार्य जी ,संत प्रेमानंद जी , मोरारी बापू, स्वामी रामभद्राचार्य जी,श्री अवधेशानंद गिरि जी ,श्री राजेन्द्रदास जी आदिक विभूतियाँ तुच्छ हैं । यह अच्छा हुआ कि धर्म सम्राट् स्वामी करपात्री जी महराज आपके युग मे नहीं हैं, नहीं तो आपकी दृष्टि मे वे भी सनातन द्रोही होते,अल्पज्ञ होते । स्वामी प्रेमानंद जी महाराज संत हैं,उनका नामोच्चारण आप अमर्यादित ढंग से कर रहे हैं,क्या यही शास्त्रीय मर्यादा है । तोतारटंत अध्यात्म का अनुयायी होना और आध्यात्मिक होना दोनों पृथक्- पृथक् विषय हैं । स्वामी प्रेमानंद जी महराज सच्चे आध्यात्मिक हैं। श्री प्रदीप मिश्र जी को तो आप अपमानित करते हुए संबोधित कर रहे हैं । कुछ क्षण के लिए यह मान भी लिया जाए कि आप सत्य कह रहे हैं तो क्या शास्त्र यही कहते हैं कि सत्य भाषण मे शील की तिलांजलि दे दी जाए। महोदय! आप छिद्रान्वेषण की पृष्ठभूमि पर तथ्यान्वेषण करते हैं। आप शास्त्रीय सिद्धांतों के यथार्थनिरूपण के स्थान पर व्यक्तिगत शत्रुता सादृश्य मनोभाव से मतप्रकटीकरण करते हैं। आपने इतनी महान विभूतियों के विषय मे अपशब्द कहे हैं,जिनका समाजसेवा व मानवतापूर्ण कार्य स्तुत्य है। वह आपको क्यों दृष्टिगत नहीं होता?
Bidio ban ke phemas hona chata hai
respected acharya ji you can be a little bit more civilized and gentle while criticizing a great mahatma/sadhu i am myself a shaiva and do not subscribe many of rambhadracharya ji's views and for that matter views of all Vaishnava acharyas but the language should be a little bit civilized.
Basically the problem is what is the Definition of Mahātmā!
Swamī Nigrahacharya has refuted Rambhadrachary। Here are the books available for free download।
1)archive.org/details/moorakh-hriday
2)archive.org/details/uttara-kanda/page/329/mode/1up
मेरा आपसे यह सवाल है आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं कि आप ही धरती के सबसे बड़े विद्वान है आप हर समय किसी न किसी महात्मा संत पर टिप्पणी करते रहते हैं यही धंधा खोल है आप और जहां तक बात श्री रामभद्राचार्य जी की है तो आप उनकी अभी रोम के बराबर भी नहीं है क्योंकि उनकी मेमोरी में जितना ज्ञान है और आपको देखते हुए लगता है कि आप कितने बड़े अपने श्री राजेंद्र दास जी महाराज के ऊपर भी टिप्पणी की है
Rambhadracharya toh bharat mata ko ram ji se upar bolta hai mereko pehle yeh bata bharat mata kis granth mai likha hai? Bjp ka baba
मूलतः समस्या क्या है आप की ज्ञान की, संत की परिभाषा क्या है यहां से शुरुवात है।
तो वास्तविक धर्म बताया जाए तो निंदा लगती है।
यदि किसी व्यक्ति का यूनिफार्म सन्त जैसा हो और उसके लाखों अनुयायी हों, नेता मन्त्री सेलिब्रिटी से उठना बैठना हो तो वह सर्वसमर्थ है, आलोचना से परे है, चाहे कुछ करे और कहे। ऐसे मन्दबुद्धियों ने ही अधर्म को धर्म घोषित कर रखा है।
आप को लगता है की राम भद्राचार्य के रोम के बराबर नही तो यह दोनो पुस्तक पढ़िए। Free download।
रामभद्रचार्य स्वामी श्री निग्रहाचार्य जी से पूर्णतः विखंडित है।
archive.org/details/moorakh-hriday
archive.org/details/uttara-kanda/page/329/mode/1up
कौन कितने पानी में है,
यह तुम तय करोगे - ?
तुम्हारे महामानव रामभद्राचार्य एक
बेहद बेहद बेहद बारीक, अति अति सूक्ष्म गुंडे हैं।
उनके पिछे भगवान वासुदेव लगे हैं। निग्रह स्वामी तो निमित्त मात्र हैं।
वासुदेव क्या चीज हैं - ???
वासुदेव का अर्थ है - परम सत्य।
वासुदेव का एक ही भोजन है,और वह भोजन है - अहंकार।
🕉🕉🕉
@@shashankkumar311 Vah re pakistani ye pagal ke sath jo hamesha shant ka virodh karta hai pakistan kyo nahi jate😅😅
Bhai ye sala hamesha bakchodi karta hai ye hamesha Santo ki burai karta hai
Tumhare me shri rambhadracharyaji jaisi yogyata hai .
Free download archive.org/details/moorakh-hriday
archive.org/details/uttara-kanda/page/329/mode/1up
लाखों करोड़ों गुना ज्यादा रामभद्राचार्य पैरों की धूल भी नहीं है
@@satishsingh801 22 Bhasa 250 rachanaye prabhu shri ram Janma bhumi ke ek Matra shatrokt gavahi aur bhi bahut.
@@ashwanidwivedi7411 तुम चुटिया हो अंधभक्त हो तो मैं क्या
आपको यदि भगवान के दर्शन हो गए हो तो मुझे कुछ अनुभूतियां हुई हो तो कुछ बताने की कृपा करें मैं भी धर्म को बड़े सोच समझकर के अपना आता हूं ऐसे अंधविश्वास में नहीं पड़ता मगर आपको जब जब भी देखता हूं किसी न किसी महात्मा पर टिप्पणी करते हुए हीफेमस होने का षड्यंत्र बंद करिए महाराज राम नाम कीजिए जिसमें आनंद है यही संसार का सहारा है कलयुग हैऔर कलयुग में दिखाते कुछ और है करते कुछ और है रहते कुछ और है हम भी संतों को बड़े विवेक पूर्व सुनते हैं देखते हैं और उनके चरणों में रहा हूं कृपया मेरे कमेंट का उत्तर अवश्य दें आपकी अति कृपा होगी प्रणाम करता हूं
Aap tau Kalnemi pujak lagate hai. Aur, yadi Nigrahacharaya ji ki vichar achche nahi lagate tau suun hee kyu rahe ho? Sharir aapka, hast aapke karn aapke, tau yeh notanki kyun?
Iss bewakoof ki baat koi mat suno
Nugrahacharya ji aapka logic sahi nahi he. Krishn parmeshwar he aur Omkaar he. Who hi Raam he. Puran padte padte confused ho gaye he aap
पगलेट।
Bewkoof mat bno