साहिब बंदगी गुरु जी कृपा करकेआप हमें भी बताएं समझाएं की आत्मा परमात्मा कैसे होते हैं हमारा भी जीवन का कल्याण करें हमारी भी तडप है परमात्मा के प़ति हमारा जीवन धन्य हो जाएगा आपकी कृपा से आपको बारंबार शत शत नमन
JAI JAI SHREE OM SHREE MAA 🙏 JI 😍❤️🙌 JAI JAI SHREE OM SHREE SADGURU PYARE JI 😍❤️🙌 JAI JAI SHREE OM SHREE RADHE RADHE LADLI SHYAMA KISHORI ALBELI RANGILI KARUNAMAYI KRIPAMAYI MAMTAMAYI DAYAMAYI SARKAAR HARIDAS DULARI MAHARAAJ JI 😍❤️🙌😍🙏..........................................................................
आरति अकह पुरुष अविनाशी बोल अबोल केयो नही जाय अगम आरति सुरती से होई है अनाम अक्षर के मोही निरती मे जब सूरत समोई आवे न जावे हुवे निरमोई अकथ कथा विचारीये बावन आखर ने दो खोई नीरती सुरति सहयोग से शब्द निःआखर होई शूक्षम सुरति से देखो जोई
jo guru nhi bante usse galat samjhte hai uske liye guru ka matalab gyan hai na ki sarir jise atma gyan ho jaye usse kisi ka jarurt nhi maine to ved puran banya maine eswar ko bhi banya lekin mujhe kon banya re piyash pani dudne ke liye ved puran nhi dekhta na guru se puchhta hai nigra bole usse bada nigra koi nhi nichh kahe usse bade nichh nhi mere ko sarir guru ki jarurt nhi hai sabda guru hai videhi guru mere hai us satguru ko hi guru man liye hu
कोटि नाम संसार मे ताते मुक्ति ना होय आदि नाम जो गुप्त जप बूझे बिरला कोई। यह कबीर दास जी का दोहा है ऐसा लोग कहते हैं ।वास्तव मे यह दोहा मिथ्या ही है। कारण परमात्मा तो अनाम है कोई नाम है ही नहीं इसलिए यह दोहा भ्रमित करनेवाला है। नाम(शब्द) का विज्ञान के हिसाब से विश्लेषण करें तो ऐक लहर ही है स्पंदन ही है। वास्तव में शरीर व मन से अनुभव में आने वाले सब तत्व अतत्व ,विचार, भावना,सुख, दुःख, आदि समस्त गुण अवगुण, प्रकाश ,अंधेरा ही नहीं स्वयं शरीर ऐवं मन भी लहर ही हैं जो शुन्य से उत्पन्न हो कर शुन्य में समा जाते हैं कुछ समय बाद फिर जन्मते ओर मरते हैं यही आवागमन है शुन्य के पार नि: शब्द (परमात्मा) है। कुछ लहरों का जीवन अरबों सालों का होता है लगता ऐसा है यह अमर है पर है नहीं जैसे हर ऐक लोक का ब्रह्म व ब्रह्मनाद (प्रणव धुन)पर यह भी ऐक समय बाद समाप्त हो जाता है।जो जन्मे मरे वह परमात्मा हो ही नहीं सकता। *नि: शब्द*ही परमात्मा है।
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ?? परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं। सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे वस्तव मे नि:शब्द ,आत्मा, परमात्मा भगवान,गोड,वाहे गुरु, ईश्वर,अल्हा,व्याकरण के शब्द हैं यह मन को समझाने के लिए उस परम सत्य को बताने के ईसारे मात्र ही हैं।सत्य को तो बताया जा ही नहीं सकतावह मन बुद्धि के लिये अलख है और मन की औकात नहीं उसको अपने प्रयत्न से जान सके पर *नि:शब्द*अन्य समस्त ईसारों से ज्यादा सत्य को अच्छी तरह दर्शाता है क्योंकि परमात्मा कम्पलीट साईलेंस (पूर्ण शान्त) अवस्था है जिसे कोई भी परिस्थिति विचलित नहीं कर सके परम शांत अचल,अविचल,स्थित-प्रज्ञ,भावातीत और जो समष्टि का आधार है,समरस,भेदभाव रहित,सर्वव्यापक, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है।ऐसी अवस्था नि:शब्द के अतिरिक्त क्या हो सकती है???? अन्य कुछ भी हो ही नहीं सकती। जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा। पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है। इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका खावोगे अब भी चेत जावो। *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही हैै इसके अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
Mare dam nikale saheb tere cahrano mai ye to jaan liya maime maam liya tu hi param sataya hai tujhese badakar nahi koi nahi guru mare apni saranai lo kirapa laro saheb apke balk haazir hai malik bacha hua jiwan teti bakti gujate data ye fariyad soono sab kuch ujad gaya mujhe koi sikawa nahi ab samabhl karo mari hath pakdo mare malik mujhe aur mare pariwar ko saran mai lo jay jay .jagdish jam jaora jaori jahade teri pag raj dare sish
कबीर साहेब हि भगवान थे,, दोहा , पानी से पैदा नही, स्वसा नही शरीर। अन आहार करता नही, ताका नाम कबीर।। कबीर, सब का बाप है, बेटा किसी का नाई। बेटा हो कर अवतरे, सो तो कबीर नाई।। गगन मंडल से उतरे, सत् गुरू पुरूष कबीर। जलज माही पोडन कियो, सब पिरन के पीर। इन तीन दोहो का अर्थ बताओ समय निकाल कर, । अगर आप ने जवाब नहीं दिया तो मे ये समज लूंगा कि आप, गा ,बजा, कर माया, पैसा, जोडन मे वेस्त हो और , इन दोहो का निष्कृष् बताओ
Bahut hi sundar bhajan deep guruji apke bhajan ne to hamara hriday chhu liya. Guruji apka karyakram cg.state me hota hai ki nahi. Guruji please apna contact no jarur de 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Promod yadav ji Jo poorn brahm prapt kr leta h vo sarv kala sampnn ho jata h jse kabeer das ji Nanak dev ji Sant Ravidas ji....ab aap ek baat batana sare santo ko ikktha kr lo jo b kabeer nam se guru banne chale h....unme koi b esa dikhe to seedhe mujhe batana ...okkk sabne apni apni dukane chala rkhi kabeerdas k nam pr ....
Rampal ji Maharaj bilkul sahi Gyan bta rhe Hain.....apne shuru me comment kr ke apna agyan jahir kr Diya....Dholak Baja bajane se va bhajan gaane se gyaan nhi hota..... Poore Satgur is samay Rampal ji Maharaj hi Hain....
प्रश्न किसी को भगवान मानने का नहीं है....आप निष्पक्ष हो कर एक बार मंथन करिए और कबीर परमात्मा, जिन्हें आप केवल सतगुरु मानते हैं उन्हीं से प्रार्थना करिए की आपका मार्ग प्रशस्त करें व सत्य से आपको अवगत कराएं...... सत् साहेब.... किन्तु इसके लिए घमंड छोड़ना पड़ता हैं। कबीर साहब ने स्वयं कहा है, १२ पंथ काल फुरमाना, भूलें जीव न पाए ठिकाना, .....मान बड़ाई छोड़ कर विचार करने की आवश्यकता है बस.... मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता....इस बार चूक गए तो .....आप स्वयं ज्ञानी हैं।
बिना सतगुरु के ज्ञान नहीं हो सकता । भाई साहब समस्या यह है कि हर कोई दूसरे की ज्ञान देना चाहता और स्वयं के ज्ञान का अवलोकन भी करना नहीं चाहता है। आप जिस गीता अध्याय 8 श्लोक 16 की बात कर रहे हो उसमें 'न विधते ' का अर्थ है नहीं जानते, यहां विध धातु है। चलो हम आपका ही अर्थ मान लेते हैं तो गीता अध्या.२ का श्लोक न.१२ व अध. ४ का श्लोक न.५ गलत हो जाते हैं, क्योंकि गीता ज्ञान दाता यहां अपने आपको जन्म मरण में बता रहा है । रही बात संत रामपाल जी महाराज की तो वो तो सभी की साधना कराते हैं जिनमें प्रमुख हैं दुर्गा, शिव पार्वती, विष्णु लक्ष्मी जी, ब्रह्मा सावित्री व गणेश जी, इत्यादि। जहां तक सुन्न अवस्था, समाधि व अन्य ग्रंथों का ज्ञान या क्रिया या अवस्था की बात है तो उनके ज्यादातर शिष्य उनकी कृपा से सक्षम हैं। बस समझने कि बात है। कुछ दिन साधना चैनल पर शाम साढ़े सात बजे उनके सत्संग सुनकर तो देखिए। इसमें कोई मान बड़ाई या हार जीत वाली बात नहीं है। सच लगे तो ग्रहण करें, नहीं तो आप गलत रास्ते पर तो जा ही रहे हैं। धन्यवाद।
है भाई जी सब कुछ आप हे वो यानी के आप ओर जब सब कुछ आप हे वो तो फिर कया सबद ओर क्या सार ओर क्या ज्ञान ओर क्या हे ज्ञान मुझे बताने की कृपा करे धन्यवाद ओर जब सब कुछ वो ही हे यानी के आप ओर मै ना आप कुछ ओर ना ही मे कुछ बस सब कुछ ये ही ये यानी के आप ओर मै जय माता दी
देही को सत गुरु कहे यह तो दूधर ग्यान चार दाग आबे नहीं ताको सत्य गुरु जान ।चार बेद 18पुरान 6शाश्त्र के जानने वाले को सतगुरू नहीं कह सकते हैं क्योंकि बेदो के ग्याता तो अनेक हो सकते हैं सतगुरु तो तीनों काल में एक ही होता है बह केवल सत्य गुरु कबीर ही है क्योंकि वह बिदेह सत्य. स्वरूप काया माया से परे हैं
आदि गणेश मनाऊ , गणनायक देवन देवा ! कौन है , वो आदि गणेश ?? #आदि_गणेश_कबीर परमेश्वर जी है ! जो कि अविनाशी है ! चारो युगों में आते है । अधिक जानकारी के लिए देखे साधना चैनल पर रात्रि 7:30 से 8:30 तक... @SaintRampalJiM
Tumhare Jaise pakhandi hone Kabhi bhagwan ki baat Nahin Mani Kabir sahab ne Kaha tha ham hi alag Allah Hain kutub gosht aur peer garibdas Kali ki dhani hamara naam Kabir, aur aaj fir rampal ji Maharaj usi gyan ko ujagar kar rahe hain to unko jail mein Dal Diya aur upar se aap Jaise log , use parmatma ki hansi uda rahe ho ek din bahut pachtaoge
Sant rampal pahle apne apko to jail se chhuda le fir ap logo ko chhudayega Jinhone apne apko swayam parmatma bataya hai wo khud apne banaye jal me fas gaye hai. Kabir saheb ne to ye bhi kaha tha..... Sachi kahav to maran dhave jhhuthe jag patiyaya Ap log itne andhe ho gye ho jo abhi bhi sant rampal jaise ko parmatma mante ho. Jara aankhe kholo
जय हो गुरुदेव जी महाराजकी जय गुरुजी आपकी जय जयकार हो आपके चरणों में कुटी कुटी प्रणाम करता हूं। ❤जय जय सियाराम।❤ धन्य है आपके गुरबाणी❤
Kabir saheb k pavan charnon me saheb bandagi saheb
Bahut badhiya aatmgyan
🤲🌹🌹🌹Sadguru Kabir sahab ke pavan kawal mein Supreme Sahib bandagi Sahib🤲🌺🌺🌺
Deep guruji saprem saheb bandagi
Apke vani me to sachhat satya kabir saheb ka vas hai
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
दिप गुरु जी आपके लिऐ 👏👏👏🙏
Khoob Anand ave ho ji deepji maharaj
बहुत ही सूदर अतम ज्ञान की बात
Aati sundar bhagt ji,,jai Sachidanand ji
St shaheb bndgi
सत साहिब साहिब बंदगी सत्य कबीर
Shiba bandagi deepu guru ji
🙏 साहिब बंदगी साहिब 🙏
Jeygurudevki
सत्य की बात हीअलगहेदी पगुरुजी
Very nice bhjn
साहेब
सत्यम् शिवम् सुन्दरम् |
St shahebji
Aek bar khojilo Aand hi Aand he guru kripahi kevlam sisysy pram manglam🙏 Bandgi Saheb 🌼
Vvvv45gvvvvvvvfvvv
जल पाछे माच्छरी कुल के पाछे शुद्धि
जिसको जैसा गुरु मिले वैसी ही बुद्धि
Iut
Iutu
Bahut hi sunder saheb ji ka bhajan🙏🙏
Jai ho k
साहिब बंदगी गुरु जी कृपा करकेआप हमें भी बताएं समझाएं की आत्मा परमात्मा कैसे होते हैं हमारा भी जीवन का कल्याण करें हमारी भी तडप है परमात्मा के प़ति हमारा जीवन धन्य हो जाएगा आपकी कृपा से आपको बारंबार शत शत नमन
Very nice
🙏सत कैवल साहेब🙏
JAI JAI SHREE OM SHREE MAA 🙏 JI 😍❤️🙌 JAI JAI SHREE OM SHREE SADGURU PYARE JI 😍❤️🙌 JAI JAI SHREE OM SHREE RADHE RADHE LADLI SHYAMA KISHORI ALBELI RANGILI KARUNAMAYI KRIPAMAYI MAMTAMAYI DAYAMAYI SARKAAR HARIDAS DULARI MAHARAAJ JI 😍❤️🙌😍🙏..........................................................................
Bahut Achha gyan h sahb g Apki
Bandgi sahb Ki
सत्य नाम कबीर
Bahut Bahut dhanyawad Guruji
जय हो
Sant dipu maharaj ke sabdho me vo rahsy jo aatma ko prmatma ki or marg bta rhe he
Samst sad guru saheb bandagi stnam me upender das giridih karnpura jharkhnd se
अति सुंदर।
Jai ghuru dev ki jay
Jay Sheri shyam
Dhan nirnkar ji
Vah saheb Viveki, gave bhajan arth, Nahin jaane,
आरति अकह पुरुष अविनाशी बोल अबोल केयो नही जाय अगम आरति सुरती से होई है अनाम अक्षर के मोही निरती मे जब सूरत समोई आवे न जावे हुवे निरमोई अकथ कथा विचारीये बावन आखर ने दो खोई नीरती सुरति सहयोग से शब्द निःआखर होई शूक्षम सुरति से देखो जोई
Sahib bandagi
Saty ki mahi hai
सत्य हे जयही
jo guru nhi bante usse galat samjhte hai uske liye guru ka matalab gyan hai na ki sarir jise atma gyan ho jaye usse kisi ka jarurt nhi maine to ved puran banya maine eswar ko bhi banya lekin mujhe kon banya re piyash pani dudne ke liye ved puran nhi dekhta na guru se puchhta hai nigra bole usse bada nigra koi nhi nichh kahe usse bade nichh nhi mere ko sarir guru ki jarurt nhi hai sabda guru hai videhi guru mere hai us satguru ko hi guru man liye hu
ऊं नमो नारायण
Jay guru ji
जय हो गुरुजी बहुत बहुत सुंदर भजन साहेब बंदगी साहेब में कुशलगडा़ जिल बासवाडा़ राजस्थान से
बहुत ही प्यारा भजन है
Dhan nirankar ji
Sat sahib ji
Super bhajan
ईस भजन की डेट अभी के डाला है जो भी भजन बनवाया है साहेब की कृपा साक्छात है तभी परमात्मा उससे काम लेते है बहुत अच्छा भजन है
There is nothing beyond The Bramha ?
aap ki aawaj bhout achi hai jai ho
Good
Very nice 👌
Nice
Super
Kabir dass is complete god in the world
कोटि नाम संसार मे ताते मुक्ति ना होय आदि नाम जो गुप्त जप बूझे बिरला कोई।
यह कबीर दास जी का दोहा है ऐसा लोग कहते हैं ।वास्तव मे यह दोहा मिथ्या ही है।
कारण परमात्मा तो अनाम है कोई नाम है ही नहीं इसलिए यह दोहा भ्रमित करनेवाला है।
नाम(शब्द) का विज्ञान के हिसाब से विश्लेषण करें तो ऐक लहर ही है स्पंदन ही है।
वास्तव में शरीर व मन से अनुभव में आने वाले सब तत्व अतत्व ,विचार, भावना,सुख, दुःख, आदि समस्त गुण अवगुण, प्रकाश ,अंधेरा ही नहीं स्वयं शरीर ऐवं मन भी लहर ही हैं जो शुन्य से उत्पन्न हो कर शुन्य में समा जाते हैं कुछ समय बाद फिर जन्मते ओर मरते हैं यही आवागमन है शुन्य के पार नि: शब्द (परमात्मा) है।
कुछ लहरों का जीवन अरबों सालों का होता है लगता ऐसा है यह अमर है पर है नहीं जैसे हर ऐक लोक का ब्रह्म व ब्रह्मनाद (प्रणव धुन)पर यह भी ऐक समय बाद समाप्त हो जाता है।जो जन्मे मरे वह परमात्मा हो ही
नहीं सकता।
*नि: शब्द*ही परमात्मा है।
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ??
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं।
सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
वस्तव मे नि:शब्द ,आत्मा, परमात्मा भगवान,गोड,वाहे गुरु, ईश्वर,अल्हा,व्याकरण के शब्द हैं यह मन को समझाने के लिए उस परम सत्य को बताने के ईसारे मात्र ही हैं।सत्य को तो बताया जा ही नहीं सकतावह मन बुद्धि के लिये अलख है और मन की औकात नहीं उसको अपने प्रयत्न से जान सके पर *नि:शब्द*अन्य समस्त ईसारों से ज्यादा सत्य को अच्छी तरह दर्शाता है क्योंकि परमात्मा कम्पलीट साईलेंस (पूर्ण शान्त) अवस्था है जिसे कोई भी परिस्थिति विचलित नहीं कर सके परम शांत अचल,अविचल,स्थित-प्रज्ञ,भावातीत
और जो समष्टि का आधार है,समरस,भेदभाव रहित,सर्वव्यापक, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है।ऐसी अवस्था नि:शब्द के अतिरिक्त क्या हो सकती है????
अन्य कुछ भी हो ही नहीं सकती।
जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं
इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा।
पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है।
इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी
उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका
खावोगे अब भी चेत जावो।
*नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही हैै इसके अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
Jy ho... sahib ki
दोहा सही है
गीता आध्य्या 17 के स्लोक नबर 23में कहा ॐ तत सत
super dhupper hit good
Mare dam nikale saheb tere cahrano mai ye to jaan liya maime maam liya tu hi param sataya hai tujhese badakar nahi koi nahi guru mare apni saranai lo kirapa laro saheb apke balk haazir hai malik bacha hua jiwan teti bakti gujate data ye fariyad soono sab kuch ujad gaya mujhe koi sikawa nahi ab samabhl karo mari hath pakdo mare malik mujhe aur mare pariwar ko saran mai lo jay jay .jagdish jam jaora jaori jahade teri pag raj dare sish
Nice bhjan
bhajn ham paesa kharch karke sunte he to vichapan kahe bich me khused rhe ho
RAM pal das ji puran guru
7,30। 8।30 Rampal Ji Maharaj ke सत्संग
संत रामपाल जी महाराज के प्रवचन सुने 7:30 से 8:30 तक साधना चैनल
Sat sahheb ji
पुरा गुरू संत रामपाल जी महाराज जी हैं
Bhagavan sakar hai ya nirakar hai
Saheb bandagi saheb aap likhit me bhi bhajan bhej do
कबीर साहेब हि भगवान थे,,
दोहा , पानी से पैदा नही, स्वसा नही शरीर।
अन आहार करता नही, ताका नाम कबीर।।
कबीर, सब का बाप है, बेटा किसी का नाई।
बेटा हो कर अवतरे, सो तो कबीर नाई।।
गगन मंडल से उतरे, सत् गुरू पुरूष कबीर।
जलज माही पोडन कियो, सब पिरन के पीर।
इन तीन दोहो का अर्थ बताओ समय निकाल कर, । अगर आप ने जवाब नहीं दिया तो मे ये समज लूंगा कि आप, गा ,बजा, कर माया, पैसा, जोडन मे वेस्त हो और , इन दोहो का निष्कृष् बताओ
साहेब कबीर एक संत थे समाज सुधारक महामानव है
संत साहेब कबीर भगवान नही थे
Kbirdasji ak mhan shanth
God is
@@bhartimusicnayewasya8828 सबूत के साथ बताओ की कबीर परमात्मा नहीं थे या थे। इन दोहो ,के अर्थ मै तो कबीर परमात्मा साबित होते हैं ।
Braham and gyan go together .If we are enlightened by gyan you are automatically adjoined with Braham
,,साचा ज्ञान,संत रामपाल जी महाराज, के पास ही है,,
कबीर साहेब के पाश भी है रामपाल जी ने कहा सिख
@@Bhajanmanch आप कहना क्या चाहते हो गुरुजी
राम पाल जी महराज 12👍पंथ के संचालक हंस मुनि दूत हैं पृमाण कबीर सागर।
Surendra Singh Radhoriya
बहुतसुदंनदरकबीरभजनहै
Puran sant ram pal das ji ka satsang sune
Bahut hi sundar bhajan deep guruji apke bhajan ne to hamara hriday chhu liya. Guruji apka karyakram cg.state me hota hai ki nahi. Guruji please apna contact no jarur de
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भजन.साथियो बरमा.मेघ मे.अत्र कया.कुरपा.बतावे हम भी आशा रखते.कबीर.जी.की हे जय भीम जय भीम आरमी
aavaj eko saund k karan saat nahi aati he
Ap Ko pata h atma kya to sab ko darshan karayo kishi ki ninda mat karo Kabir sahib kabhi kisi ki ninda nahi karte bhayo
Promod yadav ji Jo poorn brahm prapt kr leta h vo sarv kala sampnn ho jata h jse kabeer das ji Nanak dev ji Sant Ravidas ji....ab aap ek baat batana sare santo ko ikktha kr lo jo b kabeer nam se guru banne chale h....unme koi b esa dikhe to seedhe mujhe batana ...okkk sabne apni apni dukane chala rkhi kabeerdas k nam pr ....
Rampal ji Maharaj bilkul sahi Gyan bta rhe Hain.....apne shuru me comment kr ke apna agyan jahir kr Diya....Dholak Baja bajane se va bhajan gaane se gyaan nhi hota..... Poore Satgur is samay Rampal ji Maharaj hi Hain....
Sb apne satguru ko bhagwan mante he.
Aap apne guru ko mane koi jruri nhi ki kewl aapke hi guru bhagwan he baki nhi he esa manna aapka glt ke.
प्रश्न किसी को भगवान मानने का नहीं है....आप निष्पक्ष हो कर एक बार मंथन करिए और कबीर परमात्मा, जिन्हें आप केवल सतगुरु मानते हैं उन्हीं से प्रार्थना करिए की आपका मार्ग प्रशस्त करें व सत्य से आपको अवगत कराएं...... सत् साहेब.... किन्तु इसके लिए घमंड छोड़ना पड़ता हैं। कबीर साहब ने स्वयं कहा है, १२ पंथ काल फुरमाना, भूलें जीव न पाए ठिकाना, .....मान बड़ाई छोड़ कर विचार करने की आवश्यकता है बस.... मनुष्य जन्म बार बार नहीं मिलता....इस बार चूक गए तो .....आप स्वयं ज्ञानी हैं।
बिना सतगुरु के ज्ञान नहीं हो सकता । भाई साहब समस्या यह है कि हर कोई दूसरे की ज्ञान देना चाहता और स्वयं के ज्ञान का अवलोकन भी करना नहीं चाहता है। आप जिस गीता अध्याय 8 श्लोक 16 की बात कर रहे हो उसमें 'न विधते ' का अर्थ है नहीं जानते, यहां विध धातु है। चलो हम आपका ही अर्थ मान लेते हैं तो गीता अध्या.२ का श्लोक न.१२ व अध. ४ का श्लोक न.५ गलत हो जाते हैं, क्योंकि गीता ज्ञान दाता यहां अपने आपको जन्म मरण में बता रहा है । रही बात संत रामपाल जी महाराज की तो वो तो सभी की साधना कराते हैं जिनमें प्रमुख हैं दुर्गा, शिव पार्वती, विष्णु लक्ष्मी जी, ब्रह्मा सावित्री व गणेश जी, इत्यादि। जहां तक सुन्न अवस्था, समाधि व अन्य ग्रंथों का ज्ञान या क्रिया या अवस्था की बात है तो उनके ज्यादातर शिष्य उनकी कृपा से सक्षम हैं। बस समझने कि बात है। कुछ दिन साधना चैनल पर शाम साढ़े सात बजे उनके सत्संग सुनकर तो देखिए। इसमें कोई मान बड़ाई या हार जीत वाली बात नहीं है। सच लगे तो ग्रहण करें, नहीं तो आप गलत रास्ते पर तो जा ही रहे हैं। धन्यवाद।
@@Bhajanmanch काल काल सब कोई कहे
काल ना सिन्हे कोयी
जेती मन की कल्पना
काल कहावे सोयी
है भाई जी सब कुछ आप हे वो यानी के आप ओर जब सब कुछ आप हे वो तो फिर कया सबद ओर क्या सार ओर क्या ज्ञान ओर क्या हे ज्ञान मुझे बताने की कृपा करे धन्यवाद ओर जब सब कुछ वो ही हे यानी के आप ओर मै ना आप कुछ ओर ना ही मे कुछ बस सब कुछ ये ही ये यानी के आप ओर मै जय माता दी
Dan satguru
सांचा गुरु कौन है उनकी क्या पहचान
Dharm dash Kota
जिनको चार वेद छः शास्त्र 18 पुराण का ज्ञान हो
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज
देही को सत गुरु कहे यह तो दूधर ग्यान चार दाग आबे नहीं ताको सत्य गुरु जान ।चार बेद 18पुरान 6शाश्त्र के जानने वाले को सतगुरू नहीं कह सकते हैं क्योंकि बेदो के ग्याता तो अनेक हो सकते हैं सतगुरु तो तीनों काल में एक ही होता है बह केवल सत्य गुरु कबीर ही है क्योंकि वह बिदेह सत्य. स्वरूप काया माया से परे हैं
Sat saheb ji bhgt ji
दीपू जी महाराज जी के नंबर है क्या
बताये महराज जी कैसी आत्मा है फिर
कबिर साहेब का बोला सब्द है और सच में बताये ईसका भेद बता मेरे अवधु अच्छी करनी कर ले तु
गलत
आदि गणेश मनाऊ , गणनायक देवन देवा !
कौन है , वो आदि गणेश ??
#आदि_गणेश_कबीर परमेश्वर जी है ! जो कि अविनाशी है ! चारो युगों में आते है ।
अधिक जानकारी के लिए देखे साधना चैनल पर रात्रि 7:30 से 8:30 तक...
@SaintRampalJiM
,,जनता को गुमराह न करो,,
Tumhare Jaise pakhandi hone Kabhi bhagwan ki baat Nahin Mani Kabir sahab ne Kaha tha ham hi alag Allah Hain kutub gosht aur peer garibdas Kali ki dhani hamara naam Kabir, aur aaj fir rampal ji Maharaj usi gyan ko ujagar kar rahe hain to unko jail mein Dal Diya aur upar se aap Jaise log , use parmatma ki hansi uda rahe ho ek din bahut pachtaoge
@दीपगुरुजी साहेब shi guru dev
Sant rampal pahle apne apko to jail se chhuda le fir ap logo ko chhudayega
Jinhone apne apko swayam parmatma bataya hai wo khud apne banaye jal me fas gaye hai. Kabir saheb ne to ye bhi kaha tha.....
Sachi kahav to maran dhave jhhuthe jag patiyaya
Ap log itne andhe ho gye ho jo abhi bhi sant rampal jaise ko parmatma mante ho. Jara aankhe kholo
@दीपगुरुजी साहेब
🙏🙏🙏🙏🙏
@@Ramchandraprajapati-143
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ऐसे भजन इनके बस की बात नहीं है बकवास गायकी
क़य
Bondi chor ki
Jai sat guru Kabir bhagwan ki jai
Sat Sat naman
Nice bajan
Jay ho