इतने विद्वान इकट्ठे होते थे न तो वेदों की चर्चा की न पुराणों की न रामायण की न महाभारत की न राम की न कृष्ण की न शिव की न ब्रह्मा की न विष्णु की और नहीं तो उन्हें जूठा ही कह देते ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि ये सब कल्पनाएं काफी बाद की हैं इसीलिए बौद्ध ग्रंथों में इनके बारे में कुछ नहीं लिखा गया।
मणिकांत सिंह जी, आपके द्वारा दी गई शोधपूर्ण जानकारी बहुत अच्छी है। मैंने पाली एवं बौद्ध दर्शन में एम् ए, औरंगाबाद मराठवाड़ा विश्व विद्यालय से 1992 में किया है। पाली भाषा साहित्य का छात्र होने के कारण वर्तमान साहित्य का संस्कृतिकरण होने से प्राचीन नामों को आप जब बताते है मैं बहुत गौर से सुनता हूं। अन्य लेखकों ने ऐसा नहीं किया है। मुल भासा साहित्य का विकृतिकरण किया गया था। प्रथम बौद्ध संगिती में पांचसौ अर्हत होने की चर्चा सभी ने की है। भिक्खु आनंद पांच सौ वे थे और संघ ने उनको संगिति में आमंत्रित किया था। इस विषय में विपश्यना आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका जी ने म्यांमार के साहित्य का संदर्भ दिया हुआ है। आचार्य रजनीश ने भी पांच सौ, पाली साहित्य का इतिहास: भरतसिंह उपाध्याय और महापंडित राहुल सांकृत्यायन, भदंत जगदीश काश्यप जिन्होंने नव नालंदा महाविहार, नालंदा का निर्माण किया और पाली तिपीटक को देवनागरी लिपि में तैयार किया है। प्रथम बौद्ध संगिति में आपने 499 का उल्लेख किया है, जानकर थोड़ा अटपटा लगा है। छात्रों के समक्ष बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत साधुवाद। भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो पिछले तीन साल से थाईलैंड में
@@HamaraAteet मगध साम्राज्य के महाराज अजातशत्रु ने प्रथम बौद्ध संगिती का आयोजन किया था, उस समय तक 499 अर्हत थे। तथागत बुद्ध के सहायक भदंत आनंद को व्यवस्थापन कार्य में व्यस्त होने के कारण साधना के लिए समय नहीं मिलता था। वरिष्ठ भिक्खुओं ने आग्रह किया कि "संगिती में आपका होना आवश्यक है क्योंकि आप भगवान के साथ लंबे समय तक रहें है।" भंते आनंद ने मुझे अर्हत होना है कि भावना से अभ्यास किया, आखरी में थक गये और अब मैं अर्हत नहीं बन पाया सोच, विश्राम के लिए लेटते समय सीर टिकाने से पहले ही उनको निब्बान को प्राप्त हुए। सप्तपर्णी गुफा में सभी 499 अर्हतों के बीच भदंत आनंद द्वारा सुत्तों का संगायन किया। भदंत उपालि ने विनय का संगायन किया। यह बात मैं अपने छात्र जीवन से पढ़ते और देश विदेशों के भिक्खुओ से सुनते आया हूं। मेरे प्रव्रज्या गुरु जापानी भारतीय Bhadant Arya Nagarjuna Shurei Sasai जी है और भिक्खु उपसंपदा Full ordination ceremony at Myanmar Monastery BuddhaGaya गुरुजी डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी के गुरुबंधु आराकान म्यांमार बर्मा के है जो कुशीनगर उत्तर प्रदेश के म्यांमार मोनास्ट्री प्रमुख भदंत ज्ञानेश्वर महाथेरा, अग्ग महा पंडित, सद्धम्म जोतिकाधजा और म्यांमार का सर्वोच्च पुरस्कार अभिरथा महागुरु उनको मिला है।Most Most Venerable His Holiness Bhadant Gyaneshwar Mahathero, President KushiNagar Bhikkhu Sangha है। आदरणीय आपके जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। आपके द्वारा दी गई जानकारी पुर्णत: सत्य नहीं है। बहुत बहुत साधुवाद। थाईलैंड से भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो
आपने इतने सरल तरीके से बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक की बेहतरीन जानकारी दी साथ ही इतिहास का निष्पक्ष वर्णन सराहनीय है इतनी उत्कृष्ट बिश्लेष्ण और जानकारी के लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद । नमो बुद्धाय जय भीम 🙏🌹🙏
नमस्ते भाई। अच्छी जानकारी के लिए बहुत धन्यवाद। बुरा नही मानिए।बस बुद्ध धम्म कहिए।धर्म नही।धम्म और धर्म में जो फर्क है, ओ अच्छी तरह बुद्ध धम्म में बताया गया है।शुक्रिया🙏
सर आप हर विषय पर इतनी अच्छी प्रेरणादायक वीडियो बनाते हो और उसको इतने अच्छे तरह से समझाते हो एक गुरु की भक्ति बहुत अच्छी तरह समझाते हो आप धन्य है मैं आप की उपस्थिति को प्रणाम करता हूं जय भीम नमो बुद्धाय
आप द्वारा बौद्ध दर्शन की जानकारी दी गई है वह स्पष्ट एवम निष्पक्ष है मगर सम्राट कनिष्क की लिपि और भाषा नही बताई फिर भी आप आदर, सम्मान के पात्र है नमो बुद्धाय ।
Min anjali anand mery umer su h aap ki jankari sunte sunte apni yadon m 8 class m pahuch gai aaj wy sabhi kithaby hata di gai h Jin sy hum ru baru thy ithihas mera pasand ka vishey h
@@shubhusinghpcb9092धम्मा शब्द ही सही है, धर्म भेद दर्शाता है तो *धम्म* एक आदमी को दूसरे आदमी जोड़नेवाला जो आदर्श नीति अपनाई जाती है वह *धम्म* ही है.. धर्म नहीं..! पाली भाषा का ज्ञान ना होने से संस्कृत भाषा जो एक हाइब्रिड भाषा ब्राह्मणों ने बनाई गई और बौध शिलालेख, बुद्ध विहार पर कब्जा बनाकर देवालय बनाए जिस में बुद्ध की विरासत मिटा ने के लिए देवालय के वेश्यालय बनाए अंग्रेज आने तक..!अंग्रेजों ने ही सती, देवदासी याने वैश्या नीति पर रोक लगाई..! इसी कारण इन मूलनिवासी लोगो को गुलाम बनाकर तुम्हे हिन्दू नाम से जोड़ दिया। हिन्दू याने चोर, लुटेरे, डाकू, एक नीच जाती। इस कारण आरएसएस और मोदी तुम्हे १३० करोड़ लोगो को हिंदु बोलता है..! अंध भक्तो जाग उठो..!
Sir apko Naman..ap ,arpit tribedi sir,aur science journey sir tatha anya sadasya ko mera dilse sadhubad.🙏🙏🙏🙏 Mai saman aur budh ko bachan se prabhabit hote Aya hu hundu hote hue bhi.
Bahot behtarin dhang se padhaya hai bhai aise agar schools me padhaya jaye to sari galat baato ka nirakaran ho jayega aur desh ka abhi ka jo mahol hai chhutkara mil jayega kyoki sach ko itna gahan tarikeae chupaya gaya hai ki dur dur tak kuchh sach dikhta hi nahi aap aur science journey ki koshish se kuchh prashno ke uttar mil rahe hai
निष्पक्ष रूप से इतिहास का वर्णन करना सराहनीय है। धन्यवाद।🙏🙏🙏
इतने विद्वान इकट्ठे होते थे
न तो वेदों की चर्चा की
न पुराणों की
न रामायण की
न महाभारत की
न राम की
न कृष्ण की
न शिव की
न ब्रह्मा की
न विष्णु की
और नहीं तो उन्हें जूठा ही कह देते
ऐसा कुछ नहीं हुआ
क्योंकि ये सब कल्पनाएं काफी बाद की हैं
इसीलिए बौद्ध ग्रंथों में इनके बारे में कुछ नहीं लिखा गया।
मणिकांत सिंह जी, आपके द्वारा दी गई शोधपूर्ण जानकारी बहुत अच्छी है। मैंने पाली एवं बौद्ध दर्शन में एम् ए, औरंगाबाद मराठवाड़ा विश्व विद्यालय से 1992 में किया है।
पाली भाषा साहित्य का छात्र होने के कारण वर्तमान साहित्य का संस्कृतिकरण होने से प्राचीन नामों को आप जब बताते है मैं बहुत गौर से सुनता हूं।
अन्य लेखकों ने ऐसा नहीं किया है। मुल भासा साहित्य का विकृतिकरण किया गया था।
प्रथम बौद्ध संगिती में पांचसौ अर्हत होने की चर्चा सभी ने की है। भिक्खु आनंद पांच सौ वे थे और संघ ने उनको संगिति में आमंत्रित किया था। इस विषय में विपश्यना आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका जी ने म्यांमार के साहित्य का संदर्भ दिया हुआ है। आचार्य रजनीश ने भी पांच सौ, पाली साहित्य का इतिहास: भरतसिंह उपाध्याय और महापंडित राहुल सांकृत्यायन, भदंत जगदीश काश्यप जिन्होंने नव नालंदा महाविहार, नालंदा का निर्माण किया और पाली तिपीटक को देवनागरी लिपि में तैयार किया है। प्रथम बौद्ध संगिति में आपने 499 का उल्लेख किया है, जानकर थोड़ा अटपटा लगा है।
छात्रों के समक्ष बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत साधुवाद।
भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो
पिछले तीन साल से थाईलैंड में
@@HamaraAteet मगध साम्राज्य के महाराज अजातशत्रु ने प्रथम बौद्ध संगिती का आयोजन किया था, उस समय तक 499 अर्हत थे। तथागत बुद्ध के सहायक भदंत आनंद को व्यवस्थापन कार्य में व्यस्त होने के कारण साधना के लिए समय नहीं मिलता था। वरिष्ठ भिक्खुओं ने आग्रह किया कि "संगिती में आपका होना आवश्यक है क्योंकि आप भगवान के साथ लंबे समय तक रहें है।" भंते आनंद ने मुझे अर्हत होना है कि भावना से अभ्यास किया, आखरी में थक गये और अब मैं अर्हत नहीं बन पाया सोच, विश्राम के लिए लेटते समय सीर टिकाने से पहले ही उनको निब्बान को प्राप्त हुए। सप्तपर्णी गुफा में सभी 499 अर्हतों के बीच भदंत आनंद द्वारा सुत्तों का संगायन किया। भदंत उपालि ने विनय का संगायन किया।
यह बात मैं अपने छात्र जीवन से पढ़ते और देश विदेशों के भिक्खुओ से सुनते आया हूं।
मेरे प्रव्रज्या गुरु जापानी भारतीय Bhadant Arya Nagarjuna Shurei Sasai जी है और भिक्खु उपसंपदा Full ordination ceremony at Myanmar Monastery BuddhaGaya गुरुजी डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी के गुरुबंधु आराकान म्यांमार बर्मा के है जो कुशीनगर उत्तर प्रदेश के म्यांमार मोनास्ट्री प्रमुख भदंत ज्ञानेश्वर महाथेरा, अग्ग महा पंडित, सद्धम्म जोतिकाधजा और म्यांमार का सर्वोच्च पुरस्कार अभिरथा महागुरु उनको मिला है।Most Most Venerable His Holiness Bhadant Gyaneshwar Mahathero, President KushiNagar Bhikkhu Sangha है।
आदरणीय आपके जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। आपके द्वारा दी गई जानकारी पुर्णत: सत्य नहीं है।
बहुत बहुत साधुवाद।
थाईलैंड से भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो
त्रिपिटक बौद्ध ग्रंथ पाली और हिंदी उपलब्ध करा सकते हो क्या PDF me
आपने इतने सरल तरीके से बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक की बेहतरीन जानकारी दी साथ ही इतिहास का निष्पक्ष वर्णन सराहनीय है इतनी उत्कृष्ट बिश्लेष्ण और जानकारी के लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद ।
नमो बुद्धाय जय भीम 🙏🌹🙏
सर आपने बौद्ध धम्म, त्रिपीठक की ज्ञानवर्धक जानकारी बहुतही सरल तरीके समझाया हैं। बहुत बहुत धन्यवाद। जय भीम नमो बुद्धाय: 🙏
साधुवाद सरजी 🙏☸️🚩🌷🌷🌷आपने इतने सरल तरीके से हमें तिपीटक के बारे में जानकारी दी और आगे भी ऐसी जानकारी भेजते रहिए।
नमो बुद्धाय् 🙏☸️🚩🚩🚩
बहुत रोचक जानकारी है,हर बौद्ध को मालुम होना चाहिए,आपका ऋणी रहेंगे,इस विशेष जानकारी के लिये!
सर एक बेहतरीन ज्ञानवर्धक जानकारी दी आपने।
शाधु शाधु शाधु बहुत अाच्छा लगा तिपीटक ग्रन्थ के बारे मे , नमाे बुद्धाय 🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति और सत्य के बहुत करीब है ।
अवश्य आपकी टीम होगी क्योंकि अकेले बहुत सारी पुस्तकों का अध्ययन अन्वेषण आसान नहीं है।
बहुत ही शानदार जानकारी
बहुत अच्छा काम कर रहो हो Sir इसीतरह से काम करते रहिये हम सभी को ज्ञान देते रहिये धन्यवाद Sir
सर बहुत बहुत धन्यवाद!! यूट्यूब पर आप जैसे विरले शिक्षक मुझे नही मिले कहीं भी 💐💐👌
नमस्ते भाई। अच्छी जानकारी के लिए बहुत धन्यवाद। बुरा नही मानिए।बस बुद्ध धम्म कहिए।धर्म नही।धम्म और धर्म में जो फर्क है, ओ अच्छी तरह बुद्ध धम्म में बताया गया है।शुक्रिया🙏
इतिहास को सही से प्रस्तुत करने के लिए आपको धन्यवाद।
सर
जयभीम
आपका अध्यन बहोत है
आपका समझाने तरिका बहोत सुंदर है और आपका उच्चार बहोत सही है
धन्यवाद सर ......
आगे आने वाले vdo का इंतजार है
सबकुछ बौद्धों का ही है, नमो बुद्धा
सर आप हर विषय पर इतनी अच्छी प्रेरणादायक वीडियो बनाते हो और उसको इतने अच्छे तरह से समझाते हो एक गुरु की भक्ति बहुत अच्छी तरह समझाते हो आप धन्य है मैं आप की उपस्थिति को प्रणाम करता हूं जय भीम नमो बुद्धाय
बहुत बहुत साधुवाद ।
आपने अच्छी जानकारी दी ।
Namo buddhay Namo buddhay
Great channel.
You should be head of department of history in all colleges and universities.
The proper scientific way of understanding history
आप द्वारा बौद्ध दर्शन की जानकारी दी गई है वह स्पष्ट एवम निष्पक्ष है मगर सम्राट कनिष्क की लिपि और भाषा नही बताई फिर भी आप आदर, सम्मान के पात्र है नमो बुद्धाय ।
बहुत ही सुंदर जानकारी दी है आपने। साधू साधु साधु।
Thanks
Excellent superb information
बहुत ही सराहनीय कार्य....सच को जानने की आकांक्षा रखने वालों की आप बहुत मदद कर रहे हैं।
बहुत बहुत शुक्रिया🎉🎉🎉
Excellent, wonderful, very nice video. Congrats.
बहुत अच्छा जानकारी प्रदान किए आपने। 🙏🙏🙏
Namo budhay Jai bhim Sir your work and guide inspires US to do good work in our life time thank you for your help
बहुत अच्छी जानकारी है बौद्ध इतिहास के बारे में।।
Sir Aap bahut Aaccha prabodhan karate hain
बहुत धन्यवाद सर
Your explanations and revelations to all of us very useful and knowledgeable
Sir aapki lecture ki saralta aur uchharan hai..bahut clear aur pravah naisargik hai..ise banaye rakhein..ati sundar..
Thank you very much Sir!!!! Very Very Very Very Very Very important information!!!
बहुत ही सुंदर कार्य ह श्रीमान आपका ॐ जयहिंद
Very good presentation, congratulations. - dr s s muneshwar .
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी
Nice information sir
आपकी मृदु और कोमल आवाजसे आपने बहोत महत्वपूर्ण जानकारी दी है ! आपको बहोत बहोत साधुवाद !
Super ! bahut acha Sir Ji
Good job
नमो बुद्धाय जय भीम
Sir
THANK YOU
It is rare knowledge of BUDDH DHARM . SO sir create other videos related to extention of this series.
बहुत हि अच्छी जानकारी 🙏🙏🙏🙏
सर आप धन्य हैं बहुत अच्छा और विस्तृत तरह से समझाते हैं🕉 ❤🙏
Very good description,helpful adding knowledge,thanks a lot.
बुध्धम शरणम् गच्छामि
बुद्धम शरणम गच्छामि
नमो तस्य भगवतों अरहतो समासम बुद्धस्य ,नमो बुद्धाए जय भीम जय सम्राट असोक ❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद आपका इतनी अच्छी व्याख्या करने के लिए
प्रेरणादायी व्हिडिओ
Min anjali anand mery umer su h aap ki jankari sunte sunte apni yadon m 8 class m pahuch gai aaj wy sabhi kithaby hata di gai h Jin sy hum ru baru thy ithihas mera pasand ka vishey h
बहुत ही अच्छी जानकारी श्रीमान । बहुत बहुत धन्यवाद
Nicely explained.
Sunder.jankari
थैंक्यू सर आप का बहुत बहुत धन्यवाद और बहुत बहुत शुभ और मंगल कामनाएं
So thanks to channel..from odisha 🙏🙏💥
🙏🏻💐🙏🏻Namo Budhay 🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻Jay Bhim 🙏🏻💐🙏🏻Great Wark Sir Thanku Sir 🙏🏻🙏🏻
बेहतरीन 🙏🏻
Nice information
आपने त्रिपिठक बहुत achhi जाणकारी दी है,🙏🙏 तुम अंग देश के बारे मे. जाणकारी बताओ. बहुत अच्छा होगा.
शुक्रिया सर जानकारी के लिए
Bahut achhi jankari sir 👏
Sir plz history ki puri videos bnaye🙏🙏
Very nice 👍
Very nice👍🎉
Good jankari namo budhay
Sach bolne ke leye danybab apko
Thank you so much sir Jay Bhim Namo Buddhay
Bahut achcha jankari Diya aapko bahut dhanyvad namo buddhay 🎉🎉❤
Dhyanyawad sir
Namo budhay
आपके द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी धन्यवाद सर
Sir, बौद्ध धर्म नही धम्म कहिये please.
Dhamm pali shabd h...jiska arth dharm hota h
@@shubhusinghpcb9092धम्मा शब्द ही सही है, धर्म भेद दर्शाता है तो *धम्म* एक आदमी को दूसरे आदमी जोड़नेवाला जो आदर्श नीति अपनाई जाती है वह *धम्म* ही है.. धर्म नहीं..!
पाली भाषा का ज्ञान ना होने से संस्कृत भाषा जो एक हाइब्रिड भाषा ब्राह्मणों ने बनाई गई और बौध शिलालेख, बुद्ध विहार पर कब्जा बनाकर देवालय बनाए जिस में बुद्ध की विरासत मिटा ने के लिए देवालय के वेश्यालय बनाए अंग्रेज आने तक..!अंग्रेजों ने ही सती, देवदासी याने वैश्या नीति पर रोक लगाई..! इसी कारण इन मूलनिवासी लोगो को गुलाम बनाकर तुम्हे हिन्दू नाम से जोड़ दिया। हिन्दू याने चोर, लुटेरे, डाकू, एक नीच जाती। इस कारण आरएसएस और मोदी तुम्हे १३० करोड़ लोगो को हिंदु बोलता है..!
अंध भक्तो जाग उठो..!
Dhanyavad sir 👍
सर आपण बुद्धा धम्म त्रिपीठक काची माहिती दिली आहे आपणांस खूप हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभेच्छा नमो बुध्दऻय जयभिम 🙏🌷🌹🌷🌷🙏
Very very good knowledge
अद्भुत 👌👌👌🌹🌹🌹
सर त्रिपीठक कहासे प्राप्त हो सकता हे? कृपया करके बता दीजिये 🙏🙏
@@HamaraAteet Ashok ki रानियां नंगी kyu dikhai deti hai .
Sadhu Sadhu Sadhu aapka bhot nahi dhanyawad aisehi mahan Samrat Ashok ke bare me jankariya tete rahiye
@@HamaraAteet online bhi order kr sakte hei
सम्यक प्रकाशन, दिल्ली यहाँ पर त्रिपिटक हिन्दी में मिलेंगे।
Aap samyak prakashan se maga sakte hai
Good ❤❤❤❤❤
Jaybhim Namobuddhay
Jay Mulnivasi bramhan
Thankyou 🙏💐
Sir apko Naman..ap ,arpit tribedi sir,aur science journey sir tatha anya sadasya ko mera dilse sadhubad.🙏🙏🙏🙏 Mai saman aur budh ko bachan se prabhabit hote Aya hu hundu hote hue bhi.
Bahot behtarin dhang se padhaya hai bhai aise agar schools me padhaya jaye to sari galat baato ka nirakaran ho jayega aur desh ka abhi ka jo mahol hai chhutkara mil jayega kyoki sach ko itna gahan tarikeae chupaya gaya hai ki dur dur tak kuchh sach dikhta hi nahi aap aur science journey ki koshish se kuchh prashno ke uttar mil rahe hai
अच्छा विवरण ।
Very useful information 👌👌 i am very impress & like ur explanation sir
Sir jaybhim Aapne bodhh dhamm ke bare me etni sundar Aur Saral tarike se Varnan kiya ki Shibhi ko Samzh me aaye , great 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
जयभीम सर 🙏🙏
Godblese
Thanks sir.
Bahut sundar varnan.
Jaibhim proud to be a BOUDDHA , be a BUDDHIST, 969 , Namobuddhay
Beautifully designed & spoken
Sir chankya ke bare video bnae.jisse ki sab kuchh spast ho jae
तथ्यात्मक बहुत ही अधिक ज्ञानवर्धक
Sir, आपका बहुत बहुत शुक्रीया,
Sirji
Thank you very much for this informative video.. Can you display all the Asokas pillar writings.
बहुत ही ज्ञान बर्धक लगा , जय भीम नमो बुद्धाय 🙏
Namo buddhai 🌷
Beautiful presentation
Good job sr
Namo Budhhay
😊🌺🙏🌺 Buddham Sharnam Gachhaami 🌺🙏🌺