Aar Paar with Amish Devgan: Shalabh Mani ने Samajwadi Party की खोली पोल, सुनकर रह जाएंगे हैरान

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  • Опубликовано: 25 окт 2024
  • Aar Paar with Amish Devgan: Shalabh Mani ने Samajwadi Party की खोली पोल, सुनकर रह जाएंगे हैरान
    In Aar Paar, SP spokesperson Anurag Bhadouria and BJP spokesperson Shalabh Mani Tripathi hit back at each other's questions
    Aar Paar में SP प्रवक्ता Anurag bhadouria और BJP प्रवक्ता Shalabh Mani Tripathi ने एक दूसरे के सवालों पर किया वार-पलटवार
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Комментарии • 119

  • @followthegood1
    @followthegood1 Год назад +11

    हरा कुर्ता चाहता है माफिया को खुला छोड दो ।

  • @santoshtiwari4428
    @santoshtiwari4428 Год назад +8

    हर पार्टी वाले सुधार के लिए समाजवादी पार्टी नहीं सुधर सकते इनके पार्टी का दिन ही खराब है योगी बाबा बराबर ठोकेंगे टेंशन मत लो

  • @animeshshukla5254
    @animeshshukla5254 Год назад +5

    जयभोले,,,कार्यवाही,,माफियाओं पर,,दर्द सपा के पेट मे,,,बहुत नाइंसाफी है ये,,,

  • @pradeepkumarsharma6344
    @pradeepkumarsharma6344 Год назад +13

    यही भदौरिया साहेब भागे भागे क्यों फिरे थे अगर अपराध नहीं किया था,अभी जिसकी सरकार है जिम्मेदारी उसकी और अब वो स्वयं गलती सुधार सजा देगी,उसको काम कर लेने क्यों नहीं देते

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Pradeepkumar Sharmaji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

    • @pradeepkumarsharma6344
      @pradeepkumarsharma6344 Год назад +1

      @@avadhutjoshi796 सत्य और बेहतर सोच है,किस प्रकार आपको समर्थन किया जा सकता है,आप किस मंच के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त करते है,सरकार से क्या अपेक्षा और वार्ता हेतु किस माध्यम का उपयोग करते है,क्या आप भारत के 95% लोंगों की साइकोलॉजी संमझ निराकरण कर सकने में सफल होने के किसी मंत्र के तहत काम करते है,क्योंकि अजीब विषमताओं,सोच,जातियों के खोखले दावे अजीब अजीब पृयोग,मेरे मुताबिक इस देश मे आबादी का कम होना बहुत जरूरी वरना स्थिति बद से बद्दतर होगी, मैं स्वयं बैंक की नौकरी छोड़ इत्मीनान से बैठ कर चल रहे कुचक्र का एरियल व्यू देखता व समझता हूँ,संपर्क हेतु अपना फेसबुक आईडी शेयर करिएगा,

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@pradeepkumarsharma6344 धन्यवाद प्रदीपजी. आपने जो मुद्दे उठाये है, वह काफी सही है. वह बाते सोचकर ही मैने सिर्फ माननिय प्रधानमंत्री, माननिय राष्ट्रपतीजी और सांसद और माननिय न्यायालयतकही खुदको सिमीत रखा था. 2012 से मे 2022तक. कुछ हजार पन्ने भेजे होंगे मेरे 1400 प्रार्थनापत्रमें. मुझे भाजपा के राजकीय उत्थान का क्रेडिट लेनेमें कोई संकोच नहीं. बस मैं ऊसका प्रमाण नहीं दे सकता. आप विश्वास करे ऐसी आपसे प्रार्थना कर सकता हूं. पर लगता है कि भाजपा को देशसे ज्यादा ऊनके स्वार्थ कि फिक्र ज्यादा है और मेरे काम को ऊसके तार्किक अंततक लेनेमें मदत नहीं कर रहे है. इसलीये मैंने लोगों के साथ साझा करना शुरु कीया. ईसका मतलब यह नहीं कि मैं सरकार का विरोधी हूं. नाराज हूं. सरकार के विरोधका मैं सोच नहीं सकता क्यों कि ईन विषयोंकी चर्चा सरकार के आशीर्वाद से ही हो सकती है. आप देशव्यापी चर्चा कि बात लोगोंसे साझा करके ईसमें योगदान दे सकते है. वैयक्तिक लेव्हल पे मैं ईन विषयोंपर कभी किसीसे बात नहीं करता. लेकीन मैने जो चर्चा प्रणाली विकसीत कि है वह निष्पक्ष निष्कर्ष... मतलब सत्य ढूंढने में सक्षम है इतना विश्वास दिला सकता हूं. 🙏. अवधूत जोशी

    • @somnathkar9809
      @somnathkar9809 Год назад

      @@pradeepkumarsharma6344 Ap mahan kam me lage hue ho. Desh me two children policy and universal civil code chahiye

  • @sandeepsinghchauhan4636
    @sandeepsinghchauhan4636 Год назад +2

    Akhilesh ka Haraa Tota 😂😂🤣🤣🤣

  • @brijeshgupta3297
    @brijeshgupta3297 Год назад +1

    ये भगोरिया हमेशा ही बीच में ही भौंकने लगता है

  • @brahmkumarshukla4723
    @brahmkumarshukla4723 Год назад +2

    Hara kurta fir bhagega

  • @ambikagupta9992
    @ambikagupta9992 Год назад

    माफियाओं को शाह आपकी पार्टी से मिलती है भदौरिया जी

  • @harimohan6255
    @harimohan6255 Год назад +1

    Jab Tak Congress or sp rahegi gunde ye palte rahenge

    • @Ashok-vz9wd
      @Ashok-vz9wd Год назад

      Bhai khud Jogi pe 12 mukadme they serkar me aker mitaye sab ek jese he

    • @somnathkar9809
      @somnathkar9809 Год назад

      @@Ashok-vz9wd Ap kya Azam khan, mukhtar ansari, atik Ahmed jayse saytan ka supporter ho?

  • @sudhanshutripathi1192
    @sudhanshutripathi1192 Год назад +1

    Bhadoriya ke mukh me piles ( Bawasir) ho gaya hai

  • @anoopamsingh3135
    @anoopamsingh3135 Год назад +2

    सपा के समय में इतना डेवलपमेन्ट हो चुका है कि अब डेवलपमेन्ट पर अब कोई बात नहीं की जा सकती.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Anoopamsinghji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

    • @somnathkar9809
      @somnathkar9809 Год назад

      @@avadhutjoshi796 yes.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@somnathkar9809 किस बात के लीये वह भी थोडा बताये भाईसाब. ईतनीभी क्या कंजूषी?.... 🤣🤣🤣🤣🤣

    • @udaysharma9397
      @udaysharma9397 Год назад +1

      यह भी डवलप ही है झाड़ फूंक कर साफ बादमें नया डवलप, गंदगी रहते काहे का डवलप भाई

    • @somnathkar9809
      @somnathkar9809 Год назад

      @@avadhutjoshi796 apki soch ke liye. Yeh soch ek real deshbhakt ka hi hota hay.

  • @shailendraraghav4533
    @shailendraraghav4533 Год назад +2

    Anurag ji MP MLA banate samay sp ko pata nahi tha ateek kitna mahan hai 😁😁😭😭

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Shailendraji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @ambikagupta9992
    @ambikagupta9992 Год назад +1

    Ye sab apki party ke pale pose hai bhadauriya ji

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Ambika Guptaji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @rkgupta2228
    @rkgupta2228 Год назад +1

    Bhadoria phir latkhori wala aadat suru kar diya, phir se wanted hoga

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय RKGuptaji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @SantoshKumar-uc2kk
    @SantoshKumar-uc2kk Год назад +2

    Gundon ko manobal badhane aur posan sanrakshan ka kam samajwadi parti ne hin kiya hai.anurag thakur. Makauliya hansi mat hanso.

  • @sunilsharma3572
    @sunilsharma3572 Год назад +1

    Samajwadi parti gunda parti hai
    In spa

  • @kailashsharma6133
    @kailashsharma6133 Год назад

    Bhadauria SP ke kale chithhe har UP wala janta hai, SP Mafia ko sabse zyada sanrakshan deti hai

  • @shivakantpandey8828
    @shivakantpandey8828 Год назад +1

    आदमी है की पायजामा !! यह
    भादैरिया

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Shivkant Pandeyji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @ehuipame6171
    @ehuipame6171 Год назад

    Ye SP prawakta bich me kyon bakte rahta hai. UP me jitne bhi Mafia hai vo sab SP ke neta kyon hai.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @chhatrasinhvaghela6575
    @chhatrasinhvaghela6575 Год назад

    Akhilesh Pratap Ko Apni Umar Ka Khyal Rakhte Hue Bachche Rahul Ko Khush Karne Ke Liye Apne Zamir Ko Lalkarne Ki Jarurat .
    Chsplusi Ka Koi Mapdand Nahi Ye Anurag aur Akhileshji Yaad Rakhne Ki aavshaykta Hai .

  • @rajendrameena1908
    @rajendrameena1908 Год назад +1

    अनुराग ठाकुर हाथ ही नहीं कपना चाहिए अतीक अहमद जो आपका पालतू हैं का शरीर भी कॉप रहें है।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Rajendrameenaji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @ashokchandak7136
    @ashokchandak7136 Год назад

    TRP ke liye gadho ka jamawda

  • @pradeepjain4883
    @pradeepjain4883 Год назад

    Bhadoriya Ji kutarko Se Bachao dusra Chori karta hai tum Chori mat karo

  • @ksankaraiah6888
    @ksankaraiah6888 Год назад +1

    Maafiya janamdata samajvaadi party hai

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Ksankaraiah🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @shailendraraghav4533
    @shailendraraghav4533 Год назад

    Anurag ji aapne phir wahi harkat shuru kar di phir gayab ho jayega channel se 😁😁😭

  • @VijendraSingh-xj3qq
    @VijendraSingh-xj3qq Год назад

    Thanks Midea Ab Patta Cala Ki Kon Or Kon Si Partiya DESH DHARAM OR JANTA Ke Bajay Gundo Gangastero Or Atankwadiyo Ki Fikar Jayada Ha Jo Bhe Shri Maharaj Ji Kar Rahey Ha Ati Uttam Ha Jai Shri Ram

  • @premgupta5571
    @premgupta5571 Год назад

    Janata ko bahut bharva ne ki koshish Na kar hamare Desh ke neta Janata samajhdar ho gai hai samay aane par jawab Diya

  • @VirendraSingh-xx1mt
    @VirendraSingh-xx1mt Год назад

    Hara kurta a.gaya 🤣🤣🤣🤣

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @princejaswal2867
    @princejaswal2867 Год назад

    anu je kha kar kya aata hai tv par itna bolta hai saans liya kar bhai kabhi saans bnd na ho jaye bolte bolte

  • @pradeepkumarsharma6344
    @pradeepkumarsharma6344 Год назад

    आश्चर्य है जिनके खुद के गिरेबान गंदे है वो बोलते मेरा मत देखो उसका देखो इसके देखो,मेरा कम गन्दा है,कयोंकि बहुत से खेल खुले नहीं मतलब तुम साफ सुथरे और बाकी गंदे,शौक है सरकार फिर बनाएंगे

  • @amarnathchanchal3212
    @amarnathchanchal3212 Год назад

    Ye besharm fir se.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Amarnathji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @madhabanandasethy8278
    @madhabanandasethy8278 Год назад

    Anurag bahadria Tu kya muslim ho

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Madhabanandasethyji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @qayoomkhan9026
    @qayoomkhan9026 Год назад

    अमीश देवगन तो इतना चिल्ला रहा है बीजेपी से पूछ उनकी सरकार ने घर गिराया है इस घटना के बदले कार्रवाई हुई है मीडिया वाले कितना झूठ बोलते हैं

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Qayoomkhan🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @ArunKumar-jt1id
    @ArunKumar-jt1id Год назад

    Chor hye too India ka

  • @HINDUSTANI10001
    @HINDUSTANI10001 Год назад

    Samajwadi ke naam par mafiyawadi sp party mafiya ,EDUCATION mafiya ko support Kiya. JAY HIND.

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @mahendrajangir782
    @mahendrajangir782 Год назад

    गोदी दलाल मीडिया

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Mahendraji🙏!
      हमारे देश में कोई भी विषय जाति और धर्म के टकराव से अलग नहीं है। इसने हमारे राष्ट्र को शिक्षित निरक्षरों के देश में बदल दिया है, एक ऐसा राष्ट्र जो मूलभूत चीजों को हल करने में सक्षम नहीं है या संक्षेप में मूर्खों का देश है। मैं ईमानदारी से इतिहास, जाति और धर्म से उत्पन्न होने वाले इन संघर्षों/चर्चाओं को समाप्त करना चाहता हूं।मैं 2012 से इन विषयों का अध्ययन कर रहा हूं. मैंने अब तक 1400 अनुरोध माननीय राष्ट्रपतिजी और प्रधान मंत्रीजी को , राष्ट्रव्यापी चर्चा के माध्यम से ऐसे विवादों को एक बार और सभी के लिए हल करने के लिए प्रस्तुत किए हैं। धार्मिक और सामाजिक समरसता विकास के समान ही महत्वपूर्ण है
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      मैं सभी विवादों को हल करने के बारे में आश्वस्त हूं।
      कृपया मेरा समर्थन करें। कृपया मुझे एक अवसर देने के लिए सरकार से अनुरोध करें। आइए हम सामाजिक/धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। आइए हम अपने व्यवस्था को तर्कसंगत और तार्किक बनाएं। इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।आइए हम अपने देश को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाएं
      अवधूत जोशी

  • @dipakjha8357
    @dipakjha8357 Год назад

    Jis tarah akhilesh Singh bol Raha lagata hai Jo bhi 1 se 2 sheet badane Bali thi congrass party ki o aur Kam na ho Jaye bhai jara soch samjh kar bolo chacha