नर्मदे हर गंगे हर जटाशंकर हर मो पार्वती पते हर हर महादेव माया स्वरूप दादा सुरत गुरु योगी मच्छिंद्रनाथ महाराज शंभू ज्योती गुरु गोरक्षनाथ महाराज ओम नमः देश गुरुजी सत नमो आदेश अलक निरंजन आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश
त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था। इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :- "रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।" #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी प्रमाणित ज्ञान दे रहे हैं Kabir is God
कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का Kabir is God तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का Kabir is God त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
चारों युगों में अपनी प्यारी आत्माओं को पार करने आते हैं परमेश्वर कबीर जी परमात्मा कबीर जी सतयुग में सत सुकृत नाम से प्रकट हुए थे। उस समय अपनी एक प्यारी आत्मा सहते जी को अपना शिष्य बनाया और अमृत ज्ञान समझाकर सतलोक का वासी बनाया। #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का Kabir is God द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
जिस कविर्देव/कबीर साहेब/हक्का कबीर/कबीरन/खबीरा के प्रमाण शास्त्रों (वेद, गीता, क़ुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब) में मिलते हैं वह कोई और नहीं बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही हैं जो 600 वर्ष पहले काशी में आये थे। जिन्होंने सद्भक्ति व समाज सुधार का मार्ग बताया। #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
कबीर परमेश्वर का कलयुग में प्रकट होना ज्येष्ठ मांस की पूर्णमासी सन् 1398(विक्रम संवत 1455) को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब काशी में शिशु रूप में प्रकट हुए। साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं। जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकों लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक चले गए। क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 “अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।। परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है। #वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
Maaf kare main aaj tak ye nahi samajh pa raha ki har pidhi me log aate hai jate hai Lekin aaj tak bhagwaan ko samajh nahi paye kab ye sab band hoga bechara insaan
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है। कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।। मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।"
परमपिता परमेश्वर कभी भी माँ से जन्म नहीं लेते। ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 पूर्ण परमात्मा जब शिशु रूप धारण करके यहां आते हैं तब उनका जन्म किसी मां के द्वारा नहीं होता। #वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3, मंडल 9 सूक्त 93 मंत्र 2 में लिखा है कि वह परमेश्वर सशरीर प्रकट होता है और सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है। कबीर परमेश्वर सन् 1398 (विक्रम संवत 1455, ज्येष्ठ पूर्णमासी) को शिशु रूप में प्रकट हुए। और सन् 1518 (वि. सं. 1575) को सशरीर सतलोक चले गए।
क्या आप जानते हैं पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं। "सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए।" #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना संत रामपाल जी महाराज जी
क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
@@bali9825परमेश्वर ने मानव और जीव जंतू को निर्माण किया है तो उस मानव और जीव जंतू को जिवीत रहने के लिये सारा बंदोबस्त किया है, कुछ ईश्वर प्राप्ती का ज्ञान और जीवन मृत्यू के फेरे से मोक्ष पाने का ज्ञान देने बोलो
@@bali9825ईश्वर ने मानव को निर्माण किया है तो उस मानव को जीवीत रहने के लिए लगने वाला सारा साधन बनाया है , मोक्ष प्राप्ती के लिए ईश्वर की भक्ती ही काम आती है
अवधुत दादा गुरुजी धन्य हैं आप अच्छा ज्ञान चर्चा करते हैं
जय हो गुरुदेव प्रभु,दादा गुरु महाराज की जय हो।
Pranam Dada Guruji Koti Koti Naman dada Guru
आपका आशीर्वाद प्राप्त होता रहे
नर्मदे हर गंगे हर जटाशंकर हर मो पार्वती पते हर हर महादेव माया स्वरूप दादा सुरत गुरु योगी मच्छिंद्रनाथ महाराज शंभू ज्योती गुरु गोरक्षनाथ महाराज ओम नमः देश गुरुजी सत नमो आदेश अलक निरंजन आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश आदेश
बिश्व का रुप ही बिश्व रुप परमात्मा है
पेड का रुप ही पेड है
रेल का रुप ही रेल है
नारियल का रुप ही नारियल है
सब मिल कर परमात्मा है नरम दे हर
Jay shree ram jai shree krishna
नर्मदा मैया की जय
🙏🏼🙏🏼JAI SHRI RAM🙏🏼🙏🏼💐💐
नमो नारायण दादा गुरु जी
प्रकृति ही परमात्मा है ऐसा दर्शन करवाया ऐसे अवधूत दादा गुरुजी कोटि कोटि कोटि नमन एक दुख होता है दादा गुरुजी आपके लिए असभय कॉमेंट करते हैं
त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था।
इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :-
"रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।"
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी प्रमाणित ज्ञान दे रहे हैं
Kabir is God
वाह... गुरूजी,.अदभूत प्रवचन🙏
कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया।
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
Kabir is God
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ૐ માઁ દાદા ગુરૂ
Jay ho dada guru. Adbhut vastvik gyan dete hai dada guru.
जय हो दा दा गुरु,😊
जय ओम जय ओम जय ओम मा
सत्यम शिवम सुन्दरम
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
Kabir is God
त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
चारों युगों में अपनी प्यारी आत्माओं को पार करने आते हैं परमेश्वर कबीर जी
परमात्मा कबीर जी सतयुग में सत सुकृत नाम से प्रकट हुए थे। उस समय अपनी एक प्यारी आत्मा सहते जी को अपना शिष्य बनाया और अमृत ज्ञान समझाकर सतलोक का वासी बनाया।
#परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
Jai Guru Dev ki. Sadar,Pranam
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
Kabir is God
द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
Thanks
जिस कविर्देव/कबीर साहेब/हक्का कबीर/कबीरन/खबीरा के प्रमाण शास्त्रों (वेद, गीता, क़ुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब) में मिलते हैं वह कोई और नहीं बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही हैं जो 600 वर्ष पहले काशी में आये थे। जिन्होंने सद्भक्ति व समाज सुधार का मार्ग बताया।
#परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
Dada gurudev ji ki jai jo
Aapka aashirvad milta rahe
Great,👍Nice!
कबीर परमेश्वर का कलयुग में प्रकट होना
ज्येष्ठ मांस की पूर्णमासी सन् 1398(विक्रम संवत 1455) को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब काशी में शिशु रूप में प्रकट हुए।
साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं।
जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।।
पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकों लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक चले गए। क्योंकि
पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
NICE,VERY GOOD!
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
“अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।।
परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है।
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
Vraksh🙏
Jay gurudev
🙏🙏🙏🙏🙏
Milhi na raghupati binu anuraga kiye jog tap gyan viraga
Maaf kare main aaj tak ye nahi samajh pa raha ki har pidhi me log aate hai jate hai
Lekin aaj tak bhagwaan ko samajh nahi paye kab ye sab band hoga bechara insaan
👌
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।।
मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।"
Jaiguruvugari
परमपिता परमेश्वर कभी भी माँ से जन्म नहीं लेते।
ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 3
पूर्ण परमात्मा जब शिशु रूप धारण करके यहां आते हैं तब उनका जन्म किसी मां के द्वारा नहीं होता।
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
Trees are required because in Ladakh no trees no oxizen,no water,no crops
🙏👏🙏🌻🤗
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3, मंडल 9 सूक्त 93 मंत्र 2 में लिखा है कि वह परमेश्वर सशरीर प्रकट होता है और सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है। कबीर परमेश्वर सन् 1398 (विक्रम संवत 1455, ज्येष्ठ पूर्णमासी) को शिशु रूप में प्रकट हुए। और सन् 1518 (वि. सं. 1575) को सशरीर सतलोक चले गए।
क्या आप जानते हैं पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं।
"सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए।"
#परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
संत रामपाल जी महाराज जी
क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी।
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
आक्सीजन मात्र जीवनी शक्ति नहीं है
Oxygen nahin hoga to.
@@bali9825परमेश्वर ने मानव और जीव जंतू को निर्माण किया है तो उस मानव और जीव जंतू को जिवीत रहने के लिये सारा बंदोबस्त किया है, कुछ ईश्वर प्राप्ती का ज्ञान और जीवन मृत्यू के फेरे से मोक्ष पाने का ज्ञान देने बोलो
@@bali9825ईश्वर ने मानव को निर्माण किया है तो उस मानव को जीवीत रहने के लिए लगने वाला सारा साधन बनाया है , मोक्ष प्राप्ती के लिए ईश्वर की भक्ती ही काम आती है
Ye kis puran ko pad ke aaya.bhagvan ne tumko ped lagane ke liye bheja hai.bhagwan ne kaha k varkchhno me wo pepal ka vrkchh hai.
Kya hai banda akk number fenku😂😂😂