पट्टी बांधने का अर्थ निष्पक्षता से था न कि न्याय के अंधेपन से। लेकिन लगातार प्रचारित किया गया कि ,"न्याय अंधा होता है।" वैसे आज के परिप्रेक्ष्य में ये ठीक ही हुआ। क्योंकि अब कोर्ट्स में निष्पक्षता रही ही नहीं। सब कुछ पूर्व निर्धारित व पक्षपात पूर्ण होता है।
Andha ya khula... doesn't matter... must declare right results within no time...or else its only matter of pet bharo of some families through a legitimate system by illegitimate means....
अपने कामों का दोष मूर्ति को नहीं देना चाहिए।
धार्मिक संस्थाओं का पाखंड अब न्यायालय भी पहुंच गया है।😢
मूर्ति पर से कपड़ा हटाना इतनी बड़ी बात नहीं है,,,, लेकिन जो इन्सान न्यायालय में न्याय करता है उसकी आंखों से कपड़ा हटना जरूरी है
सुबह कि खुई शयाम को घर आ जाए तो खुइ मत मानना अंग्रेज चले गए पर इन लोगों पर आज भी उनकी छाप है
पट्टी बांधने का अर्थ निष्पक्षता से था न कि न्याय के अंधेपन से।
लेकिन लगातार प्रचारित किया गया कि ,"न्याय अंधा होता है।"
वैसे आज के परिप्रेक्ष्य में ये ठीक ही हुआ।
क्योंकि अब कोर्ट्स में निष्पक्षता रही ही नहीं।
सब कुछ पूर्व निर्धारित व पक्षपात पूर्ण होता है।
आइसता
Andha ya khula... doesn't matter... must declare right results within no time...or else its only matter of pet bharo of some families through a legitimate system by illegitimate means....