काटजू सर सही बोल रहे हैं, भारत में लोकतंत्र शायद अब वैसा बचा नहीं हैं जो संविधान में उल्लेखनीय हैं। जनता को उसको पाने के लिए *संयुक्त जनक्रांति* करना ही पड़ेगी। लोकतंत्र में तीनों खम्भें क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जरजर, कमजोर, मजबूर, रिढ़विहीन हो गये ऐसा ही दिखाई दे रहा है।
मैं न तो काटजू साहब न ही सिब्बल साहब जितना समझदार और विद्वान हूँ, लेकिन विद्यार्थी जीवन के दिनों (78-80) में इलाहाबाद में काटजू साहब अन्याय के खिलाफ हम विद्यार्थियों के एक मात्र मसीहा हुआ करते थे। याद है मात्र 100/= स्टेशनरी,कोर्ट फी आदि का हम लोग चंदा करके उनके मुंशी जी को दे देते थे और बिना किसी फीस के काटजू साहब हमें न्याय दिला देते थे। मामला चाहे सरकारी नौकरी का हो या विश्वविद्यालय में हो रहे अन्याय का, काटजू साहब के दरवाजे हमेशा छात्रों के लिए खुले रहते थे। उस समय का शायद ही कोई छात्र हो जो काटजू साहब से प्रभावित न हो। आज काटजू साहब कहते हैं कि 90 फीसद भारतीय मूर्ख हैं इस पर अविश्वास का कोई कारण नहीं है। शिक्षा से समझ विकसित होती है और इलाहाबाद में उस दौर में जो भी शिक्षा मिली उससे जो भी थोड़ी समझ विकसित हुई, उससे काटजू साहब का कथन सत्य प्रतीत होता है। जहाँ तक शिक्षा से ज्ञान की बात है वह निराधार है। ज्ञान तो अंदर से आता है उसका शिक्षा से कोई सीधा संबंध नहीं है। ज्ञान तो सहस्त्राब्दियों में किसी बुद्ध, नानक, कबीर को हो पाता है। बाकि तो समझ का फेर है। उसी शिक्षा से किसी की सही, अच्छी और किसी की बुरी, गलत समझ विकसित हो सकती है। इसमें शिक्षा के अलावा परिवार,उसके संस्कार, परिवेश ,परंपरा, पाठशाला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ले-देकर आज की शिक्षा को एक तरह की साक्षरता कह सकते हैं जो परिवार, परिवेश, संस्कार आदि के हिसाब से अच्छे-बुरे का मिश्रण के रुप में इंसान तैयार कर रही है, जो साक्षरता और समझ के हिसाब से सुविधा-असुविधानुसार अपने को मनुष्य सिद्ध करने की कोशिश करते हैं, जबकि 90 फीसद शिक्षित भारतीय लोगों के आचरण में मानवीय मूल्य की जगह राक्षसी आचरण दिखता है। इसलिए काटजू साहब की बात सोलह आने सच है।
Sir Muslim emperor ne india 100 year above shasan kiya etani emarte banwai to kya india me Hindu temple n banway question?? Hindu nation india me lagu hona chahiye kya aap pakistan me jake temple bana payege kya agar aap hamare desh me rhte he aur muslim ko badawa dete hai to fir gulami sahne ke liye teyar rhe sir ye fact hai ese ignore nhi kar sakte aap ke time me competition nhi tha nhi sayad aap sir judge ban pate sir aap puri bat drama hi kar rhe hai sir 🙏🙈
@ashutoshpandey9531 शिक्षा तो अपने देश में अब है ही नहीं। अकादमिक यानी (पढ़ाई-लिखाई) शिक्षा नहीं होती। यह साक्षरता है जो हमारे आपके पारिवारिक संस्कार,परिवेश जिसमें हम बड़े होते हैं, स्वाध्याय, उसके हिसाब से हमारी समझ सही / गलत या मिश्रित (गलत- सही, सुविधानुसार) बनती है और उसी के अनुसार हमारा विचार, सोच, आचरण होता है। इसीलिए मेरे आपके सोचने, आचरण करने के तरीकों में अंतर है। आप अपनी जगह सही हो सकते हैं, मैं अपनी जगह। इसमें कोई विवाद की बात नहीं। मैं तो आपके माता-पिता को धन्यवाद देना चाहूँगा,जिन्होंने आपको ऐसे अच्छे संस्कार दिए हैं कि आपने मर्यादित शब्दों में विचार रखे हैं। गाली-गलौज नहीं किया, जैसा कि शायद अगले कमेंट में कुछ लोगों ने किया होगा, जिसे मैंने अभी देखा नहीं है। मर्यादित टिप्पणी के लिए एक बार पुन: धन्यवाद।
Kapil Sibbal Sir asked a good question to katju sir what is the solution for Govts' inaction. To correct the present arajkta in India suggestion from persons like katju sir is solicited.
देखा जाए और गहनता से समझा जाए तो पूर्व न्यायाधीश महोदय जी ने भारत देश के नागरिकों के चरित्र और उनके किरदारों के साथ सत्तारूढ़ दलों की सरकारों की नियत भावना उद्देश्य का भी सटीक विश्लेषण किया है जी . बेहतरीन सर जी 👌👌👌🙏🙏🙏
I think Justice Katju like learned man should fight election and claim to be the Prime Minister of India. It's very easy to sit idle, getting pension from government exchequer and saying against the political rulers. I think, the burden upon the economy will be less if the pension of retired judges is cut to half of what they are getting now and withdrawing other benefits.
जज साहब आप बहुत अच्छे विचार के साथ सच बोल रहे हैं लेकिन आज सच और संस्कार खतम होते जा रहे हैं जो किसी राजव्यवस्था को नीचे सरका लिया है और कानून का डर लगता नहीं है ऐसा नजर।आता है
Sibal is member of mms corrupt cabinet now becoming holy cow, became bar council president to pressurise judges. Katju fearing contempt not accepting reality failed judiciary first responsible for present india. Katju ego cannot accept instead of anarchy, universal basic income scheme, with accountable judiciary is right and solution of Indians for graceful life and mostly all other issues as will increase consumptions,gdp, jobs, revenue.
Very good interview but it is suggested that, Justice must read literature of Mahatma Phule definitely he will find solutions for all the problems of our country.
सर जी, अनुभवी मस्तिष्क की भी कुछ सीमाएं होती हैं शायद उसे ही बोलते हैं उम्र की मर्यादा। उत्तेजना और उम्मीद से भरी हुई राय भविष्य को लेकर जो की मार्गदर्शक भी हो नहीं दिखता है। जन संघर्ष की उम्मीद सिद्धांतों के अभाव में संभव नहीं ।
Why India can't follow USAwhere there is no election commission and elections are conducted by States, and where there are various modes to cast vote( voting before election date, voting thro dak, voting thro verification of sign)."
मेरी सिस्टर का डोमेस्टिक वायलेंस का केस चल रहा था बेलापुर वाशी जेएमएफसी कोर्ट में उसकी हत्या हो जाती है फिर नहीं होती है पुलिस केस दर्ज नहीं करती है न्यायपालिका केस डिसमिस कर देती है और उसका पति आजाद घूम रहा है। डीवी 233/2018 डोमेस्टिक voilence case JMFC court Belapur Thane vashi police station sec1 involved hai।
जिस आंदोलन में नेता होता है या होगा उसका जेपी के 1974-75 और अन्ना के 2011 के आंदोलन की तरह 100 फीसद फेल होने की 100 फीसद गारंटी देश देख चुका है। अभी इलाहाबाद में छात्रों का लोकसेवा आयोग के समक्ष आंदोलन हुआ और 100.फीसद सफल रहा। कारण इस आंदोलन का कोई नेता नहीं था। दस-बीस हजार छात्र थे और सभी अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार और समझदार थे। सामूहिक नेतृत्त्व था। लड़कों के साथ लड़कियाँ बराबरी से संघर्ष कर रही थी। इन सभी को दो दिन परीक्षा पर मानकीकरण से होने वाले अन्याय की समझ थी। इस देश में क्रांति तभी होगी,जब देश के प्रत्येक नागरिक की समझ इन प्रतियोगी छात्रों जैसी हो जाय। यह समझ लंका में देखी जा चुकी है। भारत में ऐसा होने में कम से कम उतना समय या उसका दुगना समय लग सकता है जितने समय तक देश अंग्रेजों का गुलाम रहा है। गुलामी, छल, कपट, धोखा, चाटुकारिता, बाँटो राज करो वाला अंग्रेजियत जिन्स डायलूट होने में इतना समय तो लग ही जाएगा। तब तक न हम होंगे न आप । आपके हमारे बेटे-बेटियाँ, पोते-पोतियाँ भी इस धरती से कूच कर चुके होंगे।
स्वास्थ्य धन और परिवार यह तीन पिलर जिसका मजबूत है उस व्यक्ति का स्वर्ग धरती पर ही है सर 🌹🙏🌹 तीनों पिलर समाज में पूरी तरीका से क्रैक कर गया इस मामले में मोदी जी सक्षम थे मगर पुरी तरीका से मोदी जी द्वारा सारे पिलर को बर्बाद कर दिया गया है
What is comfort? People move with the intention to progress but do not progress for the reason of lack of mind which soils the environment of the land.
Aayushyman Bharat or State Govt Health schemes to insure patients upto Rs. 5 lakhs is eyewash. No private hospitals are providing free treatment to patients in emergency.
We lost thousands soldiers and common men and fought wars with Pakistan. People are still attacking Kashmir. It is easier to blame gentlemen rather the powerful persons. You are telling utter lies. Hindus are great and really deserve praise.
Katju spoke like a layman. For his information the revolution has already started and many have sacrificed their lives against communal forces assembling every week in the guise of faith, either on Sundays or Fridays when communion is less religious and more political & hatred.
Necessary to stop political trading, shareholders system, personal ideology, personal power capturing, autocracy dictatorship and inheritance monarchy in political party system in democracy system. Democracy does not mean that the same person holds the post of the party year after year, becoming a people's representative, MP, MLA, minister, chief minister, prime minister creating records and making a name in the Guinness Book of Records. If there is a privately owned political party system, there is an undeclared inheritance family planning system in the political party, the same person will be the representative, minister, chief minister, prime minister again and again, then what was the need to stop the monarchy! Some individuals are doing trading business by establishing political parties like trading is being carried on by establishing corporate companies. Every political party is privately owned. Person's party, someone's father's party, mother's party, daughter's party, son's party, grandfather's party, grandmother's party, grand son's party, grand daughters' party, sister's party, brother's party, uncle's party, elder's party, aunt's party, cousin's party, niece's party, father in law's party, mother in law's party, son in law's party, daughter in law's party, person's ideal party, person's established party. Why will the people comply with this kind of political party, why will it be implemented! Common people have no political party. The political party system needs to change. Nationalised owned permanent government universal political parties should be established. All political parties are private personal ownership system, personal ideological system, personal power capturing system ownership transfer system corporate company trading shareholders system family planning inheritance system horse trading system, common people have no universal political party, no nationalised ownership nation founded permanent governmental constitutional uniform type political party. Necessary to reform political party system democracy etc, it should be formed five or six nationalised ownership nation founded perpetual governmental constitutional uniform type political parties, see details in the PDF drive.google.com/file/d/1VWOQnhSnN7bh2fjeIV_HqrfcmvHTEyEh/view?usp=drivesdk
Government office work system dekhna nahi ...road thik nahi..pani problem and karodo kharch kar moon mangal pe......basic system thik nahi itne salo me ...koi bhi government office me jana yani sar pitna
80 परसेंट हिन्दू है तो ये हिंदू राष्ट्र ही हुआ , कही 60 % से ज्यादा मुस्लिम है वो तो इस्लामिक देश हो जाता है , बांग्लादेश और पाकिस्तानी हिंदुओं के बारे में काटजू साहब ने कुछ नहीं कहा
Men could tell a lie but words never tell a lie but words do have more than one meaning i.e. more than one implication. True meaning should be taken into account only with reference to context. In this context the use of word pandit has been referred as a caste for whole of Indian Brahmin which is sociologically incorrect because word pandit as a caste society implies to Kashmiri Brahmins only and not for the other caste Brahmins of India. The word pandit has been in use for many non brahmins too. This is only for the sake of knowledge.
जज साहब के कथन 100% सत्य है। भारत की जनता लोकतंत्र के महत्व को नहीं समझती हैं।
❤great
@@b6991 💯✅
काटजू सर सही बोल रहे हैं, भारत में लोकतंत्र शायद अब वैसा बचा नहीं हैं जो संविधान में उल्लेखनीय हैं। जनता को उसको पाने के लिए *संयुक्त जनक्रांति* करना ही पड़ेगी। लोकतंत्र में तीनों खम्भें क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जरजर, कमजोर, मजबूर, रिढ़विहीन हो गये ऐसा ही दिखाई दे रहा है।
लाजवाब वार्ता। देश कि जनता को समझना चाहिए। श्रीं काटजू ने बहुत कहा जनता मूर्ख है बिल्कुल सही कहा।
Former Hon'ble Katju I salute to u and god bless you for your truthful daring speech. You speaks about india 100 % truthful.
Well said, totally correct .salute ex.judge mr.katzu ji. May god bless you for your long and happy life.
Very deep discussion. Superb !!!
भारत देश की 89% धनसम्पदा पर 10% आबादी वाले स्वर्णो का कब्जा है। तो फिर देश विकास कैसे करेगा।
Tum toh bheekh maangkar bhi nahi kar paa rahe reservation kab tak lete rahoge unki tarah mehnat bhi karo
काटजू सर जो भी कहते है वो डंके की चोट पर कहते है... सेल्युट काटजू सर ....🙏🏻🙏🏻🙏🏻👍👍👍
मैं न तो काटजू साहब न ही सिब्बल साहब जितना समझदार और विद्वान हूँ, लेकिन विद्यार्थी जीवन के दिनों (78-80) में इलाहाबाद में काटजू साहब अन्याय के खिलाफ हम विद्यार्थियों के एक मात्र मसीहा हुआ करते थे। याद है मात्र 100/= स्टेशनरी,कोर्ट फी आदि का हम लोग चंदा करके उनके मुंशी जी को दे देते थे और बिना किसी फीस के काटजू साहब हमें न्याय दिला देते थे। मामला चाहे सरकारी नौकरी का हो या विश्वविद्यालय में हो रहे अन्याय का, काटजू साहब के दरवाजे हमेशा छात्रों के लिए खुले रहते थे। उस समय का शायद ही कोई छात्र हो जो काटजू साहब से प्रभावित न हो।
आज काटजू साहब कहते हैं कि 90 फीसद भारतीय मूर्ख हैं इस पर अविश्वास का कोई कारण नहीं है। शिक्षा से समझ विकसित होती है और इलाहाबाद में उस दौर में जो भी शिक्षा मिली उससे जो भी थोड़ी समझ विकसित हुई, उससे काटजू साहब का कथन सत्य प्रतीत होता है। जहाँ तक शिक्षा से ज्ञान की बात है वह निराधार है। ज्ञान तो अंदर से आता है उसका शिक्षा से कोई सीधा संबंध नहीं है। ज्ञान तो सहस्त्राब्दियों में किसी बुद्ध, नानक, कबीर को हो पाता है। बाकि तो समझ का फेर है। उसी शिक्षा से किसी की सही, अच्छी और किसी की बुरी, गलत समझ विकसित हो सकती है। इसमें शिक्षा के अलावा परिवार,उसके संस्कार, परिवेश ,परंपरा, पाठशाला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
ले-देकर आज की शिक्षा को एक तरह की साक्षरता कह सकते हैं जो परिवार, परिवेश, संस्कार आदि के हिसाब से अच्छे-बुरे का मिश्रण के रुप में इंसान तैयार कर रही है, जो साक्षरता और समझ के हिसाब से सुविधा-असुविधानुसार अपने को मनुष्य सिद्ध करने की कोशिश करते हैं, जबकि 90 फीसद शिक्षित भारतीय लोगों के आचरण में मानवीय मूल्य की जगह राक्षसी आचरण दिखता है। इसलिए काटजू साहब की बात सोलह आने सच है।
Sir Muslim emperor ne india 100 year above shasan kiya etani emarte banwai to kya india me Hindu temple n banway question?? Hindu nation india me lagu hona chahiye kya aap pakistan me jake temple bana payege kya agar aap hamare desh me rhte he aur muslim ko badawa dete hai to fir gulami sahne ke liye teyar rhe sir ye fact hai ese ignore nhi kar sakte aap ke time me competition nhi tha nhi sayad aap sir judge ban pate sir aap puri bat drama hi kar rhe hai sir 🙏🙈
@ashutoshpandey9531 शिक्षा तो अपने देश में अब है ही नहीं। अकादमिक यानी (पढ़ाई-लिखाई) शिक्षा नहीं होती। यह साक्षरता है जो हमारे आपके पारिवारिक संस्कार,परिवेश जिसमें हम बड़े होते हैं, स्वाध्याय, उसके हिसाब से हमारी समझ सही / गलत या मिश्रित (गलत- सही, सुविधानुसार) बनती है और उसी के अनुसार हमारा विचार, सोच, आचरण होता है। इसीलिए मेरे आपके सोचने, आचरण करने के तरीकों में अंतर है। आप अपनी जगह सही हो सकते हैं, मैं अपनी जगह। इसमें कोई विवाद की बात नहीं। मैं तो आपके माता-पिता को धन्यवाद देना चाहूँगा,जिन्होंने आपको ऐसे अच्छे संस्कार दिए हैं कि आपने मर्यादित शब्दों में विचार रखे हैं। गाली-गलौज नहीं किया, जैसा कि शायद अगले कमेंट में कुछ लोगों ने किया होगा, जिसे मैंने अभी देखा नहीं है। मर्यादित टिप्पणी के लिए एक बार पुन: धन्यवाद।
Eco system ko kaise control Kiya jaaye😊
Aise Mahaan Logo Ko Politcs Me Hona Chahiye ! The Great Man!
Great Grand Bold & COURAGEOUS Justice Katjoo has done & has been doing today Great SERVICE TO US , TO PEOPLE OF INDIA!
Thanks to Kapil sahab for such a valuable discussion with such great personality.
138 - 140 करोड़ की आबादी ने दो सौ इक्यावन रुपये में तीन सौ करोड़ से ज्यादा फोन बुक कराये थे। पांच सौ रुपये किलो का नमक करोड़ो ने घर में भर लिया था।
100%सही कहना है X सर का
हम इस बात। पर। सहमत। हे
💯% सही कहा जज साहब ने
Justice Katju is correct
Kapil Sibbal Sir asked a good question to katju sir what is the solution for Govts' inaction. To correct the present arajkta in India suggestion from persons like katju sir is solicited.
देखा जाए और गहनता से समझा जाए तो पूर्व न्यायाधीश महोदय जी ने भारत देश के नागरिकों के चरित्र और उनके किरदारों के साथ सत्तारूढ़ दलों की सरकारों की नियत भावना उद्देश्य का भी सटीक विश्लेषण किया है जी . बेहतरीन सर जी 👌👌👌🙏🙏🙏
I just subscribed this channel...
आप चाहें तो और % बढा सकते हैं ।❤
We want to appointment of true Judges in courts.
जज साहब 100% सत्य विशलेषण बता रहे हैं।
Thanks to justce Katju for sparing 10percent ,it’s in lighter side .He’s very good person,speaks frankly.
I think Justice Katju like learned man should fight election and claim to be the Prime Minister of India. It's very easy to sit idle, getting pension from government exchequer and saying against the political rulers. I think, the burden upon the economy will be less if the pension of retired judges is cut to half of what they are getting now and withdrawing other benefits.
जस्टिस काटजू जी विल्कुल सही बात कह रहे हैं l
जज साहब आप बहुत अच्छे विचार के साथ सच बोल रहे हैं लेकिन आज सच और संस्कार खतम होते जा रहे हैं जो किसी राजव्यवस्था को नीचे सरका लिया है और कानून का डर लगता नहीं है ऐसा नजर।आता है
Judge sahab aapka visleshan 100% satya hai.
Sibal is member of mms corrupt cabinet now becoming holy cow, became bar council president to pressurise judges.
Katju fearing contempt not accepting reality failed judiciary first responsible for present india.
Katju ego cannot accept instead of anarchy, universal basic income scheme, with accountable judiciary is right and solution of Indians for graceful life and mostly all other issues as will increase consumptions,gdp, jobs, revenue.
Honorable Katzu Sir , You are Right 100 % Sir , We Respect you.
Jinda Dil admi hain Katju sir
Very good interview but it is suggested that, Justice must read literature of Mahatma Phule definitely he will find solutions for all the problems of our country.
Justice .Markande Katjoo is a great personality . His verdicts are mile stone in judiciary. He was honest throughout his tenure.
काटजू सर को दंडवत प्रणाम! आज मेरे दिल की बात आपके जुबान से निकल रही है।❤❤
Justice Katju must have been Anthropologist who have anthropological evidences to prove migration of people to India from abroad.
बिल्कुल मूर्ख है, मेरे मन की बात कही है।
Very Shameful to the World. India doesn't have 543 Intelligent/Complete Professionals who can go to Parliament & clean this True Temple of Democracy.
सर जी, अनुभवी मस्तिष्क की भी कुछ सीमाएं होती हैं शायद उसे ही बोलते हैं उम्र की मर्यादा।
उत्तेजना और उम्मीद से भरी हुई राय भविष्य को लेकर जो की मार्गदर्शक भी हो नहीं दिखता है।
जन संघर्ष की उम्मीद सिद्धांतों के अभाव में संभव नहीं ।
गलत बोल रहे हैं 90% लोग बेवकूफ नहीं बल्कि 99.99% लोग बेवकूफ हैं
Because of illiteracy public is being befooled in the name of caste,creed and religion
Why India can't follow USAwhere there is no election commission and elections are conducted by States, and where there are various modes to cast vote( voting before election date, voting thro dak, voting thro verification of sign)."
EVMs must be banned. This is required in the interest of people of India. Supreme Court can do it, but is helpless.
Multi faced man discussion with intellectual and judge Katju sahab.
मेरी सिस्टर का डोमेस्टिक वायलेंस का केस चल रहा था बेलापुर वाशी जेएमएफसी कोर्ट में उसकी हत्या हो जाती है फिर नहीं होती है पुलिस केस दर्ज नहीं करती है न्यायपालिका केस डिसमिस कर देती है और उसका पति आजाद घूम रहा है। डीवी 233/2018 डोमेस्टिक voilence case JMFC court Belapur Thane vashi police station sec1 involved hai।
देश को पूरी तरीका से बर्बाद करके छोड़ेंगे मोदी जीऔर कोई में इतनी ताकत नहीं की बच्चा सके
जनता तैयार है रेबूलेशन के लिये नेता चाहिए।
जिस आंदोलन में नेता होता है या होगा उसका जेपी के 1974-75 और अन्ना के 2011 के आंदोलन की तरह 100 फीसद फेल होने की 100 फीसद गारंटी देश देख चुका है।
अभी इलाहाबाद में छात्रों का लोकसेवा आयोग के समक्ष आंदोलन हुआ और 100.फीसद सफल रहा। कारण इस आंदोलन का कोई नेता नहीं था। दस-बीस हजार छात्र थे और सभी अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार और समझदार थे। सामूहिक नेतृत्त्व था। लड़कों के साथ लड़कियाँ बराबरी से संघर्ष कर रही थी। इन सभी को दो दिन परीक्षा पर मानकीकरण से होने वाले अन्याय की समझ थी। इस देश में क्रांति तभी होगी,जब देश के प्रत्येक नागरिक की समझ इन प्रतियोगी छात्रों जैसी हो जाय। यह समझ लंका में देखी जा चुकी है। भारत में ऐसा होने में कम से कम उतना समय या उसका दुगना समय लग सकता है जितने समय तक देश अंग्रेजों का गुलाम रहा है। गुलामी, छल, कपट, धोखा, चाटुकारिता, बाँटो राज करो वाला अंग्रेजियत जिन्स डायलूट होने में इतना समय तो लग ही जाएगा। तब तक न हम होंगे न आप । आपके हमारे बेटे-बेटियाँ, पोते-पोतियाँ भी इस धरती से कूच कर चुके होंगे।
जिन्हें देश के प्रति प्यार है वे लोग सचाई बोलते है । देश की हालात से परेशान होते हैं।
जनादेश के मायने समझना ही होगा ।
सबों को बदलना ही होगा।
जो नहीं समझेगा ध्वस्त हो जायेगा।
जय संविधान ।
True..our judicial system really unfair blund highly corrupted 😢😢
Very few individuals will have the courage and wisdom to see what Katju ji is saying.
Ye bahut Sahi bat kahi apne ye desh ki bhalai to kya khud apni bhalayi bhi nahi jante. Sirf dharm ke naam par behek jate.
जज साहब जी ने सत्य कहा है।
जनता असहाय परेशान है।
मैं जज साहब के सत्य कथन का समर्थन और स्वागत करता हूँ।
M.P.Singh.
99% पागल बोलो ,90 नहीं.
Judge sb 60% sahee bol rahe hain tabhi to Modi/BJP ko 60% vote mil rahe hain
Judge sir right ❤
Great right thought
स्वास्थ्य धन और परिवार यह तीन पिलर जिसका मजबूत है
उस व्यक्ति का स्वर्ग धरती पर ही है सर 🌹🙏🌹
तीनों पिलर समाज में पूरी तरीका से क्रैक कर गया इस मामले में मोदी जी सक्षम थे मगर पुरी तरीका से मोदी जी द्वारा सारे पिलर को बर्बाद कर दिया गया है
yes these facts dis advantage democracy society divide and rule casteism -ruin economy is true Sir
Aise discussion hote rehne chahia.
What is comfort? People move with the intention to progress but do not progress for the reason of lack of mind which soils the environment of the land.
You both speek over emergency of Indira Gandhi .
Emergency imposed by Iron Lady Hon'ble late Indira Gandhi was necessity of that time, and right step for our society.
लेकिन ये देश की जनता इन politicians की हात का tool कैसे बन गया, इतना मूर्ख कैसा हो गया...
Aayushyman Bharat or State Govt Health schemes to insure patients upto Rs. 5 lakhs is eyewash. No private hospitals are providing free treatment to patients in emergency.
You both could not establish democracy in judicery. Please try to establish democracy in work field of judicery if you can.
Sir aj ka sach jahir kr rhe h y hi 100/ correct h udhar bhi ap jede mhan person hi kr skta h
I salute to mr katju jee very good discussion
Great person
We lost thousands soldiers and common men and fought wars with Pakistan. People are still attacking Kashmir. It is easier to blame gentlemen rather the powerful persons. You are telling utter lies. Hindus are great and really deserve praise.
Absolutely right sir 🎉
परम सच बात कही है।
Only deep education can stop this type of non sense
Population control par koi policy ab tak koi government lekar nahi ayi. Or log bhi bache paida kar rahe hai. Pura desh railway platform ban gya hai.
Katju spoke like a layman. For his information the revolution has already started and many have sacrificed their lives against communal forces assembling every week in the guise of faith, either on Sundays or Fridays when communion is less religious and more political & hatred.
He is absolutely right... despite 140 crore hardworking, saving attitude, intelligent ppl, WE got cheated by party funded by 14 Lakh crore NPA defaulters, 150 lakh crore debt imposers, 10000 crore electoral bond, 10000 crore Ajit Pawar etc
सही तो बोला है जस्टिस महोदय जी ने, अगर सही में 90 परसेंट लोग समझदार होते तो ये 90 परसेंट ही जज होते। जय हिंद
Markandeya Katju sir is absolutely right 👍
Judge sav ne bilkul shi kha hai
Very well said
With due respect, both of you are requested to join politics and do desired.
acha Achcha Hota inke Samay per Itna bhrashtachar nyaypalika Mein Tha
Kindly do something to make Indians 100 percent wise
Necessary to stop political trading, shareholders system, personal ideology, personal power capturing, autocracy dictatorship and inheritance monarchy in political party system in democracy system.
Democracy does not mean that the same person holds the post of the party year after year, becoming a people's representative, MP, MLA, minister, chief minister, prime minister creating records and making a name in the Guinness Book of Records.
If there is a privately owned political party system, there is an undeclared inheritance family planning system in the political party, the same person will be the representative, minister, chief minister, prime minister again and again, then what was the need to stop the monarchy! Some individuals are doing trading business by establishing political parties like trading is being carried on by establishing corporate companies.
Every political party is privately owned. Person's party, someone's father's party, mother's party, daughter's party, son's party, grandfather's party, grandmother's party, grand son's party, grand daughters' party, sister's party, brother's party, uncle's party, elder's party, aunt's party, cousin's party, niece's party, father in law's party, mother in law's party, son in law's party, daughter in law's party, person's ideal party, person's established party. Why will the people comply with this kind of political party, why will it be implemented! Common people have no political party. The political party system needs to change. Nationalised owned permanent government universal political parties should be established.
All political parties are private personal ownership system, personal ideological system, personal power capturing system ownership transfer system corporate company trading shareholders system family planning inheritance system horse trading system, common people have no universal political party, no nationalised ownership nation founded permanent governmental constitutional uniform type political party. Necessary to reform political party system democracy etc, it should be formed five or six nationalised ownership nation founded perpetual governmental constitutional uniform type political parties, see details in the PDF
drive.google.com/file/d/1VWOQnhSnN7bh2fjeIV_HqrfcmvHTEyEh/view?usp=drivesdk
90% OBC SC st pr 10% uchi caste raj karti h
Sir , विविधता को एकता में कैसे बदला जाए इस तरीका को भी बताए क्यों की आज तक इस विंदु पर किसी ने भी कुछ नहीं बताए
Government office work system dekhna nahi ...road thik nahi..pani problem and karodo kharch kar moon mangal pe......basic system thik nahi itne salo me ...koi bhi government office me jana yani sar pitna
Intellectual loby also against PM, their NGo gets funds for their talk.
2006--2011_Man,Katju ji 🙏
80 परसेंट हिन्दू है तो ये हिंदू राष्ट्र ही हुआ , कही 60 % से ज्यादा मुस्लिम है वो तो इस्लामिक देश हो जाता है , बांग्लादेश और पाकिस्तानी हिंदुओं के बारे में काटजू साहब ने कुछ नहीं कहा
সত্যি কথা বলেছেন আমি নিজেও একটা মূখ্য আমিও বেশি কিছু জানিনা
सही ही बोले लेकिन नंगा सत्य है।
RSS ki nafrat ke teen target--MCC--Muslim, Christian, Communists
Bharat ko shikshaa ki bahut jaroorat hai, kyon ki bharat me andhvisvaas bahut hai. Bharat ko kuchh log andhvisvaas me hi rakhnaa chahte hai.
सब एक जैसे दलित विरोधी
Democraci in Our country is only like a wapon in a fools hands.
@@VivekGarg-ue9lw GOOD CATCH..
Men could tell a lie but words never tell a lie but words do have more than one meaning i.e. more than one implication. True meaning should be taken into account only with reference to context. In this context the use of word pandit has been referred as a caste for whole of Indian Brahmin which is sociologically incorrect because word pandit as a caste society implies to Kashmiri Brahmins only and not for the other caste Brahmins of India. The word pandit has been in use for many non brahmins too. This is only for the sake of knowledge.
Very true
Ye bola to quote ho gaya main to kab se kah raha hun agar murkh nahi hota to modi PM kaise hota hai
Kapil sibal hamesha Bharat ki sabse Sanskriti ki vriddhi kam karta hai
इसी कारण तो चाय बेचने वाला भी राज्य कर रहा है
The judiciary should listen to Kapil Sibal only because he is a Congress man.