कोई भी ब्यक्ति जो रागद्वेश रहित होजाता है उसे ईश्वर की श्रेणी मे पूजित खरसकते हैँ। ऐसे ही लोग जो ईश्वर तुल्य होगये थे उन्ही लोगोने इन महान वेदों और उपनिशदो की रचना की है। हरसाधारण व्यक्ति इसकेलायक नहीहै भलेही वह बड़ी बडी डिग्रियो.से सुशोभित हो।
प्रिय शिष्य आप जीवन में बहुत आगे जाएंगे श्री हनुमान जी प्रभु आपकी रक्षा करें आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें यही श्री हनुमान जी प्रभु के चरणों में प्रार्थना करता हूं जय हनुमान जी की जय हो जय हनुमान जी की जय हो जय हनुमान जी की जय हो श्री सीताराम श्री सीताराम श्री सीताराम श्री परम पूजनीय गुरु माता जी की जय हो
ईश्वर ही ईश्वर की आराधना के लिएकह रहा है यह ईश्वर का संदेश नहीं हो सकता पूरे विश्व में एक सूर्य है एक चंद्रमा है तो विश्व में एक ही पुस्तकहोना थी स्वामी जी कोसादर नमन यह बात स्पष्टकीजिए
आदि मंत्र आदिवितीय हैं.... उस समय के विकराहित ऋषियों के समतुल्य पूर्ण शुद्ध हैं. आप की व्याख्या परम आनंद दायक है. आज के दूषित मनुष्यों के लिए कलायंकारी है. नमस्कार.
कुछ विद्वान अ + क् निमीले पुरस्य हितम् आत्मा और शरीर के मिलने से आवास रुपी शरीर का हित अर्थात लाभ होता है। आत्म देव परमात्मा यज्ञ का ऋत्विज अर्थात यज्ञ का फल प्राप्त करने वाला है। यज्ञ में आहुतियां देने वाले रत्न धारण करने वाले हैं। धन्यवाद
वेद ईश्वरीय वाणी ही है। ऋषियों के माध्यम से उनकी समाधि अवस्था में परमात्मा के द्वारा कही गई है।
100% satya
वेद को समझना सब के बस में नहीं, चारों वेदों की जय,
वेदों की जय
हिन्दुओ का वेद ही मूल धर्म शास्त्र है।वेदो को कोटि कोटि प्रणाम। ।
बहुत सुंदर व्याख्या, आचार्य जी को बहुत बहुत साधुवाद एवं धन्यवाद।
ओ३म् ईश्वर का प्रमुख नाम है। ईश्वर अनादि,अनन्त ,अजर ,अभय नित्य व पवित्र हैं।
ईश्वर कृपा से यह पुनीत कार्य अपने ध्येय को प्राप्त हो ओम शम,
ईश्वर तुल्य ऋषियों की ध्यान अवस्था में वेद मंत्र ईश्वरी वाणी के रूप में निश्रित हुए
वेदपुरुषाय नमः।
Very very thaks for your Hindi conversion.Acharya ji Namaste. Namaste ji
आचार्य श्री आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय सनातन धर्म की जय हमारे सत्य वेदों की जय हमारे गुरुदेव जी की जो इस समय सुंदर ज्ञान दे रहे हैं
अतिसुंदर व्याख्या प्रणाम आपको आचार्य
🕉 परमेश्वराय नम:
Prabhu, aap ko shat -2 Naman !!!!
बसंत ग्रीष्म वर्षा शरद हेमंत शिशिर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है।
ओ३म सादर नमस्ते आचार्य जी ।
सादर प्रणाम गुरुदेव ❤🎉
आचार्य जी को नमन
Bhagvan aap
ko shat shat naman
Jai Yogeshwar, Gurudev ji ❤
आचार्य आपको प्रणाम ❤❤❤
Bahut sundar व्याख्यान , bhut__ bhut dhanyawad achriy ji.
आपका विवेचन बहुतही अच्छा है l
प्रणाम आचार्य जी,
आपका बहुत बहुत धन्यवाद्
ओऐ
ॐ अग्नि ऐड़े ॐ
आचार्य जी को सादर प्रणाम
आचार्य जी बहुत बहुत धन्यवाद, यह मंत्र यज्ञ करते हुए तो बहुत बार पड़ा परंतु आज इसका उच्चारण और अर्थ आज समझ आया है।
ओ३म् 🙏🏻🙏🏻नमस्ते जी.. हमें लोकेन्द्र आचार्य जी से सांख्य दर्शन सिखने मिला .. हमे आपकाी यह कक्षा बहुत अच्छी लगी..बहुत धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
आचार्य जी सादर नमन भगवान के श्री मुख से निशृत प्रथम मंत्र आपकी बयाख्या की प्रसंशा
Grishma,Barsa,Sarat, Hemant, Sit,Basant
आचार्य जी सादर नमन ! आपने बहुत अच्छे से समझा दिया ।
हे्मत
Sadar.naman aacharya ji
Sadar naman.
Omji
कोई भी ब्यक्ति जो रागद्वेश रहित होजाता है उसे ईश्वर की श्रेणी मे पूजित खरसकते हैँ। ऐसे ही लोग जो ईश्वर तुल्य होगये थे उन्ही लोगोने इन महान वेदों और उपनिशदो की रचना की है। हरसाधारण व्यक्ति इसकेलायक नहीहै भलेही वह बड़ी बडी डिग्रियो.से सुशोभित हो।
अदभुद वेदमन्त्र व्याख्या ❤
Aapne bhut sunder tareeke se samjhya h
Pandurang shastri athvale ne bahut achha varnan kiya hai
Jay Yogeswar 🙏🏽
आचार्य जी को सदर प्रणाम यह कक्षा बहुत अच्छी लगी
कोटि कोटि धन्यवाद 💐💐🙏
Thanks aacharyaji,shamajanekatareeka
OAM. Acharyajee Namaste bahutbahut dhanyabad Aapku
Hari om
Sharad rutu
मुझे कंठस्थ है गुरु जी 🙏🙏🙏 ये शांतिकरण का भी पहला मंत्र है
प्रिय शिष्य आप जीवन में बहुत आगे जाएंगे श्री हनुमान जी प्रभु आपकी रक्षा करें आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें यही श्री हनुमान जी प्रभु के चरणों में प्रार्थना करता हूं जय हनुमान जी की जय हो जय हनुमान जी की जय हो जय हनुमान जी की जय हो श्री सीताराम श्री सीताराम श्री सीताराम श्री परम पूजनीय गुरु माता जी की जय हो
ओम, सादर प्रणाम आचार्य जी।
❤ Namo Nama ❤.
Jay Ho.
❤❤❤❤❤. Pahli bar mujhe
Gyan Mila. 62 yrs ke baad. Acharya ji apka sat sat naman.
Bahut sundar.
आनन्द स्वरूप ईश्वर की उपासना करने वाले उपासक आनन्द की प्राप्ति करते हैं।
बहुत सरल और सारगर्भित प्रवचन। आपका वंदन और नमन 🎉
प्रणाम
बहुत अच्छा, साधुवाद।
Sadare namaste achary jl
सब ज्ञानियों के अलग अलग अर्थ है आम आदमी ना समझ सकता है ना किसी को समझा सकता है
A word is not complete in itself, hence such problems arise.
ACHARYA JI NAMASTE.VERY NICE PRABACHAN
Guru krupa thanks 🙏🙏🙏
Naman 21:42
ओम सादर नमस्ते आचार्य जी🙏🙏
हे चेतन देवता उपरोक्त संदर्भ में जिस अग्नि को नमन किया गया है, वो चेतन ( परमात्मा और आत्मा) का बल है।
Aacharya ji ko sadar pranam
सादर नमस्ते जी 🔥☀️💥🚩🙏🏼🌺🙏🏻
Excellent prayer in Hrugved.
बहुत सुंदर व्याख्या आचार्य जी
सादर नमस्ते अचार्य जी,ईश्वर आपको 100 वर्षों तक की स्वस्थ आयु प्रदान करे❤
ॐ नमस्ते जी
शरद
अति सार्थक व्याख्या करते हुए विषय को समझाया गया है।सादर नमन आचार्य जी।
जिसको पसंद है वो सुनते हैं
सादर नमन
Parameshvaray namah
Om sader namastey
Acharya ji
नमस्तेजी,
स्वामीजी आपने अत्यंत गहन विषयको बहुत ही सरल शब्दोंमें परिभाषित किया .बहुत बहुत धन्यवाद.
डाॅ.शारदा देवदत्त तुंगार
Jay jay shree ram Krishna
सादर प्रणाम बहुत सुन्दर व्याख्या
🙏🙏
🙏🙏🎉
Acharya ji namste
Sadarnaman
प्रणाम संस्कृत भाषा सब भाषा हे पर हर आप जैसे हो क्योंकि ज्ञान क़े बारे में चर्चा मेरा मतलब पढ़ाना चाय पीना जितना आसान नहीं.
शरद ऋतु।
K.N.Bhargav🙏
Aum namaste ji
यह मंत्र अच्छी तरह से स्मृति है
Om namaste ji
Namasteji... very beautiful message
Mujhe bhi yad hai acharya ji🙏🙏🙏🙏
शरद ऋतु
Anek prakar ke sampradayhoneselogbhramithai 19:15
ईश्वर ही ईश्वर की आराधना के लिएकह रहा है यह ईश्वर का संदेश नहीं हो सकता पूरे विश्व में एक सूर्य है एक चंद्रमा है तो विश्व में एक ही पुस्तकहोना थी स्वामी जी कोसादर नमन यह बात स्पष्टकीजिए
@@rameshjain4606 सादर नमस्ते जी, कृपया इस विषय के लिए हमारे मोबाईल नंबर 8469567330 पर संपर्क कीजिएगा। धन्यवाद।
अनगिनत सूर्य चन्द्र पृथिवी हैं
नमस्ते आचार्य जी 🙏
आदि मंत्र आदिवितीय हैं.... उस समय के विकराहित ऋषियों के समतुल्य पूर्ण शुद्ध हैं.
आप की व्याख्या परम आनंद दायक है.
आज के दूषित मनुष्यों के लिए कलायंकारी है.
नमस्कार.
Ishwar to gun dosh se rahit hai
ओइम नमस्ते जी
Sadar Namaste achriy ji🎉🎉
कुछ विद्वान अ + क् निमीले पुरस्य हितम् आत्मा और शरीर के मिलने से आवास रुपी शरीर का हित अर्थात लाभ होता है। आत्म देव परमात्मा यज्ञ का ऋत्विज अर्थात यज्ञ का फल प्राप्त करने वाला है। यज्ञ में आहुतियां देने वाले रत्न धारण करने वाले हैं। धन्यवाद
Acharya ji, Pranam, kripya description me, mantra ka poorna arth ko likdijiyega sanshipt room me. Dhanyavad.
नमस्ते जी
Gurudev, Rigveda ka keval naam hi suna tha. Pratham shloka sunke, padh ke,bol ke atyant aanand hua.Aap ko anant Namaskar 🌹.