गो.जीवकाण्ड/वीडियो69/198-200।त्रसजीवों का अवस्थान,लोकनाड़ी-त्रसनाड़ी का अंतर,सप्रतिष्ठितशरीर विवेचन।

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 11 янв 2025

Комментарии • 11

  • @rachanajain5362
    @rachanajain5362 2 дня назад

    Bahut bahut dhanyawad bhaiya ji 200 gathaye purn karane ke liye thank you 🙏 thank you 🙏 thank you 🙏

  • @kiranjain7253
    @kiranjain7253 День назад

    आपके ज्ञानकी बहुत अनुमोदना🙏

  • @pramilajain1486
    @pramilajain1486 2 дня назад

    जय जिनेंद्र भैया जी
    ग्रंथ की 200 गाथाएं बहुत अच्छी तरह से समझाने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार एवं बहुत-बहुत बधाई

  • @alkachandiwal368
    @alkachandiwal368 День назад

    Bahut badiya padate hai bbhaiji aap
    Bahut bahut anmodana

  • @snehaldoshi9970
    @snehaldoshi9970 День назад

    जय जिनेन्द्र भैया आपके ज्ञान की खूब खूब अनुमोदना

  • @manjujain2529
    @manjujain2529 2 дня назад

    आपका हम पर इतना बृहद उपकार है कि धन्यवाद शब्द पर्याप्त नहीं है. मुझे समझ में सारी गाथाएँ अच्छी तरह से आ रही हैं. मैं तो कभी हिम्मत ही नहीं करती जीवकाँड जी को पढने की. आप का उपकार हमेशा याद रखूंगी. 🙏🙏

  • @renujain7350
    @renujain7350 День назад

    🙏🙏जय जिनेन्द्र भैया जी,

  • @acupointsbysangeetajain3633
    @acupointsbysangeetajain3633 2 дня назад

    भैया जय जिनेंद्र अपने 200 गाथाएं इतनी आसानी से पढ़ा दी हमने कभी नहीं सोचा था कि हम गोमट कर जैसा ग्रंथ कभी पढ़ पाएंगे गुरु के आशीर्वाद और आपने निरंतर जो हम लोगों को स्वाध्याय कराया उसके लिए आपको कोटि कोटि नमन

  • @sulekhavidyarthi1895
    @sulekhavidyarthi1895 День назад

    भैया जी आपका बहुत बहुत उपकार है

  • @ushasogani7667
    @ushasogani7667 2 дня назад

    बहुत बहुत धन्यावाद भैया जी

  • @shakuntalajain1898
    @shakuntalajain1898 День назад

    जय जिनेन्द्र भैयाजी।
    वास्तव में निःस्वार्थभाव से ही आप इतने कठिन परिश्रम से हमे स्वाध्याय करा रहे है बहुत सराहनीय व उपकार कार्य है आपका ।बहुत 2अभिनन्दन,स्वागत,सम्मानजितना किया जाए कम है।मुझे तो बहुत इंतजार रहता है विडियो का।बिना आप के समझाये समझ ही नही आता। एक बार पुनः आपका हार्दिक आभार वकोटी2 अभिनन्दन।