Bihar Seva Sanhita book | बिहार सेवा संहिता पुस्तक | bihar seva sahita

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  • Опубликовано: 11 сен 2024
  • Bihar Seva Sanhita book | बिहार सेवा संहिता पुस्तक | bihar seva sahita ‎@musicadhayayan
    bihar seva sanhita book
    Bpsc Teachers ke liye bohot achhi book
    iss book me aap ko sabhi rules ke bare me bataya gaya hai
    बिहार सेवा संहिता का नियम - 162 क्या कहता है ? आदेयता प्रमाण-पत्र मँगा लेने के बाद ही, उसके आधार पर, छुट्टी की स्वीकृति पर विचार किया जा सकता है। (2) मेडिकल प्रमाण-पत्र के आधार पर छुट्टी लेने पर योगदान के समय मेडिकल फिटनेस प्रमाण-पत्र दिया जाना अनिवार्य है । अनुमान्य है ।
    एक बार में बारह माह के अवकाश को साधारणतया उचित अधिकतम सीमा माना जाना चाहिए तथा केवल साधारण कारणों को छोड़कर इससे अधिक अवकाश किसी एक समय में नहीं दिया जाना चाहिए । सम्पूर्ण सेवा अवधि में कुल मिलाकर 2 वर्ष तक का अध्ययन अवकाश प्रदान किया जा सकता है ।
    जैसा कि मंत्रालय/विभाग जानते हैं, केन्द्रीय सिविल सेवा ( आचण ) नियमावली, 1964 के नियम 18 के उप-नियम (4) के उपबंधों में यह व्यवस्था है कि सरकार अथवा विहित प्राधिकारी, कभी भी सामान्य अथवा विशेष आदेश जारी करके, सरकारी कर्मचारी से उक्त आदेश में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर, उसके द्वारा अथवा उसकी ओर से अथवा उसके परिवार के किसी
    इस नियम के तहत सरकारी कर्मचारी को कार्यस्थल पर यदि कोई क्षति हो जाती है तो क्षति होने के तीन माह तक आवेदन पत्र देकर विशेष असमर्थता अवकाश का लाभ उठा सकता है । सामान्य तौर पर विशेष असमर्थता अवकाश अधिकतम 24 माह तक देय होता है ।
    सर्विस बुक के नियम राजस्थान राज्य कर्मचारियों हेतु उपयोगी जानकारी कर्मचारी के सारे कार्यकाल का रिकॉर्ड सर्विस बुक में रखा जाएगा । हर एंट्री को आफिस के head द्वारा attest किया जाना अनिवार्य है , किसी entry का काटा या मिटाया न जाना overwriting न होने की जिम्मेदारी भी आफिस के head की होती है।
    सर्विस बुक की एक पंजिका विभाग में होती है। इसमें कर्मचारी की नौकरी के दौरान हुई कार्रवाई या मिली शाबाशी का पूरा विवरण होता है। सर्विस बुक किसी भी कर्मचारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है।
    वर्तमान में, एक केंद्र सरकार के कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में 8 दिनों की सीएल की पेशकश की जाती है। रक्षा कर्मियों के लिए यह संख्या 20 दिन, अधिकारी रैंक से नीचे के रक्षा कर्मियों (पीबीओआर) के लिए 30 दिन और औद्योगिक श्रमिकों के लिए 10 दिन तक जा सकती है। रेलवे कर्मचारियों को एक कैलेंडर वर्ष में 11 से 13 दिन के बीच सीएल दी जाती है।
    30 से 45 दिनों के लिए वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं पीएमओ स्तर के चिकित्सा अधिकारी चिकित्सा प्रमाण पत्र दे सकते हैं। इसमें मूल अवधि भी शामिल होगी। *मेडिकल बोर्ड द्वारा 45 दिनों से अधिक दिन का चिकित्सा प्रमाण पत्र दिया जा सकता है।26 जन॰ 2023
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