भगवान शिव जी से एकाकार सन्यासी शाश्वत सत्यानंद प्राप्त करके मोक्ष जीवन जीता है सन्यासी किसी का शरीर नहीं छूता है अपना शरीर किसी को सन्यासी नहीं छूने देता है भगवान शिव जी को शाश्वत छूने वाला सन्यासी आजीवन तपस्या सत्कर्म सनातन धर्म प्रचारक सनातन जनता का हित करने में लगा रहता हैं राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव हर हर महादेव
आप स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के सिद्ध आश्रम साधक परिवार से जुड़कर के साधना प्राप्त कर सकते हैं सन्यास तो साधनाएं और सिद्धियां प्राप्त करने के लिए ही की जाती है सन्यास में जाना यानी सिद्धियां को प्राप्त करना ही है और नहीं किया तो संन्यास का कोई मतलब नहीं है मेरे हिसाब से स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ही सही गुरु हो सकते हैं आपके लिए और कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में पूछ सकते हैं मैं समुचित उत्तर देने का प्रयास करूंगा
@@sujeetshawआपकी बात पूरी तरह गलत है आध्यात्म जीवन का सच्चा ज्ञान ब्रह्मज्ञान एवं आत्मज्ञान की यात्रा है ईश्वर के rati भक्ति का सुख है... सिद्धियां ईश्वर को प्राप्त करने के लिए ही होती हैं लक्ष्य सिद्धियां नहीं हैं ईश्वर है...🙏🪷
नायमात्मा बलहीनेन लभ्यो न च प्रमादात्तपसो वाप्यलिङ्गात् । एतैरुपायैर्यतते यस्तु विद्वांस्तस्यैष आत्मा विशते ब्रह्मधाम ।। (मुण्डकोपनिषद - 3/2/4) यह 'परमात्मा' बलहीन व्यक्ति के द्वारा लभ्य नहीं है, न ही प्रमादपूर्ण प्रयास से, और न ही लक्षणहीन तपस्या के द्वारा ग्रहण किया जाता है, जो विद्वान यानी विवेकी आत्मवेत्ता तत्पर होकर बल , अप्रमाद ' सन्यास और ज्ञान द्वारा इन उपायों से प्रयास करता हैविद्वान का यह आत्मा ब्रह्मधाम में सम्यक रूप से प्रविष्ट हो जाता है
सन्यासी बनने का यह मतलब नहीं होता है कि घर बार छोड़कर ही बन जा सकता है सन्यासी बनना है तो सही अर्थों में आपको शिष्य बनना पड़ेगा। मेरी इच्छा हो रही है की शिष्य के कौन-कौन से नियम होने चाहिए कितने चरण के बाद शिष्य तत्व की प्राप्ति होती है इन सभी पर वीडियो बनाउ आप बेफिक्र होकर सन्यासी बन सकते हैं लेकिन कैसा बनाना है यह आपके ऊपर निर्भर करता है लेकिन मैं चाहूंगा कि आप एक क्षमतावान संयासी बने
Guru ji mai sab rishto nato se dur hona chahta hu koi kisi ka nhi h sab kam se hi bolta h bat karte h mera to aisa jo gya hu kya karu samjh nhi aa rha h mera magfarshn kare
गुरुदेव कहते हैं कमलवत बने रहो इसका अर्थ है जल में रहकर भी जल से अलग रहना कमल के पत्ते की तरह कमल के पत्ते में पानी कभी स्पर्श नहीं करता आप भी इस प्रकार से रह सकते हैं और साधना क्षेत्र में ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं आपका जीवन सन्यासी ही माना जाएगा
साधना बिना गुरु के कभी नहीं की जा सकती है उसमें बहुत सारे विधि विधान की आवश्यकता होती है जो आप बिना जाने कैसे कर सकते हैं उसमें बहुत तरह की सामग्री आवश्यकता पड़ती है बिना गुरु के असंभव है भाई
मैं कोई गुरु नहीं हूं आप मुझे भाई का संबोधन कर सकते हैं सबसे पहले आप संन्यास के अर्थ को समझें। अगर आप दरिद्र और विषय भोगी नहीं है तो घर में भी रहकर सन्यासी जीवन जी सकते हैं साधनाओं को सिद्ध कर सकते हैं आपका प्रश्न बहुत है महत्वपूर्ण है अगर आप विषय भोगी है तो सबसे पहले उसका त्याग करें क्योंकि संन्यास लेने के बाद भी आप सन्यासी नहीं कहलायेंगे
नमस्ते जी संन्यास के लिए उपयुक्त गुरु संन्यासी का चयन करें, योग्य से शिक्षा दीक्षा लेने से जीवन सफल होगा अयोग्य व्यक्ति खुद डुबेगा और दूसरों को भी डुबायेगा। सावधान शुभकामनाएं धन्यवाद
सन्यास बहुत ही कठिन शब्द है पहले इसे समझे उसके बाद जब आपको लगे कि मैं संन्यास को सही तरीके से समझ गया हूं फिर आप संन्यास ले तो ज्यादा उचित रहेगा लेकिन उसमें भी एक सद्गुरु होना चाहिए जो आपको सन्यास मार्ग पर सही तरीके से ले जाएं और आप ब्रह्म तत्व को प्राप्त कर सकें
संन्यास लेने का अर्थ है सिद्धियां प्राप्त करना वह आप गृहस्थ में भी कर सकते हैं गुरुदेव कहते हैं कि दरिद्र और भोगी यह दो व्यक्ति कभी सिद्धियां प्राप्त नहीं कर सकता कभी भी साधन नहीं कर सकता पहले विचार करें उसके बाद निर्णय ले लेकिन संन्यास जीवन का सिंगार है और कोई प्रश्न हो तो अवश्य करें मैं समुचित उत्तर देने का प्रयास करूंगा
सन्यास क्यों लेना है इस पर अगर आप विचार कर पाएंगे उसके बाद सन्यास ले सकते हैं वैसे तो गुरु अगर समर्थ हो तो गृहस्थ में भी साधना सिद्ध कर सकते हैं लेकिन सन्यास में साधना सिद्ध बहुत जल्दी होती है
नमस्ते जी संन्यास के लिए उपयुक्त गुरु संन्यासी का चयन करें, योग्य से शिक्षा दीक्षा लेने से जीवन सफल होगा अयोग्य व्यक्ति खुद डुबेगा और दूसरों को भी डुबायेगा। सावधान शुभकामनाएं धन्यवाद
Kyu Lena hai sanyas aapko .. kya chinta esi hai jo sata rahi hai ...or kyu sata rahi hai ye bhi btana...apne kha kisi ko aapki jrurt nahi hai...lekin aap btaiye ki aapki jarurt kya hai
Guru ji ne kaha hai ki padhke na bolo samjhe guru ji ne ham sabko sikhya hai ki snyas bhi lo to privar ki hadd tak magar aap nahi smjhenge kyuki pese ka bhoot lga hai
मैं आपकी बात समझ रहा हूं लेकिन आपको एक बात सोचनी चाहिए जिस समय गुरुदेव शुरुआत किए थे उसे समय शिष्यों की संख्या बेहद कम थी खासकर गृहस्थ शिष्य जब वे हिमालय से आए थे बहुत कम लोग लाभान्वित हो रहे थे यह शिष्यों के द्वारा ही संदेश एक जगह से दूसरे जगह पहुंच कर आगे लाखों शिष्य का परिवार बन चुका है मैं ऐसे गुरु भाई से मिला जिन्होंने उनके अद्भुत स्वरूप को दर्शन कीए और गुरुदेव उस समय उन सभी शिष्यों को बताए थे कि जो लोगों में बताओ कि वह सनातन ज्ञान को पुनः प्राप्त करने के लिए तैयार हो। मैं यह नहीं समझ पाया कि आपने ऐसा क्यों कहा मैंने कभी भी किसी भी वीडियो में बड़ा बनने का प्रयास नहीं किया या सोचा भी नहीं मैंने तो एक तरह से गुरुदेव के संदेश को ही उन लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है जो लोग उनका नाम तक नहीं जानते
सन्यास आप किन कारणों से लेना चाहते हैं यही सबसे महत्वपूर्ण है अगर आपको शक्तियां अर्जित करनी है तो गृहस्थी में भी कर सकते हैं जैसे भगवान श्री कृष्ण गृहस्त रहकर भी समस्त सिद्धियां को प्राप्त किए थे संन्यास लेने से ज्यादा आवश्यक है उत्तम गुरु यानी जगतगुरु का खोज करना उनको गुरु बनाना या उनके शरण में चले जाना यह काम आप नारायण दत्त श्रीमाली जी से मिलकर गृहस्थ में रहकर भी कर सकते हैं हिमालय में भी वह सिद्धियां शायद आपको ना मिल पाए जो सीधे आपके यहां इनके द्वारा मिल सकती है आप में क्षमता होनी चाहिए कोई भी प्रश्न हो या दुविधा हो आप कमेंट कर सकते हैं मैं उत्तर देने का प्रयास करूंगा आपने कमेंट किया प्रश्न पूछा इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
Maharaj ji ham ak ladki h hme bhi sanyashi bannna h mujhe ye sansar achha nhi lagta mere maa bhai achhe h but mera yha man nhi lagta h meri khushi sanyashi banne m h
आप संन्यास का सही अर्थ समझने का प्रयास करें सन्यास का मतलब यह नहीं है कि आप जंगलों में जाएं अगर आपका लक्ष्य ब्रह्म तत्वों की प्राप्ति है पूर्णता की प्रति है तो यह सब आप गृहस्ट में भी प्राप्त कर सकते हैं सन्यास में भी उच्च कोटि के गुरु की आवश्यकता होती है चाहे आप जंगल में हो या अपने परिवार में। अगर आपको पूर्णता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको सद्गुरु की प्राप्ति करनी पड़ेगी उनके प्रति आत्म समर्पण करना पड़ेगा फिर जो सिद्धियां सन्यास में जंगलों में रहकर प्राप्त कर सकती हैं वही सिद्धियां घर में भी प्राप्त कर सकती हैं लेकिन सन्यास जब जंगलों में होता है तो बहुत सारे अवरोध समाप्त हो जाते हैं और सफलता लक्ष्य की प्राप्ति बहुत ही जल्दी हो जाती है
धन्यवाद महाराज जी अब हमने निर्णय लिया ही की मैं घर पर ही रहुंगी और जो भी परिस्थिया हो उनका सामना करुगी अपने भैया का सपना पूरा करेगी अपने माता पिता को कभी सरविंदा न होने दुगी यहीं मेरा संन्यास हैं हमे शक्ति देना गुरुदेव सोमवार से मेरी नई जिंदगी 🙏🙏😊😊
सन्यास कोई खेल नहीं सबसे पहले यह पूर्ण रूप से निश्चित हो या विचार कर ले तभी सन्यास में जाए सिर्फ भिक्षाटन के लिए संन्यास नहीं है ऐसा हो कि आप ब्रह्म तत्व की प्राप्ति कर सके तभी सन्यास धारण करें
तंत्र के माध्यम से आप अपने कष्टों को दूर कर सकते हैं परेशानियों को हटा सकते हैं इसके लिए जो समर्थ गुरु है उनके पास आपको जाना चाहिए जैसे नारायण दत्त श्रीमाली जी के आश्रम से जुड़कर लेकिन इसमें भी बहुत सारी कठिनाइयां है
भगवान शिव जी से एकाकार सन्यासी शाश्वत सत्यानंद प्राप्त करके मोक्ष जीवन जीता है सन्यासी किसी का शरीर नहीं छूता है अपना शरीर किसी को सन्यासी नहीं छूने देता है भगवान शिव जी को शाश्वत छूने वाला सन्यासी आजीवन तपस्या सत्कर्म सनातन धर्म प्रचारक सनातन जनता का हित करने में लगा रहता हैं राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव हर हर महादेव
❤❤❤❤
Bilkul sahi kaha apne 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Shri sadgurudevjiJi ki 🚩🙏🪔🌹🥭🍎🍊🍒🍍🍉🍌🍇🌺❤❤❤
मैं 25 साल का हुँ और अविवाहित हुँ..लेकिन मै संन्यास लेना चाहता हुँ..हम गुरू की खोज कैसे करें..
आप स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के सिद्ध आश्रम साधक परिवार से जुड़कर के साधना प्राप्त कर सकते हैं सन्यास तो साधनाएं और सिद्धियां प्राप्त करने के लिए ही की जाती है सन्यास में जाना यानी सिद्धियां को प्राप्त करना ही है और नहीं किया तो संन्यास का कोई मतलब नहीं है मेरे हिसाब से स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ही सही गुरु हो सकते हैं आपके लिए और कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में पूछ सकते हैं मैं समुचित उत्तर देने का प्रयास करूंगा
मैं लड़की हूं मैं सन्यास लेना चाहती हूं कृपया मार्ग दर्शन करे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aap kiu sanyas lena chahti hai@@अपनाआशियाना-ब7ङ
Main 24, saal ka hu aur sanyas Lena chahata hu....lekin Ghar walo chod nahi sakta kyonki Ghar ki jimmedari bhi hai😢
@@sujeetshawआपकी बात पूरी तरह गलत है आध्यात्म जीवन का सच्चा ज्ञान ब्रह्मज्ञान एवं आत्मज्ञान की यात्रा है ईश्वर के rati भक्ति का सुख है... सिद्धियां ईश्वर को प्राप्त करने के लिए ही होती हैं लक्ष्य सिद्धियां नहीं हैं ईश्वर है...🙏🪷
Mujhe bhi sanyasi banna h koi margdarshan kre
🙏🌻
कथा - कहानी पर मत जाओ, घर का त्याग बलपूर्वक कर ही दो। साल-दो साल में रिश्ते - नाते सब दिमाग से ऊतर जाएंगे। अभी समय है, बेटियों को संन्यास लेने की।
नमस्ते जी
सत्यार्थ प्रकाश पढ़ें, अंधविश्वास दूर होगा तत्वज्ञान मिलेगा जीवन सफल सुखद होगा। शुभकामनाएं धन्यवाद
Nhi milega.....
नायमात्मा बलहीनेन लभ्यो न च प्रमादात्तपसो वाप्यलिङ्गात् । एतैरुपायैर्यतते यस्तु विद्वांस्तस्यैष आत्मा विशते ब्रह्मधाम ।। (मुण्डकोपनिषद - 3/2/4)
यह 'परमात्मा' बलहीन व्यक्ति के द्वारा लभ्य नहीं है, न ही प्रमादपूर्ण प्रयास से, और न ही लक्षणहीन तपस्या के द्वारा ग्रहण किया जाता है, जो विद्वान यानी विवेकी आत्मवेत्ता तत्पर होकर बल , अप्रमाद ' सन्यास और ज्ञान द्वारा इन उपायों से प्रयास करता हैविद्वान का यह आत्मा ब्रह्मधाम में सम्यक रूप से प्रविष्ट हो जाता है
Mai ro raha hu apki bate sunkar
🙏❤️
Mujhe banna h
सन्यासी बनने का यह मतलब नहीं होता है कि घर बार छोड़कर ही बन जा सकता है सन्यासी बनना है तो सही अर्थों में आपको शिष्य बनना पड़ेगा। मेरी इच्छा हो रही है की शिष्य के कौन-कौन से नियम होने चाहिए कितने चरण के बाद शिष्य तत्व की प्राप्ति होती है इन सभी पर वीडियो बनाउ आप बेफिक्र होकर सन्यासी बन सकते हैं लेकिन कैसा बनाना है यह आपके ऊपर निर्भर करता है लेकिन मैं चाहूंगा कि आप एक क्षमतावान संयासी बने
Bhai guru Bhai doctor Narayan Dutt shrimali hai wo kisi ne ki jagh guru ji bolo
Guruji muje bhi sanyas lena he
Guru ji mai sab rishto nato se dur hona chahta hu koi kisi ka nhi h sab kam se hi bolta h bat karte h mera to aisa jo gya hu kya karu samjh nhi aa rha h mera magfarshn kare
गुरुदेव कहते हैं कमलवत बने रहो इसका अर्थ है जल में रहकर भी जल से अलग रहना कमल के पत्ते की तरह कमल के पत्ते में पानी कभी स्पर्श नहीं करता आप भी इस प्रकार से रह सकते हैं और साधना क्षेत्र में ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं आपका जीवन सन्यासी ही माना जाएगा
कोई नया साधक किसी साधना को किस प्रकार प्राप्त कर सकता है । क्या साधना करने के लिए गुरु की जरूरत होती है या ये साधना खुद भी किया जा सकता है
साधना बिना गुरु के कभी नहीं की जा सकती है उसमें बहुत सारे विधि विधान की आवश्यकता होती है जो आप बिना जाने कैसे कर सकते हैं उसमें बहुत तरह की सामग्री आवश्यकता पड़ती है बिना गुरु के असंभव है भाई
माता पिता पत्नी भाऊ बहिण पुत्र कन्या जेंव्हा चिते मध्ये जळतान तेंव्हा कोणी हि सोबत येऊ शकणार नाही
Mujhe bana hai
Guru ji main sanyas lena cahta hu
मैं कोई गुरु नहीं हूं आप मुझे भाई का संबोधन कर सकते हैं सबसे पहले आप संन्यास के अर्थ को समझें। अगर आप दरिद्र और विषय भोगी नहीं है तो घर में भी रहकर सन्यासी जीवन जी सकते हैं साधनाओं को सिद्ध कर सकते हैं आपका प्रश्न बहुत है महत्वपूर्ण है अगर आप विषय भोगी है तो सबसे पहले उसका त्याग करें क्योंकि संन्यास लेने के बाद भी आप सन्यासी नहीं कहलायेंगे
नमस्ते जी
संन्यास के लिए उपयुक्त गुरु संन्यासी का चयन करें, योग्य से शिक्षा दीक्षा लेने से जीवन सफल होगा अयोग्य व्यक्ति खुद डुबेगा और दूसरों को भी डुबायेगा। सावधान
शुभकामनाएं धन्यवाद
Mai b sanyas b lena chata hun kaise linga
Or ghar chood ke chale jaunga guru dev
सन्यास बहुत ही कठिन शब्द है पहले इसे समझे उसके बाद जब आपको लगे कि मैं संन्यास को सही तरीके से समझ गया हूं फिर आप संन्यास ले तो ज्यादा उचित रहेगा लेकिन उसमें भी एक सद्गुरु होना चाहिए जो आपको सन्यास मार्ग पर सही तरीके से ले जाएं और आप ब्रह्म तत्व को प्राप्त कर सकें
साधना कैसे करे ।
गुरु के निर्देशानुसार
हमें राम नाम की दिक्छा चाहिए तो दिक्छा कैसे प्राप्त कर सकते हैं
गुरु के माध्यम से
Apka voice clear nhi ha
🙏🌻
Mai लेना चाहता हूं संन्यास 😢
Me sanyas lena chata hun ye duniya paapi hai koi marg darshan jarur kare??????
संन्यास लेने का अर्थ है सिद्धियां प्राप्त करना वह आप गृहस्थ में भी कर सकते हैं गुरुदेव कहते हैं कि दरिद्र और भोगी यह दो व्यक्ति कभी सिद्धियां प्राप्त नहीं कर सकता कभी भी साधन नहीं कर सकता पहले विचार करें उसके बाद निर्णय ले लेकिन संन्यास जीवन का सिंगार है और कोई प्रश्न हो तो अवश्य करें मैं समुचित उत्तर देने का प्रयास करूंगा
Mujhe bhi Sanyash leli hai
सन्यास क्यों लेना है इस पर अगर आप विचार कर पाएंगे उसके बाद सन्यास ले सकते हैं वैसे तो गुरु अगर समर्थ हो तो गृहस्थ में भी साधना सिद्ध कर सकते हैं लेकिन सन्यास में साधना सिद्ध बहुत जल्दी होती है
Me bhi banana shata hoo muje bhi asa banana hoo
इसके लिए अथक प्रयास और एक जगतगुरु की आवश्यकता है आप गुरु से संपर्क करें कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में पूछ सकते हैं
नमस्ते जी
संन्यास के लिए उपयुक्त गुरु संन्यासी का चयन करें, योग्य से शिक्षा दीक्षा लेने से जीवन सफल होगा अयोग्य व्यक्ति खुद डुबेगा और दूसरों को भी डुबायेगा। सावधान
शुभकामनाएं धन्यवाद
Kyu Lena hai sanyas aapko .. kya chinta esi hai jo sata rahi hai ...or kyu sata rahi hai ye bhi btana...apne kha kisi ko aapki jrurt nahi hai...lekin aap btaiye ki aapki jarurt kya hai
But kyu
@@AanandYadav60175 kyu ki jabaab na hai
Kya karu kaise karu
पहले आपको यह सोचना चाहिए कि मुझे संन्यास क्यों लेना है इस पर मंथन करिए उसके बाद फिर कोई प्रश्न हो तो अवश्य कमेंट करें
Guru ji ne kaha hai ki padhke na bolo samjhe guru ji ne ham sabko sikhya hai ki snyas bhi lo to privar ki hadd tak magar aap nahi smjhenge kyuki pese ka bhoot lga hai
मैं आपकी बात समझ रहा हूं लेकिन आपको एक बात सोचनी चाहिए जिस समय गुरुदेव शुरुआत किए थे उसे समय शिष्यों की संख्या बेहद कम थी खासकर गृहस्थ शिष्य जब वे हिमालय से आए थे बहुत कम लोग लाभान्वित हो रहे थे यह शिष्यों के द्वारा ही संदेश एक जगह से दूसरे जगह पहुंच कर आगे लाखों शिष्य का परिवार बन चुका है मैं ऐसे गुरु भाई से मिला जिन्होंने उनके अद्भुत स्वरूप को दर्शन कीए और गुरुदेव उस समय उन सभी शिष्यों को बताए थे कि जो लोगों में बताओ कि वह सनातन ज्ञान को पुनः प्राप्त करने के लिए तैयार हो। मैं यह नहीं समझ पाया कि आपने ऐसा क्यों कहा मैंने कभी भी किसी भी वीडियो में बड़ा बनने का प्रयास नहीं किया या सोचा भी नहीं मैंने तो एक तरह से गुरुदेव के संदेश को ही उन लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है जो लोग उनका नाम तक नहीं जानते
मैं लड़की हूं मैं सन्यास लेना चाहती हूं कृपया मुझे मार्ग दर्शन करे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सन्यास आप किन कारणों से लेना चाहते हैं यही सबसे महत्वपूर्ण है अगर आपको शक्तियां अर्जित करनी है तो गृहस्थी में भी कर सकते हैं जैसे भगवान श्री कृष्ण गृहस्त रहकर भी समस्त सिद्धियां को प्राप्त किए थे संन्यास लेने से ज्यादा आवश्यक है उत्तम गुरु यानी जगतगुरु का खोज करना उनको गुरु बनाना या उनके शरण में चले जाना यह काम आप नारायण दत्त श्रीमाली जी से मिलकर गृहस्थ में रहकर भी कर सकते हैं हिमालय में भी वह सिद्धियां शायद आपको ना मिल पाए जो सीधे आपके यहां इनके द्वारा मिल सकती है आप में क्षमता होनी चाहिए कोई भी प्रश्न हो या दुविधा हो आप कमेंट कर सकते हैं मैं उत्तर देने का प्रयास करूंगा आपने कमेंट किया प्रश्न पूछा इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
@@sujeetshaw मैं शादी नहीं करना चाहती हूं मुझे संसारिक सुखों मन की पीड़ा होती है । गुरु नारायण दत्त जी कहा मिलेंगे 🙏🙏🙏🙏
Maharaj ji ham ak ladki h hme bhi sanyashi bannna h mujhe ye sansar achha nhi lagta mere maa bhai achhe h but mera yha man nhi lagta h meri khushi sanyashi banne m h
आप संन्यास का सही अर्थ समझने का प्रयास करें सन्यास का मतलब यह नहीं है कि आप जंगलों में जाएं अगर आपका लक्ष्य ब्रह्म तत्वों की प्राप्ति है पूर्णता की प्रति है तो यह सब आप गृहस्ट में भी प्राप्त कर सकते हैं सन्यास में भी उच्च कोटि के गुरु की आवश्यकता होती है चाहे आप जंगल में हो या अपने परिवार में। अगर आपको पूर्णता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको सद्गुरु की प्राप्ति करनी पड़ेगी उनके प्रति आत्म समर्पण करना पड़ेगा फिर जो सिद्धियां सन्यास में जंगलों में रहकर प्राप्त कर सकती हैं वही सिद्धियां घर में भी प्राप्त कर सकती हैं लेकिन सन्यास जब जंगलों में होता है तो बहुत सारे अवरोध समाप्त हो जाते हैं और सफलता लक्ष्य की प्राप्ति बहुत ही जल्दी हो जाती है
धन्यवाद महाराज जी अब हमने निर्णय लिया ही की मैं घर पर ही रहुंगी और जो भी परिस्थिया हो उनका सामना करुगी अपने भैया का सपना पूरा करेगी अपने माता पिता को कभी सरविंदा न होने दुगी यहीं मेरा संन्यास हैं हमे शक्ति देना गुरुदेव सोमवार से मेरी नई जिंदगी 🙏🙏😊😊
Mujhe,bhi,Lena,hai
सन्यास कोई खेल नहीं सबसे पहले यह पूर्ण रूप से निश्चित हो या विचार कर ले तभी सन्यास में जाए सिर्फ भिक्षाटन के लिए संन्यास नहीं है ऐसा हो कि आप ब्रह्म तत्व की प्राप्ति कर सके तभी सन्यास धारण करें
Ek to aadmi pareshan ho k sanyas lene k liy nikal gaya uspe baba uski alag g mar rahe hain, shanti se akele rehne b nhi dega kya koi
Jindgi me kuchh hth nahi lga guru jee....bahut bhgya khrab gai mer .....karz bhi bahut hai....suicide sahi rhega ya sanyash
तंत्र के माध्यम से आप अपने कष्टों को दूर कर सकते हैं परेशानियों को हटा सकते हैं इसके लिए जो समर्थ गुरु है उनके पास आपको जाना चाहिए जैसे नारायण दत्त श्रीमाली जी के आश्रम से जुड़कर लेकिन इसमें भी बहुत सारी कठिनाइयां है
Sanyas