कबीर और उनकी कविताएँ

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  • Опубликовано: 2 дек 2019
  • यह व्याख्यान कबीर और उनकी कविताएँ के बारे में बात करता है I

Комментарии • 14

  • @rajvuntidrupad1504
    @rajvuntidrupad1504 24 дня назад

    कमेंट्स में कुछ मित्र प्रमाणों की बात कर रहे हैं जो जीवन की गहराई में उतरे बिना हम सिर्फ़ प्रमाणों को देखते रह जाते हैं ।और सामने जो सत्य वर्तमान है उससे चुके जाते हैं,तब वे मित्र कबीर जी के इतने अद्भूत और सागर जैसे वृहद, विशुद्ध ज्ञान वानी भी प्रमाण कैसे हो सकता है।धन्य है .......।

  • @jeetjuneja
    @jeetjuneja 25 дней назад

    सामाजिक चेतना को प्रश्न उठा कर ही झकझोरने का काम किया जा सकता है।
    रास्ता साफ़ होगा, जब सब धर्म को फैलाने की साज़िश रचने से मुक्त होंगे।
    तोरे मेरे नाते अनेक, मानिए जो भाए।
    तूँ तेरी मान, मैं मेरी मानूँ।
    हाँ, वास्तविकता जानने के लिए,,
    जानने के लिए स्वयं को अपने अपने शरीर में,
    अपने मन से, शांत चित्त से, मात्र बैठकर अनुभव करने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता होती है।
    बस मैं
    मेरा शरीर
    उसमें हो रही संवेदनाएँ,
    स्वभाविक संवेदनाओं का स्वभाव, कितनी देर तक रहती है।
    बस इतना सा करने पर सभी समस्याओं का समाधान प्रकट होने लगता है। जय हो। किसी ने यह मार्गदर्शन किया है। तकनीक बतलाई है।

  • @ErRBVERMA
    @ErRBVERMA 27 дней назад

    बहुत बहुत आभार

  • @sachinsingh3436
    @sachinsingh3436 4 года назад +1

    बहुत बढ़िया वर्णन किया है कबीर दास जी के बारे में सर्
    धन्यबाद

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 3 года назад

    बहुत महत्वपूर्ण व्याख्यान sir 🙏 कबीर को समझने के लिए इससे बेहतर व्याख्यान कोई और नहीं हो सकती।

  • @vickysoni5804
    @vickysoni5804 4 года назад +1

    great discussion sir
    jay hind

  • @sonalnagpal3164
    @sonalnagpal3164 5 месяцев назад

    🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 आभार अभिनंदन आपका प्रभु जी

  • @hareshsolanki5715
    @hareshsolanki5715 Год назад +1

    🙏

  • @umangsharma1102
    @umangsharma1102 Год назад

    Great sir

  • @chitrasenyadav9490
    @chitrasenyadav9490 4 года назад

    Ati aabhar sir

  • @JyotiKumari-hj9wo
    @JyotiKumari-hj9wo 3 года назад

    Wonderful lecture

  • @RAJESHBhai9514
    @RAJESHBhai9514 3 года назад

    Thanks sir

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 3 года назад +1

    वास्तव में वो किसी एक जाति और धर्म से जुड़े ही नहीं थे, वो तो बाद के लोगों ने उन्हें अपने - अपने राम की तरह जोड़ना आरंभ कर दिया। इसी विवाद के कारण यद्यपि कबीर की समाधि से लोगों को केवल कुछ फूल ही मिले , ऐसा कहा जाता है। सही कहा आपने sir कि 'बहुत तरह के कबीर हैं।' बहुत सारगर्भित व्याख्यान sir 🙏

  • @dr.chaitalisinha6352
    @dr.chaitalisinha6352 3 года назад

    नमस्ते sir 🙏