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Real history of ब्राह्मण सम्राट अशोक मौर्य से नफरत क्यों करते हैं?
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- Опубликовано: 16 май 2023
- ब्राह्मण सम्राट अशोक मौर्य से नफरत क्यों करते हैं?
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चाणक्य नाम का कोई आदमी इतिहास में हुआ ही नहीं, बाल्की मध्यकाल के समय उसे चंद्रगुप्त के साथ जोड़ दिया गया। सम्राट अशोक के समान अदभुत, अद्वितीय कोई सम्राट दुनिया में नहीं हुआ।
😂😂😂😂😂 अरे वाह , तभी तो तुम लोगों को सुवर से भी नीचे रखा गया है , पूर्वज चूतिया नही थे , तुम्हारी यही औकात है , खैर बात रही चाणक्य की तो उसके बहुत से प्रमाण हैं , और स्लेबस की बुक्स में भी उनके चरित्र हैं
Namo bhudday
Aur hoga bhi to budhist.
मध्यकाल में नहीं बल्कि, 1930 में चाणक्य नामक काल्पनिक चरित्र जोड़ा गया है।
Or arthshaastra kitab tere baap ne likhi hogi
पुरी दुनिया में चक्रवर्ती सम्राट महान असोक जैसा दुसरा दिखाई नहीं देता..चाणक्य १४वी सदी के बाद मे घुसेडा है,
'जय भीम नमो बुध्दाय!'
Right
Samart Ashok kuch bhi nhi the unke dada ke samne
Akhand Bharat ke sabse pahle Shashank mahan samrat Chandragupta maurya ki jay 🚩🚩🫡
मौर्या दी ग्रेट💪
मैं इंसान हूं और मुझे गुलाम पसंद है।दूसरा यह है कि मैं सब पर राज करना चाहता हूं यह मेरी इच्छा है। सच्चाई बस इतनी है भावनाओं की। ऐसी भावनाओं को किसी भी समाज में किसी भी काल में खत्म नहीं किया जा सकता।
ब्राह्मणों का मायाजाल नंद साम्राज्य और मौर्य साम्राज्य के लिए था। इस मायाजाल में भ्रम पैदा किया जाता है और लोगों को काल्पनिक कहानियों सुनाकर दिग्भ्रमित किया जाता है
इस मायाजाल में ब्राह्मणों ने वहम का प्रयोग किया और वहम का इलाज कहीं नहीं होता है वहम पैदा करने के लिए कुछ तथ्यों को हटाया गया मिटाया गया और जोड़ा गया। जिसकी वजह से हमारा देश हजारों साल तक गुलाम रहा। खुद को श्रेष्ठ दिखाने के लिए ऐसा किया।
जय भीम नमो बुद्धाय जय मूलनिवासी ब्राह्मण विदेशी
Tu videshi African gande jahil
और चीखो सुवरों , कुछ नही उखडने वाला
Mulniwasi to hum ST log hai Bhai. .SC kab se mulniwasi ho gaya pata hi nahi chala. .
Tum log bharamin thakur obc yadav minority ka naukar chakar tha .jo ushika sath aaye tha ..
@@VikashSingh-sm6hs 😃 Mulniwasio aapse m lad lo.
बहुत अच्छा भाई ऐसा ही कार्य करते रहो
ऐतिहासिक तौर से देखा जय तो चाणक्य का कोई इतिहास नहीं है, चंद्रगुप्त मौर्य का समकालीन मेगास्थनीज ने इंडिका बुक लिखी, समस्त शासन का वर्णन किया पर प्रसिद्ध चाणक्य का जिक्र तक नहीं किया।
Jai Ashoka maurya Hindu 🕉️🕉️
By birth Asok was a buddhist according to Science Journey and professor Rajendar Singh
*Lay buddhist
Us samay jab tak prawajya na grahan karle tab tak aap Lay buddhist kehlate the.
@@Hinduswarrior abe smman se smrat asoka mhan tumhare pita hai😪😪😪😪
अशोक एक महान सम्राट थे परंतु आप लोगो के दृष्टिकोण को देख के लगता है अशोक के पहले कुछ था ही नही।
इतिहास की अपनी अपनी व्याख्या का अधिकार सभी को है परंतु किसी पर कीचड़ वही उछालते हैं जो खुद किसी काबिल नही होते।
देश में बेवकूफों की कमी नहीं, सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य इसलिए महान बने क्योंकि ब्राह्मण कोटल्य ने उस बालक की योग्यता को परखा और उसे सम्राट बनाया, उस समय योग्यता को प्रमुखता दी जाती थीं अतः सत्रीय कुल के चंद्रगुप्त मौर्य में योग्यता थी अतः वे सम्राट बने।
1837 tak moriya dynasty ko koi janta tak nahi tha. Sara kuch to angrej ake batake ja raha tha.🤦
Kotilya Jain upasak tha .
Kautilya unka prime minister tha.Use ahankar me itana mahima mandit kiya gaya ki Maurya Samrat dumy candidate ho gaya.Yah wak chaturya hai.
, सही बात बेवकूफ हो की कमी नहीं है चंद्रगुप्त महान थे अशोक तो अशोक तो महान थे ही नहीं यह तो चाणक्य चाणक्य नहीं होते तो इन सब का नाम तो निशान ही नहीं होता
चंद्रगुप्त मौर्य पिपली बन राजकुमार थे
महाशय अशोक के समय में ब्रह्मण नहीं थे
Kaise?
Madar chode
सम्राट असोक या सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के समय ब्राह्मण नही थे। ब्राह्मण गलत प्रचार किया है।
आज भी कर रहे है।
जो जिता उसे सिकन्दर कहते। जबकि सच्चाई यह है कि सिकन्दर कभी जिता ही नहीं।
जबकि यह होना चाहिए जो जिता उसे चन्द्रगुप्त मौर्य कहते है।
मै सम्राट अशोक का भक्त हू Jai kushwaha smaj❤❤❤
Samrat Ashok jinbad
Chadakya. Kalpanik kirdar hai bramno ne ese jabardasti smrat asok mahan ke sath joda hai abni wahawahi karwane ke liye Jai bheem Jai asok Jai bharat namo budhay 🇮🇳
Superb 👌👌 great information ✍️✍️🙏
Jai bheem jai samvidhan namo budhay...veer purush samrat ashok mahan the or hmesa rahege ...🙏🙏
Lekin samvidhan mein sanatan dharm ke devi devta ka chitra bhi ankit hai atah jai sanatan dharm bhi hoga.
@@digvijaykumardigvijaykumar7320 भगवान है या नहीं ह... मुझे ये तो नहीं पता... लेकिन मैं कर्म में विश्वास रखता हूं... मेरे अनुसार अगर भगवान sach मैं है तो वो मेरा अं|कलन मेरे कर्मों से करेगा...ना की इस बात से करेगा की मैंने उसकी कितनी देर पूजा की है,,,, कितने घंटे मैंने पूजा मैं मंदिर में bitaye हैं या मैंने आपने जीवन mai कितना दूध,jal खाना धूप अगरबत्ती चढ़ायी है 😊😊💗....ईश्वर सच में है तो वो भी कर्मा मैं याकिन रखता hoga ♥️🪄...bass हमारे कहने का उदेश्य गलत नहीं है ना ही आपको आहत करने का मेरा इरादा है ... अगर आपको आहत है तो हम आपसे माफ़ी चाहते हैं ♥️♥️🪄....
आप जय श्री राम बोलिये जय हनुमान बोलिये या जय कृष्ण बोलिये आपका जो मन हो वो आप बोलिये...लेकिन कभी कभी uss संविधान की भी जय बोलिये जो आपको बोलने की आज़ादी देता है💙✍️🙏 jai bheem jai samvidhan namo budhay 💗🙏
दोस्तो,क्या हम लोग चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक को भूल गये है ?? बाबासाहेब ने तिरंगे पर अशोक चक्र लगाया और अशोकाविजया दशमी के दिन दिक्षा ली ।।। जिसका अशोकस्तंभ हमारे देश की राजमुद्रा है , जिस महान राजा ने सिर्फ भारत मे नही बल्कि पूरे दुनिया मे बुद्ध धम्म का प्रचार किया ऐसा राजा के बारे मे बाबासाहेब ने क्या कहा है कभी पढा है ???? पढ़िए ।
१)भारतीय इतिहास में केवल एक ही काल है जो स्वतंत्रता, महानता और गौरव का काल है। वह मौर्य साम्राज्य का काल है। सम्राट अशोक। अन्य सभी समयों में देश को पराजय और अंधकार का सामना करना पड़ा। लेकिन मौर्य काल एक ऐसा काल था जब जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो गई थी - जब शूद्र, जो लोगों के द्रव्यमान का गठन करते थे, अपने आप में आ गए और देश के शासक बन गए। पराजय और अन्धकार का काल वह काल है जब जाति व्यवस्था फली-फूली, थी ।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ: पुस्तक एनिहिलेशन ऑफ कास्ट।
२)क्या अशोक ने मिसाल कायम नहीं की? उसने कलिंगों के खिलाफ हिंसा का अभ्यास किया। लेकिन इसके बाद उन्होंने हिंसा को पूरी तरह से त्याग दिया। यदि हमारे आज के विजेता न केवल अपने पीड़ितों के शस्त्र का त्याग करते हैं बल्कि खुद भी शस्त्र का त्याग करते हैं तो पूरे विश्व में शांति होगी।
डॉ.बी.आर.अम्बेडकर
संदर्भ : पुस्तक का नाम : बुद्ध या कार्ल मार्क्स।
३)यह एक विकट समस्या है कि सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाला बौद्ध धर्म भारत से कैसे लुप्त हो गया। 274 ईसा पूर्व तक बौद्ध धर्म की स्थिति के बारे में हमें बताने के लिए बहुत कम सामग्री है। हालाँकि, यह देखा गया है कि अशोक के शासनकाल में बौद्ध धर्म अपनी लोकप्रियता के चरम पर था। भारत में इस तरह के महान और लोकप्रिय धर्म की जमीन कैसे खो गई यह एक दर्दनाक घटना है।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
सन्दर्भ: Volume No १७ पेज नंबर : ४०७
४)सकारात्मक रूप से, मेरे सामाजिक दर्शन को तीन शब्दों में निहित कहा जा सकता है: स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व। हालांकि, कोई भी यह न कहे कि मैंने अपना दर्शन फ्रांसीसी-क्रांति से उधार लिया है। मैने ऐसा नहीं किया है। मेरे दर्शन की जड़ें धर्म में हैं न कि राजनीति विज्ञान में। मैंने उन्हें अपने गुरु, बुद्ध की शिक्षाओं से प्राप्त किया है। उनके दर्शन में स्वतंत्रता और समानता का स्थान था; लेकिन उन्होंने कहा कि असीमित स्वतंत्रता ने समानता को नष्ट कर दिया, और पूर्ण समानता ने स्वतंत्रता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी। उनके दर्शन में, कानून का स्थान केवल स्वतंत्रता और समानता के उल्लंघनों के खिलाफ सुरक्षा के रूप में था; लेकिन उन्हें विश्वास नहीं था कि कानून स्वतंत्रता या समानता के उल्लंघन की गारंटी हो सकता है। उन्होंने स्वतंत्रता या समानता या बंधुत्व के खंडन के खिलाफ एकमात्र वास्तविक सुरक्षा के रूप में भाईचारे को सर्वोच्च स्थान दिया, जो भाईचारे या मानवता का दूसरा नाम था, जो फिर से धर्म का दूसरा नाम था।"
-डॉ.बी.आर.अंबेडकर
संदर्भ: खंड और भाषण संख्या .17 भाग 3 पृष्ठ संख्या 503. प्रमाण संख्या 3
५)मेरी राय में इसका मुख्य कारण कुलदेवता (कुलदेव) की पूजा थी। भारत में ग्राम देवता और राष्ट्रीय देवता की तरह, कुल देवता भी थे जिनकी पूजा ब्राह्मणों द्वारा की जाती थी। इन देवताओं की पूजा के लिए जाने वाले पुजारियों ने रानियों के माध्यम से राज्य के मामलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया। अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाने के बाद इस प्रथा को बंद कर दिया और ऐसे देवताओं की मूर्तियों को हटा दिया। अशोक ने कहा, "चूंकि मैं बुद्ध, प्रबुद्ध व्यक्ति की वंदना करता हूं, इसलिए किसी अन्य देवता की पूजा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।" अशोक की इस कृति से ब्राम्हणो की उपजीविका का बहुत नुकसान हुआ ।इसीलिए ब्राम्हणो ने इस हार का बदला लेने का संकल्प लिया।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
सन्दर्भ: Volume No १७
पेज नंबर :४०८
६)अब यह पर्याप्त रूप से ज्ञात है कि अंतिम मौर्य सम्राट, सम्राट अशोक के वंशज, पुष्य मित्र नाम के ब्राह्मण कमांडर-इन-चीफ द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसने सिंहासन को हड़प लिया और ब्राह्मणवाद को एक राज्य धर्म के रूप में स्थापित किया। इससे भारत में बौद्ध धर्म का दमन हुआ जो इसके पतन के कारणों में से एक है।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
सन्दर्भ Volume No।१७
पेज नंबर :५१०
७)बौद्ध काल के बाद और विशेष रूप से अशोक के काल में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। गो-हत्या या तो स्वेच्छा से छोड़ दी गई थी या राज्य द्वारा बंद कर दी गई थी। परिणाम यह हुआ कि तीव्र अन्तर उत्पन्न हो गया। गाँवों ने गोमांस खाना बंद कर दिया
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
Volume No १७
पेज नंबर :१४७
८)मौर्यों ने अपनी विजयों से मगध के इस साम्राज्य की सीमाओं का बहुत विस्तार किया जो उन्हें विरासत में मिला था। अशोक के अधीन इस साम्राज्य का विकास इतना विशाल हो गया कि इस साम्राज्य को दूसरे नाम से जाना जाने लगा। इसे मौर्य साम्राज्य या अशोक का साम्राज्य कहा जाता था।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ Volume ३ पेज नंबर 268
९)यह तब प्रचलन में कई विविध धर्मों में से एक के रूप में नहीं रहा। अशोक ने इसे राज्य का धर्म बना दिया। निश्चय ही यह ब्राह्मणवाद के लिए सबसे बड़ा आघात था। ब्राह्मणों ने सभी राज्य का हिस्सा खो दिया और वे अशोक के साम्राज्य में एक माध्यमिक और सहायक स्थिति के लिए उपेक्षित थे। वास्तव में यह कहा जा सकता है कि अशोक ने सभी पशु बलि पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो ब्राह्मण धर्म का सार था। ब्राह्मणों ने न केवल राज्य का हिस्सा खो दिया था, बल्कि उन्होंने अपना व्यवसाय भी खो दिया था, जिसमें मुख्य रूप से शुल्क के लिए यज्ञ करना शामिल था, जो अक्सर बहुत अधिक होता था और जो उनके जीवन का मुख्य स्रोत था। इसलिए मौर्य साम्राज्य के दौरान ब्राह्मण लगभग 140 वर्षों तक दमित और पिछड़े वर्गों के रूप में रहे, । पीड़ित ब्राह्मणों के लिए बौद्ध राज्य के खिलाफ विद्रोह ही बचने का एकमात्र रास्ता बचा था और विशेष कारण है कि पुष्यमित्र को मौर्य शासन के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाना पड़ा। पुष्यमित्र शुंग गोत्र थे। शुंग सामवेदी ब्राह्मण थे, जो पशुबलि और सोमबलि में विश्वास करते थे। इसलिए मौर्य साम्राज्य में पूरे मौर्य साम्राज्य में जानवरों की बलि पर लगे प्रतिबंध के तहत शुंग काफी स्वाभाविक रूप से चतुर थे, जिसकी घोषणा अशोक द्वारा बहुत ही शिलालेख में की गई थी।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ: Volume ३ पेज नंबर 268
१०)यह नहीं कहा जा सकता है कि बाद के समय में शूद्र राजा नहीं थे। इसके विपरीत इतिहास बताता है कि मनु से पहले के दो राजवंश शूद्र राजाओं के वंश थे। नंदों ने ईसा पूर्व 413 से ईसा पूर्व 322 तक शासन किया। वो भी शूद्र थे। मौर्य जिन्होंने 322 बीसी से 183 बीसी* तक शासन किया, वे भी शूद्र थे। शूद्रों के उच्च सम्मान को दर्शाने के लिए अशोक के मामले की तुलना में इससे अधिक स्पष्ट प्रमाण और क्या हो सकता है, जो न केवल भारत के सम्राट थे, बल्कि एक शूद्र थे और उसका साम्राज्य शूद्रों द्वारा निर्मित साम्राज्य था।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ Volume ३ पेज नंबर 423
( संदर्भ मे दिये गये Volume English के है )
नमो बुद्धाय, जय सम्राट अशोक, जय भीम साथियो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namo buddhay
Yahi hota h jb irsya (Jealousy) charamseema pr hoti h 😂 mai brahman hu lekin mai ashok ko manta hu kyuki wo hindu the jai shree Ram 🚩
Ha bhai puri duniya "Hindu" thi.
Jai BodhiSatva Ram 💙🔥
@@jrStorm-ym9kq ha bhai budhh bhi hindu the
@@aadarshsrivastav6487 waise "hindu" shabd kisi inscription mai nahi.
Geographic identity hai aur persian ki gali hai. Bharat is constitutional
@@jrStorm-ym9kq kha se padh liye maharaj whatsapp ke msg pr viswas nhi karna chahiye
@@aadarshsrivastav6487 Hindu meaning in Persian check karo. Sab malum lag jayega.
(Chor, Daku) ayega.😑
Bahut badhiya Bato Hindu baudh Brahman Jain mein jisse dusre log uthaen Tumhara Labh
The Ashoka Great 👍👍👍
Right sir
Bahut hi achhi jankari.
Yes
Jai ashoka
The Great Maury vansh
Jay ho 💪💪⚔️⚔️
मै कोई ब्राहमण नहीं हूं, मगर कुछ वास्तविकता बताना चाहता हूं। कुछ लोग जातिवाद कि वजह से इतिहास के पन्नों से गायब हो गए और कुछ लोग इतिहास बन गए। पृथ्वीराज चौहान को सब याद करते हैं,,, मगर उनको 2 बार हारनेवाले आल्हा ऊदल को कोई जानता तक नहीं (बुंदेल खंड के लोगो के सिवा)।
दूसरी बात अशोक कि....
सबसे ज्यादा हिंदुओ का संहार दो ही बार हुआ है,,,
1 महाभारत में कौरव पांडव और
2 अशोक ने किया, कलिंग जैसे महान नगर को और उसकी संस्कृति का विनाश किया,,,अशोक ने 2 लाख कि सेना लेकर कलिंग पे आक्रमण किया, कलिंग की सेना सिर्फ 30 हजार जितनी ही थी बाद में जनता भी शामिल हो गई,,ऐसे 50,000 जितनी सेना एक जूट हो पाई थी। उस लडाई में 150000 से अधिक लोग मारे गए,,,कलिंग लड़ाई में हार गया,,, मगर वास्तव मे जीत उसीकी मानी जाती है।
अशोक को महान धर्माधिकारी बौद्ध धर्म के लोगों ने और उसके चमचो और चाटुकारों ने बनाया है।
पुष्यमित्र शुंग ब्राम्हण नहीं थे बल्कि वे एक बुद्धिस्ट थे
Samrat Ashok ne Buddha dharm ko raj dharm banaya.Jisame Varnabyastha ka koi sthan nahi tha.Brahman apni samajik shreshthata chahate the.Isliye Brahman Samrat Ashok se ghrina karte the.
Baman. Kari. Aur. Dhokebaj. Hai . Jisane budhda. Dhamma. Ka. Vinash Kiya.
Aur Spanish Sanskrit. Bahujan par. This. Diya.
Jai. Samrat Ashoka.
Namo. Budhday.
Ashoka the great
सम्राट अशोक ने डन्डा डाल कर रखा था ।
aapki sari jankari sahi nhi h. Ashok ke time koi Hindu dharm nhi tha Hindu to Farsi bhasha ka word h. Jo Mugàlo se aaya h. Budh hi Bharat ka sbse prachin dharm h or duniya ka bhi.
Chanyaka is fictional character made by antenadhari.
Jitni teri umr hai usse jyada to logo ne itihash ko khojne me apna samay lga diya 😂😂😂😂😂😂😂
To show chandaragupt a small king, chanakya character was created by dhongi people
Miss leading content on existence of Brahmins before the enterance of Sikander in india. Pushpamitra sung was the army commander of mauryan,s 10 emperor brihdrath Maurya .sung vansi were the people who were came with Sikander,s sister helana who was married to 1st
emperor chandragupt maurya when he defeated to Sikander. Later this sung vans devoloped brahmin culture by destroying Buddhism.
Bilkul sahi baat bole bhai 🦁☀️
Bhai Samrat Ashok khud apne shilalekh me kahte the ki brahmano aur shramano ko daan dena chahiye
' SAMRAT ASHOK BUDDHIST THE UNHONE BUDDHISM KO PROMOT KIYA THA '.
Brhman videshi hai DNA ke anusaar science ne sabith kar diya hai SC St OBC vjnt Maratha jaat gujar Kshatriya muslim Sikh hum sub mulnivasi hai videshi brhmno ka DNA hai R1A1 mulnivasi ka DNA hai L3MN chankya kalpanik hai Bharat buddha ki bhumi hai
Chankya is just only imaginary name in history ...nothing else..
Ashok अशोक ye naam brahman padhwa raha hai inhone apna naam likhwaya hai Asok असोक ye naam sila lekh me likha huwa milta hai .. aap Brahman ka naam hi dho raha hai naam bigad diye apna samrat ka .. jaago mauriya ji
The great 👍 mahan samrat ashok chakra varti Jai bhim jai mulnivasi namo Buddha ❤❤❤❤❤❤❤❤
चाणक्य नाम से कोई भी व्यक्ति इतिहास में नही मिला मेगास्थनीज ने अपने सम्पूर्ण वर्णन कहीं भी इस फर्जी चाणक्य नाम का उल्लेख नहीं किया है.. ये सब झूठ फैलाया जा रहा है शुरु से क्युकी किताबे छापने वाले ब्राह्मण ही है वो अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करना चाहते हैं
Megasthaij dushman desh yunan kaitihaskar tha aur dushman kabhi apane pratidwandi ki prashasa kar sakta hai kya.jiske karan unhe har ka samna karna para ho.
@@digvijaykumardigvijaykumar7320 lekin pratidwandi bhi he to kuch to likhta chanakya kr bare me. Uska kahi bhi mention nahi he
इतिहास सही से पढ़ो जब सोशल मीडिया पर वीडियो डाला करो
Buddhu brahmn nahi bajrayani bauddh ne smrat ashok ka itihas mitaya
नफरत फैलाने से बाज आयें,आप लोग कुंठाग्रस्त हैं, बाकई आप किसी ब्राह्मण के पैरों की धूल के बराबर भी नही हैं, धिक्कार है ! आपकी इस पाखंडपूर्ण कुटिल पोस्ट पर हम थूंकते हैं! छि:
Sahi kha isko report karo
Moorkh videsiyo hmare hi bharat me ghus aye tum niskasit log .hmse hi sarad lekar hmse hi gddari ki .hmara dharam sanatan ko chura lia .apna brahmadbad thop diya . Are chanakya farji character use baad me daal diya .hm bahi morya hai jisne smst vishw pr sasan kiya .visw vijeta hai hm. Jai moryavansh😅😅😅
Mai tum par Thu
@@Hinduswarrior moorkh jus din hmne tlwar uthali tum bamano ki dhoti khol ke smst bharat se bgha dunga😂😂😂😂
Braham nafrat nhi krte bhai, acha tum new history likh rhe ho jismein chankya Or chandra gupt morya ka koi relation nhi h.
🙏🙏🙏🙏💪💪💪👌👌👌👌
Jai ashok maurya
चानक्य था हि नही कालपनिक हे जय कोली सम्राट अशोक महान बुद्ध धर्म धा रन किया
Samrat Ashok Koli nahi Moriy tha.khodas mahajanpad kal me piplivan ke Moriy ka ullekh millata.Kapilbastu ke shakya Kushinara ke Mall yah sab unke rishte me the.Koli koi rajbansh nahi milata.Koliy rajbansh milta hai.
Chhakrvarthy Samarat Asoka
99 bhaiyo ko marna or rajgaddi hadapana koi accha kam hai kaya jo Ashok ney kiya mahan to Chandra Gupta maurya or bindusar they.
आप पहले असोक का सही इतिहास पढें।फिर विडियो बनावें।असोक ने कौन से शिला लेख में ब्राह्मण और संस्कृत के बारे में लिखवाया। असोक का वास्तविक इतिहास केवल उनका शिला लेख है।वाकि सब फेक है।1915से पहले तो असोक के बारे लोगों पता ही नहीं था।उसके बाद तरह तरह की कहानियां गढ़ी गई।उसी को आप बता रहे हैं।
Science journey dekha karo
Adhura gyan share mat karo
Kitani galiyan Deni ho Na to Congress Ko do yum jinke tattu Bankar ajatak vote diya satta Mr bitthaya.
abhi samay badlne bala hai ithash par mat bol 4 singh jaag jayenge
सम्राट अशोक के शासनकाल में ब्राह्मण नामक कोई जाति नहीं थी ना कोई वर्ग का था उन्होंने अपने अभिलेखों में इसका उल्लेख किया है उसको पढ़ाई करो
दोस्तो,क्या हम लोग चक्रवर्ती राजा सम्राट अशोक को भूल गये है ?? बाबासाहेब ने तिरंगे पर अशोक चक्र लगाया और अशोकाविजया दशमी के दिन दिक्षा ली ।।। जिसका अशोकस्तंभ हमारे देश की राजमुद्रा है , जिस महान राजा ने सिर्फ भारत मे नही बल्कि पूरे दुनिया मे बुद्ध धम्म का प्रचार किया ऐसा राजा के बारे मे बाबासाहेब ने क्या कहा है कभी पढा है ???? पढ़िए ।
१)भारतीय इतिहास में केवल एक ही काल है जो स्वतंत्रता, महानता और गौरव का काल है। वह मौर्य साम्राज्य का काल है। सम्राट अशोक। अन्य सभी समयों में देश को पराजय और अंधकार का सामना करना पड़ा। लेकिन मौर्य काल एक ऐसा काल था जब जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो गई थी - जब शूद्र, जो लोगों के द्रव्यमान का गठन करते थे, अपने आप में आ गए और देश के शासक बन गए। पराजय और अन्धकार का काल वह काल है जब जाति व्यवस्था फली-फूली, थी ।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ: पुस्तक एनिहिलेशन ऑफ कास्ट।
२)क्या अशोक ने मिसाल कायम नहीं की? उसने कलिंगों के खिलाफ हिंसा का अभ्यास किया। लेकिन इसके बाद उन्होंने हिंसा को पूरी तरह से त्याग दिया। यदि हमारे आज के विजेता न केवल अपने पीड़ितों के शस्त्र का त्याग करते हैं बल्कि खुद भी शस्त्र का त्याग करते हैं तो पूरे विश्व में शांति होगी।
डॉ.बी.आर.अम्बेडकर
संदर्भ : पुस्तक का नाम : बुद्ध या कार्ल मार्क्स।
३)यह एक विकट समस्या है कि सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाला बौद्ध धर्म भारत से कैसे लुप्त हो गया। 274 ईसा पूर्व तक बौद्ध धर्म की स्थिति के बारे में हमें बताने के लिए बहुत कम सामग्री है। हालाँकि, यह देखा गया है कि अशोक के शासनकाल में बौद्ध धर्म अपनी लोकप्रियता के चरम पर था। भारत में इस तरह के महान और लोकप्रिय धर्म की जमीन कैसे खो गई यह एक दर्दनाक घटना है।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
सन्दर्भ: Volume No १७ पेज नंबर : ४०७
४)सकारात्मक रूप से, मेरे सामाजिक दर्शन को तीन शब्दों में निहित कहा जा सकता है: स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व। हालांकि, कोई भी यह न कहे कि मैंने अपना दर्शन फ्रांसीसी-क्रांति से उधार लिया है। मैने ऐसा नहीं किया है। मेरे दर्शन की जड़ें धर्म में हैं न कि राजनीति विज्ञान में। मैंने उन्हें अपने गुरु, बुद्ध की शिक्षाओं से प्राप्त किया है। उनके दर्शन में स्वतंत्रता और समानता का स्थान था; लेकिन उन्होंने कहा कि असीमित स्वतंत्रता ने समानता को नष्ट कर दिया, और पूर्ण समानता ने स्वतंत्रता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी। उनके दर्शन में, कानून का स्थान केवल स्वतंत्रता और समानता के उल्लंघनों के खिलाफ सुरक्षा के रूप में था; लेकिन उन्हें विश्वास नहीं था कि कानून स्वतंत्रता या समानता के उल्लंघन की गारंटी हो सकता है। उन्होंने स्वतंत्रता या समानता या बंधुत्व के खंडन के खिलाफ एकमात्र वास्तविक सुरक्षा के रूप में भाईचारे को सर्वोच्च स्थान दिया, जो भाईचारे या मानवता का दूसरा नाम था, जो फिर से धर्म का दूसरा नाम था।"
-डॉ.बी.आर.अंबेडकर
संदर्भ: खंड और भाषण संख्या .17 भाग 3 पृष्ठ संख्या 503. प्रमाण संख्या 3
५)मेरी राय में इसका मुख्य कारण कुलदेवता (कुलदेव) की पूजा थी। भारत में ग्राम देवता और राष्ट्रीय देवता की तरह, कुल देवता भी थे जिनकी पूजा ब्राह्मणों द्वारा की जाती थी। इन देवताओं की पूजा के लिए जाने वाले पुजारियों ने रानियों के माध्यम से राज्य के मामलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया। अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाने के बाद इस प्रथा को बंद कर दिया और ऐसे देवताओं की मूर्तियों को हटा दिया। अशोक ने कहा, "चूंकि मैं बुद्ध, प्रबुद्ध व्यक्ति की वंदना करता हूं, इसलिए किसी अन्य देवता की पूजा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।" अशोक की इस कृति से ब्राम्हणो की उपजीविका का बहुत नुकसान हुआ ।इसीलिए ब्राम्हणो ने इस हार का बदला लेने का संकल्प लिया।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
सन्दर्भ: Volume No १७
पेज नंबर :४०८
६)अब यह पर्याप्त रूप से ज्ञात है कि अंतिम मौर्य सम्राट, सम्राट अशोक के वंशज, पुष्य मित्र नाम के ब्राह्मण कमांडर-इन-चीफ द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसने सिंहासन को हड़प लिया और ब्राह्मणवाद को एक राज्य धर्म के रूप में स्थापित किया। इससे भारत में बौद्ध धर्म का दमन हुआ जो इसके पतन के कारणों में से एक है।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
सन्दर्भ Volume No।१७
पेज नंबर :५१०
७)बौद्ध काल के बाद और विशेष रूप से अशोक के काल में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। गो-हत्या या तो स्वेच्छा से छोड़ दी गई थी या राज्य द्वारा बंद कर दी गई थी। परिणाम यह हुआ कि तीव्र अन्तर उत्पन्न हो गया। गाँवों ने गोमांस खाना बंद कर दिया
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
Volume No १७
पेज नंबर :१४७
८)मौर्यों ने अपनी विजयों से मगध के इस साम्राज्य की सीमाओं का बहुत विस्तार किया जो उन्हें विरासत में मिला था। अशोक के अधीन इस साम्राज्य का विकास इतना विशाल हो गया कि इस साम्राज्य को दूसरे नाम से जाना जाने लगा। इसे मौर्य साम्राज्य या अशोक का साम्राज्य कहा जाता था।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ Volume ३ पेज नंबर 268
९)यह तब प्रचलन में कई विविध धर्मों में से एक के रूप में नहीं रहा। अशोक ने इसे राज्य का धर्म बना दिया। निश्चय ही यह ब्राह्मणवाद के लिए सबसे बड़ा आघात था। ब्राह्मणों ने सभी राज्य का हिस्सा खो दिया और वे अशोक के साम्राज्य में एक माध्यमिक और सहायक स्थिति के लिए उपेक्षित थे। वास्तव में यह कहा जा सकता है कि अशोक ने सभी पशु बलि पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो ब्राह्मण धर्म का सार था। ब्राह्मणों ने न केवल राज्य का हिस्सा खो दिया था, बल्कि उन्होंने अपना व्यवसाय भी खो दिया था, जिसमें मुख्य रूप से शुल्क के लिए यज्ञ करना शामिल था, जो अक्सर बहुत अधिक होता था और जो उनके जीवन का मुख्य स्रोत था। इसलिए मौर्य साम्राज्य के दौरान ब्राह्मण लगभग 140 वर्षों तक दमित और पिछड़े वर्गों के रूप में रहे, । पीड़ित ब्राह्मणों के लिए बौद्ध राज्य के खिलाफ विद्रोह ही बचने का एकमात्र रास्ता बचा था और विशेष कारण है कि पुष्यमित्र को मौर्य शासन के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाना पड़ा। पुष्यमित्र शुंग गोत्र थे। शुंग सामवेदी ब्राह्मण थे, जो पशुबलि और सोमबलि में विश्वास करते थे। इसलिए मौर्य साम्राज्य में पूरे मौर्य साम्राज्य में जानवरों की बलि पर लगे प्रतिबंध के तहत शुंग काफी स्वाभाविक रूप से चतुर थे, जिसकी घोषणा अशोक द्वारा बहुत ही शिलालेख में की गई थी।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ: Volume ३ पेज नंबर 268
१०)यह नहीं कहा जा सकता है कि बाद के समय में शूद्र राजा नहीं थे। इसके विपरीत इतिहास बताता है कि मनु से पहले के दो राजवंश शूद्र राजाओं के वंश थे। नंदों ने ईसा पूर्व 413 से ईसा पूर्व 322 तक शासन किया। वो भी शूद्र थे। मौर्य जिन्होंने 322 बीसी से 183 बीसी* तक शासन किया, वे भी शूद्र थे। शूद्रों के उच्च सम्मान को दर्शाने के लिए अशोक के मामले की तुलना में इससे अधिक स्पष्ट प्रमाण और क्या हो सकता है, जो न केवल भारत के सम्राट थे, बल्कि एक शूद्र थे और उसका साम्राज्य शूद्रों द्वारा निर्मित साम्राज्य था।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
संदर्भ Volume ३ पेज नंबर 423
( संदर्भ मे दिये गये Volume English के है )
नमो बुद्धाय, जय सम्राट अशोक, जय भीम साथियो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
😂😂😂 बहुत पढ लिये हो आरक्षणखोर
AAP ko nek Salah he ki aap science journey ke sare video ka study kare.
Jai shreeram
अशोक एवं बृहदत् कायर थे,,, जय दादा पुष्यमित्र शुंग की जय हो ,, ओम नमः शिवाय
Jaise Tum Kayar ho
Ye logo hmari history ko esliye dawane chahte hai taki enka business aaram se chalta rhe
Mahan Ashok Ashok mane jisae shok na ho. Ye galat kaha ja raha hai.dhikhao kaha kiya.Baba saheb ko galat tarah sae bata rahe ho.Ashok ko kabhi bhi badanam nahi kiya kyo ki bodh dharm apanane sae pahale Hindu hi the. Ye propaganda kyo.japan bodh the to Naga shaki par parmadu hamala vo bhi ianta par kyo hua.Mayamar bodh the to fir unhone kisae bhagaya brahaman itna shaktishali nahi tha jaisa bataya ja raha hai.Kya pop sae jyada Takata brahaman kae pas thi kya Molviyo sae jyada Takata brahmano kai pas thi.braham ya to padate the ya katha karte the ya vaidaya the. Koi koi Raja kae purohit ya Mantri the .
Jai shri ram jai sanatan
Apko koi bhartiya purtatva shakchhiya mila hai kiya Jo ye bol rahe ho shidha kare adha adhura giyaan na de atiyadhik gahrai se janne ke liye science jurny aur rational world authentic you tube chainal me aaye debate karle vo bhi bhartiya purtatva shakchhiya sahit prachin Bharat me vanshavaad vayvashtha thi jishaka bhartiya purtatva shakchhiya milta hai jai bharat namo jai bheem
Lies
Bramhdo ko bides bhagayA jay
Kyonki Brahman apane ko bona pata hai... Isliye
Ravan Jahan se aaya tumko vahan wapas bhej diya jaaye
No Sunil Kumar was harmed in the video
Jhoot bol bol ke kya sabit karna chahte ho bol
Or morya ji pahle apni jankari juta lo tum sahi me apne hi khandan ke ho
Teri Gand Mein bahut Mirchi Lagi Hai
Our rahi baat pushymitr shung ki to unhone bahrath ki hatya kis vajah se ki thi ishki bhi jankari juta lena
Brihdrath Maurya ki hatya unke Buddhist hone ke karan ki thi.Buddha dharm samanata ka dharma tha.Pushyamitra use apne samajik samman ko khatara manta tha.Samrat Harshvardhan ki bhi hatya ek Brahman ne Buddh bhikshu banakar ki thi.Kyoki wah bhi Buddhist the.Koi apne phayade me badha ko kyo nahi hatayega.
पूरे समाज को अंहिसा के मार्ग में ले गए थे, और दूसरी तरफ देश मै विदेशी आक्रमण बढ़ रहा था, देश खंड खंड होने लगा था
उन्होंने अपनी पुरखों की धरोहर को भी नहीं सम्भाल पाया था, तब जाके एक सेनापति ने यह कदम उठाया था
Brahman apna samaj par prabhutva chahate hai.Buddha dharma ek kshatriya dwara chalaya dharm tha tatha samajik Samanta par adharit tha.Kshatriya log shasak the.Unhe Brahmano ka aham pasand nahi tha.Samrat Brihdrath Maurya ki ek bhool thi ki unhe Brahman ko senapati nahi banana chahiye tha.Pushya Mitra ke man me kapat tha.Isliye Samrat ki hatya ho gayi.Brahmano ke upar bishwas nahi karna chahiye yahi seekh Pushhya Mitra ne diya hai.
@@NitinSharma-dt3ji Apne kukrityo ko chhipane ke liye tark bana rahe hai.Yah desh Brahmano ko kabhi maf nahi karega.Samay ka intajar kariye
Chal re murai sale jabran maurya na ban murai ho murai hi rahoge
Kya Gand Me Mirchi Lagi kya
Or ha usi pandit ki di hui shixha se chandrgupt moray ko shashan mila tha ,
जब सबसे महान की बात करोगे तो फिर विरोध होगा ही । अशोक महान थे #किन्तु सबसे नहीं । कलयुग में इस धरती पर यदि सबसे महान, परमसाहसी, परमप्रतापी, महादानी, परोपकारी सम्राट की बात होगी तब वीर विराट #विश्वविजेता सम्राट #महाराजाधिराज #विक्रमादित्य का नाम शीर्ष पर होगा ।
😂
Uske dada Chandragupta morya chanky Bramhn ne hi raja. Banaya jhut or nafrt mat failao