CPC Order 14 Rule 5 | आदेश 14 नियम 5 सीपीसी | Power To Amend and Strike Out Issues
HTML-код
- Опубликовано: 12 дек 2024
- #cpc #civilprocedurecode #order_14_rule_5_cpc_explained #order14 #order_14_cpc #cpc_order_14 #cpc_order_14_in_hindi #cpc_order_14_explained #aadesh_14_cpc #cpc_order_14_rule_5 #application_under_order_14_rule_5_cpc_format
#application_for_framing_additional_issues_format
#application_under_order_14_rule_5_cpc #आदेश_14_नियम_5
निर्णय, डिक्री और आदेश में अंतर - • निर्णय, डिक्री और आदेश...
आदेश 6 नियम 17 सीपीसी - • CPC Order 6 Rule 17 । ...
About This Video -
सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 14 नियम 5
विवाद्यकों का संशोधन और उन्हें काट देने की शक्ति
(1) न्यायालय, डिक्री पारित करने से पूर्व किसी भी समय ऐसे निबंधनों पर जो वह ठीक समझे विवाद्यकों में संशोधन कर सकेगा या अतिरिक्त विवाद्यकों की विरचना कर सकेगा और सभी ऐसे संशोधन या अतिरिक्त विवाद्यक, जो पक्षकारों के बीच विवादग्रस्त बातों का अवधारण के लिए आवश्यक हों, इस प्रकार संशोधित किए जाएगे या विरचित किए जाएंगे।
(2) न्यायालय, डिक्री पारित करने से पूर्व किसी भी समय किन्हीं विवाद्यकों को काट सकेगा जिनके बारे में उसे प्रतीत होता है कि वे गलत तौर पर विरचित या पुरःस्थापित किए गए हैं।
CPC Order 14 Rule 5
POWER TO AMEND AND STRIKE OUT, ISSUES.
(1) The Court may at any time before passing a decree amend the issues or frame additional issues on such terms as it thinks fit, and all such amendments or additional issues as may be necessary for determining the matters in controversy between the parties shall be so made or framed.
(2) The Court may also, at any time before passing a decree, strike out any issues that appear to it to be wrongly framed or introduced.
When additional issues can be framed?
The Court can amend or frame additional issues before passing of any decree at any point of time. But on the basis of pleadings in the plaint, issues were framed by the trial Court
Read CPC in a better and systematic way.
क्या विवाद्यकों को संशोधित ,परवर्तित ,परिवर्धित व काटा जा सकता है -
आदेश -14 नियम -5 सी पी सी यह प्रावधानित करता है कि डिक्री पारित करने से पूर्व कभी भी वाद बिंदुओं में संशोधन किया जा सकता है,अतिरिक्त विवाद्यक विरचित किये जा सकते हैं ,विवाद्यकों को पुरःस्थापित किया जा सकता है तथा विवाद्यकों को काटा जा सकता है। लेकिन यहाँ यह ध्यान रखना होगा कि ऐसा करने से पूर्व पक्षकारों को सुनवाई का अवसर अवश्य प्रदान करना चाहिए तथा उभयपक्षों को साक्ष्य का अवसर भी देना चाहिए।
दोषपूर्ण विवाद्यकों पर पारित निर्णय -
यदि किसी दीवानी वाद में विवाद्यक गलत तरीके से विरचित किये गए है और दोषपूर्ण अभिमत के आधार पर निर्णय पारित किया गया है तो ऐसा निर्णय अपील में उलट दिया जायेगा और पत्रावली पुनः आदेश पारित करने के लिए रिमाण्ड कर दी जाएगी। दूसरी तरफ यद्यपि कई विवाद्यक गलत विरचित कर दिए गए है और न्यायालय ने सही अभिमत के आधार पर आदेश पारित किया है तो ऐसा निर्णय अपील में अपास्त नहीं किया जा सकता यदि न्याय का उद्देश्य विफल नहीं हो रहा है। इस सम्बन्ध में अधोलिखित विधि व्यवस्था देखें -
Md. Umarsaheb vs Kadalaskar- AIR 1970 SC61.
Please Support Us -
Phone pay - priyankdhimole@ybl
Our Other Social Platforms -
Telegram (New Link -- Copy & Paste in Browser) - telegram.me/+t...
Instagram - / priyankdhimole
Facebook - / lawnoteshindi
Other Related Queries -
cpc
civilprocedurecode
order 14 rule 5 cpc explained
order 14
order 14 cpc
cpc order 14
cpc order 14 in hindi
cpc order 14 explained
aadesh 14 cpc
cpc order 14 rule 5
application under order 14 rule 5 cpc format
application for framing additional issues format
application under order 14 rule 5 cpc
व्यवहार प्रक्रिया संहिता
सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 14
आदेश 14 नियम 5 सीपीसी
आदेश 14 नियम 5