लाल किले की दर्दभरी दास्तान-2 - मुगल शहजादियां लाल किले की दीवारों से अफवाहें फैलाने लगीं

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 13 янв 2025
  • लाल किले में बैठी मुगल शहजादियां, राजधानी की खबरें गुप्त रूप से मुगल शहजादों के पास पहुँचाती थीं। इनमें से कई खबरें अतिरंजित होती थीं। इस कारण सल्तनत में अफवाहें फैलने लगीं। बादशाह ने अपनी मुहर तथा हस्ताक्षर से शाहजादों को पत्र भेजकर लिखा कि वह जीवित तथा स्वस्थ है परन्तु किसी भी शाहजादे ने इन पत्रों पर विश्वास नहीं किया। वे इन पत्रों को दारा शिकोह की चाल समझते थे। हर शहजादा बादशाह को अपनी आँखों से देखना चाहता था परन्तु कोई भी शाहजादा अकेले अथवा थोड़े से अनुचरों के साथ राजधानी आने को तैयार नहीं था, क्योंकि उन्हें दारा से भय था। किसी भी शहजादे को अपनी समस्त सेना के साथ राजधानी में आने की अनुमति नहीं थी।

Комментарии •