लाल किले की दर्द भरी दास्तां-3, भाइयों को मारकर तख्त लेते थे मुगल शहजादे

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  • Опубликовано: 9 ноя 2024
  • मुगल शहजादों की नसों में चंगेजी और तूमैरी खूनों का खतरनाक मिश्रण था जो खून-खराबे और मैदाने जंग के अलावा और किसी भाषा में नहीं समझता था। इसलिए मुगलों में उत्तराधिकार का प्रश्न शहजादों के खून से ही सुलझता था। पीढ़ी-दर पीढ़ी मुगल शहजादे अपने बाप का तख्त और दौलत पाने के लिए एक दूसरे का कत्ल करते आए थे। इस वीडियो में बाबर की पीढ़ी से लेकर लाल किले के निर्माता शाहजहां तक की पीढ़ी में मुगलिया तख्त के लिए मुगल शहजादों के बीच हुए खून-खराबे और हत्याओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है।

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