धन्यवाद सर, इस ध्यान विधि को जानना वाकई अद्भुत है! सांसों को नियंत्रित कर प्राण ऊर्जा को बढ़ाने का यह तरीका आत्मिक और मानसिक शांति पाने का सबसे प्रभावी साधन है। आपकी यह प्रस्तुति हर व्यक्ति को ध्यान के इस गहरे रहस्य को समझने और अनुभव करने का अवसर देगी। कृपया और भी गूढ़ ध्यान तकनीकों पर मार्गदर्शन देते रहें।🙏🙏🙏🙏
"आपके सुंदर और प्रेरणादायक शब्दों के लिए दिल से धन्यवाद! यह जानकर खुशी हुई कि मेरी प्रस्तुति ने आपको आत्मिक और मानसिक शांति की दिशा में प्रेरित किया। ध्यान के गहरे रहस्यों को साझा करना मेरा सौभाग्य है, और भविष्य में मैं और भी गूढ़ ध्यान तकनीकों पर वीडियो बनाऊंगा। आपकी सकारात्मक ऊर्जा और समर्थन के लिए आभार! कृपया जुड़े रहें और अपने अनुभव साझा करते रहें।🙏🙏😊
There should be such spiritual content in Mobile.Just as one prime minister rules the country so at few people in this field can bring the whole huminity under the banner of Love & Peace. OM Shanti.
Guruji me Arnol vilom karta hu or Aantar kubhak Karta hu 1 minut se jayada savas rokta hu lekin fir bhi muj me dar lagta rehta he me 58 saal ka hu mansik majbut kese bane
प्रिय साधक। आपका प्रयास और साधना सराहनीय है। 58 वर्ष की आयु में भी इस प्रकार की अनुशासनपूर्ण प्राणायाम साधना करना अद्भुत है। आपके मन में डर की अनुभूति होना एक संकेत है कि मानसिक शांति और स्थिरता पर थोड़ा अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। यहाँ कुछ सुझाव हैं जो आपके मन को और अधिक मजबूत और शांत बना सकते हैं: 1. ध्यान (मेडिटेशन) की गहराई बढ़ाएं: रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान करें। विशेषकर "ओम" का जाप करते हुए मन को पूरी तरह शांत करें। जब आप ध्यान में जाते हैं, तो डर और बेचैनी के कारण स्वतः ही कम हो जाते हैं। 2. सकारात्मक आत्म-संवाद (Positive Self-Talk): खुद से बार-बार कहें, "मैं सुरक्षित हूं। मेरा मन शांत और मजबूत है।" इसे अपने रोज़ाना अभ्यास का हिस्सा बनाएं। 3. मन की मजबूती के लिए स्वाध्याय: गीता, उपनिषद या अन्य प्रेरणादायक ग्रंथ पढ़ें। यह आपको मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करेंगे। 4. श्वसन की तकनीक को संतुलित करें: कभी-कभी अधिक समय तक सांस रोकने से शरीर और मन पर अनावश्यक तनाव आ सकता है। "अनुलोम-विलोम" और "नाड़ी शोधन" को धीरे-धीरे करें और अभ्यास में संतुलन बनाए रखें। 5. डर को समझें और स्वीकारें: डर अक्सर अनजाने विचारों से आता है। इसे दबाने की बजाय, इसे समझने और स्वीकारने का प्रयास करें। जब आप डर को पहचान लेते हैं, तो यह कमजोर हो जाता है। 6. आध्यात्मिक मार्गदर्शन लें: किसी गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक से सलाह लें। कभी-कभी मार्गदर्शन से गहराई में छिपी समस्याओं का समाधान मिल सकता है। साधना के साथ धैर्य रखें। आपका प्रयास सही दिशा में है। यदि आप इन सुझावों को अपने जीवन में लागू करेंगे, तो धीरे-धीरे आपका मन और अधिक मजबूत और भयमुक्त हो जाएगा। आपके भीतर ईश्वर का असीम प्रकाश है, उसे पहचानें।
जानकारी अच्छी लगी धन्यवाद।
आपका दिल से धन्यवाद ! आपके समर्थन और प्रेम के बिना यह संभव नहीं होता। आशा है कि हमारे वीडियो आपको प्रेरणा और शांति देते रहेंगे।"🙏🙏😊
धन्यवाद सर, इस ध्यान विधि को जानना वाकई अद्भुत है! सांसों को नियंत्रित कर प्राण ऊर्जा को बढ़ाने का यह तरीका आत्मिक और मानसिक शांति पाने का सबसे प्रभावी साधन है। आपकी यह प्रस्तुति हर व्यक्ति को ध्यान के इस गहरे रहस्य को समझने और अनुभव करने का अवसर देगी। कृपया और भी गूढ़ ध्यान तकनीकों पर मार्गदर्शन देते रहें।🙏🙏🙏🙏
"आपके सुंदर और प्रेरणादायक शब्दों के लिए दिल से धन्यवाद! यह जानकर खुशी हुई कि मेरी प्रस्तुति ने आपको आत्मिक और मानसिक शांति की दिशा में प्रेरित किया। ध्यान के गहरे रहस्यों को साझा करना मेरा सौभाग्य है, और भविष्य में मैं और भी गूढ़ ध्यान तकनीकों पर वीडियो बनाऊंगा। आपकी सकारात्मक ऊर्जा और समर्थन के लिए आभार! कृपया जुड़े रहें और अपने अनुभव साझा करते रहें।🙏🙏😊
Har Har mahadev 🙏🏻🙏🏻❤❤❤❤❤
आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!🙏🙏
Dhanyavad sirji 🙏
आपकौ और आपके ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम।
आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!🙏🙏
आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!🙏🙏
आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!🙏🙏
आपकौ और आपके ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम।
"आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!🙏🙏
❤ Koti koti naman
आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!"🙏🙏😊
Good very nice !
🙏🙏
Dhanyawad sir
Jay ho vah
"आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। आपके जैसे दर्शक मेरे चैनल की ताकत हैं। धन्यवाद!"🙏🙏😊
Good
आपको भी कोटि-कोटि नमन। आपकी सकारात्मकता और आशीर्वाद मेरे लिए प्रेरणा है। धन्यवाद!"
Om namaha shivay
There should be such spiritual content in Mobile.Just as one prime minister rules the country so at few people in this field can bring the whole huminity under the banner of Love & Peace. OM Shanti.
Guruji me Arnol vilom karta hu or Aantar kubhak Karta hu 1 minut se jayada savas rokta hu lekin fir bhi muj me dar lagta rehta he me 58 saal ka hu mansik majbut kese bane
प्रिय साधक।
आपका प्रयास और साधना सराहनीय है। 58 वर्ष की आयु में भी इस प्रकार की अनुशासनपूर्ण प्राणायाम साधना करना अद्भुत है। आपके मन में डर की अनुभूति होना एक संकेत है कि मानसिक शांति और स्थिरता पर थोड़ा अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
यहाँ कुछ सुझाव हैं जो आपके मन को और अधिक मजबूत और शांत बना सकते हैं:
1. ध्यान (मेडिटेशन) की गहराई बढ़ाएं:
रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान करें। विशेषकर "ओम" का जाप करते हुए मन को पूरी तरह शांत करें। जब आप ध्यान में जाते हैं, तो डर और बेचैनी के कारण स्वतः ही कम हो जाते हैं।
2. सकारात्मक आत्म-संवाद (Positive Self-Talk):
खुद से बार-बार कहें, "मैं सुरक्षित हूं। मेरा मन शांत और मजबूत है।" इसे अपने रोज़ाना अभ्यास का हिस्सा बनाएं।
3. मन की मजबूती के लिए स्वाध्याय:
गीता, उपनिषद या अन्य प्रेरणादायक ग्रंथ पढ़ें। यह आपको मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास प्रदान करेंगे।
4. श्वसन की तकनीक को संतुलित करें:
कभी-कभी अधिक समय तक सांस रोकने से शरीर और मन पर अनावश्यक तनाव आ सकता है।
"अनुलोम-विलोम" और "नाड़ी शोधन" को धीरे-धीरे करें और अभ्यास में संतुलन बनाए रखें।
5. डर को समझें और स्वीकारें:
डर अक्सर अनजाने विचारों से आता है। इसे दबाने की बजाय, इसे समझने और स्वीकारने का प्रयास करें। जब आप डर को पहचान लेते हैं, तो यह कमजोर हो जाता है।
6. आध्यात्मिक मार्गदर्शन लें:
किसी गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक से सलाह लें। कभी-कभी मार्गदर्शन से गहराई में छिपी समस्याओं का समाधान मिल सकता है।
साधना के साथ धैर्य रखें। आपका प्रयास सही दिशा में है। यदि आप इन सुझावों को अपने जीवन में लागू करेंगे, तो धीरे-धीरे आपका मन और अधिक मजबूत और भयमुक्त हो जाएगा।
आपके भीतर ईश्वर का असीम प्रकाश है, उसे पहचानें।