श्रद्धाराम शर्मा (या श्रद्धाराम फिल्लौरी) (१८३७-२४ जून १८८१) लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता हैं। इस आरती की रचना उन्होंने १८७० में की थी। वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ तथा हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। जीवन परिचय पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले जालंधर में स्थित फिल्लौर शहर में हुआ था। उनके पिता जयदयालु खुद एक अच्छे ज्योतिषी थे। उन्होंने अपने बेटे का भविष्य पढ़ लिया था और भविष्यवाणी की थी कि यह एक अद्भुत बालक होगा। बालक श्रद्धाराम को बचपन से ही धार्मिक संस्कार विरासत में मिले थे। उन्होंने सात साल की उम्र तक गुरुमुखी में पढाई की। दस साल की उम्र में संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी तथा ज्योतिष की पढाई शुरु की और कुछ ही वर्षो में वे इन सभी विषयों के निष्णात हो गए। उनका विवाह सिख महिला महताब कौर के साथ हुआ था। २४ जून १८८१ को लाहौर में उनका देहावसान हुआ।
जे हो जे हो लाखणसी बापू ❤❤❤
જય લાખણશીભાય આપની કથા થી ઘણુ બધું જાણવાનું મલયું જય માતાજી
Jay ho bapa🎉🎉🎉🎉
Lakhanshi bhai naman❤❤❤
જય હો બાપુ સત્ય માં ભિડ ઑછી દૅખાઈ
અતિ સુંદર
વાહવાહબાપલાખણસીચારણ તમારીમોજ બાપાસીતારામવાલા❤
🎉જય માતાજી 🎉
जय हौ जय माताजी
🌺💐🌹🙏🏻💐🌹🙏🏻💐🌹🙏🏻🌹🌺
Jay Mataji
ભા જય માંતાજી🙏🙏🙏
Jay Mataji
JAY BILNATH DADA KALANI RAJESH
Jay Bilnath dada
જય માતાજી લાખણશીભાઈ જય માતાજી
।વાહવાહવાહબાપચારણ તમારીમોજ બાપાસીતારામજયજયજય😊માતાજી❤
જય શ્રી કૃષ્ણ 🍃
જય માતાજી 🚩🙏🏻
જય શ્રી કૃષ્ણ જય માતાજી
ओम जय जगदीश हरे बने शिवानंद स्वामी शिवानंद कौन थे बताओ लखन भाई गढवी
श्रद्धाराम शर्मा (या श्रद्धाराम फिल्लौरी) (१८३७-२४ जून १८८१) लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता हैं। इस आरती की रचना उन्होंने १८७० में की थी। वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ तथा हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
जीवन परिचय
पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले जालंधर में स्थित फिल्लौर शहर में हुआ था। उनके पिता जयदयालु खुद एक अच्छे ज्योतिषी थे। उन्होंने अपने बेटे का भविष्य पढ़ लिया था और भविष्यवाणी की थी कि यह एक अद्भुत बालक होगा। बालक श्रद्धाराम को बचपन से ही धार्मिक संस्कार विरासत में मिले थे। उन्होंने सात साल की उम्र तक गुरुमुखी में पढाई की। दस साल की उम्र में संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी तथा ज्योतिष की पढाई शुरु की और कुछ ही वर्षो में वे इन सभी विषयों के निष्णात हो गए। उनका विवाह सिख महिला महताब कौर के साथ हुआ था। २४ जून १८८१ को लाहौर में उनका देहावसान हुआ।
Jay,mataji
Ha bapu ha Jay mataji Jay mataji
Jay mataji
@@swarshakti friend chhe lakhanshibhai mara 10 tarikhe avya hata jamnagar.
Happy Diwali
Happy Diwali
Jay sharee kushan