विवाह की विधि मंत्र सहित पार्ट 1
HTML-код
- Опубликовано: 25 фев 2024
- विवाह करवाओ सबसे आसान तरीके से । पद प्रक्षालन की क्रिया के साथ यह मन्त्र बोला जाए। ॐ विराजो दोहोऽसि, विराजो दोहमशीय मयि, पाद्यायै विराजो दोहः। - पार०गृ०सू० १.३.१२
अर्घ्य- स्वागतकत्तार् चन्दन युक्त सुगन्धित जल पात्र में लेकर भावना करे कि सत्पुरुषाथर् में लगने का संस्कार वर के हाथों में जाग्रत् करने हेतु अघ्यर् दे रहे हैं। कन्यादाता कहे- ॐ अर्घो, अर्घो, अर्घः प्रतिगृह्यताम्। - पार०गृ०सू०१.३.६
जल पात्र स्वीकार करते हुए वर कहे- ॐ प्रतिगृह्णामि। - पार०गृ०सू०१.३.७ भावना करें कि सुगन्धित जल सत्पुरुषार्थ के संस्कार दे रहा है। जल से हाथ धोएँ। क्रिया के साथ निम्न मन्त्र बोला जाए।
ॐ आपःस्थ युष्माभिः, सवार्न्कामानवाप्नवानि। ॐ समुद्रं वः प्रहिणोमि, स्वां योनिमभिगच्छत। अरिष्टाअस्माकं वीरा, मा परासेचि मत्पयः। - पार०गृ०सू० १.३.१३-१४
आचमन- स्वागतकत्तार् आचमन के लिए जल पात्र प्रस्तुत करें। भावना करें कि वर-श्रेष्ठ अतिथि का मुख उज्ज्वल रहे, उसकी वाणी उसका व्यक्तित्व तदनुरूप बने। कन्यादाता कहे- ॐ आचमनीयम्, आचमीयनम्, आचमीनयम्, प्रतिगृह्यताम्॥ ॐ प्रतिगृह्णामि। (वर कहे) -पार०गृ०सू० १.३.६ भावना करें कि मन, बुद्धि और अन्तःकरण तक यह भाव बिठाने का प्रयास कर रहे हैं। तीन बार आचमन करें। यह मन्त्र बोला जाए। ॐ आमागन् यशसा, स सृज वचर्सा। तं मा कुरु प्रियं प्रजानामधिपतिं, पशूनामरिष्टिं तनूनाम्। - पार०गृ०सू० १.३.१५
नैवेद्य- एक पात्र में दूध, दही, शकर्रा (मधु) और तुलसीदल डाल कर रखें। स्वागतकर्त्ता वह पात्र हाथ में लें। भावना करें कि वर की श्रेष्ठता बनाये रखने योग्य सात्विक, सुसंस्कारी और स्वास्थ्यवर्धक आहार उन्हें सतत प्राप्त होता रहे। कन्यादाता कहे- ॐ मधुपकोर्, मधुपकोर्, मधुपर्कः प्रतिगृह्यताम्। - पार०गृ०सू० १.३.६ वर पात्र स्वीकार करते हुए कहे- ॐ प्रतिगृह्णामि। वर मधुपर्क का पान करे। भावना करें कि अभक्ष्य के कुसंस्कारों से बचने, सत्पदार्थों से सुसंस्कार अर्जित करते रहने का उत्तरदायित्व स्वीकार रहे हैं। पान करते समय यह मन्त्र बोला जाए। ॐ यन्मधुनो मधव्यं परम रूपमन्नाद्यम्। तेनाहं मधुनो मधव्येन परमेण, रूपेणान्नाद्येन परमो मधव्योऽन्नादोऽसानि।- पार०गृ०सू० १.३.२०
तत्पश्चात् जल से वर हाथ-मुख धोए। स्वच्छ होकर अगले क्रम के लिए बैठे। इसके बाद चन्दन धारण कराएँ। यदि यज्ञोपवीत धारण पहले नहीं कराया गया है, तो यज्ञोपवीत प्रकरण के आधार पर संक्षेप में उसे सम्पन्न कराया जाए। इसके बाद क्रमशः कलशपूजन, नमस्कार, षोडशोपचार पूजन, स्वस्तिवाचन, रक्षाविधान आदि सामान्य क्रम करा लिए जाएँ। रक्षा-विधान के बाद संस्कार का विशेष प्रकरण चालू किया जाए।
विवाह घोषणा
मंगलाष्टक
परस्पर उपहार
हस्तपीतकरण
कन्यादान
गोदान
मर्यादाकरण
पाणिग्रहण
ग्रन्थिबन्धन
वर-वधू की प्रतिज्ञाएँ
प्रायश्चित होम
शिलारोहण
लाजाहोम एवं परिक्रमा (भाँवर)
सप्तपदी
आसन परिवतर्न
पाद प्रक्षालन
शपथ आश्वासन
मंगलतिलक
विवाह के प्रकार
आप को बहुत बहुत धन्यवाद जी।
सब लोग सीखने और समझने की कोशिश करेंगे।
Shukriya ji
Main 53 saal ki ummee me noukry chhutne ke baad corona me karamkaand or jyotish me hun, aapka tarika or uchcharan behad badiya sunder hain. Ye vedio mere liye behad upyogi sidhh huyi hain
Thank you guru ji
अति उत्तम है।
Thank you for your subject
Mujhe.aapki.video.bahut.pasand.aati.hai
जय हो सनातन धर्म की 60 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों के लिए विशेष कार्यक्रम कर्मकांड सीखना समय का सदुपयोग भारत माता की जय।
🙏आदरणीय बेहतरीन और अति ❤उत्तम प्रयास l भविष्य की शुभकामनाएं💐🙏🌹🌹l
Thank you sir
Bahut badiya 🌺🌺
Thnku
जय श्रीराम।🌺🌺🙏🌺🌺
जय श्री राम
बहुत ही सुंदर
Ji
Excellent Thanks.
Thank you
Behad hi sunder prabhu ji
Thank
Good thanks
Welcome
बहुत सुंदर
Thank you
Jai shree Ram
जय श्री राम जी की
Jay shree mahakal
जय श्री महाकाल
Guruji Sadhuwad.
Welcome
Guruji Aap Jan Manas Ko Samajh Rahe Hain . Aap Hi Se Main Sri Suktam Tatha Purush Suktam Sikh Chuka Hun . Rudra Suktam Sikh Raha Hun .Charan Sparsh.
Very good sir
Thank you
book ka name ya pdf milga kya guru jii
Radhe radhe
कुछ साल पहले, मेरी एक सहेली ने सिर्फ 50 साल की उम्र पार की थी। लगभग 8 दिनों बाद वह एक बीमारी से पीड़ित हो गई थी ... और उसकी जल्दी ही मृत्यु हो गई।
ग्रुप में हमें एक शोक संदेश प्राप्त हुआ कि ... "दुख की बात है .. वह हमारे साथ नहीं रही " ...
दो महीने बाद मैंने उसके पति को फोन किया। ऐसे ही मुझे लगा कि .. वह बहुत परेशान होगा. क्योंकि ट्रैवल वाला जॉब था। अपनी मृत्यु तक मेरी सहेली सब कुछ देख लेती थी .. घर .. अपने बच्चों की शिक्षा ... वृद्ध ससुराल वालों की देखभाल करना .. उनकी बीमारी .. रिश्तेदारों का प्रबंधन करना .. _ सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ _
वह कहती रहती थी .. "मेरे घर को मेरे समय की जरूरत है, .. मेरे पति चाय काफ़ी भी नहीं बना पाते, मेरे परिवार को मुझसे हर चीज के लिए जरूरत है, लेकिन कोई भी मेरे द्वारा किए गए प्रयासों की परवाह नहीं करता है और न ही मेरी सराहना करता है। सब मेरी मेहनत को नोर्मल मान के चलते हैं "।
मैंने उसके पति को यह जानने के लिए फ़ोन किया कि क्या परिवार को किसी सहारे की जरूरत है. मुझे लगा कि उनके पति बहुत परेशान होंगे .. अचानक से सारी ज़िम्मेदारियों को निभाना है, उम्र बढ़ने के साथ साथ .. माता-पिता, बच्चे, अपनी नौकरी , इस पर अकेलापन उम्र .. कैसे होंगे बेचारे ?
फोन कुछ समय के लिए बजा ..नही उठाया ... एक घंटे के बाद उन्होंने वापस कॉल किया.. उसने माफी मांगी कि वह मेरे कॉल का जवाब नहीं दे पाए. क्यूँकि अपने क्लब में एक घंटे के लिए टेनिस खेलना शुरू किया था और दोस्तों से मिलना वग़ैरह भी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका समय ठीक से गुजर जाए।
यहां तक कि उन्होंने पुणे में ट्रान्स्फ़र करवा लिया। इसलिए अब ट्रैवल नही करना पड़ता ।
"घर पर सब ठीक है?" मैंने पूछा;
उन्होंने जवाब दिया, एक रसोइया रख लिया है .. थोड़ा और पेमेंट किया तो वह किराने का सामान और सब्ज़ी फल वग़ैरह भी ला देगा । उन्होंने अपने बूढ़े माता-पिता के लिए फ़ुल टाइम केयर टेकर रख ली थी।
"ठीक चल रहा है ... बच्चे भी ठीक हैं। जीवन धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है “... उन्होंने कहा।
मैं मुश्किल से एक-दो वाक्य बोल पायी और हमारी बात पूरी हो गयी ।
मेरी आंखों में आंसू आ गए।
मेरी सहेली मेरे ख्यालों में आ रही थी ... उसने अपनी सास की छोटी सी बीमारी के लिए हमारे स्कूल के पुनर्मिलन को छोड़ दिया था। वो अपनी भतीजी की शादी में नही गयी क्योंकि उसको अपने घर में मरम्मत के काम की देखरेख करनी थी।
वह कई मजेदार पार्टियों और फिल्मों से चूक गई थी क्योंकि उसके बच्चों की परीक्षा थी और उसे खाना बनाना था, उसे अपने पति की जरूरतों का ख्याल रखना था ...
उसने हमेशा कुछ प्रशंसा और कुछ पहचान की तलाश की थी .. जो उसे कभी नहीं मिली।
आज मुझे उसका कहने का मन हो रहा है ।।
यहाँ कोई भी अपरिहार्य नहीं है।
और कोई भी याद नहीं किया जाएगा .. यह सिर्फ हमारे दिमाग का भ्रम है।
शायद यह सांत्वना है .. या यूँ कहें की हमारे समझने का तरीक़ा... जब आप दूसरों को खुद से पहले रखते हैं तो वास्तव में आप यह भी दिखा रहे होते हैं की आप पहले नहीं हैं
उसके मरने के बाद उन्होंने दो और नौकरानियाँ रख ली गईं और घर ठीक चल रहा था इसीलिये
मन का यह वहम हटा दो कि मैं अपरिहार्य हूं और मेरे बिना घर नहीं चलेगा ..
......... ...... ......... ...... ......... ...... ..... ..... .....
अतः 👇
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने आप के लिए समय निकालें ..
अपने दोस्तों के साथ संपर्क में रहें ... बात करें, हंसें और आनंद लें
अपने शौक़ पूरे करो, अपने जुनून को जियो, अपनी जिंदगी को जिओ
हर किसी को आपकी ज़रूरत है, लेकिन आपको भी अपनी देखभाल और प्यार की ज़रूरत है।
हम सभी के पास जीने के लिए केवल एक ही जीवन है
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है💃🏾💃🏾
#हर_बेटी_मेरी
Aapka tah e dil se dhanyavaad
Welcome
Excellent
Thank you
Good work
Tnx
ये Book कहा से मंगवाए
जय श्री राम
Jai shree Ram
Jai shree Ram
Very nice 🎉
Jai ho ji, aap se milkar achha laga , kya kar rahe ho aajkal
Astrologer and karam kaand😊
Ap sradh ke hopar be video bana ho bhai ji
जी बनाई हुई हैं कृपया playlist me देख लीजिए
Good
Tnx
Kripya in mantro ka teka bhi krye🙏🙏
Ji
जय परशुराम।। ब्राह्मणों की जरूरत समय की मांग, सभी कर्तव्य का पालन करें, जय भगवान कल की।।
Om
Any book containing vivah, janew, shraddh etc paddhati.of Hindus? Please suggest.
Ok I will suggest you
कर्मठ गुरु : मुकुंद वल्लभ ज्योतिषाचार्य जी
मोतीलाल बनारसी दास
आचार्य पादप्रक्षालन व पूजन नही किया जाता है?
जय माता दी
यह मंत्र गणेश पूजन का है न कि स्वस्ति वाचन का महाभागः
Koun sa
Uncle puja karvane ka darm brahman ka hai
भतीजे,
jaankari sbhi ko honi chahiye,
Kiya ladkiya shadi ka mantr pad sakti hai kya
जी
N̤h̤i̤
Aap khud par nahi pa rahe hai log kaise padege
जिन्होंने पढ़ना है वो इस वीडियो के बिना भी पढ़ लेंगे,
जैसे आप ... यदि आप में ऐसी कोई भावना है की आप बेहतर पढ़ते है तो कृपया आप भी इसी प्रकार से वीडियो बना दीजिए, मैं भी आपसे सीख लूंगा ।
Thanks nice
Welcome
Choon ka matalab aata hota hai
Thank you
जिसका काम उसी को साजे। और करें तो डंडा बाजे।।
किसको
J̤a̤i̤ m̤a̤t̤a̤ d̤i̤ g̤ṳr̤ṳ j̤i̤i̤
Jai shree Ram ji ki
Kamay ka sadhan he youtub sanskruti ka jatan nhi kamay ka bolo
लगता है आपको इंग्लिश भी सीखनी चाहिए
Muje khus sikhane ki isa nhi
सबको ही सिखा दोगे तो फिर पंडितों को और विद्वानों को कौन बुलाएगा सब खुद के खुद में विवाह कर लेंगे ऐसा करोगे तो
Aisa nahin hai , agar Aisa hota hai toh thik hi hai
भाई साहब ऐसी बात नहीं है यह केवल ब्राह्मणों के लिए है दूसरों के लिए नहीं है और सब को थोड़ा बहुत नॉलेज होना चाहिए और सब को सिखा दोगे तो फिर पंडित को कौन बुलाएगा तो फिर इस बात पर तो यह बात आती है कि ब्राह्मण का तो कर्म केवल ब्राह्मण ही करेगा
अन्य वर्ण के लोग सब कर रहे है इस प्रकार के वीडियो इत्यादि देख के कर्म-कांड अनुष्ठान सब बिक रहा है जो परम्परा गत गुरुकुल से मिलना चाहिए वो यहा बिक रहा है ब्राह्मण से ईर्षा करने वाले ये सब कर्म कर रहे है ओर आप ऐसे लोगोकी सहायता
@@someshbhargav8328 वर्ण से क्या तात्पर्य है ?
मैं भी ब्राह्मण ही हूं,
शम, दम, तप, शांति, आर्जव, ज्ञान, विज्ञान आस्तिक्य मेरा कर्म है ।
शिक्षक हूं, और शिक्षक कभी भी भेदभाव नहीं करता ।
रही ऊंच नीच की बात ,
तो ये वाला श्लोक पढ़ लेना,
जन्माद जायते शूद्र: कर्माद द्विज उच्चयत
@@sanskritisanskritsarita9677आपकी वेदना से मैं सहमति रखता हूं ।।
यह मंत्र अशुद्ध है
हां जी बिलकुल अशुद्ध । कृपया आप शुद्ध बनाकर डाल दीजिए ।
उच्चारण भी सही नहीं है गणेश जी का मंत्र भी अशुद्ध है वह उच्चारण कर रहे हो मंत्र का भी उच्चारण सही नहीं है
Aap sahi bol rahe ho.. aap please shuddh karke video bana deejiye
गणेश को गनेश कह रहे हैं और वर्णानां को वर्रानां कह रहे हैं।
Right comments
Pehle number is pustak mein mistake bahut hai
@@shivbhakti355 mistake kisme nahin hoti ..
Kya iski wajah se koi padna chhod de..
😂😂
किम अर्थम रोदिती
ये सब क्या बतमीजी है मूर्ख मूर्ख ही होता ये सब गुरकुल या संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाली चीज है,आपने आपको ज्ञानी समझ रखा है क्या
आजकल अश्वमेध यज्ञ भी तो नहीं होता,
समय के अनुसार बदलना सीखिए पूजनीय मान्यवर !
🙏आदरणीय तिवारी जी ऐसा करो ऑनलाइन की सारी क्लासेस बंद करवा दो मान जाएंगे🤔⁉️ अरे भाई जमाने के साथ चलना क्या बुरा है⁉️ कम से कम यह ये पवित्र प्रचार तो कर रहे हैं कि जो शादी करवा रहा है वह बोल क्या रहा है ,और उसका अर्थ क्या होता है, क्या जजमान को स्पष्ट ज्ञान नहीं होना चाहिए ,नहीं क्या ⁉️कृपया मार्गदर्शन करें जी l🌹🌹।
बच्चों को खिलाओ पीछे रो रहे हैं बैकग्राउंड में क्यों अपने वेद वेदांग कप निरुक्त व्याकरण का नाश कर रहे हो
Dharti par sab jagah Aisa hi hai, aur yahan bachhe rote haste hai wo swarg hai
भैया धीरे धीरे धर्म को ऐसे लोगों ने बहुत क्षति पहुंचाई है केवल विडियो से पैसा कमाने के लिए धर्म को भ्रष्ट कर दिया है।
आजकल एन केन प्रकारेण पैसा कमाना है धर्म से कोई लेना-देना नहीं है
Achudhi na padhe
Ok
तुम जैसे लोग नाश कि ओर ले कर धर्म को
कृपया परिभाषित करना इसको
गलत कर रहें हो
शायद, लेकिन क्यों? कृपया मार्गदर्शन करें ।
बात करना बताते हम आपको सिखाते कुछ
Kya galat hain, kuchh bhi galat nhi hain
गलत तरीके से बता रहे हैं
Kahan aur kaise ?
🙏आदरणीय यदि आप जी के पास इससे उत्तम विधि है तो आपका भी 💐स्वागत है💐🌹🌹l
अपने नम्बर भेजना
जो भी पूछना है कृपया यहीं पूछ लें, आपका हार्दिक स्वागत है । और अवश्य ही उसका प्रतिउत्तर भी मिलेगा ।
बहुत ही सुंदर
आपकी प्रतिक्रिया का हम स्वागत करते हैं, ईश्वर सबसे पहले तो आपको स्वस्थ रखें । संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए इसे शेयर करें ।
Good
Thank you 👍