अर्थ :- राग धनासरी, घर १ में गुरू रामदास जी की बाणी 'छंत' (छंद)। अकाल पुरख एक है और सतिगुरू की कृपा द्वारा मिलता है। हे भाई! अगर परमात्मा आप कृपा करे, तो उसका नाम सिमरा जा सकता है। अगर गुरू मिल जाए, तो (प्रभू के) प्रेम में (लीन हो कर) आत्मिक अडोलता में (टिक कर) परमात्मा के गुणों को गा सकते हैं। (परमात्मा के) गुण गा कर (मनुष्य) सदा हर समय प्रसन्न रहता है, (परन्तु यह तब ही हो सकता है) जब सदा कायम रहने वाले परमात्मा को आप (यह मेहर करनी) पसंद आए। (गुण गाने की बरकत से मनुष्य) अहंकार, हऊमै, माया (का मोह) त्याग देता है, और, आत्मिक अडोलता में हरि-नाम में लीन हो जाता है। (नाम सिमरन की दात) वह परमात्मा आप ही करता है, जब वह (यह दात) देता है तब ही मिलती है। हे भाई! परमात्मा कृपा करे, तो उसका नाम सिमरा जा सकता है ॥१॥ हे भाई! पूरे गुरू के द्वारा (मेरे) मन में (परमात्मा के साथ) सदा-थिर रहने वाला प्यार बन गया है। (गुरू की कृपा से) मैं उस (प्रभू) को दिन रात सिमरता रहता हूँ, मुझे वह कभी भी नहीं भूलता। मैं उस को कभी भूलाता नहीं, मैं हर समय (उस प्रभू को) हृदय में वसाई रखता हूँ। जब मैं उस का नाम जपता हूँ, तब मुझे आत्मिक जीवन प्राप्त होता है। जब मैं अपने कानों से (हरि-नाम) सुनता हूँ तब (मेरा) यह मन (माया की तरफ़ से) तृप्त हो जाता है। हे भाई! मैं गुरू की शरण पड़ कर आत्मिक जीवन देने वाला नाम-जल पीता रहता हूँ (जब प्रभू मनुष्य ऊपर मेहर की) निगाह करता है, तब (उस को) गुरू मिलाता है (तब हर समय उस मनुष्य के अंदर) अच्छे बुरे की परख कर सकने वाली अक्ल काम करती है। हे भाई! पूरे गुरू की कृपा से मेरे अंदर (प्रभू के साथ) सदा कायम रहने वाला प्यार बन गया है ॥२॥ (जिस मनुष्य को) बड़ी किस्मत से साध संगत प्राप्त हो जाती है, तो उसको परमात्मा के नाम का स्वाद आने लग जाता है। वह हर समय (प्रभू की याद में) सुरत जोड़ी रखता है, आत्मिक अडोलता में टिका रहता है। जब मनुष्य आत्मिक अडोलता में लीन हो जाता है, तब वह परमात्मा के मन में प्यारा लगने लग जाता है, तब वह माया के मोह से मुक्त हो जाता है, निरलेप हो जाता है। इस लोक में, परलोक में, सारे संसार में उस की शोभा होने लग जाती है, परमात्मा के नाम में उस की लगन लगी रहती है। वह मनुष्य ख़ुश़ी ग़मी दोनों से स्वतंत्र हो जाता है, जो कुछ परमात्मा करता है वह उस को अच्छा लगने लग जाता है। हे भाई! जब बड़ी किस्मत से किसी मनुष्य को साध संगत प्राप्त होती है तब उस को परमात्मा के नाम का रस आने लग जाता है ॥३॥ हे भाई! अपने मन के पीछे चलने वाले मनुष्य को आत्मिक मौत ने सदा अपनी निगाह में रखा हुआ है, माया के मोह के कारण उस को सदा दुःख मिलता है। वह दिन रात 'हाए हाए' करता रहता है, माया के दुःख में फंसा रहता है। वह सदा माया के दुःख में फंसा हुआ हऊमै के कारण क्रोध में भी रहता है। उस की सारी उम्र 'मेरी माया, मेरी माया' करते निकल जाती है। जो परमात्मा (उस को सब कुछ) दे रहा है उस परमात्मा को वह कभी याद नहीं करता, आखिर जब यहाँ से चला जाता है तो पछताता है। हरि-नाम के बिना कुछ भी (मनुष्य के) साथ नहीं जाता, पुत्र स्त्री (आदि) दुनिया की माया उस को ठग लेती है। हे भाई! अपने मन के पीछे चलने वाले मनुष्य को आत्मिक मौत दुःखी रखती है, माया के मोह के कारण उस को सदा दुःख मिलता है ॥४॥ हे हरी! जिस मनुष्य को तूँ (अपनी) कृपा कर के (अपने चरणों में) जोड़ लेता हैं, उस को तेरी हज़ूरी प्राप्त हो जाती है। (हे भाई! वह मनुष्य प्रभू की हज़ूरी में) सदा हाथ जोड़ कर टिका रहता है, उस को (अपने) मन में प्रभू प्यारा लगता है। जब मनुष्य को अपने मन में प्रभू प्यारा लगता है, तब वह प्रभू की रज़ा में टिक जाता है, और, हुक्म मान कर आत्मिक आनंद मानता है। वह मनुष्य हर समय दिन रात परमात्मा का नाम जपता रहता है, आत्मिक अडोलता में टिक कर वह हरि-नाम सिमरता रहता है। हे नानक जी! परमात्मा का (हर समय) नाम-सिमरन (ही) उस को वडियाई मिली रहती है, प्रभू का नाम (उस को अपने) मन में प्यारा लगता है। हे हरी! (अपनी) कृपा कर के जिस मनुष्य को तूँ अपने चरणों में) जोड़ लेता है, उस को तेरी हज़ूरी प्राप्त हो जाती है ॥५॥१॥
Dhanaasaree, Chhant, Fourth Mehl, First House: One Universal Creator God. By The Grace Of The True Guru: When the Dear Lord grants His Grace, one meditates on the Naam, the Name of the Lord. Meeting the True Guru, through loving faith and devotion, one intuitively sings the Glorious Praises of the Lord. Singing His Glorious Praises continually, night and day, one blossoms forth, when it is pleasing to the True Lord. Egotism, self-conceit and Maya are forsaken, and he is intuitively absorbed into the Naam. The Creator Himself acts; when He gives, then we receive. When the Dear Lord grants His Grace, we meditate on the Naam. ||1|| Deep within, I feel true love for the Perfect True Guru. I serve Him day and night; I never forget Him. I never forget Him; I remember Him night and day. When I chant the Naam, then I live. With my ears, I hear about Him, and my mind is satisfied. As Gurmukh, I drink in the Ambrosial Nectar. If He bestows His Glance of Grace, then I shall meet the True Guru; my discriminating intellect would contemplate Him, night and day. Deep within, I feel true love for the Perfect True Guru. ||2|| By great good fortune, one joins the Sat Sangat, the True Congregation; then, one comes to savor the subtle essence of the Lord. Night and day, he remains lovingly focused on the Lord; he merges in celestial peace. Merging in celestial peace, he becomes pleasing to the Lord's Mind; he remains forever unattached and untouched. He receives honor in this world and the next, lovingly focused on the Lord's Name. He is liberated from both pleasure and pain; he is pleased by whatever God does. By great good fortune, one joins the Sat Sangat, the True Congregation, and then, one comes to savor the subtle essence of the Lord. ||3|| In the love of duality, there is pain and suffering; the Messenger of Death eyes the self-willed manmukhs. They cry and howl, day and night, caught by the pain of Maya. Caught by the pain of Maya, provoked by his ego, he passes his life crying out, "Mine, mine!". He does not remember God, the Giver, and in the end, he departs regretting and repenting. Without the Name, nothing shall go along with him; not his children, spouse or the enticements of Maya. In the love of duality, there is pain and suffering; the Messenger of Death eyes the self-willed manmukhs. ||4|| Granting His Grace, the Lord has merged me with Himself; I have found the Mansion of the Lord's Presence. I remain standing with my palms pressed together; I have become pleasing to God's Mind. When one is pleasing to God's Mind, then he merges in the Hukam of the Lord's Command; surrendering to His Hukam, he finds peace. Night and day, he chants the Lord's Name, day and night; intuitively, naturally, he meditates on the Naam, the Name of the Lord. Through the Naam, the glorious greatness of the Naam is obtained; the Naam is pleasing to Nanak's mind. Granting His Grace, the Lord has merged me with Himself; I have found the Mansion of the Lord's Presence. ||5||1|| ਗੁਰੂ ਰੁਪ ਸਾਧ ਸੰਗਤ ਜੀਓ ਭੂਲਾ ਚੁਕਾ ਦੀ ਮਾਫੀ ਬਕ੍ਸ਼ੋ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ ਜੀ WaheGuru Ji Ka Khalsa WaheGuru Ji Ki Fateh Ji
Ik onkar sat Nam Shiri waheguru sahib ji 🙏 Waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru Sahib ji 🙏 Kirpa karo mere baba ji 🙏
Jhuthhi dekhi preet jagat mei jhuthhi dekhi preet baba ji sab paise naal vartawa rkhde Insaan nu kei ni pushda baba ji kirpa kro sansar vich sab nu mil ke rahan di assiss baksho sab da bhala kro waheguru ji🌹 ❤🙏🙏🙏🙏♥️🌹💥🌻♥️♥️♥️
Tere bina is greeb da koei no waheguru ji🌹 tu na bisri na bisari waheguru ji🌹 apna bna lo Baksh lo Sade te mehar kro Ijjat rakhi laaj rakhi is sansar vich vi te lok parlok saath rhi waheguru ji🌹 ❤🎉❤🎉🎉🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤Dhan Dhan guru Granth sahab jee Tudh aagay ardas hamare jio pind sab taira,Ko Nanak sab taire vsdhee koi nam na janay maia.Wahrguru jee ka Khalsa. Wahrguru jee ke Fateh. ❤🎉❤🎉
🙏🙏♥️♥️ Waheguru ji mehar kri sabh da bhala kare waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji ka Khalsa waheguru ji ki fateh ♥️♥️🙏🙏
🌹🌹🌹🌹🌅🌅🌅🌅🫓🫓🫓 Dhan-Dhan Guru Ramdas Sahib Ji Maharaj te Dhan-Dhan Jagat Guru Granth Sahib Ji Maharaj Desh, Kom , sansar te mehar bhreya hatth te sukh-santi rakhna. 🌹🌹🪷🪷🌊🌊🛞🛞🌳🌳💥💥🌷🌷🦚🦚🌺🌺💮💮🌈🌈🐅🐅💐💐🎎🎎🥀🥀
🙏🏻🌷🌷🙏🏻waheguruji!!! aap karta kare soii aap dey ta paaiye! har jio kripa kare taan naam dheeyaiye jio.................🌷🌷waheguruji waheguruji waheguruji 🌷🌷naamo naam mili vaddyaaii Nanak naam mann bhaave, kar kirpa leho milaaye mehal har paave jio !!🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🙏🏽
WaheGuru Ji Jastaj nu sumat bakhshna Ji Vidya da daan bakhshna Ji har medano fate karna Ji jit dena Ji safar sukhale karna Ji sab di sehta theek karo Ji shukrana shukrana 🙏 🎉🎉
WaheGuru Ji Gudia Sartaj nu mila ke rakhna Ji Sohna bucha ya biba di daat bakhshna Ji kam krodh lob moh hankar door karo Ji sara pariwar piar naal Rehan Ji deh arogta bakhshna Ji shukrana 🙏 🎉🎉
WaheGuru Ji Dhan Dhan Guru Ram Dass Ji mehar karo Ji meri buchi di sehta theek karo Ji depration theek karo Ji sukh shanti deo Ji shukrana shukrana 🙏 🌻
WaheGuru Ji Gudia Sartaj our family bless with good health n wealth and happiness n sikhi da daan bakhshna Ji sara pariwar piar naal Rehan Ji mera guacha saman mil jai Ji shukrana 🎉🙏🌻
WaheGuru Ji Preet paal veer Ji de Bajaj Life insurance company to kase jita Dena ji Gudia da paper clear kra do Ji job banai rakhna Ji Gudia Sartaj nu Guru Dware naal Guru di bani naal jorho Ji shukrana 🙏 🎉🎉
ਆਦਿ ਗੁਰੂ ਜੁਗੋ-ਜੁਗ ਅਟੱਲ ਸਤਿਗੁਰੂ ਧੰਨ ਧੰਨ ਸਾਹਿਬ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੱਚਖੰਡ ਸ੍ਰੀ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਸ੍ਰੀ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿਖੇ ਹੋਇਆ ਅੱਜ ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਵੇਲੇ ਦਾ ਮੁੱਖਵਾਕ: ੧੪ ਮੱਘਰ (ਸੰਮਤ ੫੫੬ ਨਾਨਕਸ਼ਾਹੀ) ਅੰਗ ੬੯੦
Aad Guru Jugo-Jug Atal Satguru Dhan Dhan Sahib Sri Guru Granth Sahib Ji da Sachkhand Sri Harmandir Sahib Sri Amritsar Sahib Ji Vekha Hoea Ajh Amrit Wela Da Mukhwak: 14th Maghar (Samvat 556 Nanakshahi) 29-November-2024 Ang 690
ਧਨਾਸਰੀ ਛੰਤ ਮਹਲਾ ੪ ਘਰੁ ੧ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ਹਰਿ ਜੀਉ ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰੇ ਤਾ ਨਾਮੁ ਧਿਆਈਐ ਜੀਉ ॥ ਸਤਿਗੁਰੁ ਮਿਲੈ ਸੁਭਾਇ ਸਹਜਿ ਗੁਣ ਗਾਈਐ ਜੀਉ ॥ ਗੁਣ ਗਾਇ ਵਿਗਸੈ ਸਦਾ ਅਨਦਿਨੁ ਜਾ ਆਪਿ ਸਾਚੇ ਭਾਵਏ ॥ ਅਹੰਕਾਰੁ ਹਉਮੈ ਤਜੈ ਮਾਇਆ ਸਹਜਿ ਨਾਮਿ ਸਮਾਵਏ ॥ ਆਪਿ ਕਰਤਾ ਕਰੇ ਸੋਈ ਆਪਿ ਦੇਇ ਤ ਪਾਈਐ ॥ ਹਰਿ ਜੀਉ ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰੇ ਤਾ ਨਾਮੁ ਧਿਆਈਐ ਜੀਉ ॥੧॥ ਅੰਦਰਿ ਸਾਚਾ ਨੇਹੁ ਪੂਰੇ ਸਤਿਗੁਰੈ ਜੀਉ ॥ ਹਉ ਤਿਸੁ ਸੇਵੀ ਦਿਨੁ ਰਾਤਿ ਮੈ ਕਦੇ ਨ ਵੀਸਰੈ ਜੀਉ ॥ ਕਦੇ ਨ ਵਿਸਾਰੀ ਅਨਦਿਨੁ ਸਮ੍ਹ੍ਹਾਰੀ ਜਾ ਨਾਮੁ ਲਈ ਤਾ ਜੀਵਾ ॥ ਸ੍ਰਵਣੀ ਸੁਣੀ ਤ ਇਹੁ ਮਨੁ ਤ੍ਰਿਪਤੈ ਗੁਰਮੁਖਿ ਅੰਮ੍ਰਿਤੁ ਪੀਵਾ ॥ ਨਦਰਿ ਕਰੇ ਤਾ ਸਤਿਗੁਰੁ ਮੇਲੇ ਅਨਦਿਨੁ ਬਿਬੇਕ ਬੁਧਿ ਬਿਚਰੈ ॥ ਅੰਦਰਿ ਸਾਚਾ ਨੇਹੁ ਪੂਰੇ ਸਤਿਗੁਰੈ ॥੨॥ ਸਤਸੰਗਤਿ ਮਿਲੈ ਵਡਭਾਗਿ ਤਾ ਹਰਿ ਰਸੁ ਆਵਏ ਜੀਉ ॥ ਅਨਦਿਨੁ ਰਹੈ ਲਿਵ ਲਾਇ ਤ ਸਹਜਿ ਸਮਾਵਏ ਜੀਉ ॥ ਸਹਜਿ ਸਮਾਵੈ ਤਾ ਹਰਿ ਮਨਿ ਭਾਵੈ ਸਦਾ ਅਤੀਤੁ ਬੈਰਾਗੀ ॥ ਹਲਤਿ ਪਲਤਿ ਸੋਭਾ ਜਗ ਅੰਤਰਿ ਰਾਮ ਨਾਮਿ ਲਿਵ ਲਾਗੀ ॥ ਹਰਖ ਸੋਗ ਦੁਹਾ ਤੇ ਮੁਕਤਾ ਜੋ ਪ੍ਰਭੁ ਕਰੇ ਸੁ ਭਾਵਏ ॥ ਸਤਸੰਗਤਿ ਮਿਲੈ ਵਡਭਾਗਿ ਤਾ ਹਰਿ ਰਸੁ ਆਵਏ ਜੀਉ ॥੩॥ ਦੂਜੈ ਭਾਇ ਦੁਖੁ ਹੋਇ ਮਨਮੁਖ ਜਮਿ ਜੋਹਿਆ ਜੀਉ ॥ ਹਾਇ ਹਾਇ ਕਰੇ ਦਿਨੁ ਰਾਤਿ ਮਾਇਆ ਦੁਖਿ ਮੋਹਿਆ ਜੀਉ ॥ ਮਾਇਆ ਦੁਖਿ ਮੋਹਿਆ ਹਉਮੈ ਰੋਹਿਆ ਮੇਰੀ ਮੇਰੀ ਕਰਤ ਵਿਹਾਵਏ ॥ ਜੋ ਪ੍ਰਭੁ ਦੇਇ ਤਿਸੁ ਚੇਤੈ ਨਾਹੀ ਅੰਤਿ ਗਇਆ ਪਛੁਤਾਵਏ ॥ ਬਿਨੁ ਨਾਵੈ ਕੋ ਸਾਥਿ ਨ ਚਾਲੈ ਪੁਤ੍ਰ ਕਲਤ੍ਰ ਮਾਇਆ ਧੋਹਿਆ ॥ ਦੂਜੈ ਭਾਇ ਦੁਖੁ ਹੋਇ ਮਨਮੁਖਿ ਜਮਿ ਜੋਹਿਆ ਜੀਉ ॥੪॥ ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਲੇਹੁ ਮਿਲਾਇ ਮਹਲੁ ਹਰਿ ਪਾਇਆ ਜੀਉ ॥ ਸਦਾ ਰਹੈ ਕਰ ਜੋੜਿ ਪ੍ਰਭੁ ਮਨਿ ਭਾਇਆ ਜੀਉ ॥ ਪ੍ਰਭੁ ਮਨਿ ਭਾਵੈ ਤਾ ਹੁਕਮਿ ਸਮਾਵੈ ਹੁਕਮੁ ਮੰਨਿ ਸੁਖੁ ਪਾਇਆ ॥ ਅਨਦਿਨੁ ਜਪਤ ਰਹੈ ਦਿਨੁ ਰਾਤੀ ਸਹਜੇ ਨਾਮੁ ਧਿਆਇਆ ॥ ਨਾਮੋ ਨਾਮੁ ਮਿਲੀ ਵਡਿਆਈ ਨਾਨਕ ਨਾਮੁ ਮਨਿ ਭਾਵਏ ॥ ਕਰਿ ਕਿਰਪਾ ਲੇਹੁ ਮਿਲਾਇ ਮਹਲੁ ਹਰਿ ਪਾਵਏ ਜੀਉ ॥੫॥੧॥
ਵਿਆਖਿਆ :- ਰਾਗ ਧਨਾਸਰੀ, ਘਰ ੧ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ 'ਛੰਤ' (ਛੰਦ)। ਅਕਾਲ ਪੁਰਖ ਇੱਕ ਹੈ ਅਤੇ ਸਤਿਗੁਰੂ ਦੀ ਕਿਰਪਾ ਨਾਲ ਮਿਲਦਾ ਹੈ। ਹੇ ਭਾਈ! ਜੇ ਪਰਮਾrਤਮਾ ਆਪ ਕਿਰਪਾ ਕਰੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਨਾਮ ਸਿਮਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਜੇ ਗੁਰੂ ਮਿਲ ਪਏ, ਤਾਂ (ਪ੍ਰਭੂ ਦੇ) ਪ੍ਰੇਮ ਵਿਚ (ਲੀਨ ਹੋ ਕੇ) ਆਤਮਕ ਅਡੋਲਤਾ ਵਿਚ (ਟਿਕ ਕੇ) ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਨੂੰ ਗਾ ਸਕੀਦਾ ਹੈ। (ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ) ਗੁਣ ਗਾ ਕੇ (ਮਨੁੱਖ) ਸਦਾ ਹਰ ਵੇਲੇ ਖਿੜਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, (ਪਰ ਇਹ ਤਦੋਂ ਹੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ) ਜਦੋਂ ਸਦਾ ਕਾਇਮ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੂੰ ਆਪ (ਇਹ ਮੇਹਰ ਕਰਨੀ) ਪਸੰਦ ਆਵੇ। (ਗੁਣ ਗਾਣ ਦੀ ਬਰਕਤਿ ਨਾਲ ਮਨੁੱਖ) ਅਹੰਕਾਰ, ਹਉਮੈ, ਮਾਇਆ (ਦਾ ਮੋਹ) ਤਿਆਗ ਦੇਂਦਾ ਹੈ, ਅਤੇ, ਆਤਮਕ ਅਡੋਲਤਾ ਵਿਚ ਹਰਿ-ਨਾਮ ਵਿਚ ਲੀਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। (ਨਾਮ ਸਿਮਰਨ ਦੀ ਦਾਤਿ) ਉਹ ਪਰਮਾਤਮਾ ਆਪ ਹੀ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਉਹ (ਇਹ ਦਾਤਿ) ਦੇਂਦਾ ਹੈ ਤਦੋਂ ਮਿਲਦੀ ਹੈ। ਹੇ ਭਾਈ! ਪਰਮਾਤਮਾ ਕਿਰਪਾ ਕਰੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਨਾਮ ਸਿਮਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ॥੧॥ ਹੇ ਭਾਈ! ਪੂਰੇ ਗੁਰੂ ਦੀ ਰਾਹੀਂ (ਮੇਰੇ) ਮਨ ਵਿਚ (ਪਰਮਾਤਮਾ ਨਾਲ) ਸਦਾ-ਥਿਰ ਰਹਿਣ ਵਾਲਾ ਪਿਆਰ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ। (ਗੁਰੂ ਦੀ ਕਿਰਪਾ ਨਾਲ) ਮੈਂ ਉਸ (ਪ੍ਰਭੂ) ਨੂੰ ਦਿਨ ਰਾਤ ਸਿਮਰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹਾਂ, ਮੈਨੂੰ ਉਹ ਕਦੇ ਭੀ ਨਹੀਂ ਭੁੱਲਦਾ। ਮੈਂ ਉਸ ਨੂੰ ਕਦੇ ਭੁਲਾਂਦਾ ਨਹੀਂ, ਮੈਂ ਹਰ ਵੇਲੇ (ਉਸ ਪ੍ਰਭੂ ਨੂੰ) ਹਿਰਦੇ ਵਿਚ ਵਸਾਈ ਰੱਖਦਾ ਹਾਂ। ਜਦੋਂ ਮੈਂ ਉਸ ਦਾ ਨਾਮ ਜਪਦਾ ਹਾਂ, ਤਦੋਂ ਮੈਨੂੰ ਆਤਮਕ ਜੀਵਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਕੰਨਾਂ ਨਾਲ (ਹਰਿ-ਨਾਮ) ਸੁਣਦਾ ਹਾਂ ਤਦੋਂ (ਮੇਰਾ) ਇਹ ਮਨ (ਮਾਇਆ ਵਲੋਂ) ਰੱਜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਹੇ ਭਾਈ! ਮੈਂ ਗੁਰੂ ਦੀ ਸਰਨ ਪੈ ਕੇ ਆਤਮਕ ਜੀਵਨ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਨਾਮ-ਜਲ ਪੀਂਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹਾਂ (ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਭੂ ਮਨੁੱਖ ਉਤੇ ਮੇਹਰ ਦੀ) ਨਿਗਾਹ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਦੋਂ (ਉਸ ਨੂੰ) ਗੁਰੂ ਮਿਲਾਂਦਾ ਹੈ (ਤਦੋਂ ਹਰ ਵੇਲੇ ਉਸ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਅੰਦਰ) ਚੰਗੇ ਮੰਦੇ ਦੀ ਪਰਖ ਕਰ ਸਕਣ ਵਾਲੀ ਅਕਲ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਹੇ ਭਾਈ! ਪੂਰੇ ਗੁਰੂ ਦੀ ਕਿਰਪਾ ਨਾਲ ਮੇਰੇ ਅੰਦਰ (ਪ੍ਰਭੂ ਨਾਲ) ਸਦਾ ਕਾਇਮ ਰਹਿਣ ਵਾਲਾ ਪਿਆਰ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ ॥੨॥ (ਜਿਸ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ) ਵੱਡੀ ਕਿਸਮਤ ਨਾਲ ਸਾਧ ਸੰਗਤਿ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਨਾਮ ਦਾ ਸੁਆਦ ਆਉਣ ਲੱਗ ਪੈਂਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਹਰ ਵੇਲੇ (ਪ੍ਰਭੂ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ) ਸੁਰਤਿ ਜੋੜੀ ਰੱਖਦਾ ਹੈ, ਆਤਮਕ ਅਡੋਲਤਾ ਵਿਚ ਟਿਕਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਮਨੁੱਖ ਆਤਮਕ ਅਡੋਲਤਾ ਵਿਚ ਲੀਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਦੋਂ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਮਨ ਵਿਚ ਪਿਆਰਾ ਲੱਗਣ ਲੱਗ ਪੈਂਦਾ ਹੈ, ਤਦੋਂ ਮਾਇਆ ਦੇ ਮੋਹ ਤੋਂ ਪਰੇ ਲੰਘ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਨਿਰਲੇਪ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲੋਕ ਵਿਚ, ਪਰਲੋਕ ਵਿਚ, ਸਾਰੇ ਸੰਸਾਰ ਵਿਚ ਉਸ ਦੀ ਸੋਭਾ ਹੋਣ ਲੱਗ ਪੈਂਦੀ ਹੈ, ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਨਾਮ ਵਿਚ ਉਸ ਦੀ ਲਗਨ ਲੱਗੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ। ਉਹ ਮਨੁੱਖ ਖ਼ੁਸ਼ੀ ਗ਼ਮੀ ਦੋਹਾਂ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕੁਝ ਪਰਮਾਤਮਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਉਹ ਉਸ ਨੂੰ ਚੰਗਾ ਲੱਗਣ ਲੱਗ ਪੈਂਦਾ ਹੈ। ਹੇ ਭਾਈ! ਜਦੋਂ ਵੱਡੀ ਕਿਸਮਤ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਸਾਧ ਸੰਗਤਿ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਦੋਂ ਉਸ ਨੂੰ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਨਾਮ ਦਾ ਰਸ ਆਉਣ ਲੱਗ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ॥੩॥ ਹੇ ਭਾਈ! ਆਪਣੇ ਮਨ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਤੁਰਨ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਆਤਮਕ ਮੌਤ ਨੇ ਸਦਾ ਆਪਣੀ ਤੱਕ ਵਿਚ ਰੱਖਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ, ਮਾਇਆ ਦੇ ਮੋਹ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਸ ਨੂੰ ਸਦਾ ਦੁੱਖ ਵਿਆਪਦਾ ਹੈ। ਉਹ ਦਿਨ ਰਾਤ 'ਹਾਇ ਹਾਇ' ਕਰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਮਾਇਆ ਦੇ ਦੁੱਖ ਵਿਚ ਫਸਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਉਹ ਸਦਾ ਮਾਇਆ ਦੇ ਦੁੱਖ ਵਿਚ ਗ੍ਰਸਿਆ ਹੋਇਆ ਹਉਮੈ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕ੍ਰੋਧਾਤੁਰ ਭੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਉਸ ਦੀ ਸਾਰੀ ਉਮਰ 'ਮੇਰੀ ਮਾਇਆ, ਮੇਰੀ ਮਾਇਆ' ਕਰਦਿਆਂ ਲੰਘ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਜੇਹੜਾ ਪਰਮਾਤਮਾ (ਉਸ ਨੂੰ ਸਭ ਕੁਝ) ਦੇ ਰਿਹਾ ਹੈ ਉਸ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੂੰ ਉਹ ਕਦੇ ਚੇਤੇ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ, ਆਖ਼ਰ ਜਦੋਂ ਇਥੋਂ ਤੁਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਛੁਤਾਂਦਾ ਹੈ। ਹਰਿ-ਨਾਮ ਤੋਂ ਬਿਨਾ ਕੋਈ ਭੀ (ਮਨੁੱਖ ਦੇ) ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦਾ, ਪੁੱਤਰ ਇਸਤ੍ਰੀ (ਆਦਿਕ) ਦੁਨੀਆ ਦੀ ਮਾਇਆ ਉਸ ਨੂੰ ਛਲ ਲੈਂਦੀ ਹੈ। ਹੇ ਭਾਈ! ਆਪਣੇ ਮਨ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਤੁਰਨ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਆਤਮਕ ਮੌਤ ਗ੍ਰਸੀ ਰੱਖਦੀ ਹੈ, ਮਾਇਆ ਦੇ ਮੋਹ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਸ ਨੂੰ ਸਦਾ ਦੁੱਖ ਵਿਆਪਦਾ ਹੈ ॥੪॥ ਹੇ ਹਰੀ! ਜਿਸ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਤੂੰ (ਆਪਣੀ) ਕਿਰਪਾ ਕਰ ਕੇ (ਆਪਣੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿਚ) ਜੋੜ ਲੈਂਦਾ ਹੈਂ, ਉਸ ਨੂੰ ਤੇਰੀ ਹਜ਼ੂਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। (ਹੇ ਭਾਈ! ਉਹ ਮਨੁੱਖ ਪ੍ਰਭੂ ਦੀ ਹਜ਼ੂਰੀ ਵਿਚ) ਸਦਾ ਹੱਥ ਜੋੜ ਕੇ ਟਿਕਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ (ਆਪਣੇ) ਮਨ ਵਿਚ ਪ੍ਰਭੂ ਪਿਆਰਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਮਨ ਵਿਚ ਪ੍ਰਭੂ ਪਿਆਰਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ, ਤਦੋਂ ਉਹ ਪ੍ਰਭੂ ਦੀ ਰਜ਼ਾ ਵਿਚ ਟਿਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤੇ, ਹੁਕਮ ਮੰਨ ਕੇ ਆਤਮਕ ਆਨੰਦ ਮਾਣਦਾ ਹੈ। ਉਹ ਮਨੁੱਖ ਹਰ ਵੇਲੇ ਦਿਨ ਰਾਤ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਨਾਮ ਜਪਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਆਤਮਕ ਅਡੋਲਤਾ ਵਿਚ ਟਿਕ ਕੇ ਉਹ ਹਰਿ-ਨਾਮ ਸਿਮਰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਹੇ ਨਾਨਕ ਜੀ! ਪਰਮਾਤਮਾ ਦਾ (ਹਰ ਵੇਲੇ) ਨਾਮ-ਸਿਮਰਨ (ਹੀ) ਉਸ ਨੂੰ ਵਡਿਆਈ ਮਿਲੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ, ਪ੍ਰਭੂ ਦਾ ਨਾਮ (ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੇ) ਮਨ ਵਿਚ ਪਿਆਰਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ। ਹੇ ਹਰੀ! (ਆਪਣੀ) ਕਿਰਪਾ ਕਰ ਕੇ (ਜਿਸ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਤੂੰ ਆਪਣੇ ਚਰਨਾਂ ਵਿਚ) ਜੋੜ ਲੈਂਦਾ ਹੈਂ, ਉਸ ਨੂੰ ਤੇਰੀ ਹਜ਼ੂਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ॥੫॥੧॥
धनासरी छंत महला ४ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥ सतिगुरु मिलै सुभाइ सहजि गुण गाईऐ जीउ ॥ गुण गाइ विगसै सदा अनदिनु जा आपि साचे भावए ॥ अहंकारु हउमै तजै माइआ सहजि नामि समावए ॥ आपि करता करे सोई आपि देइ त पाईऐ ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥१॥ अंदरि साचा नेहु पूरे सतिगुरै जीउ ॥ हउ तिसु सेवी दिनु राति मै कदे न वीसरै जीउ ॥ कदे न विसारी अनदिनु सम्हारी जा नामु लई ता जीवा ॥ स्रवणी सुणी त इहु मनु त्रिपतै गुरमुखि अम्रितु पीवा ॥ नदरि करे ता सतिगुरु मेले अनदिनु बिबेक बुधि बिचरै ॥ अंदरि साचा नेहु पूरे सतिगुरै ॥२॥ सतसंगति मिलै वडभागि ता हरि रसु आवए जीउ ॥ अनदिनु रहै लिव लाइ त सहजि समावए जीउ ॥ सहजि समावै ता हरि मनि भावै सदा अतीतु बैरागी ॥ हलति पलति सोभा जग अंतरि राम नामि लिव लागी ॥ हरख सोग दुहा ते मुकता जो प्रभु करे सु भावए ॥ सतसंगति मिलै वडभागि ता हरि रसु आवए जीउ ॥३॥ दूजै भाइ दुखु होइ मनमुख जमि जोहिआ जीउ ॥ हाइ हाइ करे दिनु राति माइआ दुखि मोहिआ जीउ ॥ माइआ दुखि मोहिआ हउमै रोहिआ मेरी मेरी करत विहावए ॥ जो प्रभु देइ तिसु चेतै नाही अंति गइआ पछुतावए ॥ बिनु नावै को साथि न चालै पुत्र कलत्र माइआ धोहिआ ॥ दूजै भाइ दुखु होइ मनमुखि जमि जोहिआ जीउ ॥४॥ करि किरपा लेहु मिलाइ महलु हरि पाइआ जीउ ॥ सदा रहै कर जोड़ि प्रभु मनि भाइआ जीउ ॥ प्रभु मनि भावै ता हुकमि समावै हुकमु मंनि सुखु पाइआ ॥ अनदिनु जपत रहै दिनु राती सहजे नामु धिआइआ ॥ नामो नामु मिली वडिआई नानक नामु मनि भावए ॥ करि किरपा लेहु मिलाइ महलु हरि पावए जीउ ॥५॥१॥
अर्थ :- राग धनासरी, घर १ में गुरू रामदास जी की बाणी 'छंत' (छंद)। अकाल पुरख एक है और सतिगुरू की कृपा द्वारा मिलता है। हे भाई! अगर परमात्मा आप कृपा करे, तो उसका नाम सिमरा जा सकता है। अगर गुरू मिल जाए, तो (प्रभू के) प्रेम में (लीन हो कर) आत्मिक अडोलता में (टिक कर) परमात्मा के गुणों को गा सकते हैं। (परमात्मा के) गुण गा कर (मनुष्य) सदा हर समय प्रसन्न रहता है, (परन्तु यह तब ही हो सकता है) जब सदा कायम रहने वाले परमात्मा को आप (यह मेहर करनी) पसंद आए। (गुण गाने की बरकत से मनुष्य) अहंकार, हऊमै, माया (का मोह) त्याग देता है, और, आत्मिक अडोलता में हरि-नाम में लीन हो जाता है। (नाम सिमरन की दात) वह परमात्मा आप ही करता है, जब वह (यह दात) देता है तब ही मिलती है। हे भाई! परमात्मा कृपा करे, तो उसका नाम सिमरा जा सकता है ॥१॥ हे भाई! पूरे गुरू के द्वारा (मेरे) मन में (परमात्मा के साथ) सदा-थिर रहने वाला प्यार बन गया है। (गुरू की कृपा से) मैं उस (प्रभू) को दिन रात सिमरता रहता हूँ, मुझे वह कभी भी नहीं भूलता। मैं उस को कभी भूलाता नहीं, मैं हर समय (उस प्रभू को) हृदय में वसाई रखता हूँ। जब मैं उस का नाम जपता हूँ, तब मुझे आत्मिक जीवन प्राप्त होता है। जब मैं अपने कानों से (हरि-नाम) सुनता हूँ तब (मेरा) यह मन (माया की तरफ़ से) तृप्त हो जाता है। हे भाई! मैं गुरू की शरण पड़ कर आत्मिक जीवन देने वाला नाम-जल पीता रहता हूँ (जब प्रभू मनुष्य ऊपर मेहर की) निगाह करता है, तब (उस को) गुरू मिलाता है (तब हर समय उस मनुष्य के अंदर) अच्छे बुरे की परख कर सकने वाली अक्ल काम करती है। हे भाई! पूरे गुरू की कृपा से मेरे अंदर (प्रभू के साथ) सदा कायम रहने वाला प्यार बन गया है ॥२॥ (जिस मनुष्य को) बड़ी किस्मत से साध संगत प्राप्त हो जाती है, तो उसको परमात्मा के नाम का स्वाद आने लग जाता है। वह हर समय (प्रभू की याद में) सुरत जोड़ी रखता है, आत्मिक अडोलता में टिका रहता है। जब मनुष्य आत्मिक अडोलता में लीन हो जाता है, तब वह परमात्मा के मन में प्यारा लगने लग जाता है, तब वह माया के मोह से मुक्त हो जाता है, निरलेप हो जाता है। इस लोक में, परलोक में, सारे संसार में उस की शोभा होने लग जाती है, परमात्मा के नाम में उस की लगन लगी रहती है। वह मनुष्य ख़ुश़ी ग़मी दोनों से स्वतंत्र हो जाता है, जो कुछ परमात्मा करता है वह उस को अच्छा लगने लग जाता है। हे भाई! जब बड़ी किस्मत से किसी मनुष्य को साध संगत प्राप्त होती है तब उस को परमात्मा के नाम का रस आने लग जाता है ॥३॥ हे भाई! अपने मन के पीछे चलने वाले मनुष्य को आत्मिक मौत ने सदा अपनी निगाह में रखा हुआ है, माया के मोह के कारण उस को सदा दुःख मिलता है। वह दिन रात 'हाए हाए' करता रहता है, माया के दुःख में फंसा रहता है। वह सदा माया के दुःख में फंसा हुआ हऊमै के कारण क्रोध में भी रहता है। उस की सारी उम्र 'मेरी माया, मेरी माया' करते निकल जाती है। जो परमात्मा (उस को सब कुछ) दे रहा है उस परमात्मा को वह कभी याद नहीं करता, आखिर जब यहाँ से चला जाता है तो पछताता है। हरि-नाम के बिना कुछ भी (मनुष्य के) साथ नहीं जाता, पुत्र स्त्री (आदि) दुनिया की माया उस को ठग लेती है। हे भाई! अपने मन के पीछे चलने वाले मनुष्य को आत्मिक मौत दुःखी रखती है, माया के मोह के कारण उस को सदा दुःख मिलता है ॥४॥ हे हरी! जिस मनुष्य को तूँ (अपनी) कृपा कर के (अपने चरणों में) जोड़ लेता हैं, उस को तेरी हज़ूरी प्राप्त हो जाती है। (हे भाई! वह मनुष्य प्रभू की हज़ूरी में) सदा हाथ जोड़ कर टिका रहता है, उस को (अपने) मन में प्रभू प्यारा लगता है। जब मनुष्य को अपने मन में प्रभू प्यारा लगता है, तब वह प्रभू की रज़ा में टिक जाता है, और, हुक्म मान कर आत्मिक आनंद मानता है। वह मनुष्य हर समय दिन रात परमात्मा का नाम जपता रहता है, आत्मिक अडोलता में टिक कर वह हरि-नाम सिमरता रहता है। हे नानक जी! परमात्मा का (हर समय) नाम-सिमरन (ही) उस को वडियाई मिली रहती है, प्रभू का नाम (उस को अपने) मन में प्यारा लगता है। हे हरी! (अपनी) कृपा कर के जिस मनुष्य को तूँ अपने चरणों में) जोड़ लेता है, उस को तेरी हज़ूरी प्राप्त हो जाती है ॥५॥१॥
Dhanaasaree, Chhant, Fourth Mehl, First House: One Universal Creator God. By The Grace Of The True Guru: When the Dear Lord grants His Grace, one meditates on the Naam, the Name of the Lord. Meeting the True Guru, through loving faith and devotion, one intuitively sings the Glorious Praises of the Lord. Singing His Glorious Praises continually, night and day, one blossoms forth, when it is pleasing to the True Lord. Egotism, self-conceit and Maya are forsaken, and he is intuitively absorbed into the Naam. The Creator Himself acts; when He gives, then we receive. When the Dear Lord grants His Grace, we meditate on the Naam. ||1|| Deep within, I feel true love for the Perfect True Guru. I serve Him day and night; I never forget Him. I never forget Him; I remember Him night and day. When I chant the Naam, then I live. With my ears, I hear about Him, and my mind is satisfied. As Gurmukh, I drink in the Ambrosial Nectar. If He bestows His Glance of Grace, then I shall meet the True Guru; my discriminating intellect would contemplate Him, night and day. Deep within, I feel true love for the Perfect True Guru. ||2|| By great good fortune, one joins the Sat Sangat, the True Congregation; then, one comes to savor the subtle essence of the Lord. Night and day, he remains lovingly focused on the Lord; he merges in celestial peace. Merging in celestial peace, he becomes pleasing to the Lord's Mind; he remains forever unattached and untouched. He receives honor in this world and the next, lovingly focused on the Lord's Name. He is liberated from both pleasure and pain; he is pleased by whatever God does. By great good fortune, one joins the Sat Sangat, the True Congregation, and then, one comes to savor the subtle essence of the Lord. ||3|| In the love of duality, there is pain and suffering; the Messenger of Death eyes the self-willed manmukhs. They cry and howl, day and night, caught by the pain of Maya. Caught by the pain of Maya, provoked by his ego, he passes his life crying out, "Mine, mine!". He does not remember God, the Giver, and in the end, he departs regretting and repenting. Without the Name, nothing shall go along with him; not his children, spouse or the enticements of Maya. In the love of duality, there is pain and suffering; the Messenger of Death eyes the self-willed manmukhs. ||4|| Granting His Grace, the Lord has merged me with Himself; I have found the Mansion of the Lord's Presence. I remain standing with my palms pressed together; I have become pleasing to God's Mind. When one is pleasing to God's Mind, then he merges in the Hukam of the Lord's Command; surrendering to His Hukam, he finds peace. Night and day, he chants the Lord's Name, day and night; intuitively, naturally, he meditates on the Naam, the Name of the Lord. Through the Naam, the glorious greatness of the Naam is obtained; the Naam is pleasing to Nanak's mind. Granting His Grace, the Lord has merged me with Himself; I have found the Mansion of the Lord's Presence. ||5||1||
ਗੁਰੂ ਰੁਪ ਸਾਧ ਸੰਗਤ ਜੀਓ
ਭੂਲਾ ਚੁਕਾ ਦੀ ਮਾਫੀ ਬਕ੍ਸ਼ੋ ਜੀ
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ ਜੀ
WaheGuru Ji Ka Khalsa
WaheGuru Ji Ki Fateh Ji
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਿਹ ਜੀ।।
💖💛💙🙂ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫ਼ਤਹਿ 🙌👏🏻🙏🏻👌🏻💫✨️👍🏻♥️❤️🥰💖💛💙🙂ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 💖✨️🫂🙌♥️🎊♥️🙌🎊♥️
ਧੰਨ ਧੰਨ ਅਮਰ ਸ਼ਹੀਦ ਬਾਬਾ ਦੀਪ ਸਿੰਘ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🥰🥰
Waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji
🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏ਸਤਿਨਾਮੁ ਸ੍ਰੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰੋ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
ਧੰਨ ਧੰਨ ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🎉🎉🌹🎉🎉🎉🥰🥰
ਧੰਨ ਧੰਨ ਜਵੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🥰🥰
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🌹 tera shukar hai malka hathh de ke bachayee waheguru ji🌹 ❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉
Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru Waheguru
Hey waheguru ji🌹 sanu baksh lo apba bna lo
Teri kirpa naal hi naam milda waheguru ji🌹 kirpa drishti kro
Sat sangat mile waheguru ji🌹 ❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉
❤❤❤❤❤❤❤
ਮਾਲਕ ਜੀਓ ਸਭਨਾਂ ਨੂੰ ਸੁਮੱਤ ਤਰੱਕੀਆਂ ਤੰਦਰੁਸਤੀਆ ਅਤੇ ਮੇਹਰਾ ਭਰਿਆਂ ਹੱਥ ਰੱਖੀਂਓ ਜੀ।।
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਿਹ ਜੀ।।
ਨਾਨਕ ਨਾਮ ਚੜ੍ਹਦੀ ਕਲਾ ਤੇਰੇ ਭਾਣੇ ਸਰਬੱਤ ਦਾ ਭਲਾ ਕਰੀਓ ਜੀ।।
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਿਹ ਜੀ।।
DHAN 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 GURU NANAK DEV JIO
DHAN DHAN GURU RAM DASS JIO WAHEGURU ❤🙏🙏🙏♥️♥️💕✨️🌻🌻💥🙌🏻🙏🙌🏻🌹🌹🌹♥️♥️♥️
Ik onkar sat Nam Shiri waheguru sahib ji 🙏
Waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru Sahib ji 🙏
Kirpa karo mere baba ji 🙏
Waheguru ji🌹 fauji veera di chardikla karni ji raksha karni
Ghar privar vich khushia deinia waheguru ji🌹
🎉🎉 वाहेगुरु जी वाहेगुरु जी वाहेगुरु
Waheģuru ji waheģuru ji waheģuru ji satnàm waheģuru ji
Jhuthhi dekhi preet jagat mei jhuthhi dekhi preet baba ji sab paise naal vartawa rkhde
Insaan nu kei ni pushda baba ji kirpa kro sansar vich sab nu mil ke rahan di assiss baksho sab da bhala kro waheguru ji🌹 ❤🙏🙏🙏🙏♥️🌹💥🌻♥️♥️♥️
🌹waheguru ji ka khalsa Waheguru ji ki fateh 🌹 waheguru ji ❤️ 🙏🏻 💛👌🏻💕🙌👍🏻🌹
Shukrana Dhan Guru Ramdas Pita ji thanks for everything 🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️🌹🌹🌹🌹
Dhan Guru Ram Dass Ji 🙏🙏🙏🙏🙏
Tere bina is greeb da koei no waheguru ji🌹 tu na bisri na bisari waheguru ji🌹 apna bna lo
Baksh lo
Sade te mehar kro
Ijjat rakhi laaj rakhi is sansar vich vi te lok parlok saath rhi waheguru ji🌹 ❤🎉❤🎉🎉🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ❤️♥️ ❤️🔥👋🏻😘🧡💖❣️😋💙❣️😋❤️😆💖😋💙💟💖😆💙❣️💖😋💙🎊💞🤍👍🏻💘❤️🔥😘😇
WAHEGURU JI 🙏 🌻 💐 🙏 ❤❤❤❤❤
Dhan dhan satguru Gobind singh ji maharaj
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏
Waheguru g 🙏🌹🙏🥀
Dhan dhan satguru Nanak Dev ji maharaj
🌹🌹 Waheguru ji 🙏🏻
Satnaam sri waheguru sahib ji ♥️ 🙏 🙌🏻 ❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉
Waheguru ji
❤❤❤❤❤sat shri akal baba ji 🙏🙏🌹❤️👍💚💙💙😄💗💯🌸💝💜💜♥️♥️💓💖💐🌷🌹❤️❤️
Sat shri akal saari sangta nu ji chardikala kala kro ji Maharaj ji 💓🌹💯❤️👍👌😘😍✈️🌻❤️🌹🌹💚💚🏵️💞💙💓🙏🙏😄🥰💕💗🌷💐💐🌸🌈🌈🍁🍁💖💖💜💝🙌🙌💓💓💓💓💓💓💓
Dhan Dhan Sri Guru Ramdas ji 🙏🏻🙏🏻
Dhan Guru Ram Dass Ji ❤🙏♥️🌻💥🌹😘🙌🏻✨️✨️♥️🙏🙏🙏♥️
❤Dhan Dhan guru Granth sahab jee Tudh aagay ardas hamare jio pind sab taira,Ko Nanak sab taire vsdhee koi nam na janay maia.Wahrguru jee ka Khalsa. Wahrguru jee ke Fateh. ❤🎉❤🎉
Dhan Dhan Guru Ramdas Ji bete te Kripa Kro Ji🎉🎉🎉🎉🎉
🙏🙏♥️♥️ Waheguru ji mehar kri sabh da bhala kare waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji ka Khalsa waheguru ji ki fateh ♥️♥️🙏🙏
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ਧੰਨ - ਧੰਨ ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ ਤੇ ਧੰਨ - ਧੰਨ ਜਗਤ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ ਦੇਸ਼, ਕੌਮ, ਸੰਸਾਰ ਤੇ ਮੇਹਰ ਭਰਿਆ ਹੱਥ ਤੇ ਸੁੱਖ - ਸ਼ਾਂਤੀ ਰੱਖਣਾ।
🌹🌹🪷🪷🌊🌊🛞🛞🌳🌳💥💥🌷🌷🦚🦚🌺🌺💮💮🌈🌈🐅🐅💐💐🎎🎎🥀🥀
Satnam sh akalpurkh waheguru sahib jii dhan ho.
Dhan.Gruu.Ramdass.Ji.Dhan.Babba.Deep.Singj.jiSab.Tha.BhalLa
ਧੰਨ ਧੰਨ ਧੰਨ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ❤🎉❤
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ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ
Waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru waheguru ji 🙏💐💐🙏💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐🙏💐🙏💐💐🙏🙏💐🙏 🙏🙏
Satnam shri Waheguru ji sarbat da bhala kro ji🙏🏻🙏🏻❤️❤️
🌹🌹🌹🌹🌅🌅🌅🌅🫓🫓🫓 Dhan-Dhan Guru Ramdas Sahib Ji Maharaj te Dhan-Dhan Jagat Guru Granth Sahib Ji Maharaj Desh, Kom , sansar te mehar bhreya hatth te sukh-santi rakhna.
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ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ..... ਗੁਰੂ ਪਿਆਰੀ ਸਾਧ ਸੰਗਤ ਜੀ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਮਨ ਲਗਾ ਕੇ ਹੁਕਮਨਾਮਾ ਸਾਹਿਬ ਪੜ੍ਹੋ ਸੁਣੋ ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਤੇ ਅਮਲ ਕਰ ਕੇ ਮਾਇਆ ਦੇ ਮੋਹ ਤੋਂ ਨਿਰਲੇਪ ਹੋ ਕੇ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਤੇ ਸਫ਼ਲ ਬਣਾਓ ਜੀ। ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ .....
ਸਤ ਬਚਨ ਜੀ
ਮਹਾਰਾਜ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
ਕ੍ਰਿਪਾ ਕਰਨ ਜੀ
ਸਾਡੇ ਤੇ
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🌹
Satnam Sri Weheguru Sahib ji Dhan Dhan Guru Ramdas ji Mere privar te sada kirpa te mehar kro ji 🌹🌹🌹🌹💐❤️🤲🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏻🌷🌷🙏🏻waheguruji!!! aap karta kare soii aap dey ta paaiye! har jio kripa kare taan naam dheeyaiye jio.................🌷🌷waheguruji waheguruji waheguruji 🌷🌷naamo naam mili vaddyaaii Nanak naam mann bhaave, kar kirpa leho milaaye mehal har paave jio !!🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🌷🙏🏻🙏🏽
Satnam Sri Waheguru sahib ji 🙏👏🤲🙌🏽🙇🏻♂️🎋💐🌹🌺
Kro.Ji
Satnam Sri Wahiguru sahib Jio ❤️🙏❤️🩹👏👏❤️🩹🙏🏼🙏🏼🙏🙏🏼🙏🏼🙏
Waheguru waheguru waheguru ji 💛💙💖💛❤💜😇😆❤🔥😘💛💛😘💛👋🏻👋🏻💖💙💛💖💙👋🏻💛💖💙❤💛
A
Dhan Dhan Sri Guru Ramdas Ji 🙏💐🙏🙏💐💐🙏🙏💐💐Waheguru ji 💐💐💐💐💐
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❤ਵਹਿਗੁਰੂ ਵਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ ਧੰਨ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਸਾਹਿਬ ਮਹਾਰਾਜ ਜੀ ਮੇਰੇ ਸਿਰ ਤੇ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਮਿਹਰ ਭਰਿਆ ਹੱਥ ਰੱਖਣਾ ਜੀ ਮੈਨੂੰ ਤੰਦਰੁਸਤੀ ਦੇਵੋ ਜੀ ਮੇਰੇ ਤੇ ਕਿਰਪਾ ਕਰੋ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਸਰਬੱਤ ਦਾ ਭਲਾ ਕਰਨਾ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਮੇਰੀ ਬੇਨਤੀ ਸਵੀਕਾਰ ਕਰੋ ਜੀ ਮੇਰੀ ਹਾਜ਼ਰੀ ਸਵੀਕਾਰ ਕਰਨਾ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਮੇਰੇ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਦਾ ਭਲਾ ਕਰਨਾ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਮੈਨੂੰ ਚੜਦੀ ਕਲਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣਾ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਮੈਨੂੰ ਬੂਰੀ ਨਜ਼ਰ ਤੋਂ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣਾ ਜੀ ਮੇਰੇ ਅੰਗ ਸੰਗ ਸਹਾਈ ਰਹਿਣਾ ਜੀ ਮੇਰੇ ਤੇ ਕਿਰਪਾ ਕਰੋ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ🙏🙏🙏🙏🙏❤🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
WaheGuru Ji Jastaj nu sumat bakhshna Ji Vidya da daan bakhshna Ji har medano fate karna Ji jit dena Ji safar sukhale karna Ji sab di sehta theek karo Ji shukrana shukrana 🙏 🎉🎉
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
WaheGuru Ji Gudia Sartaj nu mila ke rakhna Ji Sohna bucha ya biba di daat bakhshna Ji kam krodh lob moh hankar door karo Ji sara pariwar piar naal Rehan Ji deh arogta bakhshna Ji shukrana 🙏 🎉🎉
WaheGuru Ji Dhan Dhan Guru Ram Dass Ji mehar karo Ji meri buchi di sehta theek karo Ji depration theek karo Ji sukh shanti deo Ji shukrana shukrana 🙏 🌻
WaheGuru Ji Gudia Sartaj our family bless with good health n wealth and happiness n sikhi da daan bakhshna Ji sara pariwar piar naal Rehan Ji mera guacha saman mil jai Ji shukrana 🎉🙏🌻
WaheGuru Ji Preet paal veer Ji de Bajaj Life insurance company to kase jita Dena ji Gudia da paper clear kra do Ji job banai rakhna Ji Gudia Sartaj nu Guru Dware naal Guru di bani naal jorho Ji shukrana 🙏 🎉🎉
ਧੰਨ ਧੰਨ ਬਾਬਾ ਸੱਚਨ ਸੱਚ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🥰🥰
Satnam waheguru ji🙏🙏 🌹🌹
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ💕💕 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ💕💕💕
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ 🙏🏻 🌹😊 ❤️♥️ ❤️🔥👋🏻😘🧡💖❣️😋💙❣️😋❤️😆💖😋💙💟💖😆💙❣️💖😋💙🎊💞🤍👍🏻💘❤️🔥😘😇
Dhan dhan satguru Ramdas ji maharaj
❤❤❤❤❤sat shri akal baba ji 🙏🙏🌹❤️🌸💯💯💗😄💙💚👍👍🌻💜💓💖💐🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
ਸਤਿਨਾਮ ਸ੍ਰੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਜੀ 🙏🙏🙏🙏
Satnam shri waheguru ji 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ਧੰਨ ਧੰਨ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ❤🎉❤
Waheguru ji mehr karo ji 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤Satnam shri waheguru sahib ji ❤Dhan Dhan shri guru Ram Das ji sahib ji ❤sarbat da bhala karo ji parivar te mehar rakho ji kirpa karo ji❤❤❤❤
Dhan Dhan Guru Ramdas ji Mehar Karo ji Mehar 🙏 ♥️
🙏🙏🙏🙏🙏 Waheguru Ji mehar Karo 🙏🙏🙏🙏
Waheguru ji apna mehar parya hath rakho ji.👏👏👏🥀🥀🥀👏👏👏
Waheguru ji 🎉🎉🎉🎉
Waheguru ji ka khalsa waheguru ji ki Fateh 🙏🌞🌻
Waheguru ji 🙏
Waheguru ji
Waheguru ji mehar kreo sab te 🙏🙏
Waheguruji waheguruji Waheguruji Waheguruji waheguruji waheguruji Waheguruji 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ਧੰਨ ਧੰਨ ਗੁਰੂਰਾਮਦਾਸ ਜੀ
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ
Weaguru ji tu datta datarra tera ditta kawana 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ਧੰਨ ਧੰਨ ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🥰🥰🎉
Dhan dhan satguru Granth sahab ji maharaj
Waheguru ji
Satnam shri waheguru ji mehar kareo 🙇♂️🙏❤️
Weaguru ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ਧੰਨ ਧੰਨ ਬਾਬਾ ਨੌਧ ਸਿੰਘ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🥰🥰
Satnam waheguru ji🙏🙏 🌹🌹
Satnaam sri waheguru sahib ji ♥️ 🙏
Dhan dhan baba budha sahab ji
ਧੰਨ ਧੰਨ ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਸਾਹਿਬ ਜੀ❤🎉❤
Dhan dhan shri Guru Ram Das ji 🙏🙏🌹🌹🌻🌹🌹🌻🌹🌹
Waheguru ji
ਧੰਨ ਧੰਨ ਬਾਬਾ ਬੁੱਢਾ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਿਰਪਾ ਕਰਨੀ ਵਾਹਿਗੁਰੂ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🎉🎉🎉🎉🎉🎉🥰🥰
Satnam Shri Waheguru ji 🙏
Waheguru ji waheguru ji ❤❤
Waheguru ji🙏
Dhan dhan guru granth sahib ji