15. आत्मिक रूप से सुखी होने के उपाय कठोपनिषद् 2/13-15
HTML-код
- Опубликовано: 7 май 2024
- हमारी कक्षाओं से जुड़ने के लिए कृपया इस लिंक पर जाकर व्हाट्सएप समूह से जुड़ें👇
chat.whatsapp.com/HF1J2cwUBsm...
हमें सहयोग करें
खाताधारक- अंकित कुमार
बैंक- State Bank of India
A/C no. 33118016323
IFSC- SBIN0031104
UPI- 7240584434@upi
Paytm, phoneपे, Gpay आदि के लिये इस नम्बर का प्रयोग करें-
7240584434
हमारे चैनल की सभी कक्षाओं को क्रम से देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें
ईशोपनिषद्
• ईशोपनिषद्
योग दर्शन
• योग दर्शन
ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका
• Rigved-aadi Bhaashya B...
अध्यात्म
• अध्यात्म
सत्यार्थ प्रकाश प्रथम समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (प्रथम...
सत्यार्थ प्रकाश द्वितीय समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (दूसरा...
सत्यार्थ प्रकाश तृतीय समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (तीसरा...
सत्यार्थ प्रकाश चतुर्थ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (चौथा ...
सत्यार्थ प्रकाश पंचम समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (पाँचव...
सत्यार्थ प्रकाश षष्ठ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (छठा स...
सत्यार्थ प्रकाश सप्तम समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (सातवा...
सत्यार्थ प्रकाश आठवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (आठवाँ...
सत्यार्थ प्रकाश नौवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (नौवाँ...
सत्यार्थ प्रकाश दसवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (दसवाँ...
सत्यार्थ प्रकाश ग्यारहवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (ग्यार...
सत्यार्थ प्रकाश बारहवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (बारहव...
सत्यार्थ प्रकाश तेरहवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (तेरहव...
सत्यार्थ प्रकाश चौदहवाँ समुल्लास
• सत्यार्थ प्रकाश (चौदहव...
सत्यार्थ प्रकाश सार
• सत्यार्थ प्रकाश सार
ॐ
आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏🚩🌞🕉️ ॐ नाम परमेश्वर का अपना नाम है ॐ सब्दा संसार जग के बनने से पहले ही शुरू हो गया था क्योकी सोलर वाइस ही है सत्य वचन सुनकर बहुत अच्छा लगा पृथ्वी सूर्य देव का ही एक टुकड़ा अलग हो कर करोड़ों वर्ष बाद ठंडी हो कर वर्षा जल हवा एच.२ओ से बनी हुई है फिर पेड़ पौधे नदी झील आदि बने जीव जन्तु आदि उत्पन हुए हजारों साल बाद फिर आदि मानो मनुष्य का जन्म हुआ 🌻🌷🌺🕴️👫👭👯🕺🐕👍🧡👍
नमस्ते आचार्यजी।🙏🙏🙏
Great work guru dhanyvad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ओम् , सादर प्रणाम आचार्य जी।
Ram.
सादर नमस्ते जी।
सादर नमस्ते आचार्य जी
जीव आत्मा कामना से लिप्त रहती है।
आत्मा किसी से लिप्त नहीं रहती।आत्मा पर किसी भी चीज़ कि आसर नहीं होता।।
हम ये समझते हैं और मानते हैं।
कुछ कहें। धन्यवाद
त्या असत नहीं है। सत है जीव आतम जीव के साथ जीव है और असत है जीव आत्मा शरीर है और केवल शरीर असत है।
त्या आत्मा