कोर्ट या दरबार उचित शब्द है, न्यायालय कहना उचित नहीं हैं क्योंकि कोर्ट या दरबार से केवल एक फैसला मिलता है, उसमें न्याय का अंश भी हो सकता है, जरूरी नहीं है.
We want Advocate free Jurisdiction systems and Laws, specially defending advocate free Jurisdiction systems , Atul's advocate is the biggest culprit!!!!!
कानून का दुरूपयोग करने वाले सरकारी कार्मिकों के खिलाफ सुनवाई का जिला स्तर पर सुनवाई का तन्त्र विकसित होने की आवश्यकता है। आरोपित होंने के डर से सरकारी कार्मिक सावधान होंगे।
Super 👍👍 great salute sir 💯 true Every family facing dowry case. I depressed. My mind empty I am very very upset What is family only one woman.shes girl.non of other? mother is not girl sister' s not girl
Alumni and maintenance should be stopped. If a person is not working and the courts are forcing him to earn money in any way by working or begging. So womens can earn money by working or begging.
Solution Desh k Sabhi pursh ko ek strong stand Lena chaiye... pursh k liye bhi saman kanoon chiye Ladies k favour se alimony and maintenance laws hataiye... 498A bhi hatana hai.... Agar government yeh sab nahi karti VOTE mat dijiye...
सिस्टम और सिस्टम का रखवाला घोर भ्रष्ट है। लोग अपराधियों का चेहरा देखना चाहते हैं, देख सकते हैं, लेकिन सिस्टम का कोई चेहरा नहीं होता क्योंकि यह देश की संस्कृति की उपज है।
भारत सरकार ही पुरूषों को कमजोर करती तभी राजनीति कर पायेंगी अगर कानून से पुरूषों कमजोर नहीं करेगी तो आज देश में कोई नेता नहीं होता इसलिए कानून में कोई बदलाव नहीं करेगी कानून बदलाव बिल पारित संसदीय कार्य है कानून में बदलाव मतलब अपने आप को कमजोर करना ये नेता नहीं होने देगा । सभी नेता जनते है कि भारत के घर घर में आपस में लड़ते हैं लड़ाई होती है केस मुकदमा कोर्ट कचहरी अपने घर में ही लड़ता है।
जो निर्दोष है वह तो सबको दिखता है पर पुलिस ,वकील की कबालीयत तो इसी में छूपी है ना कि निर्दोष को दोषी साबित करना है ऐसा कर ये लोग अपने को महान समझते हैं ।
मतलब आप तीनो इतने बडे पेटीकोट पुरुष है या नारीवादी विचार के है या डरते है कि एक बार भी नहीं कहा कि हां महिलाये गलत कर रही है अब पुरुषो के साथ बस न्याय व्यवस्था को दोष दे दिए सब।
POLICE WALE+ COURT WALE COMMON TAXSPAYERS KE RUPEYE SE MONTHLY-₹80000/ SE ₹90000/- BHOG RAHE AUR RETIREMENT KE BAAD- MONTHLY PENSION-₹50000/- AUR PHIR NIRDOSH PATIYO SE VASULI VAH RE DESH BHARAT HAMARA
Maintenance should be capped with Rs. 1500/- which is equivalent to pension given to a widow and a child by any State government. If wife won in the court the cases of dowry and D.V. than husband should be sent to a Jail.
If he leave his job.......even then the court will preaume that your past salary is your ability to earn.......if you are not earning right now that's your wish.......but maintainance will applicable on your past salary basis.......therefore there is no use of dropping your salary.......this is how practically happens in court room
बिलकुल सही बात है हमारे देश में एक तरफा कानून है
Absolutely
Lawyer nahi hone chahiye. School se hi law sikhana chahiye
क्या सही बात कही आपने, salute है आपको, न्याय व्यवस्था जर्जर है आम आदमी के लिए
क्या बात कही है, एक बे ईमान देश मै, ईमान की बात, बे इमानी है😂😂😂😂
बिल्कुल सही कहा न्यायालय सिर्फ फसाने के लिए है।
Bhut hi axa analysis hai. Great 👍👍
498A aur #maintenance Law Band hona chahiye
पहली बार सार्थक बहस 🙏🙏🙏🙏
You are right sir 👍
काम देखिए बेंगलूर पुलिस का अति सराहनीय कार्य धन्यवाद बेंगलूर पुलिस
Because of social media or they won't do anything...
Lakho case hain aise, aur police koi sunwayi nahi karti
पुरुष विरोधी कानून वापस लो 😢😢
हाई कोर्ट ने पति को कहा है कि लेबर का काम भी करो मेंटेनेंस देना पड़ेगा
संविधान का अनुच्छेद 23 के खिलाफ है?🤔
पत्नी की एडल्टरी के लिए पति के बचाव के सारे कानूनी रास्ते बंद हैँ
Shibbaat hai tabhi LoveZihad bad rha hai.
Reality ❤. Hope kisi ka bhala ho
कोई नेता इस मुद्दे पर नहीं बोलता क्यू.....
Sahi baat
Ek dum sahi bath bathaye aapne.
सबसे बड़ा झूठ भारत आजाद हो गया 😂
🤣🤣🤣🤣🤣
Very correct.
कोर्ट या दरबार उचित शब्द है, न्यायालय कहना उचित नहीं हैं क्योंकि कोर्ट या दरबार से केवल एक फैसला मिलता है, उसमें न्याय का अंश भी हो सकता है, जरूरी नहीं है.
कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
Hahahaha kanun ka durupyoga karne ke liye kanunan karyawahi ho are dekh to lo Kya likh rahe ho gyani ji 😅
😂
Revolt against corrupt indian judiciary.
498a खुद का समस्या है.... ये काला कानून है
घरेलू हिंसा केवल स्त्री के विरुद्ध क्यों?? उसी कानून में पुरुषों को क्यों शामिल नहीं किया गया है।
भारत कानून का नहीं ताक़त का देश है, यहां सारे काम ताक़त से होता है। और हंसी की बात ये है कि ये पढ़ें लिखो का देश है।
होली दिवाली पर स्वत: संज्ञान लेने वाले उच्चतम न्यायालय इस हृदय विदारक घटना का संज्ञान नहीं लेगा
महाराष्ट्र मै गो {गाय } सेवा आयोग स्थापित कर दिया सरकारने पर पुरुष आयोग नही 😢
We want Advocate free Jurisdiction systems and Laws, specially defending advocate free Jurisdiction systems , Atul's advocate is the biggest culprit!!!!!
कानून का दुरूपयोग करने वाले सरकारी कार्मिकों के खिलाफ सुनवाई का जिला स्तर पर सुनवाई का तन्त्र विकसित होने की आवश्यकता है। आरोपित होंने के डर से सरकारी कार्मिक सावधान होंगे।
Very right discussion 😢😢
Super 👍👍 great salute sir 💯 true
Every family facing dowry case.
I depressed.
My mind empty I am very very upset
What is family only one woman.shes girl.non of other? mother is not girl sister' s not girl
I thought it was a random video but when I saw the video it was really great
And yes sir shared valuable information
Why RSS silent on this issue,
Bilkul sahi court bachane ke liye nhi phasane ke liye hota hai
Good thinking
100%right
Sahi baat
Nayay ke liye adalat nahi...
Anyay ke liye adalat jaate hai....
पंचायत खत्म करके अदालत बिजनेस करने के लिए खोली गई है यह अंग्रेजों की पॉलिसी है
💯 सत्य
Purush aayag ki gathan kijiya
100 percent sahi
Right hai
Vary good point wright point
छोटी जाति के साथ भी durwewhar करते है सामंत वादी जाती के लोग इनके लिए भी कानून बनाना चाहिए।
Bahut sahi
Right👌
निचली अदालत खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के रूलिंग को नहीं मानते
Hamare sath bhi aisa hua hai nyayalay ne koi sabut nahi mana yaha tak 65b bhi
आदमी प्रेम आधे शक्ति / मन से करते हैं।
नफरत आदमी पूरे मन से एवं पूरी शक्ति
से करता है।
असल में आदमी शैतान का पूजारी है।
Bilkul sehi nolrehi ho
True comments
भारत में जनेऊपालिका है। डायरसिटी द्वारा इसे न्यायपालिका बनाया जा सकता है
Very true
अब तो लगता है जज भी बिक रहा है।
Reeta kausik ko giraftar kero. Iski sampatti ki janch honi chahiye
Bahut sahi. Hai bhaiya
Sir aap bilkul shi hai pura sistam hi duba huaa hai
अब तक माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कोई स्वतः सज्ञान नहीं लिया
Supreme court ne tou sab kaam kharab Kia hai, SC not following law mentioned they make their own law.
Ye baat sach hai me bhi court me jata hu. Vo feaane ke liye hai bechane ke liye nehi.
Bikul sahi baat kahe aapne.
😢😢Right ❤👌🙏...
अन्यायलय
this is so true
क्या फर्जी/झूठे केस रोकने के लिए अश्विनी उपाध्याय(BJP MP, Advocate Supreme Court)का सुझाव सही है??
Shame on the Indian judiciary system
सही बात है
Agreed
Alumni and maintenance should be stopped. If a person is not working and the courts are forcing him to earn money in any way by working or begging. So womens can earn money by working or begging.
उम्दा और सार्थक बहस
Uss corrupt judge ka kuch hoga ya nahi. Mujhe toh nahi lagta kuch hoga
Don't marry bro..
MANIPULATORS WIN IN POLICE n JUDICIARY 😢
Solution
Desh k Sabhi pursh ko ek strong stand Lena chaiye...
pursh k liye bhi saman kanoon chiye
Ladies k favour se alimony and maintenance laws hataiye...
498A bhi hatana hai....
Agar government yeh sab nahi karti VOTE mat dijiye...
My wife is extorting money by filing false cases. she lived with me for only 2 months
सिस्टम और सिस्टम का रखवाला घोर भ्रष्ट है। लोग अपराधियों का चेहरा देखना चाहते हैं, देख सकते हैं, लेकिन सिस्टम का कोई चेहरा नहीं होता क्योंकि यह देश की संस्कृति की उपज है।
भारत सरकार ही पुरूषों को कमजोर करती तभी राजनीति कर पायेंगी अगर कानून से पुरूषों कमजोर नहीं करेगी तो आज देश में कोई नेता नहीं होता इसलिए कानून में कोई बदलाव नहीं करेगी कानून बदलाव बिल पारित संसदीय कार्य है कानून में बदलाव मतलब अपने आप को कमजोर करना ये नेता नहीं होने देगा । सभी नेता जनते है कि भारत के घर घर में आपस में लड़ते हैं लड़ाई होती है केस मुकदमा कोर्ट कचहरी अपने घर में ही लड़ता है।
JUSTICE FOR RICH 😢😮
जो निर्दोष है वह तो सबको दिखता है पर पुलिस ,वकील की कबालीयत तो इसी में छूपी है ना कि निर्दोष को दोषी साबित करना है ऐसा कर ये लोग अपने को महान समझते हैं ।
Vah kya baat khi ,very true
498 A हटाओ
There is no court system in this country.
इस मुहीम को और तेज करो...
मतलब आप तीनो इतने बडे पेटीकोट पुरुष है या नारीवादी विचार के है या डरते है कि एक बार भी नहीं कहा कि हां महिलाये गलत कर रही है अब पुरुषो के साथ बस न्याय व्यवस्था को दोष दे दिए सब।
Koi kisi ke sath galat jab karta h jab use pata h ki mere support me pura system khada h
👍👍👍👍
Yeh sahi hai
POLICE WALE+ COURT WALE COMMON TAXSPAYERS KE RUPEYE SE MONTHLY-₹80000/ SE ₹90000/- BHOG RAHE AUR RETIREMENT KE BAAD- MONTHLY PENSION-₹50000/- AUR PHIR NIRDOSH PATIYO SE VASULI VAH RE DESH BHARAT HAMARA
❤ Reallity of Judiciary system
Tax hi kyo ,sare expenses ,including litigation ,,parents responsiblities sabhi ko husband ki income se reduce karna chahiye
False cases if proved evrn the judge and lawyer to be sentenced
Judges aur vakilo ki mili bhakt sathe police sone pe suhaga
admi mukt bharat 2047 tak sarkar ka pukar aur mahilaonko sab free.admi hinjda bangaye
Harasmentalya not nyayalya ,shameful Nice Trùe ,
Society is foolishly empowering women
High court me maine meri bhi sun ligiye to judge ne gali tak diya or kaha jail me dal denge
Sahi hai
Maintenance should be capped with Rs. 1500/- which is equivalent to pension given to a widow and a child by any State government. If wife won in the court the cases of dowry and D.V. than husband should be sent to a Jail.
Purush ke liye patani ke khilaf koye kanun nahi hai🎉😢😮😅😅😊😊😊😅😅😮
Tax expenses is time pass discussion in comparison to seriousnes of problem
What is about System?
Sir.ne.vilkul.saty.vola.
Shame on indian judiciary..
There should not be fir or cases only counselling if they are able to earn
Family court ab slaughter house ban chuke Hai.shame. shame shame shame shame shame shame shame shame shame
If he leave his job.......even then the court will preaume that your past salary is your ability to earn.......if you are not earning right now that's your wish.......but maintainance will applicable on your past salary basis.......therefore there is no use of dropping your salary.......this is how practically happens in court room