Guru Aapo Ne Ogho Aaj | Saiyam Geet | Stavan Stuti Sajjay (SSS)

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  • Опубликовано: 17 окт 2024
  • रचना: प. पू. आ. श्री भाग्ययशसूरीश्वरजी म. सा.
    Lyrics:-
    तर्ज: (माझी बाय गो सांग लगीन तू)
    जग तारण छे भव वारण छे, एवा संयम जीवन ने वंदना छे...
    कर्म हरण छे तारण तरण छे, एवा संयम जीवन ने वंदना छे...
    तप त्याग नी उमटे सवारी, जीवन एवुं छे मनोहारी,
    संसारी संबंध तोडनारी, संयम नी यात्रा सुखकारी,
    प्रभु वीरनो वेश रंगावो..(२)
    संयम नो वगडाओ पावो...
    गुरू आपो, गुरू आपो, गुरू आपोने ओघो आज,
    मारे लेवुं, मारे लेवुं, मारे लेवुं छे मुक्तिनुं राज...
    कबड्डी, क्रिकेट ने लंगडी, पकडा-पकडी घनी रमी,
    हवे तो मारे, रमवुं छे संयम जीवन मां,
    चायनीज इटालियन पंजाबी, आहार नी करी गुलामी,
    हवे तो मारे, करवी छे तप त्याग नी साधना,
    मने वीर नो वारस बनावो..(२)
    संयम नो वगडाओ पावो...
    गुरू आपो, गुरू आपो, गुरू आपोने ओघो आज,
    मारे लेवुं, मारे लेवुं, मारे लेवुं छे मुक्तिनुं राज...
    गुरू आणी मां संयम नो साद, सुनी ने प्रगट्यो अंतरनाद,
    हवे तो मारे, रहेवुं छे गुरूवर आण मां,
    लागी छे प्रभु ना पंथ नी प्यास, उजला जीवन केरी छे आश,
    हवे तो मारे, विहरवुं मुक्ति गगन मां,
    मने वीर नो वारस बनावो..(२)
    संयम नो वगडाओ पावो...
    गुरू आपो, गुरू आपो, गुरू आपोने ओघो आज,
    मारे लेवुं, मारे लेवुं, मारे लेवुं छे मुक्तिनुं राज...

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