सही बात है, जैन सनातन का ही भाग है, और विभिन्न संप्रदाय से बना है, में स्वामिनारायण संप्रदाय से हूं और हमारे ग्रंथों में और वहा के इतिहास मे भी लिखा है कि भगवान स्वामिनारायण वहा दर्शन करने गए थे और तप भी किया था तो सिर्फ हमारा संप्रदाय ऐसा कहने लगे कि ये जगह हमारी है और हमारा मंदिर वहा होना चाहिए क्योंकि वो तीर्थ हमारा है और हमारे भगवान वहा गए थे । ऐसी बहोत जगह है जहा समय समय पर अनेक अवतार, भगवान, ऋषि और महात्मा गए है पर ऐसे सब मेरा मेरा करके हक जताने लगे तो क्या खाक हमारी संस्कृति हमारा धर्म और हमारा राष्ट्र को हम मानते है। हमारी संस्कृति में तो सालो से मिल जुल कुल राहेना सिखाया जाता है। कभी कुछ हो तो जूक जाते बड़ो के सामने पर अपने ही अपनो में कभी ऐसे हक जताते नही। कृपया बाकी भक्तगण भी ऐसे विदेशी संस्कृति और आज कल के पॉलिटिक्स और स्वार्थी विचारधारा से प्रेरित ऐसे लोग, संगठन और कार्य से दूर रहे और ना ऐसी चीजों को बढ़ावा दे। जैन हमेशा से शांति बनाने और उसका फेलावा करने का कार्य करता आया है। उसकी वजह से ही आज जीवहिंसा ना करके सदाचार का पालन कर रही लोगो कि संख्या ज्यादा है और जिसकी सराहना हर एक संप्रदाय करता आया है।
गिरनार पर्वत श्रीं भगवान दत्तात्रय की भूमि है। जैन धर्म हिंदू धर्म का ही अंग है कृपया जैन और हिंदू में फुट डालने वाले से सावधान रहिए। अंग्रेजों ने तोड़ो फोड़ों और राज करो ऐसेही कुछ लोग आज इस्लामिक लोग भी चाहते है। जय सनातन जय जिनेन्द्र ❤❤❤ सब प्यार से रहे
सही बात है, जैन सनातन का ही भाग है, और विभिन्न संप्रदाय से बना है, में स्वामिनारायण संप्रदाय से हूं और हमारे ग्रंथों में और वहा के इतिहास मे भी लिखा है कि भगवान स्वामिनारायण वहा दर्शन करने गए थे और तप भी किया था तो सिर्फ हमारा संप्रदाय ऐसा कहने लगे कि ये जगह हमारी है और हमारा मंदिर वहा होना चाहिए क्योंकि वो तीर्थ हमारा है और हमारे भगवान वहा गए थे । ऐसी बहोत जगह है जहा समय समय पर अनेक अवतार, भगवान, ऋषि और महात्मा गए है पर ऐसे सब मेरा मेरा करके हक जताने लगे तो क्या खाक हमारी संस्कृति हमारा धर्म और हमारा राष्ट्र को हम मानते है। हमारी संस्कृति में तो सालो से मिल जुल कुल राहेना सिखाया जाता है। कभी कुछ हो तो जूक जाते बड़ो के सामने पर अपने ही अपनो में कभी ऐसे हक जताते नही। कृपया बाकी भक्तगण भी ऐसे विदेशी संस्कृति और आज कल के पॉलिटिक्स और स्वार्थी विचारधारा से प्रेरित ऐसे लोग, संगठन और कार्य से दूर रहे और ना ऐसी चीजों को बढ़ावा दे। जैन हमेशा से शांति बनाने और उसका फेलावा करने का कार्य करता आया है। उसकी वजह से ही आज जीवहिंसा ना करके सदाचार का पालन कर रही लोगो कि संख्या ज्यादा है और जिसकी सराहना हर एक संप्रदाय करता आया है।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thank you 🙏😊
Bahut sunder bhajan 👏👏
Thank you 🙏
Wah wah bahut sundar 👌👌💓💓
Thank you 😊
जय गुरदेव दत्त🎉🎉
Jai jinendra
🙏🙏
Aawaj ultimate
Thank you 😊
@@voiceofnidhijain welcome
🙏🙏🙏👌
Thank you 😊
गिरनार मोक्ष भूमि है हमारी
सदा रही है
सदा रहेगी।
🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
अति सुन्दर भजन
🙏🙏
Hamesha ki trah....sundar bhajan❤
Thank you 😊
🙏🙏
😊😊
Har har Mahadev ❤️🔴❤️
Jai Shree Ram❤❤
सही बात है, जैन सनातन का ही भाग है, और विभिन्न संप्रदाय से बना है, में स्वामिनारायण संप्रदाय से हूं और हमारे ग्रंथों में और वहा के इतिहास मे भी लिखा है कि भगवान स्वामिनारायण वहा दर्शन करने गए थे और तप भी किया था तो सिर्फ हमारा संप्रदाय ऐसा कहने लगे कि ये जगह हमारी है और हमारा मंदिर वहा होना चाहिए क्योंकि वो तीर्थ हमारा है और हमारे भगवान वहा गए थे । ऐसी बहोत जगह है जहा समय समय पर अनेक अवतार, भगवान, ऋषि और महात्मा गए है पर ऐसे सब मेरा मेरा करके हक जताने लगे तो क्या खाक हमारी संस्कृति हमारा धर्म और हमारा राष्ट्र को हम मानते है। हमारी संस्कृति में तो सालो से मिल जुल कुल राहेना सिखाया जाता है। कभी कुछ हो तो जूक जाते बड़ो के सामने पर अपने ही अपनो में कभी ऐसे हक जताते नही। कृपया बाकी भक्तगण भी ऐसे विदेशी संस्कृति और आज कल के पॉलिटिक्स और स्वार्थी विचारधारा से प्रेरित ऐसे लोग, संगठन और कार्य से दूर रहे और ना ऐसी चीजों को बढ़ावा दे। जैन हमेशा से शांति बनाने और उसका फेलावा करने का कार्य करता आया है। उसकी वजह से ही आज जीवहिंसा ना करके सदाचार का पालन कर रही लोगो कि संख्या ज्यादा है और जिसकी सराहना हर एक संप्रदाय करता आया है।
True 👏👏
🙏🙏
👌👌👌👌👌👍👍👍👍🎉
Thank you 🙏
गिरनार पर्वत श्रीं भगवान दत्तात्रय की भूमि है। जैन धर्म हिंदू धर्म का ही अंग है कृपया जैन और हिंदू में फुट डालने वाले से सावधान रहिए। अंग्रेजों ने तोड़ो फोड़ों और राज करो ऐसेही कुछ लोग आज इस्लामिक लोग भी चाहते है। जय सनातन जय जिनेन्द्र ❤❤❤ सब प्यार से रहे
सही बात है, जैन सनातन का ही भाग है, और विभिन्न संप्रदाय से बना है, में स्वामिनारायण संप्रदाय से हूं और हमारे ग्रंथों में और वहा के इतिहास मे भी लिखा है कि भगवान स्वामिनारायण वहा दर्शन करने गए थे और तप भी किया था तो सिर्फ हमारा संप्रदाय ऐसा कहने लगे कि ये जगह हमारी है और हमारा मंदिर वहा होना चाहिए क्योंकि वो तीर्थ हमारा है और हमारे भगवान वहा गए थे । ऐसी बहोत जगह है जहा समय समय पर अनेक अवतार, भगवान, ऋषि और महात्मा गए है पर ऐसे सब मेरा मेरा करके हक जताने लगे तो क्या खाक हमारी संस्कृति हमारा धर्म और हमारा राष्ट्र को हम मानते है। हमारी संस्कृति में तो सालो से मिल जुल कुल राहेना सिखाया जाता है। कभी कुछ हो तो जूक जाते बड़ो के सामने पर अपने ही अपनो में कभी ऐसे हक जताते नही। कृपया बाकी भक्तगण भी ऐसे विदेशी संस्कृति और आज कल के पॉलिटिक्स और स्वार्थी विचारधारा से प्रेरित ऐसे लोग, संगठन और कार्य से दूर रहे और ना ऐसी चीजों को बढ़ावा दे। जैन हमेशा से शांति बनाने और उसका फेलावा करने का कार्य करता आया है। उसकी वजह से ही आज जीवहिंसा ना करके सदाचार का पालन कर रही लोगो कि संख्या ज्यादा है और जिसकी सराहना हर एक संप्रदाय करता आया है।
@@Sarjudas_entertainment सही कहा भाईजी 🙏🙏🙏
आपकी जैन धर्म के लिए निष्ठा अदभुत है
Thank you 😊