बहुत ही तार्किक और उचित प्रश्न बचपन से सोचता था मुझे आज तक कोई इन प्रश्नों का जवाब नही देता.. इस माया के संसार की रचना क्यों की और हम इसकी रचना से पहले किस अवस्था मे थे और कब तक इसमें रहेंगे क्या हम एक नस्ट होने वाले तत्त्व हैँ या अमर तत्त्व.? क्यों ईश्वर अपने दूतों को राक्षस बना के दुनिया मे पाप बढ़ाता है फिर उसका नाश करने अवतार भेजता है? 🤔 हर कल्प मे रामायण और महाभारत युद्ध के बहाने भीषण नर संहार क्यों करवाता है ईश्वर? कल्प कल्प लेही प्रभु अवतारा. 🤔 प्रतापभानु जैसे धर्मात्मा राजा को प्रजा सहित राक्षस बनवा दिया ईश्वर ने क्यों? कुछ लोग कहते हैँ सब ईश्वर लीला के लिए करते हैँ संसार भी लीला के लिए रचा गया है लेकिन यह कैसी मानसिकता है की संसार के जीवो को दुख पीड़ा कस्ट देके ईश्वर अपना आनंद उठा रहा है लीला के लिए?फिर तों हम भी दूसरों के दुख मे सुख प्राप्त करें और बोलें यह तों लीला है.कुछ लोग कहते हैँ ईश्वर ने यह जगत जीवो की परीक्षा के लिए रचा है यहाँ के सुख दुख जीवो की परीक्षा है लेकिन परीक्षा तों किसी की योग्यता परखने को ली जाती है ताकि उसको कोई बड़ा पद दिया जा सके लेकिन क्या सर्वाशक्तिमान ईश्वर इतना अज्ञानी है जिसको इतना नही पता की उसका बनायीं रचना या मानव मे क्या योग्यता है 🤔ऐसा ज्यादातर विदेशि धर्म ईश्वर के बारे मे मानते हैँ लेकिन परीक्षा मे सबको बराबर मौका और साधन दिए जाते हैँ तों उनके यहाँ तों एक ही बार जीवन मिलता है फिर ईश्वर इतना पक्षपाती क्यों हो गया की किसी को अमीर किसी को गरीब किसी को ताकतवर किसी को अपंग किसी को तेज दिमाग़ किसी को मंद बुद्धि बना के भेदभाव करके परीक्षा मे बैठा दिया.. और यहाँ के पूर्वी धर्म सनातन बौद्ध जैन सिक्ख इनमे यह धारना है की जीव पाप पुण्य से 84 लाख योनियों मे पुनः जन्म लेते हुए अंत मे मानव योनि को प्राप्त होके मुक्ति पा सकता है. लेकिन इनसे भी कुछ प्रश्न पूछने चाहिए की पाप या पुण्य शरीर से करता है मनुष्य और शरीर को मन चलाता है और मन को विचार चलाते हैँ और विचार कहाँ से आते हैँ किसी भी विकास या विनाश की शुरुआत एक विचार से ही हुई है विचार तों मानव खुद नही बना सकता तों यह विचार मन मे डालता कौन है? जो पुण्य के विचारों को मन मे पैदा करता है क्या वो पाप के विचार नही पैदा करता होगा 🤔 क्या ईश्वर इतना स्वार्थी है जो मनुष्य और अन्य जीवो से केवल अपनी भक्ति कराने को सारा खेल रचता है? यह सभी सवाल स्वयं से और तथाकथित धर्मगुरुओ से जरुरत पूछिये क्युकी हमारे सभी उपनिषद समहितायें प्रश्न उत्तर ही हैँ एक सच्चे नास्तिक की तरह सत्य की खोज करिये तभी जीवन सफल होगा.. आज जीवन के अस्तित्व, इसके आध्यात्मिक कारण और इनके अंतिम लक्ष्य के ज्ञान की जगह मूर्खता भरे सवाल और प्रवचन हो रहे हैँ की शिव बड़े या विष्णु यह दुनिया शिव ने बनायीं या विष्णु ने या शक्ति ने इनमे कौन अधिक शक्तिशाली है इनमे युद्ध मे कौन जीतेगा यही मूर्खता भरी प्रतिस्पर्धा को लोग धर्म मानके ढो रहे हैँ युगों युगों से यही मूर्खता चली आ रही इनके जवाब जानकर भी क्या मिलेगा जब तक यह नही जानोगे तुम कौन हो तुम्हारा इस ब्रह्माण्ड की रचना से पूर्व अस्तित्व था या नही यदि था तों किस रूप किस रंग किस अवस्था मे था क्या ब्रह्माण्ड के नाश के बाद भी पुनः वही अवस्था मे होंगे?जय सीताराम 🙏🏻
अच्छा मेरे एक सवाल ka जवाब दो आपके माँ बाप ने आपको जन्म दिया और आपके माँ बाप बहुत अमीर हैँ और बच्चा बड़ा हो गया....... अब उसके माँ बाप आपने बच्चे se प्यार की उम्मीद कर रहे हैँ तो इसमें क्या वो गलत कर रहे हैँ??? Thik उसी प्रकार भगवान भी आपने आप se प्रेम. मांग रहे हैँ बस लोगो ने उस प्रेम को भक्ति बोल दिया है....... आपके माँ बाप बहुत अमीर h वो आपको बैठा कर खिला सकते हैँ तो आपको काम क्यों करवा रहे हैँ पढ़ाई क्यों करवा रहे हैँ क्या वो गलत कर रहे हैँ????? ठीक उसी प्रकार भगवान हमें जीना सीखा रहे है कैसे जीना चहिये.... आपके माँ बाप भी आपको आपने हाथ se खाना खिला सकते हैँ आपकी पोट्टी धो सकते hainअब भी लेकिन अब आप अपना काम खुद करते हैं तो इसमें कुछ गलत है??? ठीक उसी प्रकार भगवान हमें खुद जीना सीखा रहे हैँ और रही बात अच्छे बुरे की वो हम खुद करते हैँ बस दोष भगवान को देते हैँ जैसे रैपिस्ट बच्चे के माँ बाप को दिया जाता h लेकिन करने वाला उसका बच्चा ही होता हैँ..... और रही बात ईश्वर को समझने की आपको उसके लायक बनना होगा जैसे छोटे बच्चे को समझ ni आता विज्ञानं क्या h बड़ा होकर समझने लगता h ठीक उसी प्रकार तुम्हे अपनी आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाना होगा उसे से जान पाओगे sb
जीवन का सत्य कोई नही जान पाया जो हो रहा है वो होकर ही रहेगा नाम जप करना या पूजा पाठ करना इससे कभी मुक्ति नही होगी जिस दिन सृष्टि नस्ट होगी सब खत्म हो जायेगा इंसान सोचता है मैं कर रहा हूँ पर ये स्वयं ही चल रहा है अगर कहीं कोई भगवान है तो पृथ्वी पर हर इंसान भगवान ही है प्रेम से बड़ा कोई नही है अगर मानो तो हम हैं ना मानो तो कुछ नही
@@ysr007K ईश्वर ने दुनिया को दुखमयी ही बनाया है चाहे जितने तर्क देके बचा लो ईश्वर को लेकिन ईश्वर दयावान तो नहीं है क्युकी इतना तो सत्य है की ईश्वर ने जंगल दिए थे और ऐसी दुनिया दी थी जहाँ एक जीव दूसरे जीव को मारके ज़िंदा रहता था जंगल मे ना सर्दी गर्मी से बचने का कोई कपड़ा था ना कोई घर और ना कोई नियम जीससे जीव समाज मे रह सके उन्ही जीव मे से एक मानव ने अपनी रक्षा के लिए भोजन कपड़ा मकान गांव शहर सब अपनी सूझ बुझ से बनाये जिससे वो ईश्वर के बनाये जंगल राज से खुद को बचा के आज इस स्थिति मे है की उसके पास इतना फालतू समय और सुरक्षा है की धर्म ईश्वर देवी देवता भगबान खुदा गॉड अल्लाह जीसस आदि बहस मे लगा हुआ है ईश्वर के दिए जंगल राज मे रहता तो नाख़ून तक काटने का साधन नहीं रहता सुबह से शाम तक हिंसक जानवरो से बचने के संघर्ष मे ही घूमता फिरता और रही बात प्रकृति के दोहन की तो देवी देवताओं के जो अस्त्र ब्रह्मास्त्र पशुपातअस्त्र नारायण अस्त्र जैसे महाभयंकर अस्त्र थे इनका अविष्कार क्यों किया भगवानो ने जो प्रकृति का नाश कर दिए थे. महाभारत युद्ध के बाद कितनी भीषण त्रासदी आयी थी इन्ही अस्त्र शस्त्रों के ज्ञान के आधार पर आज के वैज्ञानिको ने एटम हथियार बना लिए खुद जे रोबर्ट ओपहेन मेयर ने अपने इंटरव्यू मे बोला भगवद गीता से प्रेरणा मिली मुझे इतना भयंकर अविष्कार करने को.. अगर देवी देवताओं और भगवानो को प्रकृति की प्रथवी के विनाश का ज्ञान होता तो क्या अस्त्र शस्त्र बनाते 😎धरती पर रामायण महाभारत के युद्ध होते? धर्म की मानो तो आज का इंसान भी तो उन्ही पूर्वजों की संतान है फिर तो दोषी वो नासमझ पूर्वज भी हुए जिन्होंने इन विनाशकारी अस्त्रों की शुरूवात करी थी
पाखंडी बाबाओं ने धर्म का गलत प्रचार करके सत्यानाश कर रखा है,,काश सभी प्रेमानंद जी महाराज की तरह सत्य के मार्ग पर चलें,,🙏🙏🙏🙏पहले मै नास्तिक था तर्कशील था,अब कोई सवाल नहीं रहा,हृदय शांत हो गया,🙏🙏
हम खुद नहीं फसे l जो फसा वो वही है l जो नहीं फसा वो भी वही तो है l इस में हम हैं कहां ? " हम " कहीं भी नहीं हैं l सारे जहाँ में एकमात्र , " वही " है l " हम " है ही नहीं l हम है ऐसे लगना वही असली , " माया " है l ( या मा सा माया ) मुझे दरद होता है ये कहनेवाला भी वही है ब्रह्म l मैं सुखी हुं कहनेवाला " मैं " भी वही है ब्रह्म l अन्याय करनेवाले , अन्याय सहनेवाला , पेड , पेड का बीज , पेड की टहनी , पेड के फल , पेड के पत्ते , पत्तोंका हरा पीला लाल रंग , सूखे पत्ते , पेड पर रहनेवाले जीव जंतू l सब कुछ जो जो दिखता है , जो नहीं दीखता मगर है l - एकमात्र वही है ब्रह्म l एकमात्र तू ही तू l // आप जो प्रवचन करते हो वो प्रवचन करनेवाला ब्रह्म ही है , आप के सामने बैठकर प्रवचन सूननेवाले सारे भी एकमात्र ब्रह्म है l आप के माध्यम से प्रवचन करने का सौंग , आप के आगे बैठकर सुनने का सौंग , आप के चेले बनने का साँग l आप की दाढी मूछे - वही , आप के वस्त्र भी वही l कुच भी कहो l कहनेवाला - कहनेका विषय - कहनेका माध्यम = त्रिपुटी l - त्रिपुटी , द्वैत , अद्वैत - सब कुछ एकमात्र वही है l इस में कर्ता भाव से " हम " कहीं भी नहीं है l हम कहनेवाला भी वही तथा मैं कहनेवाला भी वही l यह ग्यान कितना ( उगा लीजिए = ) घिस लीजिये - खतम होगा नहीं l इस ग्यान का कोई अंत नहीं = कैसे भी समझाओ , कैसे भी कहो , इस का कोई अंत है ना पार है l केवल अनंत है l ❤❤
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि नमन जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
Om jai shri ganesh jai mata di jai kartik devta jai sita ram jai hanuman jai lakhan jai laxmi Narayan jai ho gau mata jai birmmha jai vishnu jai mahesh jai ho sabhi devi devtao ki jai jai jai shri radhe radhe krishna ka prem amar rahe tino loko me krishna ki prano se jayada prayya radha rani ki jai ho barsane wali ki jai ho jug me sundar do hi name krishna kaho yaa ram ram jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai
@all सही उत्तर यह है कि जीव को बनाकर या प्रकट करके भगवान अपने साथ ही अपने परम धाम में रखते हैं और बहुत प्रेम से रखते हैं लेकिन जब जीव भगवान की जैसे भोग की इच्छा करता है अर्थात् स्वामी बनना चाहता है तो भगवान की माया शक्ति उस जीव को मृत्युलोक में अवसर देती है अब यदि जीव वापस श्री भगवान की सेवा करना चाहे , उनसे प्रेम करे तो वापस उसी परम धाम को प्राप्त कर लेगा जीव को बनाने का उद्देश्य भगवान द्वारा विभिन्न रसों का सेवन करना है विविध रचना करी अनेक रस लेवने
ये तो बता दिया भगवान से संसार की रचना कैसे की लेकिन ये नही बताया की वो भूल क्यों हुई जीव से वो क्या भूल थी जिससे इतना विराट प्रपंच की रचना कर दी भगवान ने. भगवान के धाम मे तो माया का प्रवेश नही फिर जीव से भूल कैसे हो गयी? यानि सृस्टि की रचना हो ये सब भगवान की इच्छा ही थी जीव खुद को भूल बैठे ये भी भगवान की इच्छा थी यदि जीव की ही इच्छा से संसार की रचना की होती भगवान ने तो कबका याद आ गया होता लेकिन चाहकर भी जीव को याद क्यों नही आ रहा यानि याद भी भगवान की इच्छा से ही आएगा 😎
@@रहस्य369 वहां माया का प्रवेश नहीं है फिर भी जीव की स्वतंत्रता में भगवान बाधक नहीं बनते। ये तो फिर रोबोट जैसा काम हो जायेगा. बस जीव इसी छोटी स्वतंत्रता का गलत फायदा उठा रहा है , उसे परेशान देख कर ही भगवान अपने संत भेजते हैं अथवा स्वयं आते हैं
जब भी एक नया सिटी बसता है वहां जेल भी तैयार रखते हैं क्योंकि कुछ तो अपराध करेंगे , वैसे ही ये संसार एक जेल है , भगवान को नापसंद करने वाले और अपराध करने वाले यहां रखे जाते हैं । वैसे ये संपूर्ण माया का जगत 1/4 है बाकी आध्यात्मिक जगत इसका 3 गुना है , जहां दुख दर्द का नमो निशान नहीं
Jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai shri ram ram ram ram ram ram ram ram jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai shri ram ram ram ram ram ram
ईश्वर जीव प्रकृति नित्य शाश्वत अनादि हैं ईश्वर सर्व व्यापक सर्वज्ञ चेतन सत्ता है जीव एक देसी अल्पज्ञ चेतन सत्ता है प्रकृति ज्ञान शून्य जड़ सत्ता है प्रकृति और जीवात्मा पर ईश्वर का शासन है ईश्वर प्रकृति से सारे संसार की रचना जीवात्मा के भोग और अपवर्ग (मोक्ष) के लिए करता है। जीवात्मायें अनेक है ईश्वर जीवात्माओं को नहीं बनाता है।
Ram ka name ram se bada radha name param sukh dayi jai jai shri radhe radhe krishna ka prem amar rahe tino loko me krishna ki prano se jayada prayya radha rani ki jai ho barsane wali ki jai ho jug me sundar do hi name krishna kaho yaa ram ram jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai shri ram
Om Nirakaar Omkareshwarai Bhagwan shambhu Narayan Ramakrishnai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai shree hanuman jai Gurudev Jai hind koti naman 🙏🙏❤️❤️🙏❤️❤️🙏❤️❤️ Jo apne aap ko pehchan payega woh Bhagwan ko bhi jaan jayega ❤❤
बहुत ही तार्किक और उचित प्रश्न बचपन से सोचता था मुझे आज तक कोई इन प्रश्नों का जवाब नही देता.. इस माया के संसार की रचना क्यों की और हम इसकी रचना से पहले किस अवस्था मे थे और कब तक इसमें रहेंगे क्या हम एक नस्ट होने वाले तत्त्व हैँ या अमर तत्त्व.? क्यों ईश्वर अपने दूतों को राक्षस बना के दुनिया मे पाप बढ़ाता है फिर उसका नाश करने अवतार भेजता है? 🤔 हर कल्प मे रामायण और महाभारत युद्ध के बहाने भीषण नर संहार क्यों करवाता है ईश्वर? कल्प कल्प लेही प्रभु अवतारा. 🤔 प्रतापभानु जैसे धर्मात्मा राजा को प्रजा सहित राक्षस बनवा दिया ईश्वर ने क्यों? कुछ लोग कहते हैँ सब ईश्वर लीला के लिए करते हैँ संसार भी लीला के लिए रचा गया है लेकिन यह कैसी मानसिकता है की संसार के जीवो को दुख पीड़ा कस्ट देके ईश्वर अपना आनंद उठा रहा है लीला के लिए?फिर तों हम भी दूसरों के दुख मे सुख प्राप्त करें और बोलें यह तों लीला है.कुछ लोग कहते हैँ ईश्वर ने यह जगत जीवो की परीक्षा के लिए रचा है यहाँ के सुख दुख जीवो की परीक्षा है लेकिन परीक्षा तों किसी की योग्यता परखने को ली जाती है ताकि उसको कोई बड़ा पद दिया जा सके लेकिन क्या सर्वाशक्तिमान ईश्वर इतना अज्ञानी है जिसको इतना नही पता की उसका बनायीं रचना या मानव मे क्या योग्यता है 🤔ऐसा ज्यादातर विदेशि धर्म ईश्वर के बारे मे मानते हैँ लेकिन परीक्षा मे सबको बराबर मौका और साधन दिए जाते हैँ तों उनके यहाँ तों एक ही बार जीवन मिलता है फिर ईश्वर इतना पक्षपाती क्यों हो गया की किसी को अमीर किसी को गरीब किसी को ताकतवर किसी को अपंग किसी को तेज दिमाग़ किसी को मंद बुद्धि बना के भेदभाव करके परीक्षा मे बैठा दिया.. और यहाँ के पूर्वी धर्म सनातन बौद्ध जैन सिक्ख इनमे यह धारना है की जीव पाप पुण्य से 84 लाख योनियों मे पुनः जन्म लेते हुए अंत मे मानव योनि को प्राप्त होके मुक्ति पा सकता है. लेकिन इनसे भी कुछ प्रश्न पूछने चाहिए की पाप या पुण्य शरीर से करता है मनुष्य और शरीर को मन चलाता है और मन को विचार चलाते हैँ और विचार कहाँ से आते हैँ किसी भी विकास या विनाश की शुरुआत एक विचार से ही हुई है विचार तों मानव खुद नही बना सकता तों यह विचार मन मे डालता कौन है? जो पुण्य के विचारों को मन मे पैदा करता है क्या वो पाप के विचार नही पैदा करता होगा 🤔 क्या ईश्वर इतना स्वार्थी है जो मनुष्य और अन्य जीवो से केवल अपनी भक्ति कराने को सारा खेल रचता है? यह सभी सवाल स्वयं से और तथाकथित धर्मगुरुओ से जरुरत पूछिये क्युकी हमारे सभी उपनिषद समहितायें प्रश्न उत्तर ही हैँ एक सच्चे नास्तिक की तरह सत्य की खोज करिये तभी जीवन सफल होगा.. आज जीवन के अस्तित्व, इसके आध्यात्मिक कारण और इनके अंतिम लक्ष्य के ज्ञान की जगह मूर्खता भरे सवाल और प्रवचन हो रहे हैँ की शिव बड़े या विष्णु यह दुनिया शिव ने बनायीं या विष्णु ने या शक्ति ने इनमे कौन अधिक शक्तिशाली है इनमे युद्ध मे कौन जीतेगा यही मूर्खता भरी प्रतिस्पर्धा को लोग धर्म मानके ढो रहे हैँ युगों युगों से यही मूर्खता चली आ रही इनके जवाब जानकर भी क्या मिलेगा जब तक यह नही जानोगे तुम कौन हो तुम्हारा इस ब्रह्माण्ड की रचना से पूर्व अस्तित्व था या नही यदि था तों किस रूप किस रंग किस अवस्था मे था क्या ब्रह्माण्ड के नाश के बाद भी पुनः वही अवस्था मे होंगे?जय सीताराम 🙏🏻
अच्छा मेरे एक सवाल ka जवाब दो आपके माँ बाप ने आपको जन्म दिया और आपके माँ बाप बहुत अमीर हैँ और बच्चा बड़ा हो गया....... अब उसके माँ बाप आपने बच्चे se प्यार की उम्मीद कर रहे हैँ तो इसमें क्या वो गलत कर रहे हैँ??? Thik उसी प्रकार भगवान भी आपने आप se प्रेम. मांग रहे हैँ बस लोगो ने उस प्रेम को भक्ति बोल दिया है....... आपके माँ बाप बहुत अमीर h वो आपको बैठा कर खिला सकते हैँ तो आपको काम क्यों करवा रहे हैँ पढ़ाई क्यों करवा रहे हैँ क्या वो गलत कर रहे हैँ????? ठीक उसी प्रकार भगवान हमें जीना सीखा रहे है कैसे जीना चहिये.... आपके माँ बाप भी आपको आपने हाथ se खाना खिला सकते हैँ आपकी पोट्टी धो सकते hainअब भी लेकिन अब आप अपना काम खुद करते हैं तो इसमें कुछ गलत है??? ठीक उसी प्रकार भगवान हमें खुद जीना सीखा रहे हैँ और रही बात अच्छे बुरे की वो हम खुद करते हैँ बस दोष भगवान को देते हैँ जैसे रैपिस्ट बच्चे के माँ बाप को दिया जाता h लेकिन करने वाला उसका बच्चा ही होता हैँ..... और रही बात ईश्वर को समझने की आपको उसके लायक बनना होगा जैसे छोटे बच्चे को समझ ni आता विज्ञानं क्या h बड़ा होकर समझने लगता h ठीक उसी प्रकार तुम्हे अपनी आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाना होगा उसे से जान पाओगे sb
Sahi kaha bhai, koi uttar Dene walla nhi mila same question in my head.
मित्र, यह दुनिया का एकलौता प्रश्न है, जिसका उत्तर स्वयं अवतार भी ना दे पाए 🙏🌹🚩🚩🚩
जीवन का सत्य कोई नही जान पाया जो हो रहा है वो होकर ही रहेगा नाम जप करना या पूजा पाठ करना इससे कभी मुक्ति नही होगी जिस दिन सृष्टि नस्ट होगी सब खत्म हो जायेगा इंसान सोचता है मैं कर रहा हूँ पर ये स्वयं ही चल रहा है अगर कहीं कोई भगवान है तो पृथ्वी पर हर इंसान भगवान ही है प्रेम से बड़ा कोई नही है अगर मानो तो हम हैं ना मानो तो कुछ नही
@@ysr007K ईश्वर ने दुनिया को दुखमयी ही बनाया है चाहे जितने तर्क देके बचा लो ईश्वर को लेकिन ईश्वर दयावान तो नहीं है क्युकी इतना तो सत्य है की ईश्वर ने जंगल दिए थे और ऐसी दुनिया दी थी जहाँ एक जीव दूसरे जीव को मारके ज़िंदा रहता था जंगल मे ना सर्दी गर्मी से बचने का कोई कपड़ा था ना कोई घर और ना कोई नियम जीससे जीव समाज मे रह सके
उन्ही जीव मे से एक मानव ने अपनी रक्षा के लिए भोजन कपड़ा मकान गांव शहर सब अपनी सूझ बुझ से बनाये जिससे वो ईश्वर के बनाये जंगल राज से खुद को बचा के आज इस स्थिति मे है की उसके पास इतना फालतू समय और सुरक्षा है की धर्म ईश्वर देवी देवता भगबान खुदा गॉड अल्लाह जीसस आदि बहस मे लगा हुआ है ईश्वर के दिए जंगल राज मे रहता तो नाख़ून तक काटने का साधन नहीं रहता सुबह से शाम तक हिंसक जानवरो से बचने के संघर्ष मे ही घूमता फिरता
और रही बात प्रकृति के दोहन की तो देवी देवताओं के जो अस्त्र ब्रह्मास्त्र पशुपातअस्त्र नारायण अस्त्र जैसे महाभयंकर अस्त्र थे इनका अविष्कार क्यों किया भगवानो ने जो प्रकृति का नाश कर दिए थे. महाभारत युद्ध के बाद कितनी भीषण त्रासदी आयी थी इन्ही अस्त्र शस्त्रों के ज्ञान के आधार पर आज के वैज्ञानिको ने एटम हथियार बना लिए खुद जे रोबर्ट ओपहेन मेयर ने अपने इंटरव्यू मे बोला भगवद गीता से प्रेरणा मिली मुझे इतना भयंकर अविष्कार करने को.. अगर देवी देवताओं और भगवानो को प्रकृति की प्रथवी के विनाश का ज्ञान होता तो क्या अस्त्र शस्त्र बनाते 😎धरती पर रामायण महाभारत के युद्ध होते? धर्म की मानो तो आज का इंसान भी तो उन्ही पूर्वजों की संतान है फिर तो दोषी वो नासमझ पूर्वज भी हुए जिन्होंने इन विनाशकारी अस्त्रों की शुरूवात करी थी
पाखंडी बाबाओं ने धर्म का गलत प्रचार करके सत्यानाश कर रखा है,,काश सभी प्रेमानंद जी महाराज की तरह सत्य के मार्ग पर चलें,,🙏🙏🙏🙏पहले मै नास्तिक था तर्कशील था,अब कोई सवाल नहीं रहा,हृदय शांत हो गया,🙏🙏
Same here❤
गुरुजी मेरे पास शब्द नहीं है कहने के लिए। आपको सुनकर अब सुनने के लिए कुछ बचा नहीं। आपने इतनी सरल भाषा मे सब कुछ कह दिया। आपको कोटि कोटि नमन ।
बहुत सालो से मेरे मन भी यही सवाल था.... गुरुजी ने बहुत ही सरल अंदाज में उत्तर दे दिया 🙏🙏
राधे - राधे 🙏🙏
हे राम हे राम जग में साचो में तेरा धाम हे राम हे राम
जिन पर ईश्वर की अतिकृपा होगी। वही समझ सकता है।
Khud prayash Krna hota hai
❤sahi bt h dost
Sahi kaha apne bhagwan ke iccha ke bina hm unka nam bhi nahi le sakte❤
Sab par bhagwan ki kripa kyu nai hogi ?
Aap inse prem suru kijehe, kripa chalu ho jayegii.🙏
जाकी रही भावना जैसी,
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी..,
Ati uttam prashn or uska ekdum sahi javab mila.
जय मां काली 🙏🕉️🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
परमपुज्य गुरुदेवजी को वंदन🙏🙏🙏🙏🙏
इससे अधिक ज्ञानवान विडियो मैनें आज तक नहीं देखा 🙏🏻
प्रणाम गुरुजी आपके चरणो में राधे राधे जय श्रीकृष्णा
प्रेमानंद जी महाराज का ज्ञान अदभुत है। मैं उन्हें बारंबार प्रमाण करता हूं।
नमः शिवाय
जय श्रीराम राम जय श्रीराम राम जय श्रीराम राम जय वीर हनुमान
🚩🚩 जय श्री राधेकृष्णा 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩
जय हो प्रभु 🙏🏻🙏🏻मेरे राघव मेरे श्याम 🙏🏻🙏🏻मेरी जानकी मईया 🙏🏻मेरी प्यारी राधा रानी जी ❤️🙏🏻🙏🏻
अद्भुत
ll🙏ॐ सद्गुरुदेवाय नमः🙏 ll
मेरे भारत वासियों की झोली भगवान खुशियों से भर दे ❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु जी महाराज जी के चरणों मैं कोटि कोटि प्रणाम ।।
Jai Shree Ram Jai Hanuman Ji 🙏🏻 Jai Radhe Radhe 🙏🏻
Jai Gurudev Paramhans Radhavallabh Harivansh Sri Hit Premananda Govinda Sharan ji Maharaj 🌷🙏
पूज्य संत श्री गुरु देव जी आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
🙏🌸ॐ श्री जगतगुरु श्री प्रेमानंद जी आपके चरणोंमे अनंत कोटी कोटी साष्टांग भावें नमस्कार.श्री राधे राधे 🙏🌹🙏
हम खुद नहीं फसे l जो फसा वो वही है l जो नहीं फसा वो भी वही तो है l इस में हम हैं कहां ? " हम " कहीं भी नहीं हैं l सारे जहाँ में एकमात्र , " वही " है l " हम " है ही नहीं l हम है ऐसे लगना वही असली , " माया " है l ( या मा सा माया )
मुझे दरद होता है ये कहनेवाला भी वही है ब्रह्म l मैं सुखी हुं कहनेवाला " मैं " भी वही है ब्रह्म l अन्याय करनेवाले , अन्याय सहनेवाला , पेड , पेड का बीज , पेड की टहनी , पेड के फल , पेड के पत्ते , पत्तोंका हरा पीला लाल रंग , सूखे पत्ते , पेड पर रहनेवाले जीव जंतू l सब कुछ जो जो दिखता है , जो नहीं दीखता मगर है l - एकमात्र वही है ब्रह्म l एकमात्र तू ही तू l // आप जो प्रवचन करते हो वो प्रवचन करनेवाला ब्रह्म ही है , आप के सामने बैठकर प्रवचन सूननेवाले सारे भी एकमात्र ब्रह्म है l आप के माध्यम से प्रवचन करने का सौंग , आप के आगे बैठकर सुनने का सौंग , आप के चेले बनने का साँग l आप की दाढी मूछे - वही , आप के वस्त्र भी वही l कुच भी कहो l कहनेवाला - कहनेका विषय - कहनेका माध्यम = त्रिपुटी l - त्रिपुटी , द्वैत , अद्वैत - सब कुछ एकमात्र वही है l इस में कर्ता भाव से " हम " कहीं भी नहीं है l हम कहनेवाला भी वही तथा मैं कहनेवाला भी वही l यह ग्यान कितना ( उगा लीजिए = ) घिस लीजिये - खतम होगा नहीं l इस ग्यान का कोई अंत नहीं = कैसे भी समझाओ , कैसे भी कहो , इस का कोई अंत है ना पार है l केवल अनंत है l ❤❤
गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि नमन जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
Om Namah Bhagwate Vasudev Aaye 🙏🙏❤️❤️❤️
कृपा करो प्रभु
🙌❤️🌺🚩जय श्री राधेकृष्ण गुरूदेव महाप्रभु 🚩🌺❤️🙌
Jai GURUDEV
Radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey
श्री राधाकृष्ण राधाकृष्ण राधाकृष्ण राधाकृष्ण राधाकृष्ण राधाकृष्ण राधाकृष्ण
Gurudev ko koti koti pranaam
Radhe Radhe
Om jai shri ganesh jai mata di jai kartik devta jai sita ram jai hanuman jai lakhan jai laxmi Narayan jai ho gau mata jai birmmha jai vishnu jai mahesh jai ho sabhi devi devtao ki jai jai jai shri radhe radhe krishna ka prem amar rahe tino loko me krishna ki prano se jayada prayya radha rani ki jai ho barsane wali ki jai ho jug me sundar do hi name krishna kaho yaa ram ram jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai
गुरु देव भगवान को प्रणाम ❤🙏❤️
सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏 सांब सदाशिव 🙏❤️
श्री राम जय राम जय जय राम ❤
बहुत ही खूब... ❤
जीव है, लेकिन माहाराजजी कह रहे है कोई जीव नहिं है... कैसा परमज्ञान हमको दे रहे है जिसको हम मन देकर सुनने के लिए आतुर है... हमको धिक्कार है...
Jai Gurudev Jai Shri Krishna 🙏🏻🙏🏻🌺🌺🙏🏻🙏🏻
Shree Radhey 🙏
Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe
श्रद्धावान लभते ज्ञानम्।
રાધે રાધે રાધે રાધે રાધે રાધે રાધે રાધે રાધે રાધે
Jai Shree Radha Radha Radha Gurudev 🌺🙏
Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha 🎉🎉🎉🎉🎉
Guru ji pranam raadhe raadhe
Har har mahadev 🎉🎉🎉🎉
Jai shree Vishnu ❤❤
Bahut hi achchi baat kahi hai
❤❤❤❤❤ Radhe radhe 🙏❤❤❤❤Radhe radhe 🙏,❤❤❤❤Radhe radhe 🙏,❤❤❤❤Radhe radhe 🙏,❤❤❤❤Radhe radhe 🙏,,
Thank you Swamiji for your informative message.
Jay shree krishna
DaduRam SatRam 🙏
Radheradhe Radha gurudev🎉
JAI SHRI RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA RADHA
जय श्री राधे राधे कृष्ण जी 🙏🙏
Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv Shiv
राधा राधा
गुरुजी के प्रति पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि उनका उत्तर संतोष जनक नहीं है.
शायद शास्त्र में ऐसा ही लिखा हो.
Bhai tum abhi smjhne layak nahi bane
Jai mahthin maai Jai Sita Ram maharaj jee
💖✨😇🙏🏻 ॥ राधा वल्लभ श्री हरिवंश ॥ 🙏🏻😇✨💖
तुम ईश्वर को नहीं मानते ये तुम्हारी बुध्दीहीनता का बोहोत बडा प्रमाण है| क्युकी जो उस परमानंद को नकार ता है! उसका महाविनाश तय है|| 💯💯💯💯💯
Radhey Radhey
SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam SitaRam
Radhe Radhe Guru ji
जय जय श्री राधे कृष्णा
Jay Gurudev
सद गुरुदेव भगवान की जय। जय श्री कृष्ण। जय श्री राधारानी। जय श्री वृन्दावन धाम। जय हो। जय हो। जय हो।❤❤❤
Radhe radhe guru ji Maharaj ❤
Jai Shree Radhey 🙏 🙏 🙏
@all सही उत्तर यह है कि जीव को बनाकर या प्रकट करके भगवान अपने साथ ही अपने परम धाम में रखते हैं और बहुत प्रेम से रखते हैं लेकिन जब जीव भगवान की जैसे भोग की इच्छा करता है अर्थात् स्वामी बनना चाहता है तो भगवान की माया शक्ति उस जीव को मृत्युलोक में अवसर देती है
अब यदि जीव वापस श्री भगवान की सेवा करना चाहे , उनसे प्रेम करे तो वापस उसी परम धाम को प्राप्त कर लेगा
जीव को बनाने का उद्देश्य भगवान द्वारा विभिन्न रसों का सेवन करना है
विविध रचना करी अनेक रस लेवने
Galat
ये तो बता दिया भगवान से संसार की रचना कैसे की लेकिन ये नही बताया की वो भूल क्यों हुई जीव से वो क्या भूल थी जिससे इतना विराट प्रपंच की रचना कर दी भगवान ने. भगवान के धाम मे तो माया का प्रवेश नही फिर जीव से भूल कैसे हो गयी? यानि सृस्टि की रचना हो ये सब भगवान की इच्छा ही थी जीव खुद को भूल बैठे ये भी भगवान की इच्छा थी यदि जीव की ही इच्छा से संसार की रचना की होती भगवान ने तो कबका याद आ गया होता लेकिन चाहकर भी जीव को याद क्यों नही आ रहा यानि याद भी भगवान की इच्छा से ही आएगा 😎
@@रहस्य369 वहां माया का प्रवेश नहीं है फिर भी जीव की स्वतंत्रता में भगवान बाधक नहीं बनते। ये तो फिर रोबोट जैसा काम हो जायेगा. बस जीव इसी छोटी स्वतंत्रता का गलत फायदा उठा रहा है , उसे परेशान देख कर ही भगवान अपने संत भेजते हैं अथवा स्वयं आते हैं
जब भी एक नया सिटी बसता है वहां जेल भी तैयार रखते हैं क्योंकि कुछ तो अपराध करेंगे , वैसे ही ये संसार एक जेल है , भगवान को नापसंद करने वाले और अपराध करने वाले यहां रखे जाते हैं । वैसे ये संपूर्ण माया का जगत 1/4 है बाकी आध्यात्मिक जगत इसका 3 गुना है , जहां दुख दर्द का नमो निशान नहीं
राधे-राधे ।
Jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai shri ram ram ram ram ram ram ram ram jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai shri ram ram ram ram ram ram
Namaskar Swamiji 🙏🙏🙏
❤❤❤🙏 Radhe Radhe guruji ke charno me mera pranam ❤❤❤🙏
Jai Shree RadhaGiridharGopal 🙏🙏Hare Govind 🙏🙏
Right🔥🔥🔥
Radhe Radhe 🙏🙏❤️❤️🥰❤️🥰❤️🥰
ईश्वर जीव प्रकृति नित्य शाश्वत अनादि हैं ईश्वर सर्व व्यापक सर्वज्ञ चेतन सत्ता है जीव एक देसी अल्पज्ञ चेतन सत्ता है प्रकृति ज्ञान शून्य जड़ सत्ता है प्रकृति और जीवात्मा पर ईश्वर का शासन है ईश्वर प्रकृति से सारे संसार की रचना जीवात्मा के भोग और अपवर्ग (मोक्ष) के लिए करता है। जीवात्मायें अनेक है ईश्वर जीवात्माओं को नहीं बनाता है।
Bahaut bahauy pranam prabhu 🙏🙏🙏🙏🥰🙏🥰🙏🥰🙏🥰🥰🙏🥰🙏🥰🥰🙏🙏😍😍😍😍🎈🎈🎈😊😊😊👌👌👌🚩👌🚩👌🚩👌🚩
*श्रीराधेकृष्णाश्रीहरिदास🕉️🔱🚩👏 🌺🪴*जय हो शुभ हो!🪴🌺
💖✨😇🙏🏻 ॥ जय श्री राधे कृष्ण ॥ 🙏🏻😇✨💖
सरब धरम महि श्रेसट धरमू हरि को नाम जप निर्मल करमू , सतश्रीअकाल 💓🙏
Jai Jai Shree Radhey Radhey Radhey Radhey❤
Jai shree radhe krishan ji❤️jai shree radha Raman ji❤️jai shree banke bihari lal ji❤️Ladoo gopal ji❤️radha Vallabh shree Harivansh ❤️jai shree radha rani ji❤️jai shree ladli ji❤️kırpa karna sab par Prabhu maiya❤️radhe radhe ji❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏
Satya kaha apne Satya hai
जय गुरु
Jai Shree Krishna
😊 Jai 😊 shree 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Radhe 😊 Krishan 😊
Ram ka name ram se bada radha name param sukh dayi jai jai shri radhe radhe krishna ka prem amar rahe tino loko me krishna ki prano se jayada prayya radha rani ki jai ho barsane wali ki jai ho jug me sundar do hi name krishna kaho yaa ram ram jai jai shri radhe radhe krishna jai shri shyam jai shri ram
राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे राधेराधे
Om Nirakaar Omkareshwarai Bhagwan shambhu Narayan Ramakrishnai hanumate Gurudevai namah Satyam Shivam Sundaram har har Mahadev Jai shree Ram Jai shree hanuman jai Gurudev Jai hind koti naman 🙏🙏❤️❤️🙏❤️❤️🙏❤️❤️ Jo apne aap ko pehchan payega woh Bhagwan ko bhi jaan jayega ❤❤
🙏🏻🌼Shree Sadgurudev Bhagwan aapki Sadaa hee Jai ho🌼🙏🏻🙂
Radhe Radhe Guru ji 🙏
Radhe Radhe 🙏
Radhe Radhe..
Jai Shree Sita Ram
Shree Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha
जय श्री राधे कृष्णा जी ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
श्री कृष्णा गोविंद हरे हरे
Radhey Radhey ❤🙏🙏
Radhe Radhe Jay Shri Krishna Radhe Radhe 🌹🌻🌹🌹🌼🌼🌹🌹🌹🌹🌼🌹🌻