@@prakashchandraagrawal335 एक दम सही बोला आपने, मेरे रूम के बाजू वाले रूम खाली थे उसके बाद भी लोगों को गाड़ियों के अंदर सोना पड़ा लेकिन कमेटी ने कमरे नहीं दिए । स्पष्ट बोल रहे थे रूम खाली नहीं है
कुंडलपुर में हमेशा ऐसा ही होता है यात्रियों के लिए। व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं होता । कभी भी जाओ कमरे होते हुए भी नहीं देते। कोई सुनवाई नहीं होती काउंटर पर। और महाराज जी तक नहीं छोड़ा। बहुत निंदनीय कार्य। इतने बड़े क्षेत्र पर। बड़े बाबा के दरबार में। सभी यात्रियों की बद दुआएं तो लगती है और अब तो साधुओं की भी। और बड़े बाबा की भी।
बहोत सुंदर उदाहरण देकर कर्मचारीयोको उनकी जगह बता दी गुरुदेव आपने, गुरुदेव आये तो लेने के लिए स्वागत को भी कोई नही था शायद, ऐसै लोगो को उनकी जगह बता देना चाहीये namostu gurudev 🙏🙏
नमोस्तु आचार्यश्री नमोस्तु आचार्यश्री नमोस्तु आचार्यश्री कुंडलपुर में हुए इस प्रकार के कृत की हम बहुत बहुत निंदा करते हे। साधु के साथ ऐसा व्यवहार समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। आज आचार्य श्री विद्यासागर जी के कड़े परिश्रम और अहिंसा बल से बने मंदिर को ऐसे बदनाम करना बहुत गलत है कम से कम उनकी मेहनत पर ऐसे पानी तो ना फेरे कमेटी ने साधु अविनय का पाप तो कमा ही लिया हे। ऐसे पाप की कोई क्षमा नहीं है। गुरुदेव नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु।
इसी प्रकार जब आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज आए थे तब भी उन्हें कमेटी ने अच्छा व्यौहार नहीं किया था उन्होंने तो संत भवन में भी प्रवेश नहीं दिया कुंडलपुर एंट्री गेट के बाजू में रोक था मेरा पूरा परिवार था चौंके में था बहुत बुरी कमेटी है यार यात्री तो ठीक है लेकिन हमारे संतो की इज़्ज़त जिस क्षेत्र में दान भी नहीं देना चाहिए
ऐसा व्यहवार नहीं करना चाहिये था बुहत शर्म कि बात है जब कामेटी के लोग हमारे साधु संतों के साथ व्यहवार कर सकते है तो आम आदमी के साथ क्या नहीं कर सकते हम इस कामेटी का बाहिस्कार करता हूं
सम्मान तो यात्रियों को मिलता ही नहीं। बस उन्हें तो कमरों के लिये नहीं करना आता है। कमरे होते हुए भी। इतना यात्री दान देकर जाता है तब भी सुविधाएं नहीं देते। बाबा के दरबार में इतना पैसा आता है कमेटी क्या करती है वह ही जाने। और बड़े बाबा तो सबको देख रहे है। अब तो पूज्य श्री ने सबके सामने उनकी पोल खोल दी। अब तो समझ जाओ। किसी यात्री की बड़े बाबा के दरबार में बद दुआएं मत लेना।
अगर इसके बाद वहां की समाज ऐसी कमेटी को भंग नहीं करती और उनके कृत्यों की सजा नहीं देती तो ये पाप पूरी समाज को भुगतना पड़ेगें न केवल कमेटी साथ ही इसके पीछे जो भी हो उन सबको वहां से भागना चाहिए आचार्य श्री ने ये तीर्थ पूरी जैन समाज के लिए बनाया है न कि चंद लोगों या किसी संघ के लिए
ऐसे समिति के लोगों का पक्ष किसी भी साधु प्रेमी को नहीं लेना चाहिए क्यों कि ये लोग पहले से ऐसा करते आ रहे है अब इनकी पोल खुलने का समय आया है हर साधु मोन नहीं होता कुछ मुखर साधु भी इस जैन धर्म के रक्षक है जो ऐसी कमेटियों को सुधारेंगे गुरुओं का अपमान करना सब से बड़ा निंदनीय कार्य है ऐसे गलत लोगों का साथ नहीं देना चाहिए तभी ऐसे लोग सुधरेंगे
ज्ञान को प्राथमिक ता देना चाहिये लेकिन जैन धर्म में धन को प्राथमिकता दी जा रही है । जब से कुछ साधूओ के ऊपर केवल मंदिर बनाने का भूत सवार है ऐन केन प्रकरेण केवल बड़ा मंदिर बनना चाहिये इससे हो क्या रहा है मंदिरो में धन का बहाव fund flow बड़ रहा है केवल धन के बल पर लोग कमेटी के प्रमुख बन बैठते है जिन्हे ना तो धर्म का कोई ज्ञान है और ना ही व्यवहरिक ज्ञान . इन कमेटी वालो को यात्री सें बात करने की तक तमीज नही . इन लोगो को आचार्य श्री से भी कोई लेना देना नहीं ये केवल ऐसे साधू को प्राथमिकता देते है जिनके वजह सें पैसा इकट्ठा होता है या ऐसे साधू जों समाज या धर्म का उद्धार ना करके केवल मंदिर बनाने हेतू पूरा चतुर्मास खत्म कर देते है। ऐसे स्थानो पर अपनी चतुमसि की जगह चुनते है जहां लोग विना दिमाग लगाये पैसा लुटाते है जिससे इन कमेटियो का जन्म होता है और इनके धनपति आज्ञानी पदाधिकारियों का जिनका समाज सेवा से कोई लेना देना नही केवल मंदिरो के माध्यम से धन का गवन करना है। आजकल केवल ऐसे साधुओ की पूछ होती है जों वड़ी बड़ी बोली लगाकर मंदिर बनाने के नाम पर धन राशि इकट्ठा करते हैं और फिर ये कमेटी वाले उसी धन का संरक्षण और वयवस्थापक हेतु पदाधिकारी बनकर झोल करते है। णमो लोए सत्वसाहूणं .
कुंडलपुर समिति वाले अच्छे नहीं है ये आज भी ब्रांड देखते है ये विद्यासागर का चेला है या विशुद्ध सागर का ये सब ब्रांड का बीज बोया है सब विद्या सागर के चेलों का है
सबको पता है, कमेटी वालो कि ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन ये तुम 'विद्यासागर का चेला' करके, क्या कह रहे बार बार?, आचार्य भगवन श्री विद्यासागर बोलो, वो सबको पूज्य है.
दीपावली पर हम भी गए थे तभी कसम खा ली थी की दोबारा नहीं जाएँगे एकदम घटिया और अव्यवहारिक management में लोग बैठा रखे है बात करने का तरीका नहीं room नहीं दिए
Muni shri ko priority deni chahiye, na ki program ko... in kameti walo ko keval, pujya sudha Sagar ji maharaj sudhar sakte hai.. Kameti wale kon hote hote hai ye sab karne wale?
कुंडलपुर नगरी कमेटी के बाप की बपौती है इसलिए ऐसा नाटक किया, तेरापंथी के लिए अलग नियम,बीसपंथी के लिए अलग नियम जैसा उन्होंने कुंडलपुर को खरीद लिया कमरे नहीं है यात्री देखकर पहचान लेते हैं ऐसा ही सांगानेर में भी ऐसा ही नाटक करते हैं कमेटी कमरे नहीं देते यात्री देखकर पहचान लेते हैं ऐसी कमेटी को शर्म आनी चाहिए जो जैन लोग भी ऐसा करते हैं
Pahla to ye ki kundalpur ka haal new year pe yesha hi rahta me approx 10 baar gya hamesha yahi rahta to usme koi doubt nahi hai or ek bhai jo poona ka aaye hai unki buddhi thodi kamjor lag rahi pahla jain sadhu kabhi kisi ko bura bhala nahi kahte kaha kaha se kaise kaise log hai kuch bhi atisyonkti bolte hai.and dusra maharaj shree ko TV pe kuch nahi kahna chahiye baise bhi jain thode se hai un me hi vivad karoge to gaya jain dharam kaam se
@@saurabhjain9429 Unki budhi kamjor ho ya jyada ho yeh ham decide nahi kar sakte. Pehle khud ke gireban me jhanko. Yeh ghatna ke jitne bhi videos hai uske niche Wale comments dekhiye. Samajh aayega kiski budhi kamjor hai. 🙏🏻
गलती दोनों तरफ से हुई है सबसे बड़ी गलती कमेटी की है। मुनियों की किसी भी बात को काटना नही चाहिए। नाटक कभी भी हो जाता। महाराज जी पहली बार आये थे कोई बार बार नही आते। जब पिछले साल दुर्गा विसर्जन कर दिया था उनके सामने मुख नही खुला। और महाराज जी भी यदि बड़े बाबा का दर्शन करने आये थे तो उन्हे कमेटी से प्रभावित नही होना चाहिए था। कुंडलपूर् सबका है कमेटी का नही और महाराज जी इतने बड़े तपस्वी है तो उन्हे समता भी रखनी चाहिए। क्योकि मुनिराज की शोभा ही समता है। ये ही तो कुंडलपूर् के बड़े बाबा ने आपकी परीक्षा ली । प्रतिकूलता मे आप समता रख पाते कि नही । देखो आचार्य विद्या सागर जी की तो आप से हजार गुना परीक्षा ली गई फिर भी वे पीछे नही हटे। किसी को कुछ कहा नही और अपना काम भी रोका नही। ये होती है मुनि की समता। आप तो पहली परीक्षा मे ही चले गए। यदि आपको बड़े बाबा से प्रयोजन होता तो आप भी आचार्य विद्या सागर जी के जैसे अडिग अड़े रहते न कि चले जाते। वहाँ की समाज और बड़े बाबा से तो कोई बैर नही था
Maharaj ne samta nhi khoti hai. Kameti walo ne kaksh me kis laheje me baat ki voh uss samay Acharya Shri hi jaante h. Aur ab toh sabki baate aaram se hi hongi Aur yadi samne se koi nhi chahta aap ruke toh paradheen munivar ki charya ve toh chale hi jayenge naa. Unhone shuru me bahot samta hi rakhi thi, sabhi bhakto se bola aap bade baba ke darshan kare, yeh sab chhode, lekin fir samne se agr meeting bithayi jayegi toh sadhu kya karega chala hi jayega unhone prem se kaha yadi aapko vikalp hora h hum vihar kar dete h unhone hath jod liye. Aur bahot kuch hua hoga warna veh itne karuna heen nhi h ki itne bude sadhuonko upwas ke baad bhi sardi me vihar karwaye apni kashaye me. Veh shuddhopyogi sant h. Acharya Puspdant Sagar Ji, Acharya Sanmati Sagar Ji, Acharya Vidhya Sagarji unke Guru h. . Aur rahi baat Acharya Shri ke samta ki hum unke sath me Amarkantak me the aur humne dekha tha waha ki kameti bhi aisi hi thi...lekin fir bhi Acharya Shri waha Gaye koi bulane nhi aa raha tha naa kuch fir Bade guruji ne waha se brahmchari bheje the. Aur Acharya Shri jante the aahar ki vyavastha nhi hogi toh chaudas ko hi waha Gaye aur usi din waha se vihar kar diya. Kameti se kuch nhi kaha na lena dena rakha. Bade guruji ne Prasad sagarji ko agwani ke liye bheja tha dwar pe.
@akshatjain1414 वो तो कमेटी को सबक सिखाने। समता का मतलब आंतरिक उद्वेग न होना। और उन्हे बड़े बाबा के दर से यूँ नही जाना चाहिए था। मै अपनी बात बताता हूँ जब मै पहली बार कुंडलपूर् गया था। तो मेरी परीक्षा भी ली गई। 2014 की बात है। तेज गर्मी। आचार्य श्री भी थे वहाँ पर। और मेरा पेट भी खराब हो गया था। और इतनी बुरी किस्मत थी आचार्य श्री के अच्छे से दर्शन नही मिले। पेट खराब होने से बड़े बाबा का अभिषेक नही कर पाया। और जब मै जाने लगा। मेरे अंदर बहुत रोष था कमेटी नही बड़े बाबा के प्रति। पहली बार आया और हालत खराब कर दी। उस समय मै न समझ था। मैने बस मै बेठ कर बड़े बाबा से मन ही मन बोला अब जिंदगी मे कभी नही आऊंगा कुंडलपूर्। बाद मे अहसास हुआ कि गलती पूरी मेरी थी। बड़े बाबा इतने आसानी से मिल जाते तो बड़े बाबा कैसे। फिर अभी कुंडलपूर् महोत्सब् हुआ था अंतिम बार तब घर बैठ कर बड़े बाबा से काफी प्रथना करी। उनसे क्षमा मांगी। और कुंडलपूर् गया। विश्वाश नही करोगे इतनी अनुकूलता मिली जैसे साथ मै कोई देव चल रहा हो। जब 2019 का महोत्सव था इतना ट्रैफिक होता था दमोह तक तो पहुँच जाओ लेकिन दमोह से कुंडलपूर् तक एक एक घंटे का ट्रैफिक। जिस दिन मै गय कोई ट्रैफिक नही। बस का driver खुद बोलता है मै इतने दिन से आ रहा एक एक घंटे बस निकल पाती थी आज बिना रुके पहुँच गया कोई पुण्यातमं बैठा होगा बस मे। और उस दिन रात्रि मे जब अपनी बस देखने गया घर वापस जाने। बस कही दिखी नही थोड़ी दूर आ गया सुबह से पैदल चल रहा और अब चला नही जा रहा। कोई वाहन भी नही दिख रहा था। कोई bike वाला जिस से लिफ्ट ले ले। मैने बड़े बाबा को याद किया अब आप ही कुछ करो। तभी अचानक पीछे से एक bike वाला बोला भैया कही जाना है छोड़ दूँ मैने बोला हाँ पंडाल तक छोड़ दो। मैने उसे थैंक्स बोला और पूछा आप भी पंडाल तरफ आ रहे थे उन्होंने बोला नही और अचानक से चले गए। तो समता रखनी होती है और श्रद्धा भी
गुरुदेव अंतर्मना प्रसनसागर महाराज के चरणों में बारम्बार नमोस्तु 🙏🙏🙏
Jai shree ram
I love you Maharaj Ji 🙏🙏🙏
नमोस्तु नमोस्तु गुरुदेव
बहुत बहुत निंदनीय कृत्य।
खजुराहो की कमेटी के भी यही हाल है।
कमरे खाली पड़े थे, और बाहर होटलों का पता नंबर बताया जा रहा था।
@@prakashchandraagrawal335 एक दम सही बोला आपने, मेरे रूम के बाजू वाले रूम खाली थे उसके बाद भी लोगों को गाड़ियों के अंदर सोना पड़ा लेकिन कमेटी ने कमरे नहीं दिए । स्पष्ट बोल रहे थे रूम खाली नहीं है
Gurudev k charno mein koti koti naman🙏🙏🙏🙏
कुंडलपुर में हमेशा ऐसा ही होता है यात्रियों के लिए। व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं होता । कभी भी जाओ कमरे होते हुए भी नहीं देते। कोई सुनवाई नहीं होती काउंटर पर। और महाराज जी तक नहीं छोड़ा। बहुत निंदनीय कार्य। इतने बड़े क्षेत्र पर। बड़े बाबा के दरबार में। सभी यात्रियों की बद दुआएं तो लगती है और अब तो साधुओं की भी। और बड़े बाबा की भी।
अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी गुरुदेव को त्रिवार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 🙏🙏🙏
गुरु देव के चरणों में शत-शत बार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुदेव ❤
गुरुदेव ने सही किया सही शिक्षा दी कमेटी को, जय जय गुरुदेव
श्री प्रसन्न सागर गुरुदेव कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏🙏🌹🌹🌹
गुप्त रूप से जांचकरके कर्मचारियों को निष्कासित करना चाहिए
सहज सागर जी गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि नमन नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namostu acharya shri ji
गुरु चरणों में नमोस्तु
Ayodhya me bhi esa he hey
Bhakto ki dil ki dhadkan hai gurudev
बहोत सुंदर उदाहरण देकर कर्मचारीयोको उनकी जगह बता दी गुरुदेव आपने, गुरुदेव आये तो लेने के लिए स्वागत को भी कोई नही था शायद, ऐसै लोगो को उनकी जगह बता देना चाहीये namostu gurudev 🙏🙏
नमोस्तु आचार्यश्री नमोस्तु आचार्यश्री नमोस्तु आचार्यश्री
कुंडलपुर में हुए इस प्रकार के कृत की हम बहुत बहुत निंदा करते हे। साधु के साथ ऐसा व्यवहार समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। आज आचार्य श्री विद्यासागर जी के कड़े परिश्रम और अहिंसा बल से बने मंदिर को ऐसे बदनाम करना बहुत गलत है कम से कम उनकी मेहनत पर ऐसे पानी तो ना फेरे कमेटी ने साधु अविनय का पाप तो कमा ही लिया हे। ऐसे पाप की कोई क्षमा नहीं है।
गुरुदेव नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु।
Pravartak Muni shree Sahaj Sagar Ji Maharaj ki Jai...🙏🙏🙏🙏
आचार्य गुरुवर की नमोस्तु, गुरुवर को जो कष्ट हुआ वो जैन समाज के लिए बहुत दुखद है, अध्यक्ष महोदय को माफी मांगनी चाहिए,
ऐसा व्यवहार नही करना चाहिए था । परम पूज्य गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि नमन नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
इसी प्रकार जब आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज आए थे तब भी उन्हें कमेटी ने अच्छा व्यौहार नहीं किया था उन्होंने तो संत भवन में भी प्रवेश नहीं दिया कुंडलपुर एंट्री गेट के बाजू में रोक था मेरा पूरा परिवार था चौंके में था बहुत बुरी कमेटी है यार यात्री तो ठीक है लेकिन हमारे संतो की इज़्ज़त जिस क्षेत्र में दान भी नहीं देना चाहिए
बहुत जगह यही हाल है, कमेटी वाले अपने को क्षेत्र का मालिक मानते हैं, यही हाल बजरंगड में है, लेकिन यह निंदनीय है,
🏳️🌈🙏🙏🙏 नमोस्तू नमोस्तू नमोस्तू आचार्य श्री
ऐसे पदाधिकारियों को तुरंत प्रभाव से ससपेंड कर देना चाहिए !
Right, namostu guruver
ऐसी की तैसी कुंडलपुर की कमेटी निकाल देना चाहिए पद से ऐसी हाय लगना चाहिए कमेटी को शर्म आनी चाहिए
ऐसे महान आचार्य बिना आहार के निकले
Namostu guruvar 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Namostu gurudev hame kshama karo🙏🙏🙏🙏🙏
वह तो आचार्य भगवन प्रसन्न सागर महाराज जी ने यह बात उठाई, नहीं तो ऐसे कितने मानियो को कमेटी वालों ने भगा दिया
नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏🙏
गुरुदेव आज आपने आनंद यात्रा नहीं कराई । कृपया रोज़ २४ तीर्थंकर प्रभु की आनंद यात्रा कराया करे बहुत ही अच्छा लगता है।
ऐसा व्यहवार नहीं करना चाहिये था बुहत शर्म कि बात है जब कामेटी के लोग हमारे साधु संतों के साथ व्यहवार कर सकते है तो आम आदमी के साथ क्या नहीं कर सकते हम इस कामेटी का बाहिस्कार करता हूं
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सम्मान तो यात्रियों को मिलता ही नहीं। बस उन्हें तो कमरों के लिये नहीं करना आता है। कमरे होते हुए भी। इतना यात्री दान देकर जाता है तब भी सुविधाएं नहीं देते। बाबा के दरबार में इतना पैसा आता है कमेटी क्या करती है वह ही जाने। और बड़े बाबा तो सबको देख रहे है। अब तो पूज्य श्री ने सबके सामने उनकी पोल खोल दी। अब तो समझ जाओ। किसी यात्री की बड़े बाबा के दरबार में बद दुआएं मत लेना।
जय जय अन्तर्मना
अगर इसके बाद वहां की समाज ऐसी कमेटी को भंग नहीं करती और उनके कृत्यों की सजा नहीं देती तो ये पाप पूरी समाज को भुगतना पड़ेगें न केवल कमेटी साथ ही इसके पीछे जो भी हो उन सबको वहां से भागना चाहिए आचार्य श्री ने ये तीर्थ पूरी जैन समाज के लिए बनाया है न कि चंद लोगों या किसी संघ के लिए
ऐसे समिति के लोगों का पक्ष किसी भी साधु प्रेमी को नहीं लेना चाहिए क्यों कि ये लोग पहले से ऐसा करते आ रहे है अब इनकी पोल खुलने का समय आया है हर साधु मोन नहीं होता कुछ मुखर साधु भी इस जैन धर्म के रक्षक है जो ऐसी कमेटियों को सुधारेंगे गुरुओं का अपमान करना सब से बड़ा निंदनीय कार्य है ऐसे गलत लोगों का साथ नहीं देना चाहिए तभी ऐसे लोग सुधरेंगे
बहुत बहुत निंदनीय काम किया कमिटी लोग 😢😢
जब तक पदाधिकारी का स्थानांतरण नहीं होता, तब तक कुंडलपुर तीर्थ का बहिष्कार करना चाहिए..
संत वाद बहुत भारी पड़ेगा... जैन धर्म पर !
@@aniljain9324
तीर्थ का बहिष्कार कब से होने लगा..??
आज बहुत ही निन्दयी कार्य हुआ सुन कर बहुत ही दुख हुआ
Namostu bhagwan
😢😢😢
Namostu anternama Gurudev
कौन है ऐसा कल्की राजा जो निर्ग्रंथ तपस्वी मुनि पर ऐसा घिनौला उपसर्ग किया
महाराज श्री जी ने बहुत अच्छी तरह समझा दिया बहुत अच्छा किया थोड़ा व्यवहार और मैनेजमेंट करना सीख लो।
कहा भुगतेंगे इस पाप कर्म का फल!!!
Bahut sahi sehaj Sager ji maharaj ki jai
सब ट्रस्टी बेईमान है गुरु से इस प्रकार का व्यवहार करने वालों एवं करवाने वालों को श्मशान में लकड़ियां भी नसीब नहीं होगी।
भगवन ये तो सभी जगह होता है कोई दूसरे ग्रुप के संत आते है तो चौका तक नहीं लगाते
🙏🙏🙏
कमेटी को आत्म चिंतन करना चाहिए ये पाप का भुगतान कैसे करेंगे
कुंडलपुर कमेटी पर थू थू आगे ध्यान रखना
ज्ञान को प्राथमिक ता देना चाहिये लेकिन जैन धर्म में धन को प्राथमिकता दी जा रही है । जब से कुछ साधूओ के ऊपर केवल मंदिर बनाने का भूत सवार है ऐन केन प्रकरेण केवल बड़ा मंदिर बनना चाहिये इससे हो क्या रहा है मंदिरो में धन का बहाव fund flow बड़ रहा है केवल धन के बल पर लोग कमेटी के प्रमुख बन बैठते है जिन्हे ना तो धर्म का कोई ज्ञान है और ना ही व्यवहरिक ज्ञान . इन कमेटी वालो को यात्री सें बात करने की तक तमीज नही . इन लोगो को आचार्य श्री से भी कोई लेना देना नहीं ये केवल ऐसे साधू को प्राथमिकता देते है जिनके वजह सें पैसा इकट्ठा होता है या ऐसे साधू जों समाज या धर्म का उद्धार ना करके केवल मंदिर बनाने हेतू पूरा चतुर्मास खत्म कर देते है। ऐसे स्थानो पर अपनी चतुमसि की जगह चुनते है जहां लोग विना दिमाग लगाये पैसा लुटाते है जिससे इन कमेटियो का जन्म होता है और इनके धनपति आज्ञानी पदाधिकारियों का जिनका समाज सेवा से कोई लेना देना नही केवल मंदिरो के माध्यम से धन का गवन करना है। आजकल केवल ऐसे साधुओ की पूछ होती है जों वड़ी बड़ी बोली लगाकर मंदिर बनाने के नाम पर धन राशि इकट्ठा करते हैं और फिर ये कमेटी वाले उसी धन का संरक्षण और वयवस्थापक हेतु पदाधिकारी बनकर झोल करते है।
णमो लोए सत्वसाहूणं .
Jain Foundation will send legal notice and defamation notice against this worst act . Please support if you agree by sharing it
Namostu Gurudev 🙏🙏🙏🙏
पुरी कमेटी को भंग कर देना चाहिए।
कमेटी भंग करने से कुछ नही होगा... जब तक दूषित मानसिकता वाले बुढऊ मरेंगे नही.. सिस्टम बदलेगा नहीं..
Kundalpur samati ko lstifadena chaia
कुंडलपुर समिति वाले अच्छे नहीं है ये आज भी ब्रांड देखते है ये विद्यासागर का चेला है या विशुद्ध सागर का
ये सब ब्रांड का बीज बोया है सब विद्या सागर के चेलों का है
सबको पता है, कमेटी वालो कि ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन ये तुम 'विद्यासागर का चेला' करके, क्या कह रहे बार बार?, आचार्य भगवन श्री विद्यासागर बोलो, वो सबको पूज्य है.
कुंडलपुर की कमेटी ने कुंडलपुर को अपनी निजी जागीर समझ लिया है सिवाय वहां भ्रष्टाचार के ओर कुछ नहीं मिलेगा
अधर्मी को सेवा में रखोगे तो यही होगा रूम होने के बाद भी होटल का पता बताएँगे
दीपावली पर हम भी गए थे
तभी कसम खा ली थी की दोबारा नहीं जाएँगे एकदम घटिया और अव्यवहारिक management में लोग बैठा रखे है बात करने का तरीका नहीं room नहीं दिए
हमारे जैन साधु के साथ ऐसा व्यवहार नहीं चलेगा ऐसा नहीं होना चाहिए
कौन ऐसा कल्की राजा है जो तपस्वी आचार्य मुनि पर घिनौला उपसर्ग किया
शर्मनाक है
अभी माफी मांग कर काय को बड़प्पन कर रहे
अब तो नरकगती बंध बांध लिया अब भुगतो कुंडलपुर कमेटी
बहुत ही दुखद प्रकरण है शर्मनाक समाज के लिए
जब तक लकड़ी की जाती का बेड कुल्हाड़ी में नहीं लगता तब तक कुल्हाड़ी लकड़ी को नहीं कट पाती
kundalpur kameti ko khtam kr new kameti bnao or jo log uchit vyavhar nhi kr skte unhe pd pr rhne ka adhikar nhi he
17 picchi ka aisa tapasvi sangh upvas ke bad dusre din bina aahar ke vihar kar jaye ,aisi kameti ko iska kitna pap lagega aap soch bhi nahi sake
Muni shri ko priority deni chahiye, na ki program ko...
in kameti walo ko keval, pujya sudha Sagar ji maharaj sudhar sakte hai..
Kameti wale kon hote hote hai ye sab karne wale?
कमेटी में बहुत ही घमंडी व्यक्ति बैठे है ऐसा लगता है
"ऐसे लोगों को तुरंत समिति से हटा देना चाहिए और क्षेत्र से और समाज से निकाल देना चाहिए।"
कुंडलपुर नगरी कमेटी के बाप की बपौती है इसलिए ऐसा नाटक किया, तेरापंथी के लिए अलग नियम,बीसपंथी के लिए अलग नियम जैसा उन्होंने कुंडलपुर को खरीद लिया
कमरे नहीं है यात्री देखकर पहचान लेते हैं
ऐसा ही सांगानेर में भी ऐसा ही नाटक करते हैं कमेटी कमरे नहीं देते यात्री देखकर पहचान लेते हैं ऐसी कमेटी को शर्म आनी चाहिए जो जैन लोग भी ऐसा करते हैं
Halke mai le gye
Pahla to ye ki kundalpur ka haal new year pe yesha hi rahta me approx 10 baar gya hamesha yahi rahta to usme koi doubt nahi hai or ek bhai jo poona ka aaye hai unki buddhi thodi kamjor lag rahi pahla jain sadhu kabhi kisi ko bura bhala nahi kahte kaha kaha se kaise kaise log hai kuch bhi atisyonkti bolte hai.and dusra maharaj shree ko TV pe kuch nahi kahna chahiye baise bhi jain thode se hai un me hi vivad karoge to gaya jain dharam kaam se
@@saurabhjain9429 Unki budhi kamjor ho ya jyada ho yeh ham decide nahi kar sakte. Pehle khud ke gireban me jhanko. Yeh ghatna ke jitne bhi videos hai uske niche Wale comments dekhiye. Samajh aayega kiski budhi kamjor hai. 🙏🏻
Itana baval karana dharma ka avahelana hai
साधु संतों की अवहेलना हुईं है
Sabhi jagah ka yahi haal h
दिखावे के सम्मान का पर्दा फाश हो ही जाता है
ऐसी कमेटी को बर्खास्त करें
Kamathi nei galtiya ki asse attitude wali kamathi koo athana chaiye
Sabhi jagah kameti apni manmani karti hain
कमरे बनाने के लिए तो पहले ही लाखो की राशी खीच लेते है
ऐसे कमेटी को कुछ भी समझाकर पालथे घडे में पाणी है
Galat log bethe hain kameti me
गलती दोनों तरफ से हुई है
सबसे बड़ी गलती कमेटी की है। मुनियों की किसी भी बात को काटना नही चाहिए। नाटक कभी भी हो जाता। महाराज जी पहली बार आये थे कोई बार बार नही आते।
जब पिछले साल दुर्गा विसर्जन कर दिया था उनके सामने मुख नही खुला।
और महाराज जी भी यदि बड़े बाबा का दर्शन करने आये थे तो उन्हे कमेटी से प्रभावित नही होना चाहिए था।
कुंडलपूर् सबका है कमेटी का नही
और महाराज जी इतने बड़े तपस्वी है तो उन्हे समता भी रखनी चाहिए। क्योकि मुनिराज की शोभा ही समता है। ये ही तो कुंडलपूर् के बड़े बाबा ने आपकी परीक्षा ली । प्रतिकूलता मे आप समता रख पाते कि नही । देखो आचार्य विद्या सागर जी की तो आप से हजार गुना परीक्षा ली गई फिर भी वे पीछे नही हटे। किसी को कुछ कहा नही और अपना काम भी रोका नही।
ये होती है मुनि की समता।
आप तो पहली परीक्षा मे ही चले गए। यदि आपको बड़े बाबा से प्रयोजन होता तो आप भी आचार्य विद्या सागर जी के जैसे अडिग अड़े रहते न कि चले जाते।
वहाँ की समाज और बड़े बाबा से तो कोई बैर नही था
guruji ne vivad se hatke samta hi to dikhayi .
Maharaj ne samta nhi khoti hai. Kameti walo ne kaksh me kis laheje me baat ki voh uss samay Acharya Shri hi jaante h. Aur ab toh sabki baate aaram se hi hongi Aur yadi samne se koi nhi chahta aap ruke toh paradheen munivar ki charya ve toh chale hi jayenge naa. Unhone shuru me bahot samta hi rakhi thi, sabhi bhakto se bola aap bade baba ke darshan kare, yeh sab chhode, lekin fir samne se agr meeting bithayi jayegi toh sadhu kya karega chala hi jayega unhone prem se kaha yadi aapko vikalp hora h hum vihar kar dete h unhone hath jod liye. Aur bahot kuch hua hoga warna veh itne karuna heen nhi h ki itne bude sadhuonko upwas ke baad bhi sardi me vihar karwaye apni kashaye me. Veh shuddhopyogi sant h. Acharya Puspdant Sagar Ji, Acharya Sanmati Sagar Ji, Acharya Vidhya Sagarji unke Guru h. .
Aur rahi baat Acharya Shri ke samta ki hum unke sath me Amarkantak me the aur humne dekha tha waha ki kameti bhi aisi hi thi...lekin fir bhi Acharya Shri waha Gaye koi bulane nhi aa raha tha naa kuch fir Bade guruji ne waha se brahmchari bheje the. Aur Acharya Shri jante the aahar ki vyavastha nhi hogi toh chaudas ko hi waha Gaye aur usi din waha se vihar kar diya. Kameti se kuch nhi kaha na lena dena rakha. Bade guruji ne Prasad sagarji ko agwani ke liye bheja tha dwar pe.
@akshatjain1414 वो तो कमेटी को सबक सिखाने। समता का मतलब आंतरिक उद्वेग न होना। और उन्हे बड़े बाबा के दर से यूँ नही जाना चाहिए था।
मै अपनी बात बताता हूँ जब मै पहली बार कुंडलपूर् गया था। तो मेरी परीक्षा भी ली गई। 2014 की बात है। तेज गर्मी। आचार्य श्री भी थे वहाँ पर। और मेरा पेट भी खराब हो गया था। और इतनी बुरी किस्मत थी आचार्य श्री के अच्छे से दर्शन नही मिले। पेट खराब होने से बड़े बाबा का अभिषेक नही कर पाया। और जब मै जाने लगा। मेरे अंदर बहुत रोष था कमेटी नही बड़े बाबा के प्रति। पहली बार आया और हालत खराब कर दी। उस समय मै न समझ था। मैने बस मै बेठ कर बड़े बाबा से मन ही मन बोला अब जिंदगी मे कभी नही आऊंगा कुंडलपूर्।
बाद मे अहसास हुआ कि गलती पूरी मेरी थी। बड़े बाबा इतने आसानी से मिल जाते तो बड़े बाबा कैसे।
फिर अभी कुंडलपूर् महोत्सब् हुआ था अंतिम बार तब घर बैठ कर बड़े बाबा से काफी प्रथना करी। उनसे क्षमा मांगी।
और कुंडलपूर् गया। विश्वाश नही करोगे इतनी अनुकूलता मिली जैसे साथ मै कोई देव चल रहा हो।
जब 2019 का महोत्सव था इतना ट्रैफिक होता था दमोह तक तो पहुँच जाओ लेकिन दमोह से कुंडलपूर् तक एक एक घंटे का ट्रैफिक।
जिस दिन मै गय कोई ट्रैफिक नही।
बस का driver खुद बोलता है मै इतने दिन से आ रहा एक एक घंटे बस निकल पाती थी आज बिना रुके पहुँच गया कोई पुण्यातमं बैठा होगा बस मे।
और उस दिन रात्रि मे जब अपनी बस देखने गया घर वापस जाने। बस कही दिखी नही थोड़ी दूर आ गया सुबह से पैदल चल रहा और अब चला नही जा रहा। कोई वाहन भी नही दिख रहा था। कोई bike वाला जिस से लिफ्ट ले ले।
मैने बड़े बाबा को याद किया अब आप ही कुछ करो।
तभी अचानक पीछे से एक bike वाला बोला भैया कही जाना है छोड़ दूँ मैने बोला हाँ पंडाल तक छोड़ दो।
मैने उसे थैंक्स बोला और पूछा आप भी पंडाल तरफ आ रहे थे उन्होंने बोला नही और अचानक से चले गए।
तो समता रखनी होती है और श्रद्धा भी
देश की जैन समाज कैसे जानती कुंडलपुर कमेटी कितनी निर्दई है
कुछ भी हो हम नहीं सुधरेंगे
Namostu Gurudev 🙏 🙏 🙏 🙏
Namostu bhagwan
Namostu gurudev 🙏🙏🙏
हमारे जैन साधु के साथ ऐसा व्यवहार नहीं चलेगा ऐसा नहीं होना चाहिए
Namostu gurudev 🙏🙏🙏