Ghazal by Jagjit Singh | Tumne Badle Gin Gin Ke Liye | Jagjith Singh Gazals | Art And Artistes
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- Опубликовано: 6 фев 2015
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Concept: Durga Jasraj, follow her at:
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Producers - Durga Jasraj & Neeraj Jaitly
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2024 me kon kon hai
काश आज आप दुनिया में होते तो मैं आपकी voice concert में भाग ज़रूर लेता ,,आपको सामने बैठ कर सुनने की बड़ी तमन्ना थी,,आप बहुत सहजता से बहुत गंभीर असर छोड़ते थे दिलो दिमाग पर 🙏,,आपके लिए बहुत सारी दुआएं
जगजीत सिंह साहब ही हैं जिन्होंने ग़ज़ल गायकी को अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया। मेरे जैसा बेसुरा भी जिसे संगीत की कोई समझ ही नहीं है उनकी आवाज सुन कर अपने पांव रोक कर पूरी ग़ज़ल सुनकर ही आगे बढ़ता है।
Jab tak Suraj Chand rahega sharab ka naam rahega
काश आज आप होते 😢😢😢😢
तुम ने बदले हम से... क्या तुम्हें चाहा था।। बहुत खूबसूरत ग़ज़ल... आज फिर तुम्हारी यादें ताजा हो गई।। मिस यू प्रिया।। आपको बहुत मिस करता हूँ... यार...
गज़ल तो मूलत: साहित्य की ही विधा है। लेकिन, जब जगजीत साहब जैसे लोग इसे गा दें तो लगता है कि सब कमाल गायकी का ही है। Miss U जगजीत जी।
Koun koun 2022 me sun rha 05/4/2022
कहा चले गयी आपकी ये प्यारी मुस्कान 😢😢😢😢😢😢😢😢
सच तो ये है की शायरी उस सोने की तरह है जिसे जब एक सोनार कोई रूप देता है तो तो उसकी कीमत और महत्व दोनों ही बदल जाते है! जगजीत जी को शत शत नमन 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 CSTomar
कोई शब्द नहीं लिखा जाएगा 😭😭
वो नहीं सुनते हमारी, क्या करें?
वस्ल = मिलन
चाहने वालों से गर मतलब नहीं,
चाहने वालो से गर मतलब नहीं , आप फिर पैदा हुए किनके लिए ।
आपकी आवाज दिल के अंदर सुनते ही बस जाती है काश आप अब तक जिंदा होते तो मै जरूर आपसे मिलता sir ❤️❤️
"Wasl ka din, aur itna Mukhtasar?
बांगबा कलियां हो हल्के रंग की
सही तो ये है कि आपकी तारीफ और सूरज को आईना दिखाना,, नहीं कोई तारीफ नहीं