सरदाना जी काश इस देश में सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो जाए तो इस देश से भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा समाप्त हो सकता है.सरकार और न्यायपालिका को अपनी जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता है.
यह अत्यंत दुखदाई है कि मासूमों को प्रशासन की अपूर्ण व्यवस्थाओं फलस्वरूप अपने जीवन की प्रारम्भिक अवस्था में ही जीवन गंवा दिया है। गुजरात और दिल्ली दोनों घटनाएं अत्यंत दुखदाई हैं। सरकारों को जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारीयों के प्रति कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। इसके लिए प्रशासन की लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।
सरदाना जी, आप इतने मजबूत तरीके से इन सवालों को सरकार एवं जनता के सामने पेश किया है, आप के विश्लेषण एवं मामले को उजागर करने के तरीके बहुत ही शानदार है। आशा है आप के मेहनत से लोगों को लाभ होगा। धन्यवाद।
बिना लाइसेंस हुक्काबार,गेम जोन,फन जोन चलाने वालों को सख्तसे सख्त सजा मिलनी ही चाहिए कोई भी फन पार्क में अपनी संस्था की पुरी जानकारी बडे डिस्पले बोर्ड पर होनी चाहिए जिसमें नाम ,स्थापना दिवस, जिम्मेदार मालीक और अधिकारी का नाम लाइसेंस नंबर-वेलिडिटी बोर्ड पर ही उपलब्ध चाहिए पुरा बिल्डिंग का इलेक्ट्रिक फायरप्रुफ चाहिए आग को बढावा देनेवाले साधनों का उपयोग नही होना चाहिए गेम चलाने वाले ओपरेटर कर्मचारीको भी हेजार्ड के बारेमें संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए आपातकालीन परिस्थितिमें क्या करना वह भी समजना चाहिए
क्या इस अग्निकांड पर गुजरात के मुख्यमंत्री पर मुकदमा नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार दिल्ली के अग्निकांड पर क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री पर मुकदमा नहीं हो सकता है। परोक्ष रूप से इन मृत्यु पर यह दोषी है ।
लोगों को नौकरी जाने डर नही होता है, इसलिए इस तरह कि घटनाऐ होती है और होती रहेंगी। हम-आप सब मजबूर है। ज्यादा हम कहेंगे तो कोई धारा लगाकर जेल मे ढकेल दिए जायेंगे। धन्यवाद ज्वलंत मुद्दा पर चर्चा के लिए।
SIR SHRI VIJAY SARDANA JI EXCELLENT INFORMATIONS AND NEWS VISHLESHAN SHARED BY YOU ON CORRUPTION IN OUR COUNTRY AND NOBODY KNOWS WHO IS RESPONSIBLE FOR THIS KIND OF FIRE ACCIDENTS HAPPENED YESTERDAY IN RAJKOT AND NEW DELHI THANKS FOR SHARING
इस तरह की घटनाओं को देख सुनकर सच में बहुत ही दुख होता है कि विज्ञान की प्रगति के अनुपात में ईन्सान की ईन्सानियत में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है बल्कि अवनति ही हो रही है। प्राइवेट बसों में, गाडिय़ों में ओवर लोडिंग होने पर चालान कटना, प्रताड़ित किया जाना आम बात है लेकिन सरकारी गाडिय़ों में, ट्रेनों में जो ओवर लोडिंग होने के कारण महीनों पहले टिकट लिए सवारियों को जो परेशानी होती है, मार पीट होती है, दुर्घटना होती है, इसकी कोई जिम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिये। क्या रेलवे के लिये कोई नियम कानून नहीं होने चाहिये?
Your observations are very true. Immediate arrest of the irresponsible officials is warranted & they should face strict action besides dismissal from the service
पहली बात तो ये है कि हम लोग जागरूक नहीं है जो लोग हैं वो हिम्मत नहीं जुटा पाते उसका कारण भी कानून ही है दूसरा सरकार चाहे तो हर चौराहे पर ऐसे निर्देश दे सकती है की ऐसा हो तो ये ये करे और सरकार उनकी ये ये मदद करेगी 💖💖💖🙏🙏🙏
विजय जी साहब आप ने येजो आप ने मुद्दा बहूत सही है लेकिन इन के कानून इतने जटिल है कि इन नियमो की पूर्ति करना इतना आसान नही है । इस जटिल कानून से गुजर ने के लिए रिश्वत का सहारा लेना पडता है अर्थात कानून का लचीलापन होना आवश्यक है ।
Vijay Ji Great Video A very simple solution. In every district ask who is most important or influential. Kuch toh answer aayega. The Families thus called out may Deny or accept? Acceptance will be celebrated, non acceptance is quite difficult to accept. Health and Fire safety department are just waste of time.
सरकारी यंत्रणा सबसे , मंत्रियों द्वारा बहुत ही होती है, इनको डिस्क्रीमेटोंरी power बहुत जादा है । Law और क़ायदे नियंत्रण बिलकुल साफ़ , clear होनी चाहिए ; उनका उल्लंघन पर strict क़ायदे हो । control system pinpoint होनी चाहिय , बढाओ numbers , employment भी सुधरेगी 👍
कोई भी बिभाग हो, कोई राज्य हो, कोई भी सरकार,कोई भी अधिकारी हो पूरा देश रिश्वतखोरी की चपेट में है l राजनेता सब कुछ जानते हुए भी जनता को गुमराह कर रहे हैं l पुलिस, प्रशासन, जूडिशल सिस्टम और राजनेताओं की मिली भगत से bhrastachar चरम पर फल फूल रहा है l
जितने भी सार्टिफिकेट उस जगह के लिए जारी किए गए हो वो उस दुकान या जगह जाने वाले को दिख सके ऐसी सार्वजनिक जगह पर लगाया जाना चाहिए ताकि वहा जाने वाले आसानी से देख सके ।
Bahut satik vishleshan, sir. Nishchit taur se inspector raaj ke karan jan manas trast hai, buri tarah trast. Lekin wo akela is paise ko kha leta ho, aisa bhi nahin hai, ye sab jante hi honge. Bandar baant niche se upar tak jati hai. Isi liye inspectors bhi bekhauf rishwat lete hain. Jo is wakt neta logon ke virudh project chalu hai, ye successful ho to in inspectors ka kuch ho sakta hai. Koi kanoon ban bhi jaye to rajya sarkaren kitna sahyog dengi ye nahin kah sakte. Mere vichar se ye kaam thoda samay lega, lekin hoga ye vishwas hai. Neta sudhar gaye to sab sudhar jayega.
ओ३म् त्याग-प्रेम-सेवा यह तीन मानवीय गुण होते हैं। क्या हमारी विधायिका-न्यायपालिका-कार्यपालिका-खबरपालिका में यह गुण होते हैं। “सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय”
सर आपका और सभी जागरूक नागरिकों का इस तरह की घटनाओं से विचलित होना स्वाभाविक है। लेकिन क्या केवल अधिकारी ही जिम्मेदार है,क्या आम नागरिक भी किसी ना किसी रूप में इसके लिए जिम्मेदार नही है।हम सभी अपनी छोटी छोटी सुविधाओं के लिए शॉर्टकट नही अपनाते नही है? यह जो अधिकारी या नेता यह समाज का ही प्रतिबिंब है। जब तक हर नागरिक भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प नही लगा तब तक इस पर रोक लगाना संभव नही है।
I do agree with you that corruption from our system cannot be eradicated. It has become a way of life.The biggest cause is ever increasing population. Only Sanjay Ghandhi was a person who perceived this harrowing fact.Unfortunately it was very badly implemented. Thereafter no body had the courage to speak on this problem. The wrong concept that children are God's gift, is ruining the country. All government benefit schemes should be limited to 2 child norm only . Better education is another way to manage this problem etc..
हिंदुस्तान में किसी भी पद की कोई जिम्मेदारी तय नहीं है.. उस पद पर काम करने वाले की जिम्मेदारी कैसे तय होगी ? यहीं से गैर जिम्मेदार आचरण और भ्रष्टाचार का रास्ता खुलता है।😮
आप सभी शेखर बर्थडे प्रणव है कि इस वीडियो को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं। शायद आपके ही प्रयासों से कोई परिवर्तनआ जाए और मासूम बच्चों की जान बचाई जा सके।
Vigilance must be accountable, physical inspection before operation must , without their NOC. NOC n more punishing rules to people at large to be reasonable rather punish the responsible inspector to allow the ACT👍
एक घर या एक सोसायटी में हम पांच सदस्य या पचासों परिवारों को नियंत्रित नहीं कर सकते फिर इतना बड़ा देश चलाना कितना कठिन होगा। अब एक सरकार सही काम करने वाली है हम उससे जादुई चिराग वाला चमत्कार चाहना सही नहीं होगा।
The Govt should dismiss those who are negligent and their PF, Pension should be stopped. The owners of the establishment should be asked how much money they were bribing and to whom. They should be arrested and taken to court.
मज़े की बात ये भी है विजय सरदाना जी की जो फ़ायर एंड सेफ़्टी बनाए भी , और जो लोग बहुत अच्छे से बनाते भी हैं , सबसे पहले ये इंस्पेक्टर उनको ही बर्बाद करते हैं । आप सारे नाम से फ़ॉलो भी कर लो तब भी उतने ही रिश्वत खाते हैं जिसमें चाहे आप कुछ भी ना फ़ॉलो करो😂
मोदी जी भी इसको नहीं सुधार सकते हैं।जैसी जनता है वैसे ही नेता है अधिकारी है। स्वच्छता अभियान मोदी जी ने लांच किया यदि बीजेपी के कार्यकर्ता पदाधिकारी ही अपनाते तो ये सफ़ल हो गया होता। लेकिन सब जेब भरने में लगे हैं।
If investigated, the blame will be as 'Electric Short circuit'. This is the common reason given by the investigating agencies. The Govt of India should ban the plastic conduits and plastic switch boards for all office buildings in which records are maintained/stored, in the Hospitals, in Cinema halls and auditoriums, in the factories, and in other buildings except residential flats. Because of poor quality of copper wires, and improper selection of size of wires, the wires become hot due to which the plastic conduits melts. Any spark that falls on the record papers will catch fire. 2) Fire fighting equipment ( different types) are not installed. If installed they are not maintained. If you visit Govt offices, you can see fire pipes, fire alarm panels, fire sensors. But they are not in operational condition. No fire pipes are maintained with 40 PSI water pressure. Because, Fire water tank is empty. There are solutions. But, Govt officers do not want solutions and want to continue as laid 50 years old. Responsibility and accountability should be on the Owner/ Chairman of the company. Then only, they will spend towards all kinds of safety.
सर मेरे घर के बाजू में एक मकान हैं मेरे पार्किंग की दीवाल उनसे जुड़ी हे और उसने पार्किंग में मकान रूम बनवाया 4 साल तो उसकी तरफ वाली दीवाल में तिराड़ बढ़ जा रही हैं और 80 से 100 बच्चे प्लेय हाउस हैं और म्युनिस्पल के अधिकारी मंजूरी गैरकानूनी होगी कभी भी हादसा होगा राजकोट म्युनिस्पल में बहुत ही है भ्रष्टाचार
मुझे नहीं लगता कि मोदी जी या कोई भी भ्रष्टाचार खत्म कर सकती है। हां भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतरिक सुरक्षा के मामले में ठीक हैजिसकी आशा विपक्ष से नही है
Fire safety and emergency exits are very important in any building, whether it is ground buildings or multi storied buildings. The fire equipments after installations , also must be frequently checked for proper operations 🙏
सरकारी कर्मचारियोंको बार-बार सभी तरहके महंगाई भत्ता बढाते हैं सुविधाएं देती है राज्य सरकार और केंद्र सरकार फिर भी रिश्वतखोरी की आदत नहीं छूटती और arrogance कम नहीं होता! इसीलिए हर कोई सरकारी नौकरीके पीछे पडता है
पुराने जमाने यानि अग्रेजों के शासन काल मे सुना जाता था कि परिसर थाने भ्रष्टाचार के गढ हैं। लेकिन आजकल सरकार के सभी संसथान घूस के अडडे होगये है ं। थोड़ा लिखना बहुत समझना। हर हर महादेव। जय श्रीकृष्ण।
सरदाना जी काश इस देश में सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो जाए तो इस देश से भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा समाप्त हो सकता है.सरकार और न्यायपालिका को अपनी जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता है.
यह अत्यंत दुखदाई है कि मासूमों को प्रशासन की अपूर्ण व्यवस्थाओं फलस्वरूप अपने जीवन की प्रारम्भिक अवस्था में ही जीवन गंवा दिया है। गुजरात और दिल्ली दोनों घटनाएं अत्यंत दुखदाई हैं। सरकारों को जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारीयों के प्रति कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। इसके लिए प्रशासन की लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।
मोदी सरकार हो या कोई भी। सरकारी भ्रष्टाचार सदा अमर है।
पक्ष हो या विपक्ष सब भ्रष्टाचार के पक्षधर नजर आते हैं क्योंकि सबको धन चाहिए जवाबदेही नहीं इसपर भी चिंतन और मनन कब ॽ विचारणीय प्रश्न है ॽ
अकेले मोदी जी सब कुछ ठीक नहीं कर सकते है हम सब को भी आवाज़ उठाना चाहिए
दोषीओं को आजीवन कैंद की सजा और मुआवज़ा वसुल किया जाये
सरदाना जी, आप इतने मजबूत तरीके से इन सवालों को सरकार एवं जनता के सामने पेश किया है, आप के विश्लेषण एवं मामले को उजागर करने के तरीके बहुत ही शानदार है। आशा है आप के मेहनत से लोगों को लाभ होगा। धन्यवाद।
Sardanaji maine first time apko notbandi me tv debate par dekha aur Good analysis
with facts and data.
इतने भ्रष्टाचार को पीठ पर लादे हुए भारत विश्वगुरु बनने कि राह में आगे नहीं बढ़ सकता है!
जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए.
जो भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, जेल तो हो लेकिन सेवा मुक्त होने पर मिलने वाले सारे लाभ बंद होने चाहिए
बिना लाइसेंस हुक्काबार,गेम जोन,फन जोन चलाने वालों को सख्तसे सख्त सजा मिलनी ही चाहिए
कोई भी फन पार्क में अपनी संस्था की
पुरी जानकारी बडे डिस्पले बोर्ड पर होनी चाहिए
जिसमें नाम ,स्थापना दिवस, जिम्मेदार मालीक और अधिकारी का नाम
लाइसेंस नंबर-वेलिडिटी बोर्ड पर ही उपलब्ध चाहिए
पुरा बिल्डिंग का इलेक्ट्रिक फायरप्रुफ चाहिए
आग को बढावा देनेवाले साधनों का उपयोग नही होना चाहिए
गेम चलाने वाले ओपरेटर कर्मचारीको भी हेजार्ड के बारेमें संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए
आपातकालीन परिस्थितिमें क्या करना वह भी समजना चाहिए
भ्रस्टाचार जायेगा नही-जब तक कानून मज़बूत नही है?
विजय जी प्रणाम
मानक तय कर सख़्त कारवाही तो होनी ही चाहिए।
Excellent superb analysis Sir
क्या इस अग्निकांड पर गुजरात के मुख्यमंत्री पर मुकदमा नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार दिल्ली के अग्निकांड पर क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री पर मुकदमा नहीं हो सकता है। परोक्ष रूप से इन मृत्यु पर यह दोषी है ।
You are Absolutely right Sir
जितना बड़ा अधिकारी उतना बड़ा भ्रष्ट।
लोगों को नौकरी जाने डर नही होता है, इसलिए इस तरह कि घटनाऐ होती है और होती रहेंगी। हम-आप सब मजबूर है। ज्यादा हम कहेंगे तो कोई धारा लगाकर जेल मे ढकेल दिए जायेंगे। धन्यवाद ज्वलंत मुद्दा पर चर्चा के लिए।
SIR SHRI VIJAY SARDANA JI
EXCELLENT INFORMATIONS AND NEWS VISHLESHAN SHARED BY YOU ON CORRUPTION IN OUR COUNTRY AND NOBODY KNOWS
WHO IS RESPONSIBLE FOR THIS
KIND OF FIRE ACCIDENTS HAPPENED YESTERDAY IN RAJKOT
AND NEW DELHI
THANKS FOR SHARING
From London UK Sir you are absolutely right, In India any Government come in power they never stop corruption Jai Hind 🙏🙏
जनता पैसा भी देती है और अपने आपको पिटवाती भी है। यही लोकतन्त्र है।
आज तक 70 सालो में,,,,,कितने भ्रष्ट नौकरशाह को सजा सुनाई है???????🤔🤔
आपातकाल व राष्ट्रपति शासन की ज़रूरत है।
इस तरह की घटनाओं को देख सुनकर सच में बहुत ही दुख होता है कि विज्ञान की प्रगति के अनुपात में ईन्सान की ईन्सानियत में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है बल्कि अवनति ही हो रही है।
प्राइवेट बसों में, गाडिय़ों में ओवर लोडिंग होने पर चालान कटना, प्रताड़ित किया जाना आम बात है लेकिन सरकारी गाडिय़ों में, ट्रेनों में जो ओवर लोडिंग होने के कारण महीनों पहले टिकट लिए सवारियों को जो परेशानी होती है, मार पीट होती है, दुर्घटना होती है, इसकी कोई जिम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिये। क्या रेलवे के लिये कोई नियम कानून नहीं होने चाहिये?
Your observations are very true. Immediate arrest of the irresponsible officials is warranted & they should face strict action besides dismissal from the service
मैं आपके भागीरथ मुहिम में आपके साथ हु।
पहली बात तो ये है कि हम लोग जागरूक नहीं है जो लोग हैं वो हिम्मत नहीं जुटा पाते उसका कारण भी कानून ही है दूसरा सरकार चाहे तो हर चौराहे पर ऐसे निर्देश दे सकती है की ऐसा हो तो ये ये करे और सरकार उनकी ये ये मदद करेगी
💖💖💖🙏🙏🙏
भ्रष्टाचार करते हुए पकड़े जाने पर सिर्फ बर्खास्त। सबसे पहले उच्च पदस्थ पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विजय जी साहब आप ने येजो आप ने मुद्दा बहूत सही है लेकिन इन के कानून इतने जटिल है कि इन नियमो की पूर्ति करना इतना आसान नही है । इस जटिल कानून से गुजर ने के लिए रिश्वत का सहारा लेना पडता है अर्थात कानून का लचीलापन होना आवश्यक है ।
भ्रष्टाचार का पेड़ उल्टा होता है, जड़ें ऊपर और शाखाएं नीचे, जब तक इस पेड़ की जड़ें नहीं कटेगी तब तक शाखाएं यूं ही पनपती रहेंगी
आप भी क्या बात करते हैं श्रीमान सरदाना जी, इंस्पेक्टर राज में, इंस्पेक्टर को सज़ा?
Nice very nice SIR. 🙏🙏🙏
Shame!
Accoutiblity honi chahiye
Vijay Ji Great Video
A very simple solution. In every district ask who is most important or influential. Kuch toh answer aayega. The Families thus called out may Deny or accept? Acceptance will be celebrated, non acceptance is quite difficult to accept.
Health and Fire safety department are just waste of time.
Good
सरकारी यंत्रणा सबसे , मंत्रियों द्वारा बहुत ही होती है, इनको डिस्क्रीमेटोंरी power बहुत जादा है ।
Law और क़ायदे नियंत्रण बिलकुल साफ़ , clear होनी चाहिए ; उनका उल्लंघन पर strict क़ायदे हो । control system pinpoint होनी चाहिय , बढाओ numbers , employment भी सुधरेगी 👍
Today also concern dept . has rules. Agree with you
about transpirancy.
नमस्कार सरदाना साहब
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Strict laws, strict punishment and accountability and its implementation needs.
कोई भी बिभाग हो, कोई राज्य हो, कोई भी सरकार,कोई भी अधिकारी हो पूरा देश रिश्वतखोरी की चपेट में है l राजनेता सब कुछ जानते हुए भी जनता को गुमराह कर रहे हैं l पुलिस, प्रशासन, जूडिशल सिस्टम और राजनेताओं की मिली भगत से bhrastachar चरम पर फल फूल रहा है l
विजय जी ये लोग काम ही नही करते अपने से छोटे लोगों के किये काम को अपना वताते है इनलोगो को काम से हटा देना चाहिए
जितने भी सार्टिफिकेट उस जगह के लिए जारी किए गए हो वो उस दुकान या जगह जाने वाले को दिख सके ऐसी सार्वजनिक जगह पर लगाया जाना चाहिए ताकि वहा जाने वाले आसानी से देख सके ।
Bahut satik vishleshan, sir. Nishchit taur se inspector raaj ke karan jan manas trast hai, buri tarah trast. Lekin wo akela is paise ko kha leta ho, aisa bhi nahin hai, ye sab jante hi honge. Bandar baant niche se upar tak jati hai. Isi liye inspectors bhi bekhauf rishwat lete hain. Jo is wakt neta logon ke virudh project chalu hai, ye successful ho to in inspectors ka kuch ho sakta hai. Koi kanoon ban bhi jaye to rajya sarkaren kitna sahyog dengi ye nahin kah sakte. Mere vichar se ye kaam thoda samay lega, lekin hoga ye vishwas hai. Neta sudhar gaye to sab sudhar jayega.
Ap hundread persent right ho
❤👍💯👌
It is a long way to go
Jai shree Ram
Aap bate Ek Dam sahi Kahe rahe hai
Love you Sir
🙏🙏
ओ३म्
त्याग-प्रेम-सेवा यह तीन मानवीय गुण होते हैं। क्या हमारी विधायिका-न्यायपालिका-कार्यपालिका-खबरपालिका में यह गुण होते हैं।
“सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय”
Nice👍
Corruption is in full swing.. Govt might have changed but system is still working.
सर आपका और सभी जागरूक नागरिकों का इस तरह की घटनाओं से विचलित होना स्वाभाविक है।
लेकिन क्या केवल अधिकारी ही जिम्मेदार है,क्या आम नागरिक भी किसी ना किसी रूप में इसके लिए जिम्मेदार नही है।हम सभी अपनी छोटी छोटी सुविधाओं के लिए शॉर्टकट नही अपनाते नही है?
यह जो अधिकारी या नेता यह समाज का ही प्रतिबिंब है।
जब तक हर नागरिक भ्रष्टाचार मुक्त भारत का संकल्प नही लगा तब तक इस पर रोक लगाना संभव नही है।
Pune accident case is yet another example of corruption in police and health departments.
Mahashay ji Andhe bahare Adhikariyon ke liye aap soch samazkar our sare Netaon ko bhi bataiye ki shuruwat kaha se karni hai Jay Bharat Jay hind
Very true. But Judiciary also snail 🐌 pace. Disposal of corruption cases. Corruption in system is penitrated like termites.
Vijayji Sara khel kanun me Jo loop heles hai uska hai, jab Tak kanun me badlav me badlav nahi honge kuchh nahi ho sakta.
लापरवाही और भावशून्यता, भ्रष्टाचार की नीव है, पैसा देकर कुर्सी पाने, discount में पाने वाले से कोई नहीं हो सकती.
Jai Shree Ram 🙏 🙏
जब तक सरकारी अधिकारी का जेमेदारी तय नही होगा जेल नही जायगा कोई फायदा नही होगा
I do agree with you that corruption from our system cannot be eradicated. It has become a way of life.The biggest cause is ever increasing population. Only Sanjay Ghandhi was a person who perceived this harrowing fact.Unfortunately it was very badly implemented. Thereafter no body had the courage to speak on this problem. The wrong concept that children are God's gift, is ruining the country.
All government benefit schemes should be limited to 2 child norm only . Better education is another way to manage this problem etc..
हिंदुस्तान में किसी भी पद की कोई जिम्मेदारी तय नहीं है.. उस पद पर काम करने वाले की जिम्मेदारी कैसे तय होगी ? यहीं से गैर जिम्मेदार आचरण और भ्रष्टाचार का रास्ता खुलता है।😮
Ideya aacha h apka
आपके हेडिंग पढ़ कर हँसी आई ---- चारों तरफ चोरों की मंडली है और भारत के भगवानों का झुंड सुप्रीम कोर्ट में बैठा है जो बड़ा दयालू है 😢😢
जब तक system नहीं बदलेगा और कठोर सजा का प्रावधान नहीं होगा घूसखोरी समाप्त नहीं होगी।
Corruption will never stop. Not at all possible.
आप सभी शेखर बर्थडे प्रणव है कि इस वीडियो को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं। शायद आपके ही प्रयासों से कोई परिवर्तनआ जाए और मासूम बच्चों की जान बचाई जा सके।
What about unauthorised sign board which fell down with many people's spine injury.
कुछ नहीं होगा सब फिर से सब भ्रष्टाचार मे डूब जाएंगे
Sir, corruption should be declared as serious crime . There should be 100% property siege and life term imprisonment can reduce the corruption.
Vigilance must be accountable, physical inspection before operation must , without their NOC.
NOC n more punishing rules to people at large to be reasonable rather punish the responsible inspector to allow the ACT👍
कभी-कभी हायर आथोरिटीज सुविधा शुल्क ले कर लोअर लेवल के अधिकारियों से दबाव में संबंधित निर्माण/योजना को क्लीन चिट दिलवा देते हैं ।
Sir, please forward your suggestions to the concerned authorized authorized people and cc to government concerned departments. Thanks
Jai siya ram
एक घर या एक सोसायटी में हम पांच सदस्य या पचासों परिवारों को नियंत्रित नहीं कर सकते फिर इतना बड़ा देश चलाना कितना कठिन होगा। अब एक सरकार सही काम करने वाली है हम उससे जादुई चिराग वाला चमत्कार चाहना सही नहीं होगा।
The Govt should dismiss those who are negligent and their PF, Pension should be stopped. The owners of the establishment should be asked how much money they were bribing and to whom. They should be arrested and taken to court.
मज़े की बात ये भी है विजय सरदाना जी की जो फ़ायर एंड सेफ़्टी बनाए भी , और जो लोग बहुत अच्छे से बनाते भी हैं , सबसे पहले ये इंस्पेक्टर उनको ही बर्बाद करते हैं । आप सारे नाम से फ़ॉलो भी कर लो तब भी उतने ही रिश्वत खाते हैं जिसमें चाहे आप कुछ भी ना फ़ॉलो करो😂
The corrupt politicians are ultimately responsible for these tragedies.
मोदी जी भी इसको नहीं सुधार सकते हैं।जैसी जनता है वैसे ही नेता है अधिकारी है। स्वच्छता अभियान मोदी जी ने लांच किया यदि बीजेपी के कार्यकर्ता पदाधिकारी ही अपनाते तो ये सफ़ल हो गया होता। लेकिन सब जेब भरने में लगे हैं।
हमारे सामने एक school है जो की गली के अंदर है। कुछ घटना हो जाए जल्दी से कुछ भी सुविधा नही आ सकती गली के अंदर school की परमिशन किसने दी है।
Namaskar sir maike ache vichai ke vedeo dekh ta hu
If investigated, the blame will be as 'Electric Short circuit'. This is the common reason given by the investigating agencies. The Govt of India should ban the plastic conduits and plastic switch boards for all office buildings in which records are maintained/stored, in the Hospitals, in Cinema halls and auditoriums,
in the factories, and in other buildings except residential flats. Because of poor quality of copper wires, and improper selection of size of wires, the wires become hot due to which the plastic conduits melts. Any spark that falls on the record papers will catch fire. 2) Fire fighting equipment ( different types) are not installed. If installed they are not maintained. If you visit Govt offices, you can see fire pipes, fire alarm panels, fire sensors. But they are not in operational condition. No fire pipes are maintained with 40 PSI water pressure. Because, Fire water tank is empty. There are solutions. But, Govt officers do not want solutions and want to continue as laid 50 years old. Responsibility and accountability should be on the Owner/ Chairman of the company. Then only, they will spend towards all kinds of safety.
मोदी जी भ्रस्टाचार पर शर्तिया लगाम लगायेगें
सर मेरे घर के बाजू में एक मकान हैं मेरे पार्किंग की दीवाल उनसे जुड़ी हे और उसने पार्किंग में मकान रूम बनवाया 4 साल तो उसकी तरफ वाली दीवाल में तिराड़ बढ़ जा रही हैं और 80 से 100 बच्चे प्लेय हाउस हैं और म्युनिस्पल के अधिकारी मंजूरी गैरकानूनी होगी कभी भी हादसा होगा राजकोट म्युनिस्पल में बहुत ही है भ्रष्टाचार
मुझे नहीं लगता कि मोदी जी या कोई भी भ्रष्टाचार खत्म कर सकती है। हां भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा, अंतरिक सुरक्षा के मामले में ठीक हैजिसकी आशा विपक्ष से नही है
No body can stop cutreption
Fire safety and emergency exits are very important in any building, whether it is ground buildings or multi storied buildings. The fire equipments after installations , also must be frequently checked for proper operations 🙏
Kattar Imandar CM
आवाज उठाने से कुछ नही होने वाला है, आप सिस्टम से कब तक लड़ेंगे।
अगर कोई आदमी घर के समाने 50 इंट रख दे तो 20 मिनट में म्यूनिसिपैलिटी और पोलिस रेंगने लगते है फिर ये बड़े लोग कैसे बचते रहते हैं।
Absolutely right sirji, they smell
Such type of management can't possible. Neither responsibility goes to inspector nor Govt.
सरकारी कर्मचारियोंको बार-बार सभी तरहके महंगाई भत्ता बढाते हैं सुविधाएं देती है राज्य सरकार और केंद्र सरकार फिर भी रिश्वतखोरी की आदत नहीं छूटती और arrogance कम नहीं होता! इसीलिए हर कोई सरकारी नौकरीके पीछे पडता है
janta ko sarkari naokri corruption karney ke liye hi chaiye but exception are always there.
Odit karne Wales imandar hain uski garenti jaruri hai
Mumbai se hu
Aj 70 saal se mai bhrastachar dekh rahi hoon ,shikayat koi sunta nahi
Police, Councillors, MLA, MP, minister,Corporations sab may corruption ka result h ye,
Sir,
Hopefully Modi 3.0 will take action to control corruption on a big scale.
पुराने जमाने यानि अग्रेजों के शासन काल मे सुना जाता था कि परिसर थाने भ्रष्टाचार के गढ हैं। लेकिन आजकल सरकार के सभी संसथान घूस के अडडे होगये है ं। थोड़ा लिखना बहुत समझना। हर हर महादेव। जय श्रीकृष्ण।