महर्षि दयानंद जी स्मृति भवन न्यास जोधपुर को मिले 52 साल हो गए इस उपलक्ष में 52 कुंडिया यज्ञ किया गया

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 9 окт 2024
  • महर्षि दयानंद स्मृति भवन न्यास जोधपुर में आर्य समाज की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य वेदों के प्रचार-प्रसार और समाज सुधार के कार्य करना था ¹।
    उनके प्रयासों से प्रेरित होकर जोधपुर में भी आर्य समाज की शाखा खोली गई, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा, सामाजिक न्याय और धार्मिक सुधार के कार्य करना था। महर्षि दयानन्द सरस्वती के विचारों और आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए महर्षि दिन स्मृति भवन न्यास की स्थापना की गई।
    महर्षि दयानन्द सरस्वती के कुछ प्रमुख योगदान इस प्रकार हैं:
    *वेदों का प्रचार*: उन्होंने वेदों को हिंदू धर्म के मूल ग्रंथ के रूप में प्रतिष्ठित किया और उनके प्रचार-प्रसार के लिए काम किया।
    *समाज सुधार*: उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अन्धविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई और सामाजिक न्याय के लिए काम किया।
    *शिक्षा*: उन्होंने शिक्षा के महत्व पर बल दिया और आर्य समाज के माध्यम से शिक्षा के प्रसार के लिए काम किया। ¹

Комментарии •