मुरली साहिब की।। Murli Sahib ki।। Vipin singla deepu।। vikas Varma । Nitya singla। sahib bhajan2023

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  • Опубликовано: 27 ноя 2024
  • मुरली साहिब की।। Murli Sahib ki।। Vipin singla deepu।। vikas Varma । Nitya singla। #trending #explore #sahib #bhajan
    Song -मुरली साहिब की
    (तीन सिद्धों द्वारा साहिब की परीक्षा )
    Labe-l Amandeep music
    Singer -Vipin singla deepu, vikas Verma, nitya singla
    Spl thanks- shree karan guru ji , shree Pardeep Jain ji ( dabbu ) तिजारा वाले
    Music - Vikas verma
    Video - shakti music
    Producer- narender garg ( Bobby)
    artist- omparkash banzara, Hemant bhola group
    आए तीन सिद्ध मस्ताने, तेरी शक्ति को अजमाने
    ,साहिब जी ने देखो कैसी लीला, रचाई है
    कभी इस पर्वत कभी उस पर्वत पर मुरली बजाई है
    1,कहे सिद्ध करो छायां,,, तुम अपने उपर जी
    परभु ध्यान लगा पिथु,, ने बारिश कर दी जी
    ना भीगे साहिब जी वो तीनो भीगे जी
    तेरी शक्ति है जादा कहीं हमसे साहिब जी
    अद्भुत लीला साहिब ने सिद्धो को दिखाई है
    कभी इस पर्वत ,,,,,,,,,
    2, कहे लाल जी छुपते हम,,, अब तीनो साथ में
    ढूंढो तो हम माने ,, दम है तेरी बात मैं
    पल में ही ढूंढ लिए सब एक ही बार में
    ये है साहिब की लीला , कोई जीत ना हार में
    तुम तिनो को ढूंढ लिया,बारी मेरी आई है
    कभी इस पर्वत ,,,,,,,,,
    3,जरा पीठ घुमा लो तुम,, अब मै भी छिप जाऊं
    इन बाहरी आंखों से ,,,ना नजर तुम्को आऊं
    हुए गायब साहिब जी,, मै तुमको बतलाऊ
    सुन मुरली साहिब की ,, कहें पर्वत पर जाऊं
    पर्वत जाकर देखा ,साहिब खबर ना पाई है
    कभी इस पर्वत ,,,,,,,,,
    4,खेले लुक्का छिप्पी साहिब यूं,, तीनो के साथ में
    थक तीनो गए साहिब ना आए हाथ में
    जब नज़र घुमाई तो,, क्या खूब नजारा था
    है हवा में एक मंदिर ,,जामे पीथू प्यारा था
    सिश झुकाकर बोले वो,तू तो कृष्ण कन्हाई है
    कभी इस पर्वत ,,,,,,,,,
    लाल सिद्ध गजन मिलकर तेरा भवन बनाया है
    सत अमिट अखंड निरंतर ,,ज्योति को जगाया है
    कहे बॉबी भजन बनाओ मन भाव ये आया है
    लिख दीपू विक्की संग जस साहिब गाया है
    साहिब लीला, सब भत्तों के , मन को भाइ है
    कभी इस पर्वत ,,,,,,,,,

    🙏सभी साहिब भत्तों को जय साहिब की🙏
    जब साहिब जी महाराज 52 वर्षों की तपस्या करके उठे तो उनके तप की चर्चा चारो ओर होने लगी जिसको सुनकर
    उनके आस पास के तीन सिद्ध महात्मा ( बाबा श्री लाला दास जी, श्री चूहड़ सिद्ध जी, श्री गाजीगजन जी )उनकी परीक्षा लेने के लिए गांव गांसोली किशनगढ़ बास राजस्थान में उनकी तपस्थली पर पहुंचे। और साहिब जी से बोले की अपने उपर छायां करके दिखलाओ तभी साहिब जी ने भगवान का ध्यान लगाकर बारिश कर दी। जिससे वह तीनों सिद्ध भीगने लगे और साहब जी पर एक भी बूंद नहीं गिरी। फिर वह बोले की हम छुपाते हैं आप हमें ढूंढना। तीनों छुप जाते हैं
    साहिब जी पल भर में तीनों को ढूंढ लेते हैं फिर साहिब जी कहते हैं कि अब मैं छुपता हूं आप मुझे ढूंढना ।आप अपनी पीठ घूमा ले मैं छुप जाता हूं उनके पीठ घूमते ही साहिब जी अंतर ध्यान हो गए। तीनों सिद्ध साहिब जी को ढूंढने लगे।
    लेकिन साहिब जी कहीं भी नहीं मिले। फिर उन्हें एक पर्वत से बांसुरी की आवाज आई। तीनों सिद्ध पर्वत पर चढ़ गए लेकिन वहां जाकर भी उन्हें साहिब जी नहीं मिले तो उन्होंने देखा कि दूसरे पर्वत से बांसुरी की आवाज आ रही है फिर वह दूसरे पर्वत पर गए तो वहां भी साहब जी नहीं मिले फिर उन्होंने नजर घुमाई और नीचे की तरफ देखा । और देख कर चकित हो गई उन्होंने देखा की हवा में जमीन से ढाई हाथ ऊपर मंदिर बना है उसमें साहिब जी अपने दिव्य रूप में विराजमान है वह सभी नीचे आए और साहब जी से माफी मांगने लगे।
    फिर तीनो ने साहिब मंदिर का निर्माण किया और अखंड निरंतर ज्योति जलाई। जो कि आज भी प्रकाशमान है
    इस भजन की वीडियो के पत्रों की वेशभूषा हो सकता है की कुछ अलग हो । हम किसी भी पात्र की वेशभूषा समदर्शिता का दावा नही करते । क्योंकि इस घटना को कई सदियां हो चुकी है। इस लिए कोई त्रुटी हमसे हुई हो तो हम क्षमा प्रार्थी हैं
    हमारा उद्देश्य साहब भक्ति और उनकी लीलाओं का प्रचार प्रसार करना है।
    🙏 जय साहिब जी महाराज जय साहिब जी महाराज 🙏

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