लाश होने से पहले आकाश हो जाओ, रात होने से पहले प्रकाश हो जाओ || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2024)
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- Опубликовано: 4 фев 2025
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वीडियो जानकारी: 14.01.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने जीवन की वास्तविकता और उसके अर्थ पर गहन विचार प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने बताया कि हम अपने पूर्वजों, दादा-परदादा के नाम और चेहरों को भूल जाते हैं, और यह दर्शाता है कि जीवन में हमारी पहचान और स्मृति कितनी क्षणिक है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि हम औसत और साधारण जीवन जीते हैं, जिसमें न तो कोई विशेषता होती है और न ही कोई उद्देश्य।
उन्होंने यह प्रश्न उठाया कि क्या हम इस तरह के जीवन के लिए पैदा हुए थे? जीवन का असली उद्देश्य आत्मज्ञान और अपनी उच्चतम संभावनाओं को पहचानना है। आचार्य जी ने बताया कि हम अपनी सुरक्षा के लिए डर के कारण सीमाओं में बंधे रहते हैं, जबकि असली जीवन का अनुभव करने के लिए हमें अपने डर को पार करना होगा।
आचार्य जी ने यह भी कहा कि जीवन में हमें चुनौतियों का सामना करना चाहिए और अपने भीतर की महानता को पहचानना चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जीवन का असली आनंद और उद्देश्य केवल भौतिक सुखों में नहीं है, बल्कि आत्मा की ऊँचाई में है।
प्रसंग:
रैन दिवस पिय संग रहत हैं
रैन दिवस पिय संग रहत हैं,
मैं पापिन नहिं जाना ॥
मात पिता घर जन्म बीतिया,
आया गवन नगिचाना।
आजै मिलो पिया अपने से,
करिहो कौन बहाना ॥ १ ॥
मानुष जनम तो बिरथा खोये,
राम नाम नहिं जाना।
हे सखि मेरो तन मन काँपै,
सोई शब्द सुनि काना ॥ २ ॥
रोम-रोम जाके परकाशा,
कहैं कबीर सुनो भाई साधो,
करो स्थिर मन ध्याना ॥ ३ ॥
~ कबीर साहब
शब्दार्थ: रैन दिवस- रात दिन; गवन- संसार से जाने की दशा; नगिचाना: निकट आना; विरथा- व्यर्थ
~ जैसी जिंदगी हम जी रहे हैं, उसकी व्यर्थता हमारे सामने आईने की तरह खड़ी की जा सके, यही बोध है।
~ सुरक्षा, ढर्रे, सुरक्षा, यही हमारा जीवन है। किसी तरह बचे रह जाए, बचे रह जाए।
~जब ज़िन्दगी हमारी इतनी घुटी हुई है, तो कम से कम एक घुटी हुई ही सही, पर चीख सुनाई तो दे I
~प्राकृतिक जीवन क्या होता है? यही पैदा हुए हो, जो शरीर ने सिखाया, वो करा I और फिर समय पूरा हो गया, या कोई सहयोग आ गया, मर गए I
संगीत: मिलिंद दाते
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जिसको हम साधारण जिंदगी कहते हैं वही अधर्म है। अधर्म अलग से नहीं करना पड़ता सुबह से शाम तक जिस डर, तनाव, दबाव और बंधन में हम जिंदगी जीते हैं वही अधर्म है।।
❤
जीवन जीने का एक ही तरीका है-प्रतिक्षण सही कर्म करते चलो।
बोध का पूरा क्षेत्र इसलिए है ताकि आप
जिन अनुभवों से रोज गुजर ही रहे हैं
उनकी व्यर्थता को देख पाने का, लांघ
पाने का साहस कर पाए।
जीवन हमारा प्रतिपल यही है, ऊंचा
उठों, आगे बढ़ो, अपने आप को चुनौती
दो, महान बनों, संघर्षरत रहो
आचार्य जी की बात को सुनकर ,जीवन में अपनाकर आकाश हो जाओ ❤🙏
शमां रह जाएगी, परवाना चला जाएगा।😢🙏🙏
टिकट की सुरक्षा उसके फट जाने में ही है राम मेरी जिंदगी एक फटा टिकिट हो।
लाश होने से पहले आकाश हो जाओ,रात होने से पहले प्रकाश हो जाओ।❤🙏
रैन दिवस पिय संग रहत है मैं पापिन नहीं जाना बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌸🌼🌼🌼
Me to sat samudra ki masi Karu or sab Dharti kagaj Karu par guru gud likha na Jaye ❤❤❤❤ sare thirth dham aapke charno me hey guru dev pranam aapke charno me ❤❤❤ mere maha gyani mere priye priye acharya ji ke charno me koti koti pranam ❤❤❤❤❤ love you very very so much acharya ji ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏 आप की बानी सुनकर मन को शांति मिलती है🙏🙏❤
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
इन्सान की यादें भी नहीं बचती ❤
❤❤❤❤❤ आत्म ज्ञान के प्रकाश मै
आत्म ज्ञान के प्रकाश में❤❤❤
Pranam acharya ji ❤💐🌷saty ko samjhne bale charano main naman
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻
"लाश होने से पहले आकाश हो जाओ।🌌🌷
रात होने से पहले प्रकाश हो जाओ।।"🌄🌹💜
Parnam Acharya ji ❤
Dhanyavaad sir aapki sari baten Mujhe Sahi lag raha hai
परमं परम सुखं ।।
We want you as our prime minister
Namaste àcharya jii🙏🙏
🙏🌹 प्रणाम गुरुवर 🌹🙏
🙏🙏
jai shree radhe radhe
Tq ❤ sir
❤❤❤
रात होने से पहले प्रकाश हो जाओ❤
🙏🙏🙏🙏✨✨✨🔥
pernam acharya ji
युद्धस्व....
Thank you ❤️
THANKS SHASTRAGYAAN.
🙏💕
मरने से पहले जीना सीख लो।
🎯❤🙏🏻
Aacharya ji Pranam❤❤❤
🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी
❤❤❤❤
Pranam acharya ji
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प्रणाम आचार्य जी 🙏
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