नैहरवा हमका न भावे || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2023)

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  • Опубликовано: 5 фев 2025
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    वीडियो जानकारी: 27.05.23, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा
    प्रसंग:
    ~अहम् की स्वीकृति से क्या आशय है?
    ~ आपकी मर्ज़ी ही आपका चुनाव है, इसका क्या अर्थ है?
    ~ चुनाव कि महत्ता क्या है?
    ~ प्रकृति और आत्मा में क्या भेद है?
    ~ संसारी कौन है? सन्यासी कौन है?
    नैहरवा हमका न भावे
    हमका न भावे
    नैहरवा आआआआ
    नैहरवा नैहरवा आआ
    नैहरवा हमका न भावे
    हमका न भावे
    नैहरवा आआआआ
    नैहरवा नैहरवा आआ
    साई की नगरिईई
    साई की नगरी परम अति सुंदर
    अति सुंदर
    जहा कोई आवे ना जावे
    हेययएएहीये
    जहा कोई आवे ना जावे
    चाँद सूरज जहा
    चाँद सूरज जहा
    पवन ना पानी
    पवन ना पानी
    को संदेश पहुचावे
    हेययएएहीये
    को संदेश पहुचावे
    दर्द यह
    दर्द यह
    दर्द यह
    साई को सुनावे
    नैहरवा आआआआ
    नैहरवा नैहरवा एयेए
    बिन सत गुरु अपनो नही कोई
    अपनो नही कोई
    को यह राह बतावे
    हेययएएहीये
    को यह राह बतावे
    कहत कबीर
    सुनो भाई साधो
    सुनो भाई साधो
    सपने मे प्रीतम आवे
    हेययएएहीये
    सपने मे प्रीतम आवे
    तपन यह जिया की बुझावे
    नैहरवा आआआआ
    नैहरवा नैहरवा
    संगीत: मिलिंद दाते
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