How he knows??? How u know..he knows??? If both of u agree and understand then it means u and sadguru are same??? Come out of stories....he is just playing with poor Indian weakness of listening to stories
Sadhguru jee could have stopped his answer after the first set of names that he mentioned. If the Greeks and the Romans gave us the names of their deities for use in the cosmos, then why not Shiva Shakti? I love how he answered the lady's question. I love how India is doing space exploration. I just hope that the Chandrayaana crew doesn't lose site of the gods as they move onward.
Exaclty, they lady who asked this question, these type of people in india are worst. They act like they know all, becomes mature and on top of that being an Hindu always try to defame Hindu culture and doesn't support hinduism. See, I am nor against any other religion, but if othet religion people stongly promote their culure and religion gracefully then why not hindus must. In simple point sanatan or hinduism is not in danger because of any other religion folks but it's in danger because of these kind of stupid girls.
I live in Brazil, I can say without fear that Sadhguru saved me by teaching us Yoga and how to live a full and happy life. I admit that I fell head over heels in love with Shiva. I know that I was born in India. Folks, the probe is theirs, they've successfully attached it to Chandraian. It is a feat for all humanity and should be celebrated. They have the right and duty to show the West Shiva's connection with the moon. India we need you!!!! Shiv Shakti
I had an almost similar answer when I heard that ridiculous question and I started writing it in comments about people naming planets and comets in their own name but Sadhguru made me realize that there are several names based on religion and deities which would have been a more accurate answer and point of argument. While he even goes further in spirituality. What a quick thought process and with such calmness. Truly a legend!
*I love my country I love my people, I am blessed to be born in India and I am proud to be a Hindu* *Bharat Mata Ki Jai* *Vande Matram* *Jai Hind* 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Sadhguru- Its incredible that Political leaders are rising to this level of Awareness 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉️🕉️🕉️🕉️jai shivashakti....❤🙏🏻🕉️🕉️🕉️ Edit:-Thanks for soo many likes... you guys are really sensible and responsible citizen of India.....👏
It's feels like we are living with Shiva the Mahadev through You Sadhguru... I'm striving to get aware, get concious following your path.NAMASKARAM 🙏🙏🙏
Guruji 🙏 The way you explained SHIVSHAKTHI is profound. Modiji while naming it as SHIVSHAKTHI, has given a clear explanation through slokas. But these politicians make everything as politics. Our UNIVERSE iitself s in the form of SHIVLINGA and the sound of the universe is OMKAR. Then why not SHIVSHAKTHI 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏Jai Hind
The words coming out of Sadhguru ji is not nothing short of diamonds. How lucky we are! Show me a man in the world capable of such incredible insights. I bow down to you Sadhguru ji.
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
" Political leadership is raising up to this level of awareness" - A great finishing sentence of truth. This awareness shows that we are freeing ourselves from the western influences slowly. India is blessed and will be with the blessings of such Gurus and people.
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
We are very lucky to have such an excellent leadership to represent our country who values and take pride in representing our culture. Sadhguru is so brilliant to immediately point out all Greek goddesses names, simply genius. Salute to his presence of his mind!
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Thank you Sadhguru for bringing sanity, logic and rationality in to discussions that’s needs to be heard and understood by anyone questioning with a sense of entitlement without any logic 🙏🙏🙏
Dharmic names of planets which we always have had: Budha (Mercury) Shukra(Venus) Prithvi(Earth) Mangala(Mars) Bruhaspati(Jupiter) Shani(Saturn) Aruna(Uranus) Varuna(Neptune)
It is wonderful indians are coming together for our country and culture. This adds a big boost of hopes in indian peoples minds and heart❤. Slowly the country is getting bold and moving towards developent. 🇮🇳❤❤🕉🕉🕉
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
Sadguru you have given a right explanation to "Shiva-Shakti" After this the fools who are trying to blame this culture, this nation, this way of thinking purely for their political advantage may realise. The paties and anti-national elements, and some international elements may oppose the name"Shiva-Shak". But now it became an established fact. They can not undo it. Jai Hind, Jai Isro.
Not many can explain such way. Unless experienced in life, opening up self to manifest by Creation. Then he become just a instrument for shiva to act. 🇮🇳🙏
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
Like you can't miss the glow of the full moon at night, you just can't ignore the light and clarity of sadhguru's words, his mere words are life transforming❤❤🙏🙏
Absolutely right bro *Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
I wonder though... Why our pm is biased when it comes to southern people, letting those stand in ruling party who said Telangana as Muslim state, AP as Christian state, calling south people black yet we are including you with us,.. giving national award to a real life smuggler's movie, privatising steel plant, but cannot privatise temples as Sadhguru even mentioned?, Removed Railway budget and due to so low employers, 8 hours continuous work of train drivers resulted to more that 200 death in seconds, removed saloons in there, job posts in govt depletion even when there was many empty vacancies, instead of providing more offices and posts in there own states, now trying to rule on south states, wanted to make every south states with Hindi language at streets and stations?, running RSS like gangsters calling as shivasena and holding weapons while Shiva never stabbed even a one person, misleading his name and such being, centre made a mess of Manipur, gone too far in the name of religion making it gross, even though Hindu was never about religion, ignored the jayanthi of Ambedgar, went to outside nation, including the NRI into voter lists, even though they have not a single understanding of a Nation like India, and situation we are in, but want their votes who never served our nation properly, created unrealistic some of schemes like Agneepath, unable to speak when challenged by no confidence motion... This is just an ice berg of cons.... Atleast you people keep your minds open and try to compare the quantity of pros and cons, it went beyond the pros so far,.. an Indian citizen who cannot accept every other culture of states and it's regions, including religions and keep going with revenge in minds rather forgiveness, trying to do same thing now like those invaders, saying making in India but is the 1st national party who gave green signal almost to everything imported .... A party means all members together, not just pm and home minister thing to deal with a great yet complex nation like India... We are equally responsible too... How many of you voting sincerely in every public elections??.. we donot want a pm like that who can't take responsibility of that position, afterall power comes comes with responsible.... so vote carefully to those who are really unbiased and do keep their promises !.. don't get fooled by present ruling party ... I am not arguing with what names he will call chandrayan... But he must know what it's being a real Indian citizen ... don't like to acknowledge the south, west and east but want to brag about ISRO because they succeeded... even I am not in level of Sadhguru but atleast iam a realised spiritual person myself and aware of things people ignore easily, today we are facing its output...
@@preethamacharya5010most of people dont read Vedas, Upanishads and Gita. But still follows them because it is in our blood for generations. We are taught these things when we were growing up.
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
We are plain lucky to have such politicians for now. Unlike most of 1947-2014 - including ones from nda. Also majority of academic and beurocratic places are all under control of some other powerful group (who lack the wisdom you point to). I just hope we do keep getting lucky else slowly even our ability identify this is wisdom will slowly get depleted.
The PM himself is a yogi and a spiritual person. That's the difference between a selfless leader who wants the best for his people vs one who wants only power and money. Modiji has inherited a heavy political legacy and damage caused by the previous leaders and It's not easy to undo all this....but he is doing his best.
@@AMITKUMAR-nf8inhe to bhaqt ho kam se kam tere jese videshi vichardhara ke librandu vampanthi nhi he or jihadi premi nhi. Jo india tere tukde honge insahlullah insahlullah karte he or mullo. Ki. Namaz ko. Bhaqti or hinduo ke mandir jaane ko pakhand kahte besharm
Beautiful ! One tight slap right on the face in the first paragraph itself. The wisdom in Sadhguru is mind blowing! ❤ Always ready with answers for the toughest of the toughest Questions!
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
Namaskaram Sadhguru Ji. In a world where people seem to be losing their ways, you make me feel some peace. Thank you for being such a wonderful representative for our culture 🧡
You are really a true gem for human beings. The level of knowledge you have about human is really incomparable. I am very happy to have a guru like you.
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Incredible answer provided in a very simple way. I request Isha to circulate not only the Hindi dubbing but dubbing in all major Indian languages for benefits of greater chunk of people.
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
It's beautiful how Sadhguru explain Shiv-Shakti and expose a bit of Truth which is so needed. Keeping humanity in Truth even only knowledge level is important ambiance as right view is foremost
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Great and meaning full talk and vacabalry, cammand of english language he keeps the hold and expalnation is fantastic to listen to him om namaha shivaya🙏🙏🇮🇳🇮🇳🙏🙏
@@vishthewarrior the word 'har' is the root word which means to kidnap... also in urdu it means 'every' so say it properly "Hara Hara Mahādeva" similarly jai is persian pronunciation of the Samskrutam word Jaya meaning victory. so say it properly as "Jaya śri Rāma" Pronunciations matter!!!
that micro second reply about Shiv shakti is the proof that Sadhguruji is so aware of the surroundings and has common sense level very few people has achieved.
The crescent moon is displayed on the side of the Lord Shiva head as an ornament.... This name is given as Men & Women are important for any growth... Loved Sathguru's interpretation
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Thanks SADGURU ! You're reallly an intelligent guru who knows hpw to answer the questions intelligently, interestingly n of course, diplomatically !❤🕉🙏
When you begin to ask questions, it signifies that you are not asserting superiority but acknowledging your own knowledge gaps. You seek someone who can provide impartial guidance to help you gain a deeper understanding of the richness and blessings of your own culture. Sadhguru explaned just like that. 🙏
I can hear this video , everday, all days... all my life. What a piece of wisdom on life you gain in 15 min. We are blessed to have lived in the Era of Sadhguru, who is making earth a better place to live. Thank you Sadhuguru! for enlighlighting all of us and explaining such complex stuff as simple as possible for a normal being.
Such a crystal clear perception of Sadhguru ji. It's always an honour to listen to him. With the blessings of Shiv, may ISRO achieve more and take our Bharat to newer heights of excellence. Jai Shiv Shankara❤️
He is uptodate, and knows what type of questions youngsters come up with. To be prepared by giving example of Greek names, was masterly, that’s called presence of mind!
What a Remarkable Wisdom, Insight & Spirituality Gurudev!! Sensibly Entertaining & Existentially Truthful, Anciently Rooted!! Shiv Shakti - Two essential forces of the Universe, to which everything is in existence, so is the Earth & Moon!! So the Point, at least we landed there😊😊 must be called ShivShakti, because those two forces allowed the conducive motives behind India's Chandrayaan 3!! And instead of being named around materialistic thing or matter of less significance but the way Today's Indian Political Leadership named it, shows Nation and its Citizens bow down in front of our existential root as well Nation's roots!!! Indian Politics is being Revolutionized so the Nation!!! ॐ श्री गुरुवे नमः 🙏 ॐ नमः शिवाय 🙏
Sat Guru hits the nail on the political jingoism that exists our nation. The Opposition is obviously not too happy. To them perhaps naming it as "Nehru" point would have been appropriate.
Divine truth. Present ISRO chairman is Dr. Somanath . . . as you mentioned - appropriately, and at the same way, previous Chairman was Dr.K.Sivan (Chandrayan II Hero).
I feel so lucky and blessed to call myself Bharatiya under a leadership of greatest leader shri Narendra Modi ji and guru like sadhguru.. what can u ask more from life..🙏just relax and enjoy there presence ♥️🇮🇳JAI SHREE RAM🕉️
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
It is so fantastic that what I was thinking a ridiculous question, Guruji gave such a completely enlightening answer.. Straight into the heart of Universal Truth.. ❤️💙🧡💜💞💖💚💗💗✍🌈🇮🇳🕉🌅🌅🔱🙏
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
2 goosebump moments: At 1:25: "I'm impressed that political leadership seems to have this level of wisdom" At 3:40: "...it is fantastic, instead of calling their own names as they did in past.. we are calling by appropriate terms that will matter for whole universe."
Namaskaram Sadhguruji and Thankyou very much, for your words are TONIC of LIFE. Wishing you sound health and Universal Energy as always. Always Grateful to Our CREATOR for everything.
Sadguruji has been his best in explanation of naming landing site as Shiva Shakti,making us rewind our solar system incl earth and moon.What an amazing answer covering so much subtle details ,is immensely insightgul. Indeed his exemplification is cherishable. Greatful to Sadguruji.
*_सनातन धर्म की खास बात_* *_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_* *_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_* *_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_* *_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_* *_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
One line answers have not worked so far for people and politicians in Bharat..they will question each and every thing which Modi Ji will do even if they know it’s a right decision!
Really sad that in a nation of Ram, Shiv, Mahavir, Buddh, Nanak and so on, question is being raised why a site of a celestial body was named as per our culture. Very sad that this question is being raised. I hope better sense prevails among general masses.
I think such questions should never be discouraged. Otherwise we would have not received such profound answers. Sadhguru himself says ask me any damn question. And we just enjoy listening him.
Shiv shakti means the whole creation . our culture came from the profound experience of life this land is the land of saints yogis and gurus 🙏🏼
Gyan chodo
@thakre changed his message after my message.
Exactly 👍
@@Vickyray7why?
How he knows??? How u know..he knows??? If both of u agree and understand then it means u and sadguru are same??? Come out of stories....he is just playing with poor Indian weakness of listening to stories
Right
My white American parents studied and have been practicing Hinduism since the 60s and 70s, and I was born with the name Mani Padme Shakti ♥
🙏🙏🙏👍👌
Do you practice Hinduism as well ? Jai Sriram !!
@@aminaabdulla5854Om namah Shivay 🕉️🙏
Nice to hear that.....
God bless you all
Sadhguru jee could have stopped his answer after the first set of names that he mentioned. If the Greeks and the Romans gave us the names of their deities for use in the cosmos, then why not Shiva Shakti? I love how he answered the lady's question. I love how India is doing space exploration. I just hope that the Chandrayaana crew doesn't lose site of the gods as they move onward.
Exaclty, they lady who asked this question, these type of people in india are worst. They act like they know all, becomes mature and on top of that being an Hindu always try to defame Hindu culture and doesn't support hinduism. See, I am nor against any other religion, but if othet religion people stongly promote their culure and religion gracefully then why not hindus must. In simple point sanatan or hinduism is not in danger because of any other religion folks but it's in danger because of these kind of stupid girls.
What a beautiful way to say...Love your comment ❤
👏👏👏
😊
God is One. No Greek or hindu god
I live in Brazil, I can say without fear that Sadhguru saved me by teaching us Yoga and how to live a full and happy life. I admit that I fell head over heels in love with Shiva. I know that I was born in India. Folks, the probe is theirs, they've successfully attached it to Chandraian. It is a feat for all humanity and should be celebrated. They have the right and duty to show the West Shiva's connection with the moon. India we need you!!!! Shiv Shakti
His presence of mind is just phenomenal 😊
It’s actually absence of mind!
@@balachandar662🙄
I have been wanting to be like him..presence of mind
I had an almost similar answer when I heard that ridiculous question and I started writing it in comments about people naming planets and comets in their own name but Sadhguru made me realize that there are several names based on religion and deities which would have been a more accurate answer and point of argument. While he even goes further in spirituality.
What a quick thought process and with such calmness.
Truly a legend!
@@balachandar662Unfortunately you don't have the mind to understand!
*I love my country I love my people, I am blessed to be born in India and I am proud to be a Hindu*
*Bharat Mata Ki Jai*
*Vande Matram*
*Jai Hind*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Jai Shri Ram 🙏
Love From Maharashtra 🇮🇳🔥
ISRO - Exploring Outer Space 👏👏👏
ISHA - Exploring Inner Space 🙏🙏🙏
It’s the opposite actually.
@@armageddon9241oops .. my bad .. thanks for correcting bro 🙏🙏🙏
Wow....just awesome!!!!!🎉
❤
@@armageddon9241& how’s that
A man with super intelligence. No one can beat him.
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
😂😂😂
Depends on what is the competition of
If it's a chess game then he loses to Magnus Carlsen
GURU.🙏
Not for everyone.
Sadhguru- Its incredible that Political leaders are rising to this level of Awareness 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉️🕉️🕉️🕉️jai shivashakti....❤🙏🏻🕉️🕉️🕉️
Edit:-Thanks for soo many likes... you guys are really sensible and responsible citizen of India.....👏
Som
Bcoz need of hour. Nature wants to manifest law of Dharma, well before Satyug begins. It's ground preparation going on. 🇮🇳🙏
Political leaders are not rising but a risen man has reached top of position of politics .. that is the reason
Ml
Jai Bholenath! 🙏
It's feels like we are living with Shiva the Mahadev through You Sadhguru... I'm striving to get aware, get concious following your path.NAMASKARAM 🙏🙏🙏
Guruji 🙏 The way you explained SHIVSHAKTHI is profound. Modiji while naming it as SHIVSHAKTHI, has given a clear explanation through slokas. But these politicians make everything as politics. Our UNIVERSE iitself s in the form of SHIVLINGA and the sound of the universe is OMKAR. Then why not SHIVSHAKTHI 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏Jai Hind
My opinion how many in this culture know what real meaning. As explain by vedas. Yes Modiji knows, or explain by vedic scholars. 🇮🇳🙏
then they should have named it Tasnim not shiv shakti
@@sroy7982tasnim ka matlab🤔
@@sumitpandit8781fountain of paradise, its nice right?
@@sroy7982 no it feels childish
The words coming out of Sadhguru ji is not nothing short of diamonds. How lucky we are! Show me a man in the world capable of such incredible insights. I bow down to you Sadhguru ji.
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Guru 🙏
Absolutely. Agree 💯👍
Respect to the learned man Sadguru ji. We are lucky to have him . Vast knowledge he has .
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
What a wisdom Sadhguru. Our sincere Pranam
@@amarendraborah6941maybe socrates didn't know everything
@@Jewel1187 AND YOU DO NOT KNOW ANYTHING INSIDE OF THIS OR THAT..
lol I don't see any wisdom here... it's a common fact and very well known
@@atomatman3104 ya i am not stuck up in quotes.
@@amarendraborah6941tabhi uska religion khatam ho gya hamara bacha hai 😂
" Political leadership is raising up to this level of awareness" - A great finishing sentence of truth. This awareness shows that we are freeing ourselves from the western influences slowly. India is blessed and will be with the blessings of such Gurus and people.
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
We are very lucky to have such an excellent leadership to represent our country who values and take pride in representing our culture. Sadhguru is so brilliant to immediately point out all Greek goddesses names, simply genius. Salute to his presence of his mind!
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Thank you Sadhguru for bringing sanity, logic and rationality in to discussions that’s needs to be heard and understood by anyone questioning with a sense of entitlement without any logic 🙏🙏🙏
Dharmic names of planets which we always have had:
Budha (Mercury)
Shukra(Venus)
Prithvi(Earth)
Mangala(Mars)
Bruhaspati(Jupiter)
Shani(Saturn)
Aruna(Uranus)
Varuna(Neptune)
Pluto?
Not Buddha its “Budha”
Aruna is sun, not Urainus
@@TexterDexterAruna is Sun's charioteer not sun itself...Aruna is the sibling of Garuda
@@gjn17 yeah edited
It is wonderful indians are coming together for our country and culture. This adds a big boost of hopes in indian peoples minds and heart❤. Slowly the country is getting bold and moving towards developent. 🇮🇳❤❤🕉🕉🕉
Oh my god is your name really that😂, we know a fellow on that name who is busy demeaning india & indians globally.
@@preethishetty6179 yeah I know, I suppose he is the youth icon of India😅
With your comment, seems like you should be the icon and not him 😀😀
It’s a shame, but the United States of America is going the other way.
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
Actually I just realised how presence of mind and wisdom of Sadhguru works❤❤
Shiva Shakti is really beautiful name ❤
❤
Synergistic contribution of both the male and female.
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
Sadguru you have given a right explanation to "Shiva-Shakti" After this the fools who are trying to blame this culture, this nation, this way of thinking purely for their political advantage may realise. The paties and anti-national elements, and some international elements may oppose the name"Shiva-Shak". But now it became an established fact. They can not undo it. Jai Hind, Jai Isro.
It's like my mother and father's name . Emotionally attached to Shiva Shakti..
Too good Sathguru Ji. Thank You for opening our eyes. Our young generation should be more educated rather only being secular
how he started to answer the question is the reason we believe in sadhguru
Not many can explain such way.
Unless experienced in life, opening up self to manifest by Creation.
Then he become just a instrument for shiva to act. 🇮🇳🙏
I believe this is a preplanned Q&A
@@AnupKumar-ym8ks it's not pre-planned but even if it was pre-planned..
He was on point
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
*Shiv-Shakti is the source.*
*🙏💮☯️🕉️*
Like you can't miss the glow of the full moon at night, you just can't ignore the light and clarity of sadhguru's words, his mere words are life transforming❤❤🙏🙏
Shivam means body and Shakthi means energy..Everything is made up of ShivShakthi..Ohm Namasivaaya..🙏🙏🙏
As a Indian ❤ we are proud on isro😊
he has answer for every question and the beauty is he answers to the questions of any topic...❤ the wisdom he had..
I bow down to him for his crystal clear understanding the things and explains excellently to the audience. 🙏 Sharanum Sadguru
Shakti means the creation and Shiva means Consciousness. One is incomplete without the other
...and Pragyaan means wisdom. Now Pragyaan roaming around ShivaShakthi is a deep insight😊
Shakti is the energy of the creation of materialism (Prakriti).
🙏
Absolutely right bro *Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
EXCELLENT ANSWER BY SADGURUJI!!! I LOVE THE WAY YOU PUT OUR IGNORANT MISGUIDED YOUTH IN THEIR PLACES👏👏👏👏👏👏👏👏
We are glad that our prime minister know the culture very well
I was searching for this comment.. Absolutely true
he spent half of his life studying sanatan
he is full of wisdom
I wonder though... Why our pm is biased when it comes to southern people, letting those stand in ruling party who said Telangana as Muslim state, AP as Christian state, calling south people black yet we are including you with us,.. giving national award to a real life smuggler's movie, privatising steel plant, but cannot privatise temples as Sadhguru even mentioned?, Removed Railway budget and due to so low employers, 8 hours continuous work of train drivers resulted to more that 200 death in seconds, removed saloons in there, job posts in govt depletion even when there was many empty vacancies, instead of providing more offices and posts in there own states, now trying to rule on south states, wanted to make every south states with Hindi language at streets and stations?, running RSS like gangsters calling as shivasena and holding weapons while Shiva never stabbed even a one person, misleading his name and such being, centre made a mess of Manipur, gone too far in the name of religion making it gross, even though Hindu was never about religion, ignored the jayanthi of Ambedgar, went to outside nation, including the NRI into voter lists, even though they have not a single understanding of a Nation like India, and situation we are in, but want their votes who never served our nation properly, created unrealistic some of schemes like Agneepath, unable to speak when challenged by no confidence motion... This is just an ice berg of cons.... Atleast you people keep your minds open and try to compare the quantity of pros and cons, it went beyond the pros so far,.. an Indian citizen who cannot accept every other culture of states and it's regions, including religions and keep going with revenge in minds rather forgiveness, trying to do same thing now like those invaders, saying making in India but is the 1st national party who gave green signal almost to everything imported .... A party means all members together, not just pm and home minister thing to deal with a great yet complex nation like India... We are equally responsible too... How many of you voting sincerely in every public elections??.. we donot want a pm like that who can't take responsibility of that position, afterall power comes comes with responsible.... so vote carefully to those who are really unbiased and do keep their promises !.. don't get fooled by present ruling party ... I am not arguing with what names he will call chandrayan... But he must know what it's being a real Indian citizen ... don't like to acknowledge the south, west and east but want to brag about ISRO because they succeeded... even I am not in level of Sadhguru but atleast iam a realised spiritual person myself and aware of things people ignore easily, today we are facing its output...
🙏🙏🙏🙏
its the knowledge of culture itself, he decided himself to make a change in country, bringing back our Lost civilisation
Sadguru is a modern day rishi very much needed to put our modern day perspective on the right track and not sway away from the reality it is
Only Sadhguru can explain in this way both about truth and aesthetics, Shivshakti 🙏
Sadhguru is one of the great Vedic and Yogic Scientists.
But he dint read amy veda🤗 still its matching with vedas and geeta❤
Scientists have to do something with science, right?
@@preethamacharya5010most of people dont read Vedas, Upanishads and Gita. But still follows them because it is in our blood for generations. We are taught these things when we were growing up.
@@ROHITKumar-gl6mm even vedas are written by greatest yogis like sadhguru by their experience and knowledge
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Jai "ShivShakti" dhaam Temple explored on Moon now..❤
Peoples must watch and worship "ShivShakti" from Earth on 23 Aug now..❤
Jaya Hind Jaya Bharat Jaya Chandaryan-3!!! Jaya Gurudeva!! Sangeet!!!
At least political leadership has this type of wisdom😊
We are plain lucky to have such politicians for now. Unlike most of 1947-2014 - including ones from nda. Also majority of academic and beurocratic places are all under control of some other powerful group (who lack the wisdom you point to). I just hope we do keep getting lucky else slowly even our ability identify this is wisdom will slowly get depleted.
The PM himself is a yogi and a spiritual person. That's the difference between a selfless leader who wants the best for his people vs one who wants only power and money.
Modiji has inherited a heavy political legacy and damage caused by the previous leaders and It's not easy to undo all this....but he is doing his best.
We are lucky to have a leader like modi. Once he is gone country will go back to morons. Let us make best use of this time.
bhakt
@@AMITKUMAR-nf8inhe to bhaqt ho kam se kam tere jese videshi vichardhara ke librandu vampanthi nhi he or jihadi premi nhi. Jo india tere tukde honge insahlullah insahlullah karte he or mullo. Ki. Namaz ko. Bhaqti or hinduo ke mandir jaane ko pakhand kahte besharm
Beautiful ! One tight slap right on the face in the first paragraph itself. The wisdom in Sadhguru is mind blowing! ❤ Always ready with answers for the toughest of the toughest Questions!
Straight from the master of Logical mind
Pranam Sadguru 🎉
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
He is free from mind! And that's what he advises everyone to achieve thru spiritual Enlightment. Else human robot is only a miserable slave of mind.
*Shiva Shakti is not clockwise and anticlock wise kriyaa, Shiva is absolute energy and Shakti is kriyaa caused by Shiva. There is no difference in anti clockwise wise and clockwise action, if u see same kriya from other side it will be other way*
ShivShakti belong to entire humanity- Atleast more than Jawahar point! Good answer by Sadhguru, BTW
Beautifully explained the significance of Shiva Shakti. Thank you Sadhguru 🙏🙇♂️♥️
Namaskaram Sadhguru Ji. In a world where people seem to be losing their ways, you make me feel some peace. Thank you for being such a wonderful representative for our culture 🧡
What Sadhguru said today and this video will be watched for decades. I am happy i am part of it.
So many examples of Clockwise & anticlockwise motion. From Rudraksh to rotation of water drainage in both hemispheres.
Shiva Shakti point, how beautifully expressed ☺️🙏 Thanks Sadhguru
The World is super Blessed to have everyone of you in your culture,I ❤ your teachings.
You are really a true gem for human beings. The level of knowledge you have about human is really incomparable. I am very happy to have a guru like you.
It's our swadesh...we name it Shivshakthi ...our culture is our strength...Sadhguru ji 🙏
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Namaskaram We need this video in Hindi so that we can share this to every part of this country thanku ❤🔱🇮🇳
u can have hindi verson in sadhguru hindi channel soon
Auto-translated Hindi subtitles are available. You can turn it on from the control bar. Best wishes!
You mean every part of the hindi speaking belt. The above commenter gave you a solution. 🇮🇳
@@striker44 most of the people can't understand english in hindi belt that's why he's asking
@@striker44no but many people in northern India dont know reading writing n im sharing to those people that's y I'm saying
Incredible answer provided in a very simple way. I request Isha to circulate not only the Hindi dubbing but dubbing in all major Indian languages for benefits of greater chunk of people.
The right wisdom comes from the right Guru!
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
🙏Aum Shree ShivaShaktaikya roopinnyai Namah🙏
When wisdom was born, it was blessed with Sadhguru
Beautiful explanation Sadhguru! My Pranams.. BTW, current chairman is Mr. Somnath and previous chairman was Dr. Sivan!! What a connection! :)
It's beautiful how Sadhguru explain Shiv-Shakti and expose a bit of Truth which is so needed. Keeping humanity in Truth even only knowledge level is important ambiance as right view is foremost
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Great and meaning full talk and vacabalry, cammand of english language he keeps the hold and expalnation is fantastic to listen to him om namaha shivaya🙏🙏🇮🇳🇮🇳🙏🙏
Well entire Universe belongs to Shiva and Shakti. It’s just a moon, we will conquer all the Planets.
Har Har Mahadev 🙏😊
Conquer?
@vishthewarrior You should conquer yourself, not the world
I'm the true creator of this universe. They call me god beluga
@@JoyfullyConscious By the way I meant, we the Indians.
@@vishthewarrior the word 'har' is the root word which means to kidnap... also in urdu it means 'every'
so say it properly "Hara Hara Mahādeva"
similarly jai is persian pronunciation of the Samskrutam word Jaya meaning victory.
so say it properly as "Jaya śri Rāma"
Pronunciations matter!!!
Very well explained,....We are surrounded by Siva Sakthi.Thankyou for your explanation. Thruth is all there is🙏
that micro second reply about Shiv shakti is the proof that Sadhguruji is so aware of the surroundings and has common sense level very few people has achieved.
The crescent moon is displayed on the side of the Lord Shiva head as an ornament....
This name is given as Men & Women are important for any growth...
Loved Sathguru's interpretation
Superb explanation by Sri Sadhguru! My namaskar to Sadhguruji!
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Thanks SADGURU ! You're reallly an intelligent guru who knows hpw to answer the questions intelligently, interestingly n of course, diplomatically !❤🕉🙏
Sadhguru is absolutely true and great 👍 Thanks guru 🙏
Om Lord Shiva is creater of this universe and operating it....!!!
Shakti is Nari Shakti who controls the Power...
Om namah shivaya...❤❤❤❤
All the planets are named after Roman gods and many of the moons of Saturn, Jupiter, Uranus and Neptune are named after Greco Roman deities.
That young ladies (what is her pronoun?) god is/are Soros and Marx!
When you begin to ask questions, it signifies that you are not asserting superiority but acknowledging your own knowledge gaps. You seek someone who can provide impartial guidance to help you gain a deeper understanding of the richness and blessings of your own culture. Sadhguru explaned just like that. 🙏
What an explanation... Such a clarity ... In HIS own way... 🙏🙏🙏
Awesome..very diplomatic reply🎉🎉🎉Greetings from UK 🇬🇧
Thank you Sadhguru for the detailed explanation and for a wonderful counter about Greek gods - Apollo, Venus, etc 🙏
I can hear this video , everday, all days... all my life. What a piece of wisdom on life you gain in 15 min. We are blessed to have lived in the Era of Sadhguru, who is making earth a better place to live. Thank you Sadhuguru! for enlighlighting all of us and explaining such complex stuff as simple as possible for a normal being.
Such a crystal clear perception of Sadhguru ji. It's always an honour to listen to him. With the blessings of Shiv, may ISRO achieve more and take our Bharat to newer heights of excellence. Jai Shiv Shankara❤️
What level of wisdom !!! Sadhguru :)
Superb answer by Sadguru as always!
He is uptodate, and knows what type of questions youngsters come up with. To be prepared by giving example of Greek names, was masterly, that’s called presence of mind!
ShivaShakti is the integration of consciousness and potent. Sanatani ❤
What a Remarkable Wisdom, Insight & Spirituality Gurudev!!
Sensibly Entertaining & Existentially Truthful, Anciently Rooted!!
Shiv Shakti - Two essential forces of the Universe, to which everything is in existence, so is the Earth & Moon!!
So the Point, at least we landed there😊😊 must be called ShivShakti, because those two forces allowed the conducive motives behind India's Chandrayaan 3!! And instead of being named around materialistic thing or matter of less significance but the way Today's Indian Political Leadership named it, shows Nation and its Citizens bow down in front of our existential root as well Nation's roots!!!
Indian Politics is being Revolutionized so the Nation!!!
ॐ श्री गुरुवे नमः 🙏
ॐ नमः शिवाय 🙏
Sat Guru hits the nail on the political jingoism that exists our nation. The Opposition is obviously not too happy. To them perhaps naming it as "Nehru" point would have been appropriate.
That young ladies (what is her pronoun?) god is/are Soros and Marx!
In 2009 during chandrayaan 1 visit congress really named it as jawahar point
Divine truth. Present ISRO chairman is Dr. Somanath . . . as you mentioned - appropriately, and at the same way, previous Chairman was Dr.K.Sivan (Chandrayan II Hero).
Sukoon when he said - Its incredible that political leadership is rising to this level of awareness!
Shanti , anand he, mangal he🙏🏼
To this question Sadguru answer was surely needed,that fulfilled now.Many Thanks to reporter who put this question... Jai Mahakal
I feel so lucky and blessed to call myself Bharatiya under a leadership of greatest leader shri Narendra Modi ji and guru like sadhguru.. what can u ask more from life..🙏just relax and enjoy there presence ♥️🇮🇳JAI SHREE RAM🕉️
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Great intricate details explicitly stated by Sadhguru. Listen again to understand deeply and meditate on. Let's celebrate India's achievement 🎉
Only he can explain like this🙏
Sadguru pranam🙏
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
It is so fantastic that what I was thinking a ridiculous question, Guruji gave such a completely enlightening answer..
Straight into the heart of Universal Truth..
❤️💙🧡💜💞💖💚💗💗✍🌈🇮🇳🕉🌅🌅🔱🙏
I think Everyone understands what Shiva Shakthi means, thanks to Sadhguru❤
This man talks much more sense than any other politician or opposition in the country....
Yes it's ok. I approve it.
I mana Indian
Absolutely 💯
Sadguruji is a true ambassador of India🙏
Straight into the heart of a culture!😅
Well answered 👌👍🙏
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
2 goosebump moments:
At 1:25: "I'm impressed that political leadership seems to have this level of wisdom"
At 3:40: "...it is fantastic, instead of calling their own names as they did in past.. we are calling by appropriate terms that will matter for whole universe."
He answered in 1st minute of video.... still he went into so deep.
Sadhguru ji is very great.proud Hindu 🚩. Om namah shivaya 😊
Namaskaram Sadhguruji and Thankyou very much, for your words are TONIC of LIFE.
Wishing you sound health and Universal Energy as always.
Always Grateful to Our CREATOR for everything.
He is really a wise man very straight and use clear strong words.
Sadguruji has been his best in explanation of naming landing site as Shiva Shakti,making us rewind our solar system incl earth and moon.What an amazing answer covering so much subtle details ,is immensely insightgul. Indeed his exemplification is cherishable. Greatful to Sadguruji.
*_सनातन धर्म की खास बात_*
*_1. हमारे अनुसार जीवन का परम लक्ष्य मुक्ति/केवल्य है। हम मानते है की जीव का मूल स्वरूप आनंद स्वरूप है वह माया/तृष्णा/इच्छाओं के कारण दुख का अनुभव करता है तथा अपनी तृष्णा/इच्छाओं के कारण वह बार बार जन्म लेता है। इंद्रिय सुख को त्याग करके वह मुक्ति को प्राप्त कर सकता है चाहे वह कोई भी हो।_*
*_2. हम मानते है एकम सत विप्रा: बहुदा वदंती अर्थात वह परम परमेश्वर एक ही है और सब लोग उसकी व्याख्या अपनी अपनी तरह से करते है। और हमारा मूल दर्शन है की जिस प्रकार विभिन्न नदिया समुंद्र में मिलती है। उसी प्रकार सभी को मानने वाले साधक उस परम लक्ष्य अर्थात मुक्ति को पा सकते है।_*
*_3. हम ये मानते है मनुष्य के कर्म ही उसकी मुक्ति का मार्ग है। वो किसको पूज रहा है ये हमारे लिए मायने नहीं रखता। सिर्फ उसके कर्म और उसके भाव ही मायने रखते है।_*
*_4. जिस क्रिएटर of यूनिवर्स जिस ईश्वर की बात हम कर रहे है वो अतंत भी है वो एक भी है। उसे आप सिर्फ एक में बांध देना चाहते है। आप ये दावे कर रहे है आपने अनंत को जान लिया है। आपको ये लगता है की ये बेसिक गणित की तरह है। आप lkg के छात्र है और आप बाते करते है की phd होल्डर से ज्यादा ज्ञान रखते है।_*
*_5. एक नास्तिक उस अन्नत को शून्य जानता है। एक मुस्लिम उस अन्नत का इनकार करते हुए उसे सिर्फ एक जानता है। एक भक्ति योगी उस अन्नत को स्वीकार करते हुए सिर्फ एक को जानता है। एक तत्वदर्शी ज्ञानयोगी उस अन्नत को जानकर अन्नत को अन्नत स्वरूप में देखता है।_*
Greatly appreciate the response. People question everything in our culture. Thank you sadguru ji. Sadar pramam appako.
"Atleast we landed there" one line statement.. the end to all questions ❤❤😂🙏
One line answers have not worked so far for people and politicians in Bharat..they will question each and every thing which Modi Ji will do even if they know it’s a right decision!
Hmm ... True 👍
@@jyotsnakothari2141those are useless and unemployed people.
Let them keep cribbing..Bharat is moving and moving very fast in the right direction.
Nasa landed in evrry planet... Now cry at corner
@@sujith9273gaseous planets says hi 😂😂
Main stream media should telecast this video. They should learn how to present a topic or issue in public forum.
Really sad that in a nation of Ram, Shiv, Mahavir, Buddh, Nanak and so on, question is being raised why a site of a celestial body was named as per our culture. Very sad that this question is being raised. I hope better sense prevails among general masses.
I think such questions should never be discouraged. Otherwise we would have not received such profound answers. Sadhguru himself says ask me any damn question. And we just enjoy listening him.
That's our own stupidity. One has Vatican another has mecca , we have secularism 😅