0:00 Introducation About Stream 0:58 Legal Disclaimer 01:30 History of Festivals In India 14:20 Albrueni Time 24:15 Indian National Calendra 42:10 Puranika Kaal 01:03:20 Fahyaan On Chandaal 01:10:30 Brahmann Apna Itihas Kyo Chupata hai 01:14:00 Kiya Buddh Marg Me festival Hote the ? 01:16:30 Kiya Hirankashyup K Log Festival ka Virod krte hai 01:35:05 Phule Anuyayi Holika Jala Rha hai 01:39:25 Brhamann Religion ki Sakhaye 01:55:00 Kiya Apni Khusi K liye Holi Bna Skte Hai 02:05:40 Jaganaathpuri Mandir ka Itihas 02:11:30 Awarness In Society 02:14:10 Buddh Dharam Me Reborn Kiya hai. 02:25:30 Festival Discussion 02:33:30 Vichaaro Me Itihas Ho skta Hai 02:44:00 Faahyan ne Likha hai Raja Brahmann Ke Dharam Ka palan krta Tha ? 02:52:40 Kiya Buddha "Vedo" ki Ninda Krte The 03:19:28 Buddhism Ko samjana / SJ Transaction Problem 03:27:35 Books Suggestion 03:31:30 NaagPanth Kaaha Se Aaya Hai. 03:34:00 Ager Buddha ne Itna Pakhand Hai to unke naam Pe Parchar kyu. 03:40:45 Kiya 2024 Me Indian Constitution Badal Jayga 03:48:20 Krishna Ka Sabut 113 BC (Heloderious) 03:53:33 Bhagwan Nahi hai kaise Logo ko Samjaye 04:01:30 Mahamaya Tempple 04:08:33 Festival ke Liye Logo ko kaise Aware Kare 04:21:15 Hindu Festival Me Voilence 04:29:50 Kiya Nastik Koi Religion hai Ya Buddhism 05:26:00 End of Stream
SJ बेटा आपको और आपकी सारी टीम को बहुत बहुत साधूवाद। सभी दर्शक कमेंट्स करनेवाले और आपको भी साधुवाद।अमरजीत बेटा मैं भी महाराष्ट्र से हूं।सही कहा आपने।लोग बस एक ही दिन फुलमाला चढ़ाते है,अपने महापुरुष को।अभी हम सबने SJ जैसा काम शुरू करना चाहिए।मैने थोड़ा ही सही काम शुरू किया। मैने तय किया था पहले कुछ काम करु,फिर हम सब के SJ बेटा के साथ बात करु। डॉ.छाया मित्तर,पूर्व प्राचार्या,ठाणे,महाराष्ट्र.
Nice stream sir aur हम भी ये मिथक से अब आप की वजाह से पुरी तरह निकल चुके हैं हमारे छोटे बच्चे भी हम इस प्रकार के मिथ्या त्योहर से पुरी तरह दूर रख रहे हैं आपका बहुत शुक्रिया 👍👌👌👌💐💐
Video me bahut hi achha vishay liya gaya hai usse bhi achha samjhya gaya hai isse bekti ko bahut kuchh sikhne ko milega_____( Jay science journey Jay bharat )_____🙏🙏
@@yaduvanshimathclasses ha to isse ye samaj me AATA hai ke samaj me aaj bhi jagrukta nhi aayi hai aur iski wajah kahin na kahin hamare khud ke padhe likhe log hai kyuki Wo khud hi dharm aur pakhand me dube hue hai... Toh PHR kaise hum ummid lagaye samaj me gareeb aur uneducated logo se...
नमस्कार। 🙏🏻💐😊 सर सबसेपहले आपको बहुत बहुत धन्यवाद क्यूँकि आपका कार्य क़ाबिले तारिफ़ हे। दूसरा धन्यवाद इस लिए की आपको मिला ज्ञान आप दबा के न रखने के बजाए दूसरों को बाट रहें हे। तीसरा धन्यवाद इस लिए की बिना लालच के ओर निर्भय हो कर सच्चाई बहुत महनत के साथ सच्ची तर्क के साथ बता रहें हे। लेकिन दुःख की बात यह हे की वर्ण व्यवस्था के ग़ुलाम ये बातें समजना ही नहीं चाहते। लेकिन यह बात सच्ची हे की सच्चाई कुछ देर दबाई जा सकतीं हे लेकिन पुरी तरह मिटा नहीं सकते।
Sir, bahut achi stream thi 👍🙏 Maharashtra me Padwa Diwali period me yani Lakshmi pujan ke baadh manate hai. “Gudhi-padwa” sirf Maharashtra me hi manate hai March-April me aur wo Brahmanone hi shuru kiya tha Sambhaji maharaj ke hatya ke badh. Maratha aur baki sabko ye baat samajni chahiye ki apne kalyan kari raja ki maut ka jashna manake hum apnehi gulami ki bediya majboot kar rahe hai. Jago aur brahmanone ke shadyantra ko samjhe.
धन्यवाद। हमे याद रखना चाहिए कि बाबासाहेब ने कहा था 'गुलामो का कोई उत्सव नहीं होता वो शासक वर्ग द्वारा थोपे गये त्यौहार को ही बिना सोचे मूर्खो की तरह मनाते है।'
अशोक से पहले बुद्ध का कोई सबूत नही मिला आज तक। अजातशत्रु के समय हुवी बुद्ध संगति, बुद्ध का जन्म मरण के कोई शिलालेख या सबूत नही अशोक ने सिर्फ राजनीति के लिए आपने साम्राज्य में सबको आपने चमचा बनाने के लिए बुद्ध धर्म का इज़त किया था
@@zebrunstate2815 No one is talking about the Great Asok in this video. This is about the crimes committed by the clever and cruel Brahmins against humanity. Now these Brahmins are getting exposed and stand naked.
कौनसी काल खड मे हुआ था होलीका कांड .. हमे तो 2017 मे पत्ता चला है .. हम और हमारे समाज के लोग भी मनाते थे कितना घालमेल किया है मिथहास ने .. अंतर्र आत्मा को हिला देनेवाला होते आरहा है कितना पाशवी अमानवी है सब कुछ सदियों से हो रहा अब तक खत्म होना का दूर दूर तक नामोनिशान हि दिखाई नही पड रहा .. धन्यवाद ॥ जय भीम ॥ नमो बुद्धाय ॥ जय मूलनिवासी ॥ जय भारत ॥
बहुत महत्वपूर्ण सबूतों साथ तथ्यात्मकपरिचर्चा की आपने बहुत अच्छी सीख मिली इन धूर्तों तथाकथित विद्वानों ने कितनी साजिस के तहत सम्यक संस्क्रति को दबा रखा है । जय भीम जय भारत जय संविधान
जय भीम। आपको नमन। आपने एक और शंशय दूर कर दिया। बाबा दीप सिंह जी के बारे में। ये महत्वपूर्ण नहीं है कि बाबा जी का सीस कटा कि नहीं, बल्कि उनका बलिदान महत्वपूर्ण है, उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक थी, उनका बलिदान प्रेरणादायक है।
होलका एक बौद्ध उत्सव हैं| बोधी प्राप्त होने के बाद तथागत बुद्ध पहली बार अपने घर कपिलवस्तु गए थे। उनका स्वागत करने के लिए लोगों ने घरों और रास्तों को साफसुथरा किया था और बुद्धत्व प्राप्ति की खुशी में उत्सव मनाया था, जो आगे चलकर "फाल्गुन उत्सव" बन गया। खुशी में कपिलवस्तु के शाक्यों ने एकसाथ मिलकर चावल पकाई और सभी जनों में बाटी| चावल पकाने को "होलका" कहा जाता था, इसलिए बुद्ध के इस स्वागतोत्सव को बाद में "होलकोत्सव" कहा जाने लगा था| आज भी थायलैंड में लोग यह उत्सव मनाते हैं। बुद्धमुर्ती की रैली (रथयात्रा) निकालकर लोग एक दुसरे पर पानी, फुल और रंगों को फेंकते हैं। पाटलिपुत्र में इसी तरह की रथयात्रा का वर्णन चीनी यात्री फाह्यान और ह्युएनत्संग ने किया है| विरुपाक्षवसंतोत्सव नामक ग्रंथ में दक्षिण भारत के इसी प्रकार के उत्सव का वर्णन है। लेकिन, वहां की रथयात्रा (रैली) में बुद्ध की जगह पर शिव को रखा जाता है, क्योंकि बुद्ध को पाली साहित्य में शीव भी कहा जाता है। जातकमाला (J.S.Speyer, p.14) में इस उत्सव को 'कौमुदी उत्सव' कहा गया है। यह उत्सव शुरुआत में केवल पूर्वोत्तर बौद्ध भारत में ही मनाया जाता था (न्यायमालाविस्तार, 35.10-18)। पूर्वोत्तर भारत में यह होलका उत्सव मनाया जाता था, इसका वर्णन शास्त्रदिपिका, 1.3.8 में इस तरह दिया गया है, "होलाकादायो ही कैश्चिमेवा प्राच्यदयाभीमानिभिर अनुस्यीयंतेना सर्वेह।।" इस उत्सव का वर्णन वेद, उपनिषद या मनुस्मृति में नहीं है। इसलिए, होली को शुद्रों का उत्सव कहा गया है (R.I.Khare, the Hindu heart and home, p.147) और बौद्धों को प्रतिक्रांति के बाद शुद्र कहा जाता था| अर्थात, होलका उत्सव (वर्तमान होली यह उत्सव) वास्तव में बौद्ध उत्सव है| फाल्गुनोत्सव अर्थात वसंतोत्सव में पहले चावल पकाया जाता था और उसके साथ उत्सव मनाया जाता था। चावल से जो भाप निकलती थी, उसे "होलका" कहा जाता था| (चरकसंहिता सूत्र, 14.61.3) ज्ञान प्राप्ति के बाद तथागत बुद्ध ने अपने नगर कपिलवस्तु को भेंट दी थी, और तब कपिलवस्तु के शाक्यों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ बुद्ध का स्वागत कर दिया था| इसलिए, बाद में यह दिन प्राचीन बौद्ध काल का अत्यंत महत्वपूर्ण दिन बन चुका था| इसलिए, इस दिन की याद में बौद्ध धर्मी जाट सम्राट कनिष्क ने इसवी सन 78 में अपना राज्याभिषेक किया था और इस दिन को यादगार बनाने के लिए उन्होंने शाक्य बुद्ध की याद में "शक संवत" अर्थात शाक्य संवत शुरू कर दिया था, जो आज भी जारी है| शक संवत में साल की शुरुआत फाल्गुन पुर्णिमा के दिन से होती थी, क्योंकि यह दिन बुद्ध के कपिलवस्तु भेंट का दिन था और बुद्ध को "फाल्गुदेव" भी कहा जाता था| बौद्धधर्म के नितितत्वों को कमजोर करने के लिए और समाज में अश्लीलता फैलाने के लिए विदेशी ब्राम्हणों ने पुराण लिखे । बुद्ध उत्सव मनाने के लिए पहले लोग एक लंबी यष्टि खडी कर देते थे और चावल को बडी हांडी में पकाकर (होलका) फाल्गुनोत्सव मनाते थे। उसे पहले मकरध्वज (धम्मध्वज) कहा जाता था और बाद में उसे इंद्रध्वज कहा जाने लगा। एक ही उत्सव में समय के साथ कितना बदवाल आया है। पहले वह फाल्गुनोत्सव या वसंतोत्सव के रूप में एक सामान्य बौद्ध उत्सव के रुप में मनाया जाता था। चावल को पकाकर लोग उत्सव मनाते थे और पकती हुई चावल को "होलका" कहा जाता था। बुद्ध की कपिलवस्तु वापसी की याद में यह होलका उत्सव मनाया जाता था| फिर कामदेव के रूप में उसमें पुराणों ने अश्लीलता फैला दी। लोग कामोत्तेजक गाने बोलने लगे, गालियां देने लगे और महिलाओं को रंग लगाने लगे। बाद में वैष्णवों ने होलका चावल को होलिका महिला बना दिया और विष्णु उसका दहन करता है ऐसी कथा बनाई। इसलिए, चावल पकाने की जगह पर लोग होलिका को महिला समझकर जलाने लगे और संपूर्ण उत्सव विकृत हो गया। वर्तमान में, होलिका की जगह पर फिरसे हमें होलका अर्थात चावल को पकाना होगा, खीर पकाकर सभ्य तरिके से बौद्ध उत्सव मनाना चाहिए और होली उत्सव को फिर से उसके प्राचीन वास्तविक स्वरूप "फाल्गुनोत्सव या वसंतोत्सव" में लाना चाहिए और बुद्ध की डोलायात्रा (रथयात्रा) शुरू कर रंगोत्सव मनाना चाहिए। तभी प्राचीन बौद्ध फाल्गुनोत्सव को हम उसके वास्तविक रूप में वापिस ले पाएंगे। बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क
मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि मेरी विरादरी का एक कुशवाहा भाई यूट्यूब पर लोगों को कचरा परोस रहा है...आज उसे सुना तो बहुत बुरा लगा....साइंस जर्नी जी को चुनोती देनी की उसकी वह असफल कोशिश साबित होगी
इसे तो SJ ने बहुत समय पहले एक्सपोज़ किया था और Realist Azad ने भी , वो एक नंबर का आस्तिक टुन्नी है, गालीबाज तो है ही, वैसे जब तर्क खत्म हो जाते है तभी लोगों के मुंह से गाली निकलती है और वही हो रहा है उसके साथ।
I have listened your first one hour speech. You have explained it in detail. Thank you. I don't celebrate dhulivandan from last several years. It's not give me any joy but it's look like stupid to me. Pls keep your research on and share it with us!
होली /होरी किसानों का त्योहार है।अपनी अच्छी फसल होने के फलस्वरूप अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अपनी उपजी नई फसल से कुछ बालियों को आग में भूनकर(होरा) खाकर मिल बांट के खाते थे।
Amarjeet made a very good point 81% people have 51% reservations where as 21% people having 49% reservations, this is not social justice, so reservations shall be based on % of population!
साइंस जर्नी सर अलबरूनी ने महिने के 15वें दिन को पूर्णिमा कहा है जबकि पूर्णिमा तो 30वें दिन होती है। 15वें दिन तो अमावस्या होती है। जैसे अभी फाल्गुनी पूर्णिमा को फाल्गुन महीना समाप्त हो रहा है और अगले दिन से अगला महीना चैत्र शुरू हो रहा है। प्लीज़ क्लीयर करें।
आप विक्रम संवत का बता रहे है जबकि भारत का नेशनल कैलेंडर और भारत के शिलालेखों और राजाओं द्वारा उपयोग कैलेंडर शक संवत है. शक संवत मे शुक्ल पक्ष पहले आता है फिर कृष्ण पक्ष
0:00 Introducation About Stream
0:58 Legal Disclaimer
01:30 History of Festivals In India
14:20 Albrueni Time
24:15 Indian National Calendra
42:10 Puranika Kaal
01:03:20 Fahyaan On Chandaal
01:10:30 Brahmann Apna Itihas Kyo Chupata hai
01:14:00 Kiya Buddh Marg Me festival Hote the ?
01:16:30 Kiya Hirankashyup K Log Festival ka Virod krte hai
01:35:05 Phule Anuyayi Holika Jala Rha hai
01:39:25 Brhamann Religion ki Sakhaye
01:55:00 Kiya Apni Khusi K liye Holi Bna Skte Hai
02:05:40 Jaganaathpuri Mandir ka Itihas
02:11:30 Awarness In Society
02:14:10 Buddh Dharam Me Reborn Kiya hai.
02:25:30 Festival Discussion
02:33:30 Vichaaro Me Itihas Ho skta Hai
02:44:00 Faahyan ne Likha hai Raja Brahmann Ke Dharam Ka palan krta Tha ?
02:52:40 Kiya Buddha "Vedo" ki Ninda Krte The
03:19:28 Buddhism Ko samjana / SJ Transaction Problem
03:27:35 Books Suggestion
03:31:30 NaagPanth Kaaha Se Aaya Hai.
03:34:00 Ager Buddha ne Itna Pakhand Hai to unke naam Pe Parchar kyu.
03:40:45 Kiya 2024 Me Indian Constitution Badal Jayga
03:48:20 Krishna Ka Sabut 113 BC (Heloderious)
03:53:33 Bhagwan Nahi hai kaise Logo ko Samjaye
04:01:30 Mahamaya Tempple
04:08:33 Festival ke Liye Logo ko kaise Aware Kare
04:21:15 Hindu Festival Me Voilence
04:29:50 Kiya Nastik Koi Religion hai Ya Buddhism
05:26:00 End of Stream
SJ बेटा आपको और आपकी सारी टीम को बहुत बहुत साधूवाद। सभी दर्शक कमेंट्स करनेवाले और आपको भी साधुवाद।अमरजीत बेटा मैं भी महाराष्ट्र से हूं।सही कहा आपने।लोग बस एक ही दिन फुलमाला चढ़ाते है,अपने महापुरुष को।अभी हम सबने SJ जैसा काम शुरू करना चाहिए।मैने थोड़ा ही सही काम शुरू किया।
मैने तय किया था पहले कुछ काम करु,फिर हम सब के SJ बेटा के साथ बात करु।
डॉ.छाया मित्तर,पूर्व प्राचार्या,ठाणे,महाराष्ट्र.
बिडियो को जरूर देखें और सीखगे सत्य कैसे पहचाना जाता है भारत का एकमात्र हिंदी चैनल साइंस जर्नी
चारो तरफ से science journey पैदा करना होगा,good job sir ji
भारतीय मूलनिवासी असुर जाती पर भी लोगो को वीडियो बनाकर जागरुक करे ,आप ने अपनी जीवन को सफल बना दिया है आप को साधुवाद,
सर आपका रिसर्च व्यर्थ नहीं जायेगा। आपका मेहनत जरूर रंग लायेगी।🙏🙏🙏
आपलोग के प्रयास से बहुत जल्द ही,,,,सत्य धर्म और अहिंसा स्थापित होगा,,,👍👍💐💐💐....!!!!!
बहुत अच्छा स्ट्रीम सर।
नमो बुद्धाय्🙏🙏🙏
Nice stream sir aur हम भी ये मिथक से अब आप की वजाह से पुरी तरह निकल चुके हैं
हमारे छोटे बच्चे भी हम इस प्रकार के मिथ्या त्योहर से पुरी तरह दूर रख रहे हैं
आपका बहुत शुक्रिया 👍👌👌👌💐💐
बहुत बहुत आभार सर सटिक जानकारी देने के लिये 💐नमोबुध्दाय💐जयभीम💐
Video me bahut hi achha vishay liya gaya hai usse bhi achha samjhya gaya hai isse bekti ko bahut kuchh sikhne ko milega_____( Jay science journey Jay bharat )_____🙏🙏
सर आप बहुत अच्छा काम कर रहे है। जयभीम नमो बुद्धाय।
Nice Stream Sir
I like the discussion very much with satya.
Jai Bhim Namo Buddhay.
मनुवाद हटाओ। 85%बहुजन मूलनिवासी बचाओ।
जय भारत। जय संविधान। जय विज्ञान। जय जवान जय किसान। 🇮🇳✊🏻
Khali bolne se hota hai kya 5kg anaj ke chakkar mai bjp ko jita rahe ho tab bhul jaite ho jo aapne hai usko bhul jaite ho .....for example ...up
@@yaduvanshimathclasses ha to isse ye samaj me AATA hai ke samaj me aaj bhi jagrukta nhi aayi hai aur iski wajah kahin na kahin hamare khud ke padhe likhe log hai kyuki Wo khud hi dharm aur pakhand me dube hue hai... Toh PHR kaise hum ummid lagaye samaj me gareeb aur uneducated logo se...
Mandir toh Mulnivasi bhi jaate hai hai, Laat khaate hai fir bhi jaate hai. Nastik Rationalist toh bahut kam hai
@@yaduvanshimathclasses baat sahi hai lekin strong hone education se hi hoga
Hatayenge bilkul pakhand ko....
सही समय पर सही जानकारी दी sj सर जी
लोग धिरे धिरे जागरुक हो रहे हैं ,, नींद से जागने पर ही नया सबेरा होगा ।। सर आप लोगों का प्रयास सराहनीय है ,, आगे बड़े जागरुक जनता आपके साथ हैं ।।
Bahut hi sandar video banaya hai sir 🙏______( Apko naman Sir )_______🙏
________( Jay science journey )______🙏🙏
बहुत अच्छी जानकारी है सर जी
04:57:50 बिल्कुल सही कहा।
जय भीम सर जब भी आप के विडियो देखता हूं तो दिमाग और मन दोनों गहरी सोच में पड़ जाता हैं कि हम आज भी गुलाम हैं
बहुत ही शानदार स्ट्रीम रही सर आज की....शुरू से लेकर अंत तक सुना....👌👌👌👌
नमस्कार। 🙏🏻💐😊
सर सबसेपहले आपको बहुत बहुत धन्यवाद क्यूँकि आपका कार्य क़ाबिले तारिफ़ हे।
दूसरा धन्यवाद इस लिए की आपको मिला ज्ञान आप दबा के न रखने के बजाए दूसरों को बाट रहें हे।
तीसरा धन्यवाद इस लिए की बिना लालच के ओर निर्भय हो कर सच्चाई बहुत महनत के साथ सच्ची तर्क के साथ बता रहें हे।
लेकिन दुःख की बात यह हे की वर्ण व्यवस्था के ग़ुलाम ये बातें समजना ही नहीं चाहते।
लेकिन यह बात सच्ची हे की सच्चाई कुछ देर दबाई जा सकतीं हे लेकिन पुरी तरह मिटा नहीं सकते।
Sir, bahut achi stream thi 👍🙏
Maharashtra me Padwa Diwali period me yani Lakshmi pujan ke baadh manate hai.
“Gudhi-padwa” sirf Maharashtra me hi manate hai March-April me aur wo Brahmanone hi shuru kiya tha Sambhaji maharaj ke hatya ke badh.
Maratha aur baki sabko ye baat samajni chahiye ki apne kalyan kari raja ki maut ka jashna manake hum apnehi gulami ki bediya majboot kar rahe hai.
Jago aur brahmanone ke shadyantra ko samjhe.
जयभीम जयसंविधान नमो बुध्धाय
आओ मिलकर SJ संग मनुवाद भगाय
Bahut hi Sandar video banaya hai sir 🙏__( Great speech Science Journey Sir )__🙏
______( Jay science journey )_______🙏
साइंस जर्नी सर बहुत-बहुत धन्यवाद आप बहुत ही महान कार्य कर लोगों को जागरूक बना रहे हैं तर्कशील सोच से ही एक अच्छा व्यक्ति बन सकता है ❤️
Bahut achha video banaya hai sir 🙏
बहुत अदभुत झलकियां है,
धन्यवाद 😊
Science journey sirआपकी हिम्मत ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम सर पदम और घनानंद के इतिहास को उजागर करिए धन्यवाद
हमारे आदिवासियों में होली दिवाली एक फसली त्यौहार यानी फसल पकने की खुशी में मनाया जाने वाला त्योहार माना जाता है
अद्भुत ज्ञान चर्चा
सर, कन्यादान की ब्राहमणो की थोपी हूई प्रथा की विस्तार से वीडियो बनाओ।
Bageshwar Dham wala baba wahi to kar raha hai
आमीन
धन्यवाद। हमे याद रखना चाहिए कि बाबासाहेब ने कहा था 'गुलामो का कोई उत्सव नहीं होता वो शासक वर्ग द्वारा थोपे गये त्यौहार को ही बिना सोचे मूर्खो की तरह मनाते है।'
अशोक से पहले बुद्ध का कोई सबूत नही मिला आज तक।
अजातशत्रु के समय हुवी बुद्ध संगति, बुद्ध का जन्म मरण के कोई शिलालेख या सबूत नही
अशोक ने सिर्फ राजनीति के लिए आपने साम्राज्य में सबको आपने चमचा बनाने के लिए बुद्ध धर्म का इज़त किया था
@@zebrunstate2815 No one is talking about the Great Asok in this video. This is about the crimes committed by the clever and cruel Brahmins against humanity. Now these Brahmins are getting exposed and stand naked.
@@zebrunstate2815 lagta hai Asoka ne tera bahut kuch bigada hai. 😁
@@zebrunstate2815 waah maza aa gaya kaha se laate ho itna Gyan... what's app University join kr liye kya.
@@zebrunstate2815 jo sach h uska sakshya ka jarurat nhi tum jaise brahmno ka dukan band hone bala h
Sir.mujhe sare sabalo ka answer mil jate hai apki videos me.esliye me apki sari video bahut dheyan se dekti hu.thank you Sir.🙏🙏🙏
Jai........ Mulnivasi
Jai......... SARNA
Jai......... BOUDH
धन्यवाद सर जय भीम नमो बुद्धाय 🙏🏿🙏🏿
कौनसी काल खड मे हुआ था होलीका कांड .. हमे तो 2017 मे पत्ता चला है .. हम और हमारे समाज के लोग भी मनाते थे कितना घालमेल किया है मिथहास ने .. अंतर्र आत्मा को हिला देनेवाला होते आरहा है कितना पाशवी अमानवी है सब कुछ सदियों से हो रहा अब तक खत्म होना का दूर दूर तक नामोनिशान हि दिखाई नही पड रहा .. धन्यवाद ॥ जय भीम ॥ नमो बुद्धाय ॥ जय मूलनिवासी ॥ जय भारत ॥
आपको कोटि कोटि नमन Science Journey Sir......🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐🌷🙂🙏🏻🙏🏻....!!!!!!!
Great job sir. You reveal the TRUTH.......
बहुत महत्वपूर्ण सबूतों साथ तथ्यात्मकपरिचर्चा की आपने बहुत अच्छी सीख मिली इन धूर्तों तथाकथित विद्वानों ने कितनी साजिस के तहत सम्यक संस्क्रति को दबा रखा है ।
जय भीम जय भारत जय संविधान
Aapki bahut achhi stream thi jai bhim namo budha
SCSTOBC Minority होली का बहिष्कार करे🙅
Science journey is best of best knowledge in the world
Very super and very nice aise bat batane ke liye
सत्य की जय हो....☺️😊🙏🏻🙏🏻🌷💐.....!!!!!!
बहुत अचछा व satik विश्लेषण
जय भीम।
आपको नमन।
आपने एक और शंशय दूर कर दिया।
बाबा दीप सिंह जी के बारे में।
ये महत्वपूर्ण नहीं है कि बाबा जी का सीस कटा कि नहीं, बल्कि उनका बलिदान महत्वपूर्ण है, उनकी आयु 80 वर्ष से अधिक थी, उनका बलिदान प्रेरणादायक है।
जय भीम नमो बुद्धाय सर आपको
Namo buddhay Jay Bheem Sar aapka
Bilkul sahi sir jay bhim aap ko Dil se slute🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय भीम,,,,,जय संविधान,,,, जय मूलनिवासी...👍👍💐💐.....!!!!!
Aap ke is streem me bahut achhi gyan badhane ki baten maloom hoti hai bahut bahut dhanyvad
Jai Bheem.👍👍🙏🙏
Ekdam sahi itihas hai logo ko puchhna chahiye
Sr ji ko salute
होलका एक बौद्ध उत्सव हैं|
बोधी प्राप्त होने के बाद तथागत बुद्ध पहली बार अपने घर कपिलवस्तु गए थे। उनका स्वागत करने के लिए लोगों ने घरों और रास्तों को साफसुथरा किया था और बुद्धत्व प्राप्ति की खुशी में उत्सव मनाया था, जो आगे चलकर "फाल्गुन उत्सव" बन गया। खुशी में कपिलवस्तु के शाक्यों ने एकसाथ मिलकर चावल पकाई और सभी जनों में बाटी| चावल पकाने को "होलका" कहा जाता था, इसलिए बुद्ध के इस स्वागतोत्सव को बाद में "होलकोत्सव" कहा जाने लगा था|
आज भी थायलैंड में लोग यह उत्सव मनाते हैं। बुद्धमुर्ती की रैली (रथयात्रा) निकालकर लोग एक दुसरे पर पानी, फुल और रंगों को फेंकते हैं। पाटलिपुत्र में इसी तरह की रथयात्रा का वर्णन चीनी यात्री फाह्यान और ह्युएनत्संग ने किया है| विरुपाक्षवसंतोत्सव नामक ग्रंथ में दक्षिण भारत के इसी प्रकार के उत्सव का वर्णन है। लेकिन, वहां की रथयात्रा (रैली) में बुद्ध की जगह पर शिव को रखा जाता है, क्योंकि बुद्ध को पाली साहित्य में शीव भी कहा जाता है।
जातकमाला (J.S.Speyer, p.14) में इस उत्सव को 'कौमुदी उत्सव' कहा गया है।
यह उत्सव शुरुआत में केवल पूर्वोत्तर बौद्ध भारत में ही मनाया जाता था (न्यायमालाविस्तार, 35.10-18)। पूर्वोत्तर भारत में यह होलका उत्सव मनाया जाता था, इसका वर्णन शास्त्रदिपिका, 1.3.8 में इस तरह दिया गया है, "होलाकादायो ही कैश्चिमेवा प्राच्यदयाभीमानिभिर अनुस्यीयंतेना सर्वेह।।"
इस उत्सव का वर्णन वेद, उपनिषद या मनुस्मृति में नहीं है। इसलिए, होली को शुद्रों का उत्सव कहा गया है (R.I.Khare, the Hindu heart and home, p.147) और बौद्धों को प्रतिक्रांति के बाद शुद्र कहा जाता था| अर्थात, होलका उत्सव (वर्तमान होली यह उत्सव) वास्तव में बौद्ध उत्सव है|
फाल्गुनोत्सव अर्थात वसंतोत्सव में पहले चावल पकाया जाता था और उसके साथ उत्सव मनाया जाता था। चावल से जो भाप निकलती थी, उसे "होलका" कहा जाता था| (चरकसंहिता सूत्र, 14.61.3)
ज्ञान प्राप्ति के बाद तथागत बुद्ध ने अपने नगर कपिलवस्तु को भेंट दी थी, और तब कपिलवस्तु के शाक्यों ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ बुद्ध का स्वागत कर दिया था| इसलिए, बाद में यह दिन प्राचीन बौद्ध काल का अत्यंत महत्वपूर्ण दिन बन चुका था| इसलिए, इस दिन की याद में बौद्ध धर्मी जाट सम्राट कनिष्क ने इसवी सन 78 में अपना राज्याभिषेक किया था और इस दिन को यादगार बनाने के लिए उन्होंने शाक्य बुद्ध की याद में "शक संवत" अर्थात शाक्य संवत शुरू कर दिया था, जो आज भी जारी है| शक संवत में साल की शुरुआत फाल्गुन पुर्णिमा के दिन से होती थी, क्योंकि यह दिन बुद्ध के कपिलवस्तु भेंट का दिन था और बुद्ध को "फाल्गुदेव" भी कहा जाता था|
बौद्धधर्म के नितितत्वों को कमजोर करने के लिए और समाज में अश्लीलता फैलाने के लिए विदेशी ब्राम्हणों ने पुराण लिखे ।
बुद्ध उत्सव मनाने के लिए पहले लोग एक लंबी यष्टि खडी कर देते थे और चावल को बडी हांडी में पकाकर (होलका) फाल्गुनोत्सव मनाते थे। उसे पहले मकरध्वज (धम्मध्वज) कहा जाता था और बाद में उसे इंद्रध्वज कहा जाने लगा।
एक ही उत्सव में समय के साथ कितना बदवाल आया है। पहले वह फाल्गुनोत्सव या वसंतोत्सव के रूप में एक सामान्य बौद्ध उत्सव के रुप में मनाया जाता था। चावल को पकाकर लोग उत्सव मनाते थे और पकती हुई चावल को "होलका" कहा जाता था। बुद्ध की कपिलवस्तु वापसी की याद में यह होलका उत्सव मनाया जाता था| फिर कामदेव के रूप में उसमें पुराणों ने अश्लीलता फैला दी। लोग कामोत्तेजक गाने बोलने लगे, गालियां देने लगे और महिलाओं को रंग लगाने लगे।
बाद में वैष्णवों ने होलका चावल को होलिका महिला बना दिया और विष्णु उसका दहन करता है ऐसी कथा बनाई। इसलिए, चावल पकाने की जगह पर लोग होलिका को महिला समझकर जलाने लगे और संपूर्ण उत्सव विकृत हो गया।
वर्तमान में, होलिका की जगह पर फिरसे हमें होलका अर्थात चावल को पकाना होगा, खीर पकाकर सभ्य तरिके से बौद्ध उत्सव मनाना चाहिए और होली उत्सव को फिर से उसके प्राचीन वास्तविक स्वरूप "फाल्गुनोत्सव या वसंतोत्सव" में लाना चाहिए और बुद्ध की डोलायात्रा (रथयात्रा) शुरू कर रंगोत्सव मनाना चाहिए। तभी प्राचीन बौद्ध फाल्गुनोत्सव को हम उसके वास्तविक रूप में वापिस ले पाएंगे।
बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क
🙏
Jay Bheem sir 🙏
जय भीम जय असोक 🙏 नमो बुद्धाय
आज भी तो कथाओं में भीड़ बढ़ा रहा है, और धार्मिक कार्य समझ रहा है।
Jai bhim science journey ji
Mai aaj Holi khelne nahi gaya or ab saare shoshak samaj ke tyohaar chhodunga
Mulnivasi hone par garv hai mujhe😊❤️
मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि मेरी विरादरी का एक कुशवाहा भाई यूट्यूब पर लोगों को कचरा परोस रहा है...आज उसे सुना तो बहुत बुरा लगा....साइंस जर्नी जी को चुनोती देनी की उसकी वह असफल कोशिश साबित होगी
इसे तो SJ ने बहुत समय पहले एक्सपोज़ किया था और Realist Azad ने भी , वो एक नंबर का आस्तिक टुन्नी है, गालीबाज तो है ही, वैसे जब तर्क खत्म हो जाते है तभी लोगों के मुंह से गाली निकलती है और वही हो रहा है उसके साथ।
Very nice debet programm jai bhim sir
Omkar konkare itihas padkar debet karo
Thnx For Truth
Jai bhim ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ jai bharat ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ jai mulnivasi ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
जय भीम जय भारत।
Bahut
Achi
Bat 💯💯💯💯💯
I have listened your first one hour speech. You have explained it in detail. Thank you. I don't celebrate dhulivandan from last several years. It's not give me any joy but it's look like stupid to me. Pls keep your research on and share it with us!
JAY BHIM, JAY BHARAT
भारत का एक मात्र हिंदी चैनल
हमारे महाराष्ट्रीयन भाऊ लोग आ रहे हैं लाईव्ह ,क्रांतिकारी जय भीम भाऊ
आपने बहुत अच्छा बताया है लेकिन इतना लंबा वीडियो हम नही देख सकते आज कल इतना समय नहीं मिलता
Ye live stream h, iske chhote clip bhi upload hote h. Sciencejourney pr chhote video available h
@@RationalWorld aap timestamps laga sakte hai jisse dekhne mai aasani hogi .
Sj proud of you 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
NAMO BUDHAY ☸️☸️☸️☸️☸️
JAY MULNIWASI
Ji. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼SiR. Ji💙💙💙💙💙💙💯🎯🎯🎯💞💞💞💞🌹
Good sir
जय मूलनिवासी बहुजन समाज जय भीम आप सब सही जानकारी देते हैं
Jay bhim jai mulnivasi 🙏🙏🙏🙏👍👍👍👍❤️❤️❤️❤️
V.v. nice sir. जो आपको सब पता है
Satya jankari Dene ke liye dhanyawad
Sir में अपकी व्हिडिओ देखता हूं, मेरा ज्ञान बढ रहा है | अपका धन्यवाद..!
Nice Stream Science Journey Sir 🙏
पेड काटना मना है. आप फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को तक्रार करे. यह पर्यावरण का मामला है. पेड कटा हूवा फोटो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को भेजे.
Thanks sir 🙏🙏🙏
```NAMO BUDDHAY´´ JAI BHIM_
💁holi SCSTOBC Minority का झूठा ,असत्य त्योहार है
होली /होरी किसानों का त्योहार है।अपनी अच्छी फसल होने के फलस्वरूप अपनी खुशी जाहिर करने के लिये अपनी उपजी नई फसल से कुछ बालियों को आग में भूनकर(होरा) खाकर मिल बांट के खाते थे।
Amarjeet made a very good point 81% people have 51% reservations where as 21% people having 49% reservations, this is not social justice, so reservations shall be based on % of population!
Sir apke jaise aur 5 bhi channel rahenge to bahot bada parivartan ayega.sabka mangal ho
Jai Bhim
Namo bubhay
Nice work
जो लोग आपके कॉन्टॅक्ट में हैं और जिनके पास ये सुनने के लिये समय नही, या इस चॅनल को नही देखते ऐसे लोगोको हम लोग ही ये share करेंगे.
Jai bheem namo budhay
Bramhano ka kuchh apana nahi hai sab bodhho se churai gayi hai . ।। Jay bhim namo budhay 🙏🙏🙏🙏
लाइक और कमेन्ट जरूर करे
साइंस जर्नी सर
अलबरूनी ने महिने के 15वें दिन को पूर्णिमा कहा है जबकि पूर्णिमा तो 30वें दिन होती है। 15वें दिन तो अमावस्या होती है। जैसे अभी फाल्गुनी पूर्णिमा को फाल्गुन महीना समाप्त हो रहा है और अगले दिन से अगला महीना चैत्र शुरू हो रहा है। प्लीज़ क्लीयर करें।
आप विक्रम संवत का बता रहे है जबकि भारत का नेशनल कैलेंडर और भारत के शिलालेखों और राजाओं द्वारा उपयोग कैलेंडर शक संवत है. शक संवत मे शुक्ल पक्ष पहले आता है फिर कृष्ण पक्ष
@@RationalWorld जी, धन्यवाद
@@RationalWorld छोटी लेकिन बहुत बड़ी बात। धन्यवाद जी।
Mai aur meri sister Puri tarah se Nashtik ho chuke hai ,
Dhanyawad SJ sir ka .jankari aur longon tak pahucha rahe hain ham log.
Dhanyabad sir
जय भीम जय संविधान 💙📘🙏
Jay BHIM Namo budhay Jay samvidhan Jay mulnivasi jay Bharat Jay nagvanshi Jay Maurya vansh Ki jay
भारत में सबसे ज्यादा ब्रह्मन वादी बहुजन समाज के लोग होगये हैं।
जय सवीधान नमो बुध्दाय बहुत अच्छा विचार