आत्मतत्व : आत्मा, स्वामी विवेकानंद हिंदी, Swami vivekananda hindi (मैं कौन हूं) Chapter 2

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  • Опубликовано: 27 дек 2024

Комментарии • 10

  • @snehalatha2976
    @snehalatha2976 6 месяцев назад

    पुज्य ठाकुर राम कृष्ण परमहंस को पावन दिव्य चरणकमलों में शत् शत् नमन वंदन। स्वामी विवेकानन्द जी के वेदान्त विचारों ज्ञान सत्संग ईषवरय सन्देश ऐश्वर्य शक्तियों से नित्य साधना आराधना प्रार्थना स्तुति से वैराग्य ँका अनुभव होता है। शत् शत् नमन वंदन 🙏🙏🌹🌹 🙏🙏

  • @ashokagrawal4513
    @ashokagrawal4513 8 месяцев назад +1

    ओम् , जय श्री राम।

  • @shailendrasingh9841
    @shailendrasingh9841 11 месяцев назад

    Thanks to you jay hind ❤🙏

    • @spiritual_sprit.
      @spiritual_sprit.  11 месяцев назад

      Jai hind ♥️♥️

    • @Mokshikanankeolyar24
      @Mokshikanankeolyar24 11 месяцев назад

      ​​@@spiritual_sprit.सब मे ईश्वर है यह सोच कर यदि शेर के सामने जा कर खड़े हो गए तो क्या वो भी यही सोचेगा?
      आत्मा एक है यह भाव लेकर कोबरा हाथ मे पकड़ लो वो काटेगा नही शायद😂

  • @spirithorizon07
    @spirithorizon07 11 месяцев назад

    ❤❤

  • @shivamtripathi5026
    @shivamtripathi5026 11 месяцев назад

    Sir namesta dhyaan yog pe vdo banaya

  • @medhepradip441
    @medhepradip441 10 месяцев назад

    Adv. Very disturbed