अयि गिरि नंदिनि भाग १ हिंदी अर्थ सहित।

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  • Опубликовано: 26 янв 2025

Комментарии • 91

  • @AnimeshPurohit-v3p
    @AnimeshPurohit-v3p Год назад +4

    गुरुजी,आपको चरण स्पर्श,आपका ह्रदय से आभार🌹🙏🌹

  • @dollyjindal637
    @dollyjindal637 9 дней назад

    Bahut sundar ❤❤❤❤

  • @tejprataptiwari6867
    @tejprataptiwari6867 4 дня назад

    जय हो 🌺🙏🏻

  • @brajeshksbhadauria1711
    @brajeshksbhadauria1711 5 месяцев назад +2

    अति सुंदर।बहुत अच्छे भाव के साथ समझाया।

  • @AvinashSharma-Raja
    @AvinashSharma-Raja 2 месяца назад

    Pranam guruji😊

  • @InduBala-nq5ku
    @InduBala-nq5ku 3 месяца назад

    Guruji parnam

  • @vikassaraswat312
    @vikassaraswat312 7 месяцев назад

    जय माता दी बहुत सुन्दर प्रस्तुति

  • @pramodwagh2008
    @pramodwagh2008 6 месяцев назад +1

    बहुत सुंदर विश्लेषण सर जी

  • @khushbootiwari7018
    @khushbootiwari7018 Год назад +1

    Pranam Gurudev

  • @neetubharti78
    @neetubharti78 3 месяца назад

    Bahut bahut dhanyawad 🙏🙏

  • @universalmathsclasses6571
    @universalmathsclasses6571 5 месяцев назад +3

    Jai ho jgtjanini

  • @aishwaryabajpai3262
    @aishwaryabajpai3262 9 месяцев назад +2

    Jai Ho

  • @vishnukumarmishra3611
    @vishnukumarmishra3611 3 месяца назад

    बहुत ही सुन्दर एवम् सराहनीय कार्य जय हो 🎉

  • @kumarvishwas1786
    @kumarvishwas1786 3 месяца назад

    Keya bat hai❤❤❤

  • @dharmendrakumar9615
    @dharmendrakumar9615 Год назад +1

    Bhut accha prayaas

  • @mschauhan7405
    @mschauhan7405 7 месяцев назад +2

    आप को कोटि कोटि नमन

  • @RajD2013
    @RajD2013 7 месяцев назад +2

    🙏🙏 Jai Jai Jai ho aap ki 🙏🙏

  • @mahabirprasad9309
    @mahabirprasad9309 5 месяцев назад +2

    सर के पड़ने से मुझे बहुत मदत मिल रही हे 🙏🙏

  • @_Shivshakti_0
    @_Shivshakti_0 3 месяца назад

    हे मां आदिशक्ति आपको कोटि कोटि प्रणाम है🙏🙏🌹🌹❤❤

  • @Sweeaashu
    @Sweeaashu Год назад +1

    सदंचित-मुदंचित निकुंचित पदं झलझलं-चलित मंजु कटकम् ।
    पतंजलि दृगंजन-मनंजन-मचंचलपदं जनन भंजन करम् ।
    कदंबरुचिमंबरवसं परममंबुद कदंब कविडंबक गलम्
    चिदंबुधि मणिं बुध हृदंबुज रविं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 1 ॥

  • @sundermanidabral6662
    @sundermanidabral6662 Год назад

    सादर प्रणाम।

  • @chhawityagi5324
    @chhawityagi5324 3 месяца назад

    बहुत बहुत आभार

  • @devdeep1381
    @devdeep1381 Год назад +3

    🙏🙏 nice video
    Waiting for next part ❤❤

  • @amitgautam0818
    @amitgautam0818 Год назад +1

    Adbhut hai ji

  • @WebApplications_Developer
    @WebApplications_Developer Год назад +2

    एकदम मीठे स्वर के साथ जो आपने व्याख्या की दिल को छू गया,आज पहली बार मैं इसके एक एक शब्द के अर्थ को समझ पाया हूं ,धन्यवाद गुरुजी आपका जो आपने यूट्यूब के माध्यम से हम लोगो तक इसे पहुंचाने की कृपा की आपने, प्रणाम गुरूजी 👏 ,जय हो सनातन धर्म की

  • @MaheshChandra-em1yq
    @MaheshChandra-em1yq Год назад +1

    श्रीमान जी पणाम सुन्दर तरीके से समझाया हैं 🎉🤨

  • @Kajal.Chitra
    @Kajal.Chitra 16 дней назад

    धन्यवाद जी 🙏

  • @स्त्रोतम्-ष4ल
    @स्त्रोतम्-ष4ल 4 месяца назад

    मन प्रसन्न हो जाता है जी बिल्कुल आपके मुख से कोई भी स्रोत या वंदना सुनकर

  • @gyanendrakumar7786
    @gyanendrakumar7786 Год назад

    Jai Mata di..

  • @ranjanathorat1855
    @ranjanathorat1855 10 месяцев назад

    बहुत सुंदर विश्लेषण गुरूजी
    सादर प्रणाम 🙏🙏

  • @Tendo_27
    @Tendo_27 5 месяцев назад +1

    Thank you guruji for all your tutorial videos... They have helped me alot in reciting various stotrams as part of my daily life.... May Ma bless you with abundance of wealth, health and moksha 🙏🏼🙏🏼🌺🔱

  • @shravankumarmishra6472
    @shravankumarmishra6472 Год назад

    Thanks very good recitation sir ji

  • @omsanatan8269
    @omsanatan8269 Год назад +1

    Maa ki vandana har sawar ko shobhit kar deti h aapke bhav bhi achchhe h sawar bhi

  • @swapnakamal9571
    @swapnakamal9571 Год назад +1

    Aapka gayan bahut sundar hai

  • @taraupadhay1932
    @taraupadhay1932 4 месяца назад +1

    Aap ko tahe dil se pranam

  • @PalakAgrawal-bg5vs
    @PalakAgrawal-bg5vs 2 месяца назад +1

    बहुत बहुत आभार गुरुदेव ऐसा अर्थ सहित सप्तशती का वीडियो भी हम सब के लिए उपलब्ध हो तो बड़ी कृपा होगी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @NehaKumari-dm6mr
    @NehaKumari-dm6mr 4 месяца назад

    Thank you so much ❤❤

  • @MrityunjaySingh-t3u
    @MrityunjaySingh-t3u Год назад

    Thank you so much for mahishasurmadini strotram

  • @sishumadan6774
    @sishumadan6774 Год назад

    very nice

  • @diwakardudpuri4893
    @diwakardudpuri4893 Год назад

    जय मां भगवती भवानी

  • @rajkumarsharma351
    @rajkumarsharma351 Год назад +1

    Jai mata di

  • @preetinegi4921
    @preetinegi4921 Год назад +1

    जय माता दी।

  • @डॉविवेकआनंदचौधरी

    बहुत सुंदर प्रयास ❤❤❤

  • @Haru_ytt
    @Haru_ytt 3 месяца назад

    Pnannm gru ji...

  • @bhaktigyanyagya
    @bhaktigyanyagya 2 месяца назад

    जो जैसा बतला रहे है सब का सम्मान करना चाहिए जैसे हरि अनंत हरि कथाअनंता

  • @riyanshi100
    @riyanshi100 8 месяцев назад

    Guru ji Pranam

  • @Kaal-bhairav646
    @Kaal-bhairav646 Год назад +1

    बहूत ही मधुर स्वर में इस दिव्य स्तोत्र को आपने गायन किया और अर्थ भी बताया।।। इस तरह आप विडियो देते रहिए,, आपको मेरा नमन है इस सराहनी कार्य हेतु।

  • @hemashah1111
    @hemashah1111 Год назад

    thank you thank you so much sir

  • @matramevergreen5976
    @matramevergreen5976 Год назад +1

    🙏🌻🌻⛳️🌺🌺Jai Mata Di 🌺🌺⛳️🌻🌻🙏

  • @atul_darshan
    @atul_darshan 11 месяцев назад +1

    Such a nice voice sir🎉🎉🎉🎉🎉🙏

  • @singhsupriya2349
    @singhsupriya2349 Год назад +1

    आपकी वीडियो देखकर मुझे लगता है कि मैं भी माता का महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र सीख जाऊंगी। आप मेरे लिए गुरु समान है आपके चरणों में बारंबार प्रणाम 🙏 कृप्या करके ऐसे ही शिव तांडव स्तोत्र का भी विडियो बनाईए।

  • @sudippandeyofficel
    @sudippandeyofficel Год назад

    Guru ji rudrastkam

  • @truptiuikey6094
    @truptiuikey6094 Год назад

    Thank you so much sir ❤

  • @AshwaniKumar-be9gt
    @AshwaniKumar-be9gt Год назад

    Sir aap ka bhi sur super hai hai ❤❤❤ thanks 🙏🙏

  • @hradeshnayak2017
    @hradeshnayak2017 Год назад

    🙏🙏🙏

  • @amitiaf61
    @amitiaf61 Год назад

    🎉🎉🎉Thanx 🎉🎉🎉

  • @AmitBhardwaj-dv4id
    @AmitBhardwaj-dv4id Год назад

    जय भवानी 🚩🚩🚩

  • @Mr12110312
    @Mr12110312 Год назад +2

    गुरु देव, माँ भगवती का सामीप्य बढ़ाने के लिए में आपका हृदय से आभारी हूँ ।गुरु जी यदि कभी हिमाचल आना हुआ तो कृपा करके मुझे सेवा का अवसर ज़रूर प्रदान करें 🙏🌸जय माँ 🚩

  • @durgasharma1171
    @durgasharma1171 Год назад +12

    मैं आपको सादर प्रणाम करता हूं सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूंगा कि आपका स्वर बहुत मीठा है क्योंकि भगवती आपके शब्दों में और वाणी में शब्द ब्रह्म रूप से विराजमान है दूसरा मैं आपको दोबारा धन्यवाद देता हूं कि अपने प्रत्येक श्लोक के प्रत्येक शब्द का अलग अलग अर्थ समझाया युटुब पर या गूगल पर हमें इस स्तोत्र का हिंदी अनुवाद तो मिल जाता है परंतु हम उसे अनुवाद के द्वारा यह पता नहीं लगा पाए कि इसमें किस शब्द का क्या अर्थ है और किसी भी स्तोत्र को पढ़ने का दुगना आनंद तब बढ़ जाता है जब आप स्तोत्र पढ़ रहे हो और उसका आपको अर्थ भी पता हो इसलिए आपसे विनती है की इसी प्रकार से महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक के प्रत्येक शब्द का अर्थ बताने की कृपा करते रहें मैं आपको दोबारा सादर प्रणाम करता हूं भगवती आपके ऊपर अपनी इसी प्रकार से विशेष अनुकंपा सदैव बनाए रखें

    • @dindayalrai1669
      @dindayalrai1669 Год назад

      गुरु जी सादर प्रणाम आप से अनुरोध है पीडीएफ फाइल बनाएं

  • @dayaguptavlogs1771
    @dayaguptavlogs1771 Год назад

    Pranaam Gurudev🌹
    Gurudev sundarkand plz..

  • @raju43212
    @raju43212 5 месяцев назад

    Sir durga saptasati with sloka meaning bhi laye aapki kripa hogi🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @tarakantacharya
    @tarakantacharya Год назад

    अपका स्वर बहुत मीठा है

  • @arunverma3380
    @arunverma3380 Год назад +1

    गुरुजी जगमंगल काली कवच पर वीडियो बनाए

  • @HemilPatel-y4f
    @HemilPatel-y4f Год назад +1

    Lalitha sahasranamam please

  • @Rajendra_Kumar_Shukla
    @Rajendra_Kumar_Shukla Год назад

    Guruji Rudri paath aaage ke path bhi daldigiye 🙏

  • @divakarkumar888
    @divakarkumar888 Год назад

    श्रीमान🙏, शब्द स्पष्ट नहीं दिखाई देते हैं।

  • @family_vibes2119
    @family_vibes2119 Год назад +2

    Kripya Sankalp padhna bataen

  • @abhimanyumishra7524
    @abhimanyumishra7524 Год назад

    ये स्तोत्र कौन से पुस्तक में मिलेगा..?

  • @ankitchauhan758
    @ankitchauhan758 Год назад

    Sir apne tino rehsyo par video bnaye kripya karke

  • @narasingha
    @narasingha Год назад +1

    Please sir durga kavacha

  • @barbieminidreamworld
    @barbieminidreamworld Год назад

    Lalitha shastranamam please

  • @chandankumar-pl9qv
    @chandankumar-pl9qv Год назад

    Visnu sahastra nam ko complete karba dijea pora

  • @shravankumarmishra6472
    @shravankumarmishra6472 Год назад

    Please also load saundarya lahiri with Hindi translation Sir Ji

  • @larider228
    @larider228 Год назад

    Sir, can you share the chhanda, this is recited. Thank you.

  • @shivampandit9
    @shivampandit9 Год назад

    Bs guru ji achhe se smjha de Maine yaad krne ki koshish ki bt yaad nhi hua 😑

  • @Sweeaashu
    @Sweeaashu Год назад

    Guru var ek patanjali krat natraj strotm bhi sikha ve

    • @Gyananjali_GyanGanga
      @Gyananjali_GyanGanga  3 месяца назад

      Aap pdf de dijiye bana denge

    • @Sweeaashu
      @Sweeaashu 3 месяца назад

      @@Gyananjali_GyanGanga sir plz send e-mail address send pdf patanjali natraj strotm

    • @Sweeaashu
      @Sweeaashu 3 месяца назад

      नटराज स्तोत्रं (पतंजलि कृतम्)
      अथ चरणशृंगरहित श्री नटराज स्तोत्रं
      सदंचित-मुदंचित निकुंचित पदं झलझलं-चलित मंजु कटकम् ।
      पतंजलि दृगंजन-मनंजन-मचंचलपदं जनन भंजन करम् ।
      कदंबरुचिमंबरवसं परममंबुद कदंब कविडंबक गलम्
      चिदंबुधि मणिं बुध हृदंबुज रविं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 1 ॥
      हरं त्रिपुर भंजन-मनंतकृतकंकण-मखंडदय-मंतरहितं
      विरिंचिसुरसंहतिपुरंधर विचिंतितपदं तरुणचंद्रमकुटम् ।
      परं पद विखंडितयमं भसित मंडिततनुं मदनवंचन परं
      चिरंतनममुं प्रणवसंचितनिधिं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 2 ॥
      अवंतमखिलं जगदभंग गुणतुंगममतं धृतविधुं सुरसरित्-
      तरंग निकुरुंब धृति लंपट जटं शमनदंभसुहरं भवहरम् ।
      शिवं दशदिगंतर विजृंभितकरं करलसन्मृगशिशुं पशुपतिं
      हरं शशिधनंजयपतंगनयनं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 3 ॥
      अनंतनवरत्नविलसत्कटककिंकिणिझलं झलझलं झलरवं
      मुकुंदविधि हस्तगतमद्दल लयध्वनिधिमिद्धिमित नर्तन पदम् ।
      शकुंतरथ बर्हिरथ नंदिमुख भृंगिरिटिसंघनिकटं भयहरम्
      सनंद सनक प्रमुख वंदित पदं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 4 ॥
      अनंतमहसं त्रिदशवंद्य चरणं मुनि हृदंतर वसंतममलम्
      कबंध वियदिंद्ववनि गंधवह वह्निमख बंधुरविमंजु वपुषम् ।
      अनंतविभवं त्रिजगदंतर मणिं त्रिनयनं त्रिपुर खंडन परम्
      सनंद मुनि वंदित पदं सकरुणं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 5 ॥
      अचिंत्यमलिवृंद रुचि बंधुरगलं कुरित कुंद निकुरुंब धवलम्
      मुकुंद सुर वृंद बल हंतृ कृत वंदन लसंतमहिकुंडल धरम् ।
      अकंपमनुकंपित रतिं सुजन मंगलनिधिं गजहरं पशुपतिम्
      धनंजय नुतं प्रणत रंजनपरं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 6 ॥
      परं सुरवरं पुरहरं पशुपतिं जनित दंतिमुख षण्मुखममुं
      मृडं कनक पिंगल जटं सनक पंकज रविं सुमनसं हिमरुचिम् ।
      असंघमनसं जलधि जन्मगरलं कवलयंत मतुलं गुणनिधिम्
      सनंद वरदं शमितमिंदु वदनं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 7 ॥
      अजं क्षितिरथं भुजगपुंगवगुणं कनक शृंगि धनुषं करलसत्
      कुरंग पृथु टंक परशुं रुचिर कुंकुम रुचिं डमरुकं च दधतम् ।
      मुकुंद विशिखं नमदवंध्य फलदं निगम वृंद तुरगं निरुपमं
      स चंडिकममुं झटिति संहृतपुरं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 8 ॥
      अनंगपरिपंथिनमजं क्षिति धुरंधरमलं करुणयंतमखिलं
      ज्वलंतमनलं दधतमंतकरिपुं सततमिंद्र सुरवंदितपदम् ।
      उदंचदरविंदकुल बंधुशत बिंबरुचि संहति सुगंधि वपुषं
      पतंजलि नुतं प्रणव पंजर शुकं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 9 ॥
      इति स्तवममुं भुजगपुंगव कृतं प्रतिदिनं पठति यः कृतमुखः
      सदः प्रभुपद द्वितयदर्शनपदं सुललितं चरण शृंग रहितम् ।
      सरः प्रभव संभव हरित्पति हरिप्रमुख दिव्यनुत शंकरपदं
      स गच्छति परं न तु जनुर्जलनिधिं परमदुःखजनकं दुरितदम् ॥ 10 ॥
      इति श्री पतंजलिमुनि प्रणीतं चरणशृंगरहित नटराज स्तोत्रं

    • @Sweeaashu
      @Sweeaashu 3 месяца назад

      @@Gyananjali_GyanGanga
      नटराज स्तोत्रं (पतंजलि कृतम्)
      अथ चरणशृंगरहित श्री नटराज स्तोत्रं
      सदंचित-मुदंचित निकुंचित पदं झलझलं-चलित मंजु कटकम् ।
      पतंजलि दृगंजन-मनंजन-मचंचलपदं जनन भंजन करम् ।
      कदंबरुचिमंबरवसं परममंबुद कदंब कविडंबक गलम्
      चिदंबुधि मणिं बुध हृदंबुज रविं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 1 ॥
      हरं त्रिपुर भंजन-मनंतकृतकंकण-मखंडदय-मंतरहितं
      विरिंचिसुरसंहतिपुरंधर विचिंतितपदं तरुणचंद्रमकुटम् ।
      परं पद विखंडितयमं भसित मंडिततनुं मदनवंचन परं
      चिरंतनममुं प्रणवसंचितनिधिं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 2 ॥
      अवंतमखिलं जगदभंग गुणतुंगममतं धृतविधुं सुरसरित्-
      तरंग निकुरुंब धृति लंपट जटं शमनदंभसुहरं भवहरम् ।
      शिवं दशदिगंतर विजृंभितकरं करलसन्मृगशिशुं पशुपतिं
      हरं शशिधनंजयपतंगनयनं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 3 ॥
      अनंतनवरत्नविलसत्कटककिंकिणिझलं झलझलं झलरवं
      मुकुंदविधि हस्तगतमद्दल लयध्वनिधिमिद्धिमित नर्तन पदम् ।
      शकुंतरथ बर्हिरथ नंदिमुख भृंगिरिटिसंघनिकटं भयहरम्
      सनंद सनक प्रमुख वंदित पदं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 4 ॥
      अनंतमहसं त्रिदशवंद्य चरणं मुनि हृदंतर वसंतममलम्
      कबंध वियदिंद्ववनि गंधवह वह्निमख बंधुरविमंजु वपुषम् ।
      अनंतविभवं त्रिजगदंतर मणिं त्रिनयनं त्रिपुर खंडन परम्
      सनंद मुनि वंदित पदं सकरुणं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 5 ॥
      अचिंत्यमलिवृंद रुचि बंधुरगलं कुरित कुंद निकुरुंब धवलम्
      मुकुंद सुर वृंद बल हंतृ कृत वंदन लसंतमहिकुंडल धरम् ।
      अकंपमनुकंपित रतिं सुजन मंगलनिधिं गजहरं पशुपतिम्
      धनंजय नुतं प्रणत रंजनपरं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 6 ॥
      परं सुरवरं पुरहरं पशुपतिं जनित दंतिमुख षण्मुखममुं
      मृडं कनक पिंगल जटं सनक पंकज रविं सुमनसं हिमरुचिम् ।
      असंघमनसं जलधि जन्मगरलं कवलयंत मतुलं गुणनिधिम्
      सनंद वरदं शमितमिंदु वदनं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 7 ॥
      अजं क्षितिरथं भुजगपुंगवगुणं कनक शृंगि धनुषं करलसत्
      कुरंग पृथु टंक परशुं रुचिर कुंकुम रुचिं डमरुकं च दधतम् ।
      मुकुंद विशिखं नमदवंध्य फलदं निगम वृंद तुरगं निरुपमं
      स चंडिकममुं झटिति संहृतपुरं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 8 ॥
      अनंगपरिपंथिनमजं क्षिति धुरंधरमलं करुणयंतमखिलं
      ज्वलंतमनलं दधतमंतकरिपुं सततमिंद्र सुरवंदितपदम् ।
      उदंचदरविंदकुल बंधुशत बिंबरुचि संहति सुगंधि वपुषं
      पतंजलि नुतं प्रणव पंजर शुकं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 9 ॥
      इति स्तवममुं भुजगपुंगव कृतं प्रतिदिनं पठति यः कृतमुखः
      सदः प्रभुपद द्वितयदर्शनपदं सुललितं चरण शृंग रहितम् ।
      सरः प्रभव संभव हरित्पति हरिप्रमुख दिव्यनुत शंकरपदं
      स गच्छति परं न तु जनुर्जलनिधिं परमदुःखजनकं दुरितदम् ॥ 10 ॥
      इति श्री पतंजलिमुनि प्रणीतं चरणशृंगरहित नटराज स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

    • @Sweeaashu
      @Sweeaashu 3 месяца назад

      नटराज स्तोत्रं (पतंजलि कृतम्)
      अथ चरणशृंगरहित श्री नटराज स्तोत्रं
      सदंचित-मुदंचित निकुंचित पदं झलझलं-चलित मंजु कटकम् ।
      पतंजलि दृगंजन-मनंजन-मचंचलपदं जनन भंजन करम् ।
      कदंबरुचिमंबरवसं परममंबुद कदंब कविडंबक गलम्
      चिदंबुधि मणिं बुध हृदंबुज रविं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 1 ॥
      हरं त्रिपुर भंजन-मनंतकृतकंकण-मखंडदय-मंतरहितं
      विरिंचिसुरसंहतिपुरंधर विचिंतितपदं तरुणचंद्रमकुटम् ।
      परं पद विखंडितयमं भसित मंडिततनुं मदनवंचन परं
      चिरंतनममुं प्रणवसंचितनिधिं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 2 ॥
      अवंतमखिलं जगदभंग गुणतुंगममतं धृतविधुं सुरसरित्-
      तरंग निकुरुंब धृति लंपट जटं शमनदंभसुहरं भवहरम् ।
      शिवं दशदिगंतर विजृंभितकरं करलसन्मृगशिशुं पशुपतिं
      हरं शशिधनंजयपतंगनयनं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 3 ॥
      अनंतनवरत्नविलसत्कटककिंकिणिझलं झलझलं झलरवं
      मुकुंदविधि हस्तगतमद्दल लयध्वनिधिमिद्धिमित नर्तन पदम् ।
      शकुंतरथ बर्हिरथ नंदिमुख भृंगिरिटिसंघनिकटं भयहरम्
      सनंद सनक प्रमुख वंदित पदं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 4 ॥
      अनंतमहसं त्रिदशवंद्य चरणं मुनि हृदंतर वसंतममलम्
      कबंध वियदिंद्ववनि गंधवह वह्निमख बंधुरविमंजु वपुषम् ।
      अनंतविभवं त्रिजगदंतर मणिं त्रिनयनं त्रिपुर खंडन परम्
      सनंद मुनि वंदित पदं सकरुणं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 5 ॥
      अचिंत्यमलिवृंद रुचि बंधुरगलं कुरित कुंद निकुरुंब धवलम्
      मुकुंद सुर वृंद बल हंतृ कृत वंदन लसंतमहिकुंडल धरम् ।
      अकंपमनुकंपित रतिं सुजन मंगलनिधिं गजहरं पशुपतिम्
      धनंजय नुतं प्रणत रंजनपरं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 6 ॥
      परं सुरवरं पुरहरं पशुपतिं जनित दंतिमुख षण्मुखममुं
      मृडं कनक पिंगल जटं सनक पंकज रविं सुमनसं हिमरुचिम् ।
      असंघमनसं जलधि जन्मगरलं कवलयंत मतुलं गुणनिधिम्
      सनंद वरदं शमितमिंदु वदनं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 7 ॥
      अजं क्षितिरथं भुजगपुंगवगुणं कनक शृंगि धनुषं करलसत्
      कुरंग पृथु टंक परशुं रुचिर कुंकुम रुचिं डमरुकं च दधतम् ।
      मुकुंद विशिखं नमदवंध्य फलदं निगम वृंद तुरगं निरुपमं
      स चंडिकममुं झटिति संहृतपुरं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 8 ॥
      अनंगपरिपंथिनमजं क्षिति धुरंधरमलं करुणयंतमखिलं
      ज्वलंतमनलं दधतमंतकरिपुं सततमिंद्र सुरवंदितपदम् ।
      उदंचदरविंदकुल बंधुशत बिंबरुचि संहति सुगंधि वपुषं
      पतंजलि नुतं प्रणव पंजर शुकं पर चिदंबर नटं हृदि भज ॥ 9 ॥
      इति स्तवममुं भुजगपुंगव कृतं प्रतिदिनं पठति यः कृतमुखः
      सदः प्रभुपद द्वितयदर्शनपदं सुललितं चरण शृंग रहितम् ।
      सरः प्रभव संभव हरित्पति हरिप्रमुख दिव्यनुत शंकरपदं
      स गच्छति परं न तु जनुर्जलनिधिं परमदुःखजनकं दुरितदम् ॥ 10 ॥
      इति श्री पतंजलिमुनि प्रणीतं चरणशृंगरहित नटराज स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

  • @Mosam-r2f
    @Mosam-r2f 4 месяца назад +1

    galt hai ye tarj hi nahi hai

  • @sishumadan6774
    @sishumadan6774 Год назад

    very nice

  • @family_vibes2119
    @family_vibes2119 Год назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @satyabratamallick2271
    @satyabratamallick2271 Год назад

    🙏🙏🙏

  • @teksaud6985
    @teksaud6985 Год назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @teksaud6985
    @teksaud6985 Год назад

    🙏🙏🙏🙏