श्री राज जी से क्या मांगे ? श्री राजन स्वामी जी
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- Опубликовано: 8 сен 2024
- श्री राज जी से क्या मांगे ?
श्री राजन स्वामी जी
स्थान- दाहोद जिला, उमरिया गांव (गुजरात)
परमात्मा से हम सच्ची ज्ञान, प्रेम, और धैर्य की याचना करें। आत्मा की जागृति के लिए हमें ध्यान, साधना और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा चाहिए। आत्म-चिंतन और आत्म-साक्षात्कार के लिए ईश्वर से मार्गदर्शन और आंतरिक शांति का वरदान मांगना चाहिए। इससे हमारी आत्मा प्रबुद्ध होगी और हम अध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करेंगे।
-ChatGPT
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श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के मुख्य उद्देश्य -
ज्ञान, शिक्षा, उच्च आदर्श, पावन चरित्र व भारतीय संस्कृति का समाज में प्रचार करना तथा वैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित आध्यात्मिक मूल्य द्वारा मानव को महामानव बनाना और श्री प्राणनाथ जी की ब्रम्हवाणी के द्वारा समाज में फ़ैल रही अंध-परम्पराओं को समाप्त करके सबको एक अक्षरातीत की पहचान कराना।
अति महत्वपूर्ण नोट :-
यह पंचभौतिक शरीर हमेशा रहने वाला नहीं है।
प्रियतम परब्रह्म को पाने के लिये यह सुनहरा अवसर है।
अतः बिना समय गवाएं उस अक्षरातीत पाने के लिये प्रयास करना चाहिये।
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1. परिकरमा + सागर + सिनगार + खिलवत टीका
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2. NIJANAND YOG (निजानन्द योग) - Collection of 60 Invaluable FAQs
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3. CHITWANI MARGDARSHAN (चितवनि मार्गदर्शन) - Smallest and Best ever Pocket Guide to Meditation
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4. DHYAN KI PUSHPANJALI (ध्यान की पुष्पाञ्जलि) - Detailed Question-Answer Sessions transcribed in this unique pearl of spiritual wisdom
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आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरुप तथा अपनी परआत्म को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। चितवनि के बिना आत्म जागृति संभव नहीं है। संसार की अब तक की प्रचलित सभी ध्यान पद्धतियाँ निराकार-बेहद से आगे नहीं जाती हैं। तारतम ज्ञान के प्रकाश में मात्र निजानन्द योग ही परमधाम ले जा सकता है।
प्रियतम अक्षरातीत की चितवनि में इतना आनन्द है कि उसके सामने संसार के सभी सुख मिलकर भी कहीं नहीं ठहरते। यही कारण है कि ध्यान का आनन्द पाने के लिये ही राजकुमार सिद्धार्थ, महावीर, भर्तृहरि आदि ने अपने राज-पाट को छोड़ दिया और वनों में ध्यानमग्न रहे।
बेहद मण्डल - इस प्राकृतिक जगत् से परे वह बेहद मण्डल है, जिसे योगमाया का ब्रह्माण्ड कहते हैं। चारों वेदों में इसे चतुष्पाद विभूति के रूप में वर्णित किया गया है। इस मण्डल में अक्षर ब्रह्म के चारों अन्तःकरण (मन, चित, बुद्धि तथा अहंकार) की लीला होती है, जिन्हें क्रमशः अव्याकृत, सबलिक, केवल और सत्स्वरूप कहते हैं।
परमधाम - बेहद मण्डल से परे वह स्वलीला अद्वैत परमधाम है, जिसके कण-कण में सच्चिदानन्द परब्रह्म की लीला होती है। यह अनादि है, अनन्त है और सच्चिदानन्दमय है। जिस प्रकार सागर अपनी लहरों से तथा चन्द्रमा अपनी किरणों लीला करता है, उसी प्रकार अक्षरातीत भी अपनी अभिन्न स्वरूपा अंगरूपा आत्माओं के साथ अद्वैत लीला करते हैं, जो अनादि है और इसमें कभी अलगाव नहीं होता है।
वेदों ने इसी परमधाम के सम्बन्ध में “त्रिपादुर्ध्व उदैत्पुरुष” अर्थात् परब्रह्म योगमाया से परे है, कहकर मौन धारण कर लिया। मुण्डकोपनिषद् ने भी 'दिव्य ब्रह्मपुर' शब्द का प्रयोग तो किया, किन्तु उसे बेहद मण्डल (केवल ब्रह्म) में मान लिया। कुरआन में मेयराज के वर्णन के द्वारा संकेत किये जाने पर भी मुस्लिम जगत अभी इसकी वास्तविकता से बहुत दूर है।
श्री प्राणनाथजी की अलौकिक तारतम वाणी में इस परमधाम की शोभा, लीला एवं आनन्द का विशद रूप में वर्णन किया गया है, जिसका सुख किसी सौभाग्यशाली को ही प्राप्त होता है।
Pram parnam ji❤❤❤❤❤
परम पूज्य स्वामी जी आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी 🙏👣♥️🌹👣🙏
Prem pranam ji GUruji ❤❤🙏🙏🙏🌹🌹
Parnnam ji
Pranamji swamiji ❤❤❤❤❤
Guru ji ke charno mein pranam
Prem parnam ji
Prem pranam ji🙏🌹🙏
Pranamji swamiji
Prem parnam ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️ Sawemy ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️
Pranama ji 🙏🙏🙏🙏🙏
प्रेम परणाम जी🌹🌹🌹🌹🌹
🙏🏽 प्रणाम जी, छोटी वीडियो क्लिप से श्री राज्जी राजस्यामजी का स्वरूप का महिमा बताया । धन्यवाद ! 🙏🏽🌹
Prem pranamji
પૂજ્ય સ્વામિ જી ના ચરણોમાં કોટી કોટી પ્રેમ પ્રણામજી q🙏❤️🌷🌹
🌹 प्रेम प्रणामजी 🌹
Pranam swamiji..
Koti koti shree chrno me sprem pranam ji,aapke drshno ki abhilasha ha,aapme rajshyama ji dikhai dete ha.me rajsthan ke jhunjhunu dist se hu , aapke vani chrcha sunti hu.😊🙏🙏🙏🙏
प्रेम प्रणाम जी।❤❤❤❤❤❤❤
Prem pranamji ❤️
प्रेम प्रणाम जी 💐🙏🏻💐
Pranamji 🌷 🙏 🌷 🙏 🌷
Prem pranam ji guru ji
प्रेम प्रणाम जी🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
सप्रेम प्रणाम जी।
❤❤❤❤ pranam ji ❤❤❤❤❤
Pranam guru je
Pernam ji sunder sath ji ki charnao me koti koti pranam ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
स्वामी के चरणों में कोटि-कोटि नमन और प्रेम प्रणाम जी |
Prem pranam ji 🙏🙏🙏♥️♥️ Swami ji ke charnkamalo me koti koti Prem pranam ji 🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️
parnamji स्वामीजी koti koti parnamji
Prem pranamji swamiji ❤❤❤❤❤
Parnama guru g❤️❤️🌹🌹🙏🙏🙏🙏
Swamiji ke charno mein koti koti prem parnamji.❤❤
Svami ji ke chrno me koti koti prnam suman skhhi
Prem pranamji ♥️♥️🙏🙏🌹🌹👣👣🙏🙏🙏🌹👣👣👣🙏🙏🙏🌹👣👣👣🙏💐🥀🥀🥀🪷
Prdam ji
Raj shyma ji k charno m koti koti pram parnam ji❤❤
Pranamji
Guru ji aapke shree charnon me. Prem parnam
प्रेम प्रणामजी
प्रेम प्रणाम जी
Prem pranam ji mharaj
Prem Pranamji
Prem Pranamji ❤
Shri Raj syama ji
Pranam ji ❤
Sundar
प्रणाम जी
Pranam ji❤❤🙏🙏🙏🙏🙏👣me chahti hu raji she gale lagana yhi duaa magti hu
Bikh mangte hai rajji se
Prem pranam ji 🙏🙏🙏
Pranamji swamiji
प्रेम प्रणाम जी 💐🌹
Pranamji🙏🙏🙏
Prem parnam ji,
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Pranamji swamiji ❤❤
Prem pranam ji Swami ji
Pranam ji
Pranamji
Pranam ji 🙏
Prem pranam ji
Pranam ji 🙏🙏
Pranam ji 🙏🙏
Pranam ji