आत्म जागृति खुद को जानो - " मैं कौन हूं ? " | Shri Rajan Swami Ji | SPJIN Jagni Yatra 2022 | Gujarat
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- Опубликовано: 27 дек 2024
- आत्म जागृति खुद को जानो - " मैं कौन हूं ? " | Shri Rajan Swami Ji | SPJIN Jagni Yatra 2022 | Gujarat
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श्री प्राणनाथ ज्ञानपीठ के मुख्य उद्देश्य -
ज्ञान, शिक्षा, उच्च आदर्श, पावन चरित्र व भारतीय संस्कृति का समाज में प्रचार करना तथा वैज्ञानिक सिद्धांतो पर आधारित आध्यात्मिक मूल्य द्वारा मानव को महामानव बनाना और श्री प्राणनाथ जी की ब्रम्हवाणी के द्वारा समाज में फ़ैल रही अंध-परम्पराओं को समाप्त करके सबको एक अक्षरातीत की पहचान कराना।
अति महत्वपूर्ण नोट :-
यह पंचभौतिक शरीर हमेशा रहने वाला नहीं है।
प्रियतम परब्रह्म को पाने के लिये यह सुनहरा अवसर है।
अतः बिना समय गवाएं उस अक्षरातीत पाने के लिये प्रयास करना चाहिये।
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1. परिकरमा + सागर + सिनगार + खिलवत टीका
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2. NIJANAND YOG (निजानन्द योग) - Collection of 60 Invaluable FAQs
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3. CHITWANI MARGDARSHAN (चितवनि मार्गदर्शन) - Smallest and Best ever Pocket Guide to Meditation
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4. DHYAN KI PUSHPANJALI (ध्यान की पुष्पाञ्जलि) - Detailed Question-Answer Sessions transcribed in this unique pearl of spiritual wisdom
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आत्मिक दृष्टि से परमधाम, युगल स्वरुप तथा अपनी परआत्म को देखना ही चितवनि (ध्यान) है। चितवनि के बिना आत्म जागृति संभव नहीं है। संसार की अब तक की प्रचलित सभी ध्यान पद्धतियाँ निराकार-बेहद से आगे नहीं जाती हैं। तारतम ज्ञान के प्रकाश में मात्र निजानन्द योग ही परमधाम ले जा सकता है।
प्रियतम अक्षरातीत की चितवनि में इतना आनन्द है कि उसके सामने संसार के सभी सुख मिलकर भी कहीं नहीं ठहरते। यही कारण है कि ध्यान का आनन्द पाने के लिये ही राजकुमार सिद्धार्थ, महावीर, भर्तृहरि आदि ने अपने राज-पाट को छोड़ दिया और वनों में ध्यानमग्न रहे।
बेहद मण्डल - इस प्राकृतिक जगत् से परे वह बेहद मण्डल है, जिसे योगमाया का ब्रह्माण्ड कहते हैं। चारों वेदों में इसे चतुष्पाद विभूति के रूप में वर्णित किया गया है। इस मण्डल में अक्षर ब्रह्म के चारों अन्तःकरण (मन, चित, बुद्धि तथा अहंकार) की लीला होती है, जिन्हें क्रमशः अव्याकृत, सबलिक, केवल और सत्स्वरूप कहते हैं।
परमधाम - बेहद मण्डल से परे वह स्वलीला अद्वैत परमधाम है, जिसके कण-कण में सच्चिदानन्द परब्रह्म की लीला होती है। यह अनादि है, अनन्त है और सच्चिदानन्दमय है। जिस प्रकार सागर अपनी लहरों से तथा चन्द्रमा अपनी किरणों लीला करता है, उसी प्रकार अक्षरातीत भी अपनी अभिन्न स्वरूपा अंगरूपा आत्माओं के साथ अद्वैत लीला करते हैं, जो अनादि है और इसमें कभी अलगाव नहीं होता है।
वेदों ने इसी परमधाम के सम्बन्ध में “त्रिपादुर्ध्व उदैत्पुरुष” अर्थात् परब्रह्म योगमाया से परे है, कहकर मौन धारण कर लिया। मुण्डकोपनिषद् ने भी 'दिव्य ब्रह्मपुर' शब्द का प्रयोग तो किया, किन्तु उसे बेहद मण्डल (केवल ब्रह्म) में मान लिया। कुरआन में मेयराज के वर्णन के द्वारा संकेत किये जाने पर भी मुस्लिम जगत अभी इसकी वास्तविकता से बहुत दूर है।
श्री प्राणनाथजी की अलौकिक तारतम वाणी में इस परमधाम की शोभा, लीला एवं आनन्द का विशद रूप में वर्णन किया गया है, जिसका सुख किसी सौभाग्यशाली को ही प्राप्त होता है।
Pranamji swamiji
परमब्रम्ह परम परमेश्वर सर्वेश्वर श्रीकृष्ण परम परमात्मा की जय ! पुज्य गुरु जी के श्री चरणो मे काेटि काेटि सास्ताङ्ग दण्डवत प्रेम प्रणाम् जी ❤️❤️🙏🙏❤️❤️महाराज श्री के मुखारविन्द से विनिसृत एक एक शब्द अन्मोल है ।
Satguru k charno m kotti kotti 👏👏👏👏
Prem pranamji
🌹🙏🌹👏👣shri swamijike charnkamlome kotikoti prem pranamji
Koti koti prem parnam swami ji 🙏🌹🙏💐🙏❤️🙏🙏
પ્રેમ પ્રણામ જી 🙏🙏🌷
Pram pranam ji
Prem Pranam jee Swamiji 🙏🙏🌺🌺
🌹🌹🙏prem pranamji🙏🌹🌹
Parnam ji 🌹 🙏 sawamy ji 🌹 🙏
प्रेम प्रणाम स्वामी जी 🙏🙏🌷🇳🇵🇳🇵🇳🇵
Prem pranam Sundar sath ji
बहुत सुंदर चर्चा प्रेम प्रणामजी
Prem pranamji ❤️🙏❤️
Prem prnam ji
Prem pranam ji🙏 🌹🙏
પ્રેમ પ્રણામ
Parnam ji
प्रेम प्रणाम जी 🌹💐
❤Prem Pranam❤
Prem parnaam ji Swami ji 🙏🌹🙏
बहुत ही अच्छा चर्चा स्वमीजी प्रणामजी
Pujya Swamiji ke charano me dandvat Prem pranam ji 🙏🏻👣🌺🌷❤️🙏🏻
❤
Pranamji !🙏💐
Pujay satguru maharaj ji ke charno me mera koti koti prem pranam 🙏🌹
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹
आपके चरण मा कोटि कोटि प्रणाम सदगुरू जि । आपलाई किउ पिडा होरहि स्वामि जि।
🙏🙏🙏🙏🙏
Pranamji swamiji aap ke charno mein 🌹
पूज्य स्वामीजी एवं सभी सुन्दरसाथजी को कोटि कोटि प्रणामजी ।
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वीतक मे 10 वा दिन नहि 8वा दिन लिखा है
Pranamji swamiji ❤❤❤
Pranamji swamiji
प्रेम प्रणाम जी 🌹🌹🙏❤️🙏🌹🌹
Prnam swami ji 🙏🙏
Pranam ji 🙏🌹🌹❤️❤️🙏
सप्रेम प्रणाम जी।
Pranamji 🙏 🌹🌹
Prem pranam ji 🙏🏻🙏🏻
Pranam ji
कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी।
Pranamji swamiji ❤❤❤
Prem pranam ji 🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️♥️
कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी
Prem pranamji
Pranam ji
Pranamji swamiji ❤❤❤
Prem pranam ji ❤❤❤❤❤
Prem pranam ji 🙏
Prem pranam
Prem pranam ji
Prem pranam ji ❤