जी, बहुत अलग प्रकार की कहानी है यह। समाज हमेशा से ही अपनी कुरीतियों और बुरी प्रथाओं को स्त्रियों पर लादता रहा है। विडंबना तो यह है कि इन कुप्रथाओं को इस प्रकार से थोपा जाता है कि महिला समझ ही नहीं पाती !! क्या सही है और क्या ग़लत? और समझ भी जाए तो आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती।बह आत्मग्लानि में,कर लेती है आत्महत्या। आज भी अनेक कुप्रथाओं को महिलाओं पर लाद दिया जाता है और वे जीवन भर इसका बोझ उठाते उठाते आखिर में दम तोड़ देती है। आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएंँ 👍👍 धन्यवाद 😊
Bahut hi sunder kahani .. ❤
Well explained..
Very nice story 👌
Thanks for explaining
आपने aache se समझाया है
Thanks 😊
Best wishes for your exam 👍👍
Thank you mam 🙏
😊👍 always welcome
Uff this story 💔
जी, बहुत अलग प्रकार की कहानी है यह।
समाज हमेशा से ही अपनी कुरीतियों और बुरी प्रथाओं को स्त्रियों पर लादता रहा है। विडंबना तो यह है कि इन कुप्रथाओं को इस प्रकार से थोपा जाता है कि महिला समझ ही नहीं पाती !!
क्या सही है और क्या ग़लत?
और समझ भी जाए तो आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती।बह आत्मग्लानि में,कर लेती है आत्महत्या।
आज भी अनेक कुप्रथाओं को महिलाओं पर लाद दिया जाता है और वे जीवन भर इसका बोझ उठाते उठाते आखिर में दम तोड़ देती है।
आपकी आगामी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएंँ 👍👍
धन्यवाद 😊