भागवत सात्विक होते हुए भी निर्गुण पुराण है क्योंकि श्री कृष्ण u भागवत के प्रति पद्य विषय है इस लिए श्री मद भगवत महा पुराण और भगवत गीता निर्गुण पुराण हैं
भगवान श्री कृष्ण के तीन अवतार है एक है पुरुषाअवतार । पुरुषावतार में है महाविष्णु,गर्भोदकशायी विष्णु,क्षीरोदकशायी विष्णु ये तीनों पुरूषोंवतार कहलाते हैं
हमारे पुराण तीन प्रकार के है 1) जो मोक्ष पाना चाहते हैं उन्हें सात्विक पुराणों की शरण में जाना चाहिए। 2)जो कामनाओं की पूर्ति करना चाहते हैं वो तामसिक ओर राजसिक पुराणों की शरण में जाना चाहिए। सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए करते हैं
Shri KrishnaVani Bhagwat Geeta ki Jai 🙌🙇
Jay Geeta Bhagwat Devi ji🙏🙏
Jai Geeta Bhagwat Devi Ji ❤❤
Jai Geeta Bhagwat Devi ji charno me parnaam 🙏
जय गीता भागवत देवी जी चरणों में प्रणाम
वेदों में मनो कामनाओं की पूर्ति का जान है
भागवत सात्विक होते हुए भी निर्गुण पुराण है क्योंकि श्री कृष्ण u भागवत के प्रति पद्य विषय है इस लिए श्री मद भगवत महा पुराण और भगवत गीता निर्गुण पुराण हैं
क्षीरोदकशायी विष्णु का अवतार पुरुषावतार में और गुणावत्तार में भी है
भगवान श्री कृष्ण के तीन अवतार है एक है पुरुषाअवतार । पुरुषावतार में है महाविष्णु,गर्भोदकशायी विष्णु,क्षीरोदकशायी विष्णु ये तीनों पुरूषोंवतार कहलाते हैं
भगवान किसी जीव की स्वतंत्रता में बाधा नहीं बनना चाहते!!
हमारे पुराण तीन प्रकार के है
1) जो मोक्ष पाना चाहते हैं उन्हें सात्विक पुराणों की शरण में जाना चाहिए।
2)जो कामनाओं की पूर्ति करना चाहते हैं वो तामसिक ओर राजसिक पुराणों की शरण में जाना चाहिए। सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए करते हैं
भगवान सभी जीव की स्वतंत्रता को अपने में दृढ़ क्यों नहीं करते
वो इस लिए नहीं करते जीव अनादि काल से स्वतंत्र है
गुणवत्तार में हैं ब्रम्हमा, विष्णु,महेश