वैश्विक जलवायु संकट - कैसे हो बाढ़ पर नियंत्रण? [The Global Climate Crisis] | DW Documentary हिन्दी
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- Опубликовано: 11 сен 2024
- सिर्फ जर्मनी में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में भीषण प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता बढ़ गई है। समुद्र के बढ़ते जलस्तर और अत्यधिक वर्षा के कारण आने वाली बाढ़, हर तरफ तबाही मचा रही है. जलवायु परिवर्तन के भीषण परिणामों बांग्लादेश, मोज़ाम्बिक, नीदरलैंड और कितने देशों में देख सकते हैं.
मौजूदा समय में पहले से ही दुनियाभर में 2 करोड़ से ज़्यादा जलवायु शरणार्थी हैं. और अगर इंसानियत इसी तरह से जलवायु परिवर्तन को नकारते रहे तो, जल्द ही ये तादाद और बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि अब हमें उत्सर्जन में कमी, प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने से, कहीं ज़्यादा प्रयास करने होंगे.
शायद बांग्लादेश और मोज़ाम्बिक जैसे देशों में बहुत ही देर हो चुकी है? औसत तापमान दर में और कितना इज़ाफ़ा होगा? परिणाम, ज़्यादा भीषण होंगे? जिंदगी और मौत का सवाल है.
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अच्छा है सायद अब बेहतर होगा
Thanks 👍🏻
The channel which offers free quality content ❤
Dekho insaan ki tarakki ne Dharti Mata ko kahan pahuchaa diya hai. Par insaan ab bhi tarakki ki sanak par sawaar hai. Yaani Dharti Mata ka sampoornn vinaash nishchit hai.
JAI HINDU RASTR BHARAT.
Jai Sai jiiii ❤️❤️❤️🌹🌹🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thanks for this most important documentary in hindi. Load more documentary in hindi.
More Hindi documentaries are coming up! :)
बढिया जाणकारी...! 🇮🇳 👍
नमस्कार सर, आज हमारी सरकार क्लाइमेट चेंज को देखते हुए नए-नए विकल्प तलाशने में लगी है, हीटिंग टेंपरेचर को कैसे कंट्रोल करें सर अगर हमें किसी इंजन के डिजाइन को ठीक से समझना है तो किसी भी इंजन को चलाने के लिए फ्यूल की जरूरत होती है लेकिन इसके साथ ही समय में हवा की भी जरूरत होती है ताकि हवा और डीजल का मिश्रण मिल जाए और डीजल की बूंदें छोटी-छोटी बूंदों में बंट जाती हैं और स्पार्क प्लग से एक छोटी सी चिंगारी निकलती है जो डीजल और हवा के मिश्रण में आग का काम करती है, उसी पावर पिस्टन मूव करता है शाफ्ट घूमता है और वह शक्ति पहिए को मिलती है और कार चलती है, लेकिन इंजन ने जो ठंडी हवा बाहर से ली है, उसे गर्म करके साइलेंसर के माध्यम से बाहर छोड़ देता है, अब यह सामान्य बात है कि वातावरण गर्म रहो लेकिन मेरा मन यही विचार है। वह गर्म हवा वापस ठंडी होकर क्यों नहीं छोड़ सकते , अब इसके लिए हमें अपने पास मौजूद साइलेंसर में बदलाव की जरूरत है, हमें साइलेंसर की डिजाइन को स्टीम बॉयलर की तरह या थोड़ा अलग डिजाइन करना होगा, जिसमें गर्म इंजन से निकलने वाली हवा को ठंडे पानी के साथ मिलाया जाता है। से होकर गुजरना होगा, इससे गर्म हवा वापस ठंडी हो जाएगी और जो पानी भाप गर्म हो जाएगा, वह हवा में घुल जाएगा, भाप ज्यादा बनेगी और ज्यादा बारिश होगी, अब वहां भी बारिश होगी जहां ज्यादा गर्मी हो क्योंकि वहां चलने वाले वाहनों की भाप वातावरण में मिल जाएगी, जिससे हमें काफी हद तक जलवायु सुधार किया जा सकता है, अब हमें साइलेंसर का डिजाइन तय करना है, इंजन के हिसाब से कितने किलोमीटर बाद वापस साइलेंसर में पानी भरना है, उसका डिजाइन ऐसा होना चाहिए कि एक बार पानी भर जाए तो वह 200 या 300 किमी के बाद वापसी। पानी भरना होगा जो पानी काम में आएगा वह समुद्र का होगा और अच्छा है दूसरी तरफ ग्लेशियर पिघलने से समुंद्र का जल स्तर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है
Nice information
DW ❤️🇮🇳
Best video 👍
Upload antartica doomsday glacier news and Pharma forst pr
Badh niyantran nahi ho sakta.
Badh prabandan ho sakta hai😊
Itne kam lyks or subs .....how is dis possible....
So ok
This world is at the edge of destruction...
pp
Aur Karo Nadiyo par kabja
केजरीवाल का बस चले तो इसे मोदी सरकार की साजिस बता दे😂😂
p
ppppp