Methods of Theoretical Research/सैधांतिक शोध की विधियां/ डॉ ए के वर्मा

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  • Опубликовано: 26 окт 2024

Комментарии • 25

  • @bintubagaria7695
    @bintubagaria7695 Год назад +2

    Thank you for your support💪 sir ji

  • @r.indrakumarverma1932
    @r.indrakumarverma1932 2 года назад +1

    बहुत बहुत धन्यवाद सर💐💐

    • @DrAKVerma
      @DrAKVerma  Год назад +1

      आशीर्वाद

  • @RAMLAKHAN-hi1od
    @RAMLAKHAN-hi1od Год назад

    Excellent Sir👍

  • @swetatiwari8944
    @swetatiwari8944 Год назад +1

    प्रणाम सर🙏🙏🙏

  • @aadeshpandey1025
    @aadeshpandey1025 2 года назад

    प्रणाम sir 🙏🏻
    सर मैं कोई भी शासन प्रणाली पढ़ता हूं चाहे किसी भी book में वहां पहले कार्यपालिका फिर विधायिका और फिर न्यायपालिका से introduce करवाया जाता है, यहां तक कि जिस ncert को लिखने में आपकी भूमिका है उसमें भी यही क्रम अपनाया गया है।
    सर क्या पहले विधायिका फिर कार्यपालिका फिर न्यायपालिका नहीं होना चाहिए, क्या यह क्रम अधिक उचित नहीं होगा।
    Intermediateसे लेकर graduation तक की प्रत्येक पुस्तक में ऐसा ही है, क्यों सर ?
    सर क्या इसके पीछे कोई कारण है?

    • @DrAKVerma
      @DrAKVerma  Год назад +1

      बहुत ही अच्छा और बाल-सुलभ प्रश्न है आपका. इसका कोई विशेष कारण नहीं, एक परंपरा सी है. लेकिन प्रश्न यह है कि ऐसी परंपरा पड़ी क्यों? इसका कारण यह है कि कोई भी राष्ट्र अपने राष्ट्रपति या सरकार के मुखिया (कार्यपालिका) से ही जाना जाता है. इसलिए, उसे जानने की प्राथमिकता रही होगी. इसीलिए कार्यपालिका अध्ययन-क्रम में पहले आती है. आशीर्वाद.

  • @SunilKumar-pr9lx
    @SunilKumar-pr9lx Год назад

    Sir aap Indian political thinkers par vedio nhi bnate ho

  • @gauravkumarsingh3113
    @gauravkumarsingh3113 2 года назад

    प्रणाम सर, अंतर्राष्ट्रीय संबंध में ph.D करने के लिए कुछ टॉपिक सुझाने का कृपा करें।

    • @DrAKVerma
      @DrAKVerma  Год назад +1

      Gaurav, इसी के विपरीत तो मै सभी को सीख देता हूँ. PhD के लिए सर्वप्रथम आपको अपना Area of Interest चिन्हित करना होगा. फिर उसमे जाकर Review of Literature करना होगा. ऐसा करने में आपको अपने क्षेत्र में Research Gaps' identify करना होगा. और तब जाकर टॉपिक का चयन हो पाता है. किसी के कहने से टॉपिक कभी भी नहीं लेना चाहिए. आशीर्वाद

    • @gauravkumarsingh3113
      @gauravkumarsingh3113 Год назад

      @@DrAKVerma Dhanyawad Sir

    • @gauravkumarsingh3113
      @gauravkumarsingh3113 Год назад

      @@DrAKVerma Dhanyawad Sir

  • @UdayMandal
    @UdayMandal Год назад

    सर प्रणाम,
    यदि कोई राष्ट्रीय पार्टी derecognized हो जाती है तो उसके द्वारा उपयोग किया गया चुनाव चिन्ह किसी अन्य पार्टी को दिया जा सकता है क्या?
    वर्तमान के समता पार्टी के द्वारा उपयोग किया गया मशाल शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे) दिया गया है जिसके खिलाप हमने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था।
    उदय मंडल
    राष्ट्रीय अध्यक्ष
    समता पार्टी

    • @DrAKVerma
      @DrAKVerma  Год назад +1

      पार्टी की मान्यता समाप्त होने के कुछ वर्ष बाद उसका चुनाव-चिन्ह 'फ्री' चिन्हों की श्रेणी में आ जाता है. तब वह किसी भी पार्टी को आबंटित हो सकता है.
      शिव सेना एक 'राज्य-पार्टी' है. अतः उसे मशाल चिन्ह केवल महाराष्ट्र में ही प्रयोग करने का अधिकार है. यदि चुनाव आयोग चाहे तो मशाल चिन्ह समता पार्टी को बिहार में आबंटित कर सकती है.
      जब कोई पार्टी 'राष्ट्रीय-पार्टी' की मान्यता प्राप्त करती है तभी उसे पूरे देश में एक-चुनाव चिंग प्रयोग करने का अधिकार मिलता है.

    • @UdayMandal
      @UdayMandal Год назад

      @@DrAKVerma आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर।
      यदि इससे जुड़े कोई कानून हो तो बताने की कृपया करें।
      कुछ दिनों में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने वाला है।

  • @SunilKumar-pr9lx
    @SunilKumar-pr9lx Год назад

    गुरुदेव कृषि राज्य सूची का विषय होती है लेकिन मंत्री केंद्र में बनाए जाते हैं ऐसा क्यों होता है ?

    • @DrAKVerma
      @DrAKVerma  Год назад

      Inter-state regulations and international trade in agriculture.

    • @SunilKumar-pr9lx
      @SunilKumar-pr9lx Год назад

      @@DrAKVerma thank you sir